Green Coffee in Hindi ग्रीन टी के फायदे तो सभी जानते हैं लेकिन क्या आप ग्रीन कॉफी के फायदे और नुकसान जानते हैं। ग्रीन कॉफी भी एक ऐसा उत्पाद है जो हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व और विशेष रूप से एंटीऑक्सीडेंट हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। कुछ लोग वजन घटाने और विशेष स्वास्थ्य उद्देश्य की पूर्ति के लिए इसका नियमित सेवन करने की सलाह देते हैं। इस लेख में आप ग्रीन कॉफी के फायदे और नुकसान की जानकारी प्राप्त करेगें। आइये जाने हरी कॉफी लाभ और साइड इफेक्ट क्या हैं।
विषय सूची
1. ग्रीन कॉफी क्या है – What Is Green Coffee in Hindi
2. ग्रीन कॉफी के फायदे – Green coffee ke fayde in hindi
3. ग्रीन कॉफी बनाने का तरीका हिंदी में – Green coffee banane ka tarika hindi mai
4. ग्रीन कॉफी के नुकसान – Green Coffee Ke Nuksan in Hindi
आप जिस ग्रीन टी का लुत्फ लेते हैं यह हरी कॉफी सेम पौधे से प्राप्त होती है जिसे अरेबिका के नाम से जाना जाता है। ग्रीन टी अरेबिका के कच्चे बीजों से बनाई जाती है। इन्हें स्वादिष्ट कॉफी में बदलने से पहले भूना जाता है। इन्हें भूनने से पहले इनका रंग हरा होता है। इन बीजों में क्लोरोजेनक एसिड की बड़ी मात्रा होती है जो काफी प्लांट में एक यौगिक के रूप में होती है। ग्रीन कॉफी बीन निकालने के बाद इन अवांछित बीजों से ग्रीन कॉफी तैयार की जाती है। जब इन बीजों को भूना जाता है तो ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। हालांकि भूनने के बाद इनमें पोषक तत्वों की कुछ कमी आ जाती है। लेकिन फिर भी वजन कम करने के लिए ग्रीन कॉफी का उपयोग किया जाता है। यह शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।
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अपने औषधीय गुणों के कारण ग्रीन कॉफी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद मानी जाती है। ग्रीन कॉफी का उपयोग हृदय स्वास्थ्य को ठीक रखने, वजन को कम करने, मधुमेह को नियंत्रित करने, रक्तचाप को स्वस्थ्य बनाये रखने आदि के लिए किया जाता है। आइये विस्तार से जाने ग्रीन कॉफी के फायदे और नुकसान क्या हैं।
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि ग्रीन कॉफी मोटापे को कम करने में सहायक होती है। जानकारों का मानना है कि नियमित रूप से ग्रीन कॉफी का सेवन करने वाले लोगों में अतिरिक्त मोटापा को कम किया जा सकता है। यह शरीर में वसा की मात्रा को कम करके वजन को नियंत्रित कर सकता है। साथ ही इसका उपभोग करने से यकृत वसा संरचना में भी कमी आती है। इसमे मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड (chlorogenic acids) वजन को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसे आसानी से पचाया और अवशोषित किया जा सकता है। यदि आप भी अपना वजन कम करना चाहते हैं तो ग्रीन कॉफी का सेवन प्रारंभ कर सकते हैं।
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आप अपने वजन को नियंत्रित करने के अलावा भी अन्य लाभ ग्रीन कॉफी से प्राप्त कर सकते हैं। इन्ही लाभों में से एक लाभ उच्च रक्तचाप को कम करना भी शामिल है। उच्च रक्तचाप आपके लिए गंभीर हो सकता है। उच्च रक्तचाप के प्रभावों को कम करने वाले औषधीय गुण ग्रीन कॉफी में अच्छी मात्रा में होते हैं। इसमें उपस्थित क्लोरोजेनिक एसिड रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। 2006 में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि प्रतिदिन 140 मिलीग्राम ग्रीन कॉफी का सेवन करने से रोगियों के उच्च रक्तचाप को कम किया जा सकता है। और विशेष बात यह है कि इसके कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होते हैं। इसलिए हाइपरटेंशन से ग्रसित रोगी के लिए ग्रीन कॉफी सुरक्षित और फायदेमंद हो सकती है।
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यदि आप डायबिटीज पेशेंट हैं तो ग्रीन कॉफी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। ग्रीन कॉफी का सेवन करने से शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। शरीर में सामान्य रक्त शर्करा स्तर को बनाए हुए यह मधुमेह का उचित इलाज कर सकता है। ग्रीन कॉफी मे क्लोरोजेनिक एसिड होता है जो कि उच्च रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है। इस प्रकार मधुमेह रोगियों के लिए ग्रीन कॉफी फायदेमंद हो सकती है।
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क्लोरोजेनिक एसिड की उपस्थिति के कारण ग्रीन कॉफी चयापचय दर में वृद्धि कर सकता है। नियमित रूप से ग्रीन कॉफी का उपभोग करने पर यह हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। यह हमारे शरीर के बुनियादी चयापचय दर (Basal Metabolic Rate) को बहुत हद तक बढ़ा सकता है। जो यकृत से रक्त में ग्लूकोज की अत्याधिक रिहाई को कम करता है। ग्लूकोज की कमी के कारण हमारे शरीर में संग्रहीत ग्लूकोज का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार ग्रीन कॉफी हमारे शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा का उपयोग कर हमारे वजन को कम करने में सहायक होती हैं। आप भी ग्रीन कॉफी के फायदे प्राप्त करने के लिए आप इसका उपभोग कर सकते हैं।
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यदि आपको बार-बार भूख लगने की समस्या है, तो ग्रीन कॉफी आपकी मदद कर सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमे भूख को दबाने की क्षमता होती है। इन गुणों के कारण यह हमारे खाने की इच्छा को नियंत्रित कर सकता है। जिससे हम अधिक मात्रा में भोजन करने से बच सकते हैं। अधिक मात्रा में भोजन करना हमारे शरीर के वजन को बढ़ा सकता है। इसलिए अतिरिक्त वजन से छुटकारा पाने के लिए आप ग्रीन कॉफी का सेवन कर सकते हैं।
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उच्च रक्तचाप की समस्या खराब रक्त परिसंचरण के कारण हो सकती है। यह स्ट्रोक, दिल की विफलता और गुर्दे की विफलता जैसी कई घातक बीमारियों का कारण बन सकता है। लेकिन शोधकर्ताओं ने पाया कि ग्रीन कॉफी में बहुत ही सक्रिय और शक्तिशाली दर्द नाशक (aspirin) सामग्री की अच्छी मात्रा होती है। यह हमारे शरीर में सकारात्मक प्रभाव डालती है। यह हमारे शरीर में मौजूद प्लेटलेट को जमने से रोकती है। इसका परिणाम यह होता है कि हमारी धमनियां कठोर नहीं होती हैं और रक्त परिसंचरण व्यवस्थित रहता है। आप भी हृदय से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए ग्रीन कॉफी का उपयोग कर सकते हैं। क्योंकि हृदय रोग का प्रमुख कारण खराब रक्त परिसंचरण ही होता है।
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ऐसा माना जाता है कि त्वरित ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ग्रीन कॉफी फायदेमंद होती है। ग्रीन कॉफी में कैफीन (caffeine) की उच्च मात्रा होती है। इस कारण ग्रीन कॉफी का उपयोग उत्कृष्ट ऊर्जा बूस्टर के रूप में किया जा सकता है। इसका सेवन करने पर यह हमारे ऊर्जा के स्तर को बढ़ा सकता है और पूरे दिन हमे सक्रिय रख सकता है। इस तरह से आप अपनी शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए ग्रीन कॉफी का उपभोग कर सकते हैं।
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हरी कॉफी जिसे हम और आप ऊर्जा प्राप्त करने और फ्रेश रहने के लिए उपयोग करते हैं। इसके फायदे अल्जाइमर रोग को ठीक करने के लिए भी जाने जाते हैं। कई अध्ययनों से पता चलता है कि ग्रीन कॉफी का नियमित सेवन करने से अल्जाइमर रोग को कम करने और डिमेंशिया जैसी अन्य स्थितियों में संभावित प्रभाव पड़ता है। ग्रीन कॉफी अल्जाइमर के लक्षणों को काफी हद तक दूर कर सकती है। जो लोग इस समस्या से ग्रसित हैं उनके लिए ग्रीन कॉफी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि क्लोरोजेनिक एसिड की उपस्थिति कैंसर के प्रभाव को कम कर सकती है। क्लोरोजेनिक एसिड की अच्छी मात्रा ग्रीन कॉफी में होती है। इसके साथ ही इसका नियमित सेवन करने से यह कैंसर उपचार की प्रक्रिया को गति भी दिलाता है। क्लोरोजेनिक एसिड में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होते हैं जो संभावित रूप से स्तन कैंसर के संक्रमण को फैलने से रोकने और उन्हें नष्ट करने में सहायक होते हैं। इस तरह से इसका नियमित सेवन कर कुछ कैंसरों को रोका जा सकता है।
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कैफीन की अच्छी मात्रा होने के कारण ग्रीन कॉफी आपके मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। यह मस्तिष्क गतिविधि और मनोदशा दोनों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि कैफीन प्रतिक्रिया समय, सतर्कता, स्मृति, ध्यान, थकान प्रतिरोध और संज्ञानात्मक प्रदर्शन में सहायक होता है। अध्ययनों के अनुसार नियमित रूप से ग्रीन कॉफी की 38 से 400 मिलीग्राम मात्रा का प्रतिदिन सेवन किया जा सकता है। ग्रीन कॉफी आपके मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का अच्छा विकल्प हो सकती है।
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विभिन्न स्वास्थ्य लाभ दिलाने के साथ ही ग्रीन कॉफी आपकी त्वचा के लिए भी फायदेमंद होती है। इसमें मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड एक एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं। ये उम्र बढ़ने संबंधी लक्षणों को रोकने के लिए जाने जाते हैं। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढती है वैसे ही आपकी त्वचा पराबैंगनी विकिरण से प्रभावित होती है। इन प्रभावों के परिणाम स्वरूप झुर्रीयां, रेखाएं, त्वचा का रंग और शुष्क त्वचा आदि समस्याएं हो सकती हैं। ग्रीन टी का नियमित सेवन करने से आप इन सभी समस्याओं का उपचार कर सकते हैं। ये सारे प्रभाव फ्री रेडिकल्स के कारण होते हैं। ग्रीन कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इन फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। आप भी ग्रीन कॉफी का सेवन कर उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करने के साथ ही अन्य त्वचा समस्याओं से बच सकते हैं।
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आपके बाल आपकी सुंदरता को दर्शाते हैं। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ ही बालों के झड़ने की समस्या भी बढ़ सकती है। लेकिन आप अपने बालों को स्वस्थ्य और मजबूत बनाने के लिए ग्रीन कॉफी का उपयोग कर सकते हैं। इनकी एंटीऑक्सीडेंट सामग्री हमारे बालों के लिए फायदेमंद होती है। यह हमारे बालों को कमजोर करने वाले हानिकारक पदार्थों को दूर करने में सहायक होते हैं। यदि आप बाल झडने की समस्या से परेशान हैं तो ग्रीन कॉफी का उपयोग कर सकते हैं।
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ग्रीन कॉफी को बनाना बहुत ही आसान है। लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि यदि आपको ग्रीन कॉफी से संबंधित कोई स्वास्थ्य संबंधी चिंता है तो अपने डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन न करें। आइये जाने ग्रीन कॉफी बनाने की विधि (1 व्यक्ति के लिए)
ग्रीन कॉफी बनाने के लिए आपको 10 ग्राम ग्रीन कॉफी बीन के साथ ही आपको 150 मिलीलीटर गर्म पानी, चीनी, शहद या इलायची की आवश्यकता है।
आप कॉफी बीन को रात भर पानी में भीगनें दें। अगले दिन इन बीजों को पानी के साथ ही तक उबालें। फिर आंच को धीमा कर लगभग 15 मिनिट तक पकने दें। अच्छी तरह से उबलने के बाद आप इसे 1 घंटे तक ठंडा होने दें और किसी छन्नी की सहायता से छान लें। अब आप इसमें अपने स्वाद के अनुसार चीनी मिलाये। इस कॉफी और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें शहद या इलायची को भी मिला सकते हैं।
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स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए ग्रीन कॉफी का सेवन लाभकारी होता है। ग्रीन कॉफी बनाने की विधि बहुत ही सरल है। आप इसे सामान्य कॉफी की तरह ही बना सकते हैं लेकिन ग्रीन कॉफी बनाने के लिए कॉफी पाउडर के बजाय कॉफी बीन का उपयोग किया जाता है।
ग्रीन कॉफी बनाने की विधि –
ग्रीन कॉफी बनाने के लिए कॉफी बीन्स की 10 ग्राम मात्रा लें और इसे एक बर्तन में रखें। इस बर्तन में 2 कप पानी मिलाएं और इस पानी को उबालें। जब मिश्रण अच्छी तरह से उबल जाए तब इसे किसी छन्नी की मदद से छान लें। आप छन्नी में बचे कॉफी बीन्स का फिर से उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप उन्हें फ्रिज में रख सकते हैं। अगली बार उपयोग करने के बाद इन बीजों को अलग कर देना चाहिए। इस तरह से आप ग्रीन कॉफी का आनंद ले सकते हैं। आप इसमें अपने स्वादानुसार मिठास के लिए चीनी या शहद को मिला सकते हैं।
सामान्य रूप से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए ग्रीन कॉफी पीने का कोई समय निर्धारित नहीं किया गया है। आप अपने दैनिक दिनचर्या में कभी भी ग्रीन कॉफी का सेवन कर सकते हैं। लेकिन सुबह के समय खाली पेट ग्रीन कॉफी पीना अधिक फायदेमंद होता है। आप भी सुबह पीने वाली चाय या कॉफी के स्थान ग्रीन कॉफी का उपयोग कर सकते हैं।
ग्रीन कॉफी पीने का कोई विशेष तरीका नहीं है। आप जैसे सामान्य कॉफी का सेवन करते हैं वैसे ही ग्रीन कॉफी का सेवन कर सकते हैं। हां यह जरूर है कि आप ग्रीन कॉफी को हॉट या कोल्ड दोनों स्थिति में सेवन कर सकते हैं जो आपके लिए समान लाभ दिलाती है। लेकिन कोल्ड कॉफी पीते समय ध्यान रखें कि 6 घंटे से अधिक समय के बाद तैयार कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए।
आप स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए ग्रीन कॉफी से बने कैप्सूल का भी उपयोग कर सकते हैं। ग्रीन कॉफी से बने प्रत्येक कैप्सूल में 20 से 50 मिली ग्राम कैफीन हो सकता है। हालांकि कैप्सूल बनाने वाली कंपनियों या ब्रांडों के आधार पर यह मात्रा अलग-अलग हो सकती है। लेकिन किसी भी व्यक्ति के लिए 400 मिली ग्राम तक कैफीन की मात्रा सुरक्षित मानी जाती है। इसलिए इससे अधिक मात्रा में ग्रीन कॉफी कैप्सूल का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
मौखिक रूप से कम मात्रा में ग्रीन कॉफी का सेवन सुरक्षित और फायदेमंद होता है। ग्रीन कॉफी पीना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। कुछ विशेष परिस्थितियों और अधिक मात्रा में इसका सेवन करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है।
अधिक मात्रा में और अनुचित खुराक लेने पर इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं :
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