Gout in Hindi गाउट या वातरक्त मनुष्यों को होने वाला एक प्रकार का रोग है, जो कि यूरिक एसिड के निर्माण के कारण होता है। आमतौर पर गाउट आपके पैरों या पैर की अंगुली को प्रभावित करता है। यदि आपको गाउट है, तो आप अपने पैर के जोड़ों में (पैर के अगूठे या बढ़ी ऊँगली में) सूजन और दर्द महसूस करेंगे। अचानक और तीव्र दर्द, गाउट के लक्षणों को प्रगट करते है। इस लेख में आप जानेंगे गाउट क्या है, गाउट (Gout) के कारण, लक्षण, निदान, इलाज, बचाव के साथ घरेलू उपचार के बारे में।
ज्यादातर मामलों में गाउट रोग अचानक हो सकता है, यदि रात के मध्य में आपके जागने पर आप पाते है कि आपके पैर में सूजन, गरमाहट और दर्द हो रहा है, तो यह गाउट होने के लक्षण है।
गाउट एक प्रकार का गठिया है जो शरीर के विभिन्न अंगों जैसे कान, हाथों, कलाई, टखने या घुटनों पर छोटे जोड़ों को प्रभावित कर सकता है।
1. गाउट क्या है – What is Gout in Hindi
2. गाउट (वातरक्त) रोग के कारण – Causes of Gout in Hindi
3. गाउट (वातरक्त) के लक्षण – Symptoms of Gout in Hindi
4. गाउट रोग के निदान – Diagnose of Gout in Hindi
5. गाउट का इलाज – Treatment of Gout in Hindi
6. गाउट रोग के बचाव – Prevention of Gout in Hindii
7. गाउट के लिए घरेलू उपचार – Gout home remedies in Hindi
वातरक्त (Gout) एक प्रकार का जोड़ों का दर्द है, जिससे अचानक पैर के जोड़ों (गांठ) में सूजन आ जाती है। गंभीर गाउट कभी-कभी कई जोड़ों (गांठो) को एक साथ प्रभावित कर सकता है। इसे पॉलीआर्टिक्यूलर गाउट (polyarticular gout) के रूप में जाना जाता है। गाउट के लक्षण समय के साथ कभी भी देखे जा सकते है, तथा ये लक्षण आते जाते रहते है, गाउट के कारण प्रभावित अंग में सूजन वाले क्षेत्र में धीरे-धीरे ऊतकों को नुकसान पहुंचता हैं।
यह गाउट रोग आंगे बढ़ते हुए कार्डियोवैस्कुलर (cardiovascular) और चयापचय (metabolic disease) रोग से भी सम्बंधित हो सकते है जो बहुत कष्टप्रद हो सकता है।
यह पुरुषों को प्रभावित करने वाला एक सामान्य रोग है, तथा रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को भी अधिक प्रभावित कर सकता है।
(और पढ़े – गठिया (आर्थराइटिस) कारण लक्षण और बचाव…)
वातरक्त तब होता है जब आपके जोड़ों (गांठ) में यूरेट क्रिस्टल जमा हो जाते हैं। गाउट में इन्ही यूरेट क्रिस्टल के प्रभाव से सूजन और तीव्र दर्द होता है। यूरेट क्रिस्टल का निर्माण तब होता है, जब रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक पाई जाती है। शरीर में स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले प्यूरीन (purines) नामक प्रोटीन पदार्थ अपघटित (टूटना) होकर यूरिक एसिड पैदा करते हैं।
रक्त में बहुत अधिक यूरिक एसिड की अधिक मात्रा और ऊतकों में यूरिक एसिड के क्रिस्टल के रूप में संचित होने से गाउट (gout) होता है। जोड़ों में यूरिक एसिड के क्रिस्टल के जमाव से प्रभावित हिस्से में दर्द, लाली, गर्मी और सूजन आदि प्रभाव पड़ते है।
रक्त में यूरिक एसिड की बढ़ी हुई मात्रा जिसे हाइपरुरिसिमीया कहते है, का कारण आनुवांशिकी, मोटापा, कुछ दवाएं जैसे मूत्रवर्धक (पानी की गोलियाँ), और क्रोनिक की कमी से ग्रस्त किडनी होती हैं।
कुछ खाद्य पदार्थों जैसे कि मांस या मछली और समुद्री भोजन में भी प्यूरीन पाए जाते हैं, जो कि यूरिक एसिड के उच्च स्तर को बढ़ा देते हैं। इसके अतिरिक्त मादक पेय पदार्थ , विशेष रूप से बियर, और फल में उपस्थित चीनी (फ्रक्टोज़) के साथ मीठे पेय भी शामिल है जो की गाउट रोग का कारण हो सकते है।
(और पढ़े – टूना मछली के फायदे और नुकसान…)
वातरक्त रोग (gout) के लक्षण ज्यादातर रात में हमेशा अचानक होते हैं, अतः इसके लक्षणों में कुछ तथ्य शामिल है जैसे –
ये लक्षण और संकेत आमतौर पर गाउट (gout) के ही होते हैं। इसके अतिरिक्त गाउट शुरुआती दौर में उपचार के बिना ठीक हो जाता हैं, लेकिन यह कुछ समय बाद दोबारा ओर अधिक विशाल रूप से अपने प्रभाव को प्रगट करता है। गाउट समय के साथ अधिक् बार भी हो सकते है ध्यान रखे की यदि प्रारम्भ में आपको जोड़ों (गांठ) में सूजन आती है और अचानक दर्द होता है तो यह सम्भवता गाउट (gout) का ही प्रभाव होता है। इसके शुरुआती दौर में चार से 12 घंटे के भीतर दर्द सबसे गंभीर होने की संभावना है।
(और पढ़े – सूजन के कारण, लक्षण और कम करने के घरेलू उपाय…)
डॉक्टर द्वारा गाउट (gout) के निदान के लिए निम्न जांच शामिल की जा सकती हैं
जोड़ों में संचित तरल का परीक्षण (Joint fluid test) : डॉक्टर (संधिविज्ञानी या ऑर्थोपेडिस्ट) सुई का उपयोग गाउट से प्रभावित अंग से द्रव को निकलने में करते है, और सूक्ष्मदर्शी से द्रव की जांच कर यूरेट क्रिस्टल का पता लगाया जाता हैं। इस परीक्षण के बाद सूजन और तरल पदार्थ को सावधानीपूर्वक से हटा दिया जाता है।
रक्त परीक्षण (Blood Test) : डॉक्टर आपके रक्त में यूरिक एसिड के स्तर को मापने के लिए रक्त परीक्षण की सिफारिश कर सकता है। लेकिन रक्त परीक्षण में आये यूरिक एसिड के परिणाम के आधार पर गाउट का पता नहीं चलता है क्योंकि रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बहुत अधिक तक प्राप्त हो सकती है।
एक्स-रे इमेजिंग (X-ray imaging) : इस प्रक्रिया में गाउट को और अच्छी तरह से पहचानने में मदद मिलती है। (और पढ़े – एक्स-रे क्या है, क्यों किया जाता है, कीमत और तरीका…)
अल्ट्रासाउंड ट्रीटमेंट (Ultrasound Treatment) : अल्ट्रासाउंड का उपयोग कर जोड़ों (गांठ) या पेशाब में यूरिक एसिड के क्रिस्टल का पता लगा सकते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में यह तकनीक अधिक व्यापक रूप से उपयोग में लाई जाती है। (और पढ़े – अल्ट्रासाउंड क्या है और सोनोग्राफी की जानकारी…)
दोहरी ऊर्जा सीटी स्कैन (Dual energy CT scan) : इस प्रकार की स्कैनिग प्रभावित क्षेत्र में सूजन पर भी यूरेट क्रिस्टल की उपस्थिति का पता लगा सकते है। इस परीक्षण का खर्च अधिक होने के कारण व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है।
(और पढ़े – सीटी स्कैन क्या है कैसे होता है, कीमत, फायदे और नुकसान…)
वातरक्त (gout) के लिए उपचार में सामान्यता दवाएं शामिल होती हैं। आपके डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली दवाएं आपके वर्तमान स्वास्थ्य और प्राथमिक अवस्थाओं के आधार पर होंगी। गाउट (gout) की गंभीरता और भविष्य में पुनः होने से रोकने के लिए दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।
अब हम गाउट के इलाज के लिए या उसके प्रभाव को रोकने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं के बारे में जानेंगे। कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें। बिना डॉक्टर की सलाह लिए बिना किसी भी दवा को लेने से गंभीर नुकसान हो सकता है।
No steroidal anti-inflammatory drugs (NSAIDs) – सूजन को नियंत्रित करने के लिए anti-inflammatory दवाओं की उच्च खुराक का कुछ हफ्तों तक ही उपयोग किया जाता है। उदाहरण के तौर पर इन anti-inflammatory दवाओं में इंडोमेथेसिन (indomethacin) (इंडोसिन), और नैप्रोक्सेन (एलेव) naproxen sodium (Aleve) शामिल हैं। गाउट के उपचार के लिए सेलेकोक्सिब (सेलेब्रेक्स) जैसी नई दवाओं का भी उपयोग किया जा सकता है। इस स्थिति के लिए एस्पिरिन का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
कोल्सीसिन(कोल्क्रिस) Colchicine (Colcrys) – डॉक्टर दर्द को राहत देने के लिए कोल्सीसिन (कोल्क्रिस, मिटिगेयर) की अनुशंसा कर सकता है। यह प्रभावी रूप से गठिया के दर्द को कम कर देती है। यदि इसे बड़ी खुराक में लिया जाता है तो इससे उल्टी और दस्त होने की संभावना हो सकती है।
गांठ में गरमाहट और सूजन इलाज के लिए, कोल्सीसिन दवा दी जाती है गाउट रोग वापस आने से रोकने के लिए, कोल्सीसिन को दिन में एक या दो बार के लिए दिया जा सकता है।
कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids) – जोड़ों (गांठ) में सूजन के निवारण के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड को इंजेक्शन के रूप में दिया जा सकता है।
Probenecid (Benemid) – यह दवा शरीर के गुर्दे और मूत्र में यूरिक एसिड की अतिरिक्त मात्रा को खत्म करने में मदद करती है। प्रोबेनेसिड के साथ कई दवाओं के अंतः क्रियाएं हैं यदि एक नई दवा निर्धारित की गई है, तो डॉक्टर को यह बताएं कि आप प्रोबेनेसिड ले रहे हैं।
Allopurinol – यह दवा शरीर में यूरिक एसिड के जामाव को कम करती है और साथ ही साथ रक्त में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने का एक बहुत ही विश्वसनीय तरीका है।
फरक्सोस्टैट Febuxostat (Uloric) – फरक्सोस्टैट पहली नई दवा है जो विशेष रूप से 40 से अधिक वर्षों में गाउट के नियंत्रण के लिए विकसित की गई है। Febuxostat शरीर में और रक्त में यूरिक एसिड को कम करने का एक बहुत ही विश्वसनीय तरीका है।
नोट – डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी तरह की दवा का सेवन ना करें। यदि आप डॉक्टर की अनुमति के बिना अपने मन से किसी भी तरह की दवा का सेवन करते तो इसके घातक परिणाम हो सकते है।
(और पढ़े – एथलीट फुट के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार…)
दवा के साथ साथ गाउट (gout) से बचने और उसे रोकने के अन्य तरीकों को भी अपनाया जा सकता है:-
अतः दवाओं के अलावा, जीवनशैली में परिवर्तन वातरक्त से बचने और फिर से होने को रोकने में मदद कर सकते है। गाउट से बचने के लिए ऊपर दी गई बातों का ध्यान रखना अतिआवश्यक हैं।
(और पढ़े – डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) के कारण, लक्षण और इलाज…)
वातरक्त (gout) स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ होता है, यूरिक एसिड गुर्दे की पत्थरी का कर्ण भी बनता है, इसलिए उचित चिकित्सा उपचार प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, कुछ आसान घरेलू उपचार को अपनाया जा सकता है जो गाउट के लक्षण से राहत प्रदान कर सकते हैं।
सेब का सिरका सिरका का उपयोग सिरदर्द और एसिडिटी के इलाज के लिए किया जाता है। यह गठिया और गाउट के इलाज में भी मदद करता है।
ऐप्पल साइडर विनेगर, यूरिक एसिड के कारण होने बाले तीव्र दर्द और सूजन को कम करता है इसके उपचार में शहद भी सहायता करती है सेव के सिरके का दवा के रूप में उपयोग निम्न तरह से कर सकते है-
(और पढ़े – सेब के सिरके के फायदे, लाभ, गुण और नुकसान…)
गाउट उपचार में अदरक में मौजूद गुण दर्द और सूजन को मुक्त करने में बहुत उपयोगी होते हैं। गाउट (gout) के इलाज में अदरक का उपयोग करने के कई तरीके हैं।
(और पढ़े – अदरक के फायदे, औषधीय गुण, उपयोग और नुकसान…)
यूरिक एसिड की वृद्धि गाउट (gout) रोग को उत्पन्न करने में योगदान देता है। बेकिंग सोडा दर्द से राहत दिलाने, यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने में मदद करता है। इसका सेवन निम्न तरीके से किया जाता है-
(और पढ़े – बेकिंग सोडा से करें लिंग की जांच और जाने लड़का होगा या लड़की…)
वातरक्त (gout) दर्द से राहत पाने के लिए रक्त में अतिरिक्त को बेअसर करना आवश्यक है। नींबू का ताजा रस के साथ आधा चम्मच बेकिंग सोडा लेने से यूरिक एसिड को आसानी दूर किया जा सकता है। नींबू के रस गाउट को ठीक करने के साथ शरीर के ऊतकों को मजबूत करने के लिए विटामिन सी प्रदान करता है।
(और पढ़े – नींबू पानी के फायदे और नुकसान…)
चेरी, चाहे मीठा या खट्टा, उनके एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) गुणों के कारण गठिया के इलाज में भी बहुत मददगार हो सकती है। चेरी में एंथोसाइनिन (anthocyanins) भी होते हैं, जो सूजन को कम करने में सहायक हैं, और गठिया के दोबारा होने की सम्भावना को भी कम करता हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…