Gond Ke Laddu Ke Fayde गोंद के लड्डू उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय हैं। इसमें मौजूद कई पोषक तत्वों के कारण गोंद के लडड़् सबसे ज्यादा पौष्टिक माने जाते हैं। यही वजह है कि प्रसव के बाद महिलाओं को गोंद के लड्डू का सेवन करने की सलाह दी जाती है। बता दें कि गोंद के लड्डू खाने के कई फायदे हैं। इनके सेवन से न केवल आप कई बीमारियों को दूर कर सकते हैं, बल्कि गोंद का लड्डू आपके चेहरे की खोई हुई चमक भी लौटा सकता है।
भारतीय घरों में पारंपरिक रूप से बनाए जाने वाले लड्डू केवल स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि सेहमतंद भी होते हैं। खासतौर से भारत में प्रसव के बाद महिलाओं को बीमारी से उभारने के लिए गोंद के लड्डू जरूर खिलाए जाते हैं। गोंद आमतौर पर बबूल के पौधों से प्राप्त होता है। यह प्राकृतिक गोंद मध्यपूर्व, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और पंजाब के कुछ हिस्सों में पाई जाती है। खाने वाली यह गोंद पानी में घुलनशील है। गोंद का उपयोग पारंपरिक रूप से दस्त, खांसी जैसी बीमारियों से निपटने के लिए किया जाता है। मुख्य रूप से गोंद सर्दियों में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है।
इतिहास के अनुसार चौथी सदी में सुश्रत ने अपने मरीजों के इलाज के लिए गोंद के लड्डुओं का ही इस्तेमाल किया था। गोंद के लड्डू एक भारतीय हर्बल मिठाई भी है, जिसे दीवाली, शादी जैसे शुभ अवसरों पर उपहार के रूप में देने की भी परंपरा है। आज के आर्टिकल में आप जानेंगे गोंद के लड्डू खाने के फायदे के बारे में और इन्हें बनाने की सही विधि।
विषय सूची
1. गोंद के लड्डू के पोषक तत्व – Gond ke laddu nutrients in Hindi
2. गोंद के लड्डू खाने के फायदे – Gond ke laddu ke fayde in Hindi
3. गोंद के लड्डू बनाने की रेसिपी – Gond Ke Laddu Recipe In Hindi
4. गोंद के लड्डू कैसे खाएं – Gond ke laddu kaise khaye in Hindi
5. प्रसव के बाद क्यों जरूरी हैं गोंद के लड्डू – Why is gond ke laddu necessary for women after delivery in Hindi
गोंद के लड्डू खाने से पोषण संबंधी लाभ बहुत होते हैं। इन लड्डुओं में ऊर्जा और ऊष्मा की मात्रा काफी ज्यादा होती है, इसलिए सर्दियों में इसका सेवन करना बहुत अच्छा माना जाता है। आप चाहें तो इन लड्डुओं को बच्चे के टिफिन में हेल्दी स्नैक के रूप में पैक कर सकते हैं। ये न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि बच्चों को दिनभर में ऊर्जावान बनाए रखते हैं। जो जानिए गोंद के लड्डू में कौन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में होते हैं।
गोंद के एक लड्डू में 17 प्रतिशत आयरन, 9 प्रतिशत विटामिन सी, 15 प्रतिशत कैल्शियम, 35 मिग्रा कोलेस्ट्रॉल, 5 ग्राम प्रोटीन, 75 ग्राम शुगर, 5 ग्राम फाइबर, 20 ग्राम सैचुरेटिड फैट, कार्बोहाइड्रेट 100 ग्राम, 34 ग्राम कंबाइन फैट, 65 मिग्रा सोडियम और 755 कैलोरी होती है।
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प्रसव के बाद महिलाओं का शरीर कई तरह की समस्याओं से गुजरता है। बच्चे के जन्म के बाद उन्हें सबसे ज्यादा पोषण की जरूरत होती है। इस तरह की स्थिति में गोंद के लड्डू का सेवन करने से उनकी कमजोरी दूर होने के साथ बच्चे की अच्छी देखभाल करने में मदद मिलती है। तो आइए जानते हैं गोंद के लड्डू खाने के फायदों के बारे में।
यदि बच्चे का जन्म सर्दियों के समय हुआ है तो खुद को और बच्चे के शरीर में गर्माहट बनाए रखने के लिए गोंद के लड्डू बहुत फायदेमंद हैं। गोंद के लड्डू खाने से एक्स्ट्रा कैलोरी मिलती है, जो इस वक्त एक मां को चाहिए होती है।
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गोंद के लड्डू दिल के लिए बहुत अच्छे होते हैं। दिल की धड़कन को नियमित रखने के लिए गोंद के लड्डू खाना बेहद फायदेमंद होता है। गोंद का सेवन करने से ह्दय रोग का खतरा भी कम हो जाता है। इसमें मौजूद प्रोटीन और कैल्शियम हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करती हैं।
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प्रसव के बाद बच्चे को स्तनपान कराने वाली महिलाओं में प्रोटीन की आवश्यकता बहुत बढ़ जाती है। गोंद के लड्डू में अच्छी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, इसलिए प्रसव के बाद महिलाओं को खासतौर से गोंद के लड्डू का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
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एक लंबी गर्भावस्था और तनावपूर्ण प्रसव के बाद एक महिला का शरीर बेहद खराब और कमजोर हो जाता है। ऐसे में फिजिकिल स्ट्रेंथ को बढ़ाने के लिए गोंद के लड्डू का सेवन बहुत अच्छा माना जाता है। गोंद के लड्डू में उपयोग होने वाले घटक में एडॉप्टोजेनिक गुण होते हैं, जो शरीर को एक बार फिर रिकवर करने में मदद करते हैं।
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प्रसव के बाद एक मां की प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम हो जाती है, जिसके कारण उन्हें कफ, कोल्ड , डायरिया, खांसी, सर्दी और बुखार आ जाता है। ऐसे में गोंद के लड्डू इम्यूनिटी बढ़ाने में उनकी मदद करते हैं और ऐसी स्थितियों का प्रभावी तरीके से इलाज भी करते हैं।
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बच्चे के जन्म के बाद जब फिर से मासिक धर्म शुरू होता है तो प्रारंभिक चरणों में ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है। साथ ही मैन्स्ट्रूयल क्रैंप्स भी हो सकता है। बच्चे की देखभाल करते समय इस स्थिति से जूझना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में गोंद के लड्डू बेहद फायदेमंद साबित होते हैं। गोंद के लड्डू रक्त प्रवाह को ठीक करने में मदद करते हैं, जिसके बाद महिलाओं में ब्लीडिंग कुछ कम हो जाती है और मैन्स्ट्रूयल क्रैंप्स की संभावना भी नहीं बनती।
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प्रसव के बाद त्वचा अपनी चमक और कोमलता खो देती है, ऐसे में गोंद के लड्डू में मौजूद घटक त्वचा की नमी को बरकरार रखने में मदद करते हैं। जिसके बाद चेहरे की चमक वापस लौट आती है। कहा जाता है कि सुबह 5 बजे उठकर एक लड्डू खाने के बाद अगर सो लिया जाए तो ज्यादा फायदा नजर आता है।
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बच्चे के जन्म के बाद महिलाएं यूरीन इंफेक्शन और पेशाब से जुड़ी कई समस्याओं से पीड़ित हो जाती हैं। पेशाब की असंयमता के इलाज के लिए एक तरीके के रूप में आयुर्वेदिक में गोंद का व्यापक रूप से उपयोग किया गया है। गोंद के लड्डू खाने से यूरीन से संबंधित इंफेक्शन और बीमारी को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।
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कब्ज एक ऐसी समस्या है जो शायद ही किसी गर्भवती महिला को गर्भावस्था तक सीमित रहती हो। ज्यादातर महिलाओं को प्रसव के बाद भी कब्ज की शिकायत रहती है। ऐसे में गोंद के लड्डू का सेवन बहुत अच्छा माना जाता है। दरअसल, गोंद के लड्डू में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो पाचन तंत्र
को सही करने में मदद करते हैं। इसलिए गर्भावस्था के बाद महिला को गोंद के लड्डू खिलाएं जाते हैं।(और पढ़े – कब्ज के लिए उच्च फाइबर फल और खाद्य पदार्थ…)
बवासीर और तनाव में फायदेमंद गोंद के लड्डू- बहुत कम लोग जानते हैं कि अगर किसी को अवसाद, तनाव या फिर बवासीर है तो गोंद के लड्डू खाना सबसे बेहतर घरेलु उपचार है। साथ ही जिन लोगों में विटामिन डी की कमी रहती है, वे लोग भी गोंद के लड्डू का सेवन कर सकते हैं।
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प्रसव के बाद महिलाओं को गोंद के लड्डू खिलाने का एक और मुख्य कारण है उनके स्तन का दूध बढ़ाना। प्रसव के तुरंत बाद कई महिलाओं के स्तन में दूध नहीं बन पाता, इसलिए गोंद के लड्डू का सेवन कराना जरूरी हो जाता है।
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गर्भवती महिलाओं के लिए गोंद बहुत अच्छा और असरदार माना जाता है। यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में बहुत मददगार साबित होता है।
इतना ही नहीं गोंद फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे लोगों को बहुत फायदा पहुंचाती है। कमजोरी और थकान को दूर करने में भी गोंद अच्छी है।
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सर्दियों के दिनों में सुबह नाश्ते में एक या दो गोंद के लड्डू खाने से बहुत ताकत मिलती है। इन लड्ड्ओं को खाकर शरीर को सर्दी से राहत मिलती है और दिनभर गर्माहट बनी रहती है।
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बच्चों के तेज दिमाग के लिए गोंद के लड्डू- देसी घी, गेहूं का आटा, अजवाइन, काली मिर्च , हल्दी, सौंफ व बूरे से तैयार गोंद के लड्डू दिमाग को तेज करने में बहुत फायदेमंद हैं।
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पुरूषों में सेक्स पॉवर बढ़ाने के लिए गोंद बहुत फायदेमंद है। गोंद को अगर पानी या दूध में भिगोकर खाया जाए तो सेक्स ड्राइव बढ़ती है और सेक्स के दौरान पुरूषों का परफॉर्मेंस भी अच्छा रहता है।
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अगर आप अपना ब्रेस्ट साइज बढ़ाना चाहते हैं तो आपको गोंद के लड्डू जरूर खाने चाहिए। लड्डुओं में मौजूद क्लोरोफिक गुण ब्रेस्ट फैट को बढ़ाने में बहुत सहायक है।
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महिलाओं को प्रसव के बाद गोंद के लड्डू जरूर खाना चाहिए, क्योंकि ये शरीर को पोषण और ऊर्जा प्रदान करते हैं। इन गोंद के लड्डुओं को बनाना कोई बहुत कठिन काम नहीं है, आप आसानी से घर में गोंद के लड्डू नीचे दी गई सामग्री और विधि के अनुसार तैयार कर सकते हैं।
नोट: आप चाहें तो गोंद के साथ मूंग दाल का आटा और सोयाबीन का आटा भी डाल सकते हैं।
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स्वास्थ्यवर्धक लड्ड़ू बनाने में इसका उपयोग करने के अलावा, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए चूरन और काढ़ा बनाने में भी गोंद को सुखाकर इसका उपयोग किया जाता है। लड्डुओं में गोंद क्यों डाली जाती है, इसका सबसे मुख्य कारण है इसमें मौजूद कैलोरी और न्यूट्रिशन होता है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सबसे ज्यादा पोषण की जरूरत होती है, ऐसे में गोंद के लड्डू इनके लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। बच्चे के जन्म के बाद एक मां का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है। इस कमजोरी को दूर करने के लिए उसे ताकत देने वाली कई चीजें खिलाई जाती है, जिनमें से गोंद के लड्डू भी एक हैं।
गोंद के लड्डू जच्चा की हड्डियों को न केवल मजबूत बनाते हैं बल्कि कमजोरी भी दूर करते हैं। इसके अलावा जो लोग वजन बढ़ाने, बीमारी या चोट से उबरने के लिए घरेलू उपाय अपनाना चाहते हैं तो अपने आहार में नियमित रूप से गोंद के लड्डू शामिल करें।
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