Gotu kola benefits in hindi गोटू कोला एक आयुर्वेदिक औषधी है जिसे प्राचीन समय से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोग किया जा रहा है। इस पौधे का वानस्पतिक नाम सेंटेला असिएटिका (Centella Asiatica) है। लेकिन क्या आप गोटू कोला से परिचित हैं। क्या आप गोटू कोलो के फायदे और नुकसान (Gotu Kola ke fayde aur nuksan in Hindi) जानते हैं। यह आज के समय में लगभग लुप्त होने की कगार में है। गोटू कोला के फायदे विशेष रूप से मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं। यह बुद्धि और ज्ञान को बढ़ाने के लिए प्राचीन समय से ही उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा यह तनाव को कम करने, सूजन का उपचार करने, अल्जाइमर को रोकने और अनिद्रा का उपचार करने जैसे लाभ दिला सकता है। आइए गोटू कोला से संबंधित अन्य जानकारियां विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
1. गोटू कोला क्या है – Gotu Kola Kya Hai in Hindi
2. गोटू कोला प्लांट – Gotu Kola Ka Plant in Hindi
3. गोटू कोला के फायदे – Gotu Kola ke fayde in Hindi
4. गोटू कोला के अन्य स्वास्थ्य लाभ – Gotu Kola Other Health Benefits in Hindi
5. गोटू कोला के नुकसान – Gotu Kola Ke Nuksan in Hindi
मण्डूकपर्णी को गोटू कोला के नाम से भी जाना जाता है। यह एक आयुर्वेदिक औषधी है जो मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक होती है। इसका औषधीय उपयोग कर आप विभिन्न प्रकार की बीमारियों का भी उपचार कर सकते हैं। गोटू कोला को ब्रह्मा-मंडुकी के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दी में इसे ब्राह्मी के नाम से भी जाना जाता है। आइए जाने गोटू कोला पौधे के बारे में।
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इस पौधे का वानस्पतिक नाम सेंटेला एशियाटिका (Centella asiatica) है। यह पौधा विशेष रूप से समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय दलदल क्षेत्रों में पाया जाता है। इस पौधे के तने पतले होते हैं। इसकी पत्तियां गोलाकार होती हैं जिनमें नसों का जाल दिखाई देता है। इसकी पत्तियां चिकनी और चमकदार होती हैं। इनकी पत्तियां पतले डंठलों में होती हैं जिनका रंग गहरा हरा होता है। इस पौधे के फूल सफेद या गुलाबी रंग के होते हैं जो कि मिट्टी के पास झुंड के रूप में होते हैं। प्रत्येक फूल आंशिक रूप से दो हरे रंग के सहपत्र (bracts) के साथ होते हैं।
भारत के विभिन्न दलदलीय क्षेत्रों में पाई जाने वाली यह जड़ी बूटी स्वास्थ्य के लिए बेहद प्रभावी मानी जाती है। गोटू कोला के फायदे मानिसक स्वास्थ्य से संबंधित है। गोटू कोला के फायदे मस्तिष्क, पेट, दिल फेफड़ों और त्वचा की सुरक्षा के लिए जाने जाते हैं। यह मानव प्रतिरक्षा और जीवन शक्ति को बढ़ाने में मदद करती है। इस जड़ी बूटी का उपयोग मानसिक शक्ति में सुधार करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा यह त्वचा की अन्य समस्याओं को दूर करने के साथ ही त्वचा के रंग को भी उज्जवल कर सकती है। यह पाचन तंत्र को सुधार कर भूख बढ़ाने में भी सहायक होता है। आइए विस्तार से जाने गोटूकोला के फायदे क्या हैं।
इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का उपयोग विभिन्न मानसिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है। अवसाद या डिप्रेशन भी इसी प्रकार की समस्या है। यदि व्यक्ति अवसाद ग्रस्त होता है तो उसका दैनिक जीवन में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। गोटॅ कोला का उपयोग अवसाद का उपचार करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। क्योंकि इसमें एंटी-डिस्पेंटेंट गुण होते हैं जो अवसाद का उपचार कर सकते हैं। आयुर्वेद में इस औषधी को अवसाद और मनोदशा विकारों में सुधार के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग कर क्रोध, गुस्सा, निराशा, चिढ़चिढ़ापन, बेचैनी आदि विकारों को दूर किया जा सकता है। यह दिमाग को शांत करता है और मसितष्क में पिट्टा उत्तेजना को शांत करके इन सभी लक्षणों को कम करता है। अधिकतम परिणाम प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग मुक्ता पिश्ती और जटामांसी के साथ किया जाना चाहिए।
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यदि आप अनिद्रा रोगी हैं तो मण्डूकपर्णी का उपयोग करें। क्योंकि इसमें नींद को उत्तेजित करने की क्षमता होती है। जिसके परिणाम स्वरूप यह दिमाग को शांत करने में सहायक की भूमिका निभाता है। इसके अलावा यह ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने, मन की चंचलता को शांत करने और अधिक सोचने की क्रिया को कम करता है। इसका उपयोग करने से मानसिक ऊर्जा को पुनर्स्थापित करने में मदद मिलती है साथ ही यह मस्तिष्क में न्यूरॉन्स को कम करता है।
अनिद्रा का उपचार करने के लिए आयुर्वेद में 3 ग्राम गोटू कोला पाउडर का सेवन करने की सलाह दी जाती है। अनिद्रा से ग्रसित लोगों को प्रतिदिन लगभग 1 सप्ताह तक सोने के 1 घंटे पहले दूध के साथ इस पाउडर का उपभोग करना चाहिए। यह अनिद्रा का इलाज करने में मदद करता है। इसके अलावा यदि दिमाग सुस्त, आलसी और कमजोर है तो गोटू कोला का प्रयोग दूध, वाचा (Acorus Calamus), काली मिर्च और मिश्री के साथ किया जाना चाहिए।
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मस्तिष्क स्वासथ्य से संबंधित विकार के रूप में अल्जाइमर को जाना जाता है। अल्जाइमर या डिमेंशिया का सबसे बड़ा कारण होता है। गोटू कोला में न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं जो अल्जाइमर के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। आप इस समस्या का निदान करने के लिए मण्डूकपर्णी का औषधीय उपभोग कर सकते हैं। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इस जड़ी बूटी का उपभोग स्वास्थ्य सलाहकार या अनुभवी व्यक्ति की सलाह के अनुसार ही करें।
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इस औषधी के विशेष स्वास्थ्य लाभों में कैंसर उपचार भी शामिल है। गोटू कोला के औषधीय गुण कैंसर के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। गोटू कोला को एंटीप्रोलिफेरेटिव (antiproliferative) के रूप में जाना जाता है। यह कुछ प्रकार के मानव ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट करने और उनके विकास को धीमा करने में मदद करता है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि गोटूकोला का उपभोग करने पर यह स्तन कैंसर की कोशिकाओं के विकास को कम कर सकता है। इस तरह से मण्डूकपर्णी मावन जीवन के लिए एक विशेष औषधी मानी जाती है।
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इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का उपयोग स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के साथ ही बालों के लिए भी किया जाता है। यह बालों के झड़ने की समस्या को कम करने में सहायक होता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि गोटू कोला का उपयोग करने पर यह बालों की लंबाई को बढ़ाने और उनके गिरने की दर में कमी ला सकता है। इस तरह से गोटू कोला का उपयोग बालों के लिए फायदेमंद होता है।
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क्या आप पुरानी सूजन या शरीर के अन्य अंगों की सूजन से परेशान हैं। यदि ऐसा है तो इस समस्या के लिए गोटू कोला का उपयोग किया जा सकता है। गोटू कोला में एशियाटिक एसिड और मेडेकैसिक एसिड (Asiatic acid and madecassic acid) की अच्छी मात्रा होती है। यह बैक्टीरिया से संक्रमित कोशिकाओं में आईएल-1बीटा, आईएल-6 और टीएनएफ-अल्फा को रोक सकता है। इस प्रकार यह संक्रमण को फैलने और रक्त के थक्के को जमने से रोकता है। जिससे सूजन के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। गोटू कोला का उपयोग कर सूजन से छुटकारा पाया जा सकता है।
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पशुओं में किये गए कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि गोटू कोला घावों का प्रभावी इलाज कर सकता है। गोटू कोला में पाए गए एशियाटैसाइड (Asiaticasoide) घावों का उचित उपचार करने में मदद करते हैं क्योंकि यह त्वचा में कोलेजन की वृद्धि करते हैं। इसके अलावा गोटू कोला का उपयोग करने पर कैटलस, ग्लूटाथियोन, विटामिन ई और विटामिन सी में भी वृद्धि होती है। यह कोलेजन में वृद्धि कर घावों के उपचार को तेज कर सकता है। घाव उपचार के साथ ही यह जलने से हुए घाव और जलन का भी उपचार कर सकती है।
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जैसा कि हम जानते हैं कि गोटू कोला विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपयोग की जाती है। चिंता भी एक मानसिक विकार है। चिंता को दूर करने के लिए गोटू कोला एक प्रभावी औषधी मानी जाती है। क्योंकि इसमें ट्राइटरपेनोइड्स (triterpenoids) की उपस्थिति होती है। यह मानसिक कार्यों में सुधार करता है और चिंता को कम करता है। हालांकि केवल एक ही जड़ी बूटी का उपयोग पर्याप्त परिणाम नहीं दे सकता है। इसलिए अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए आप गोटू कोला के साथ जटामांसी, शंखपुष्पी और मुक्ता पिश्ती आदि जड़ी बूटीयों का भी उपयोग कर सकते हैं। इन औषधीयों का मिश्रण आपकी चिंता को कम कर मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है।
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मस्तिष्क की चोट या क्षति के कारण एमनेसिया की समस्या हो सकती है जिससे स्मृति हानि होती है। गोटू कोला का मस्तिष्क कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) और एंटी-एमनेसिक (anti-amnesiac) गतिविधियों पर सुरक्षात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा यह मस्तिष्क में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में भी मदद करता है। इस तरह से यह स्मृति हानि को कम करती है और याद रखने की क्षमता में सुधार करता है।
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अत्याधिक मानसिक थकावट की भावना मानसिक थकान का कारण बन सकती है। जिसके परिणाम स्वरूप ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है। इसके अलावा मानसिक थकान होने से व्यकित में चिड़चिडापन, चिंता, कम क्रियाशीलता आदि हो सकते हैं। ये सभी लक्षण मस्तिष्क में डोपामाइन स्तर में कमी के कारण होते हैं। गोटू कोला डोपामाइन समेत न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन को संशोधित करते हैं। इसलिए गोटू कोला मानसिक थकान को दूर करने और मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखने में सहायक होती है।
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जो लोग तनाव और मानसिक समस्याओं से ग्रसित होते हैं उनके लिए गोटू कोला फायदेमंद होता है। लेकिन यह उन लोगों के लिए भी उपयोगी होता है जिनमे चिंतन मनन और एकाग्रता की कमी होती है। अधिकतर मामलों में तनाव और चिंता ही मन की एकाग्रता में कमी का कारण होते हैं। लेकिन मण्डूकपर्णी का उपयोग कर इस समस्या का भी निदान संभव है। ध्यान या मन की एकाग्रता में सुधार करने के लिए प्रतिदिन दूध के साथ गोटू कोला पाउडर की 1 ग्राम मात्रा का सेवन किया जाना चाहिए। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए आप इसे दिन में दो बार उपभोग कर सकते हैं।
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ऊपर बताए गए लाभों के अलावा भी गोटू कोला के फायदे होते हैं जो इस प्रकार हैं :
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किसी जानकार या अनुभवी व्यक्ति के संरक्षण में ही गोटू कोला का औषधीय उपयोग किया जाना चाहिए। अधिकांश लोगों के लिए गोटू कोला सुरक्षित होती है लेकिन कुछ लोग इसके लिए संवेदनशील हो सकते हैं। गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए। गोटूकोला के संभावित दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं जो हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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