Green Tea Ke Fayde: ग्रीन चाय एक स्वास्थ्यप्रद पेय है। यह एंटीऑक्सिडेंट और पोषक तत्वों से भरी हुई है जो शरीर पर शक्तिशाली प्रभाव छोड़ते है। इसमें मस्तिष्क के सुधार, वसा हानि, कैंसर के खतरे को कम करने और कई अन्य प्रभावशाली लाभ शामिल हैं। इस लेख में आप जानेंगे ग्रीन टी के फायदे और ग्रीन टी के नुकसान (Green Tea Ke Fayde Aur Nuksan in hindi) के बारें में।
भारत देश आयुर्वेद (Ayurvada) का खजाना माना जाता है। ग्रीन टी (Green Tea) जिसका उपयोग भारत उसके औषधीय गुणों के कारण वर्षों से करता चला आ रहा है। इसके औषधीय गुणों के कारण इसे अब दुनिया भर में इस्तेमाल किया जाने लगा है जिसमें अमेरिका में यह ज्यादा लोकप्रिय हुई है।
ग्रीन टी अनॉक्सीडित (Unoxified) पत्तियों से बनती है और चाय के संसाधित प्रकारों में से एक है इसलिए इसमें सबसे अधिक एंटीऑक्सिडेंट (Anti-oxidant) और फायदेमंद पॉलीफेनोल (Polyphenol) शामिल हैं। जिसके कारण यह ज्यादा उपयोगी और लाभकारी होती है।
पॉलीफेनोल सूजन और जलन (Inflammation and burning) को रोकने का काम करता है। इसमें पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के संक्रमण से लड़ने और गर्भाशय ग्रीवा (cervical dysplasia) में हानिकारक कोशिकाओं के विकास को कम करने की क्षमता होती है।
ग्रीन टी एक प्रकार की चाय है जिसे कैमेलिया साइनेंसिस (Camellia sinensis) के पत्तों और कलियों से बनाया जाता है। इसका पौधा छोटा और झाड़ीनुमा होता है और इसका इस्तेमाल ओलोंग टीज़ और ब्लैक टी बनाने के लिए भी किया जाता है। इसे बनाने के लिए ताजे पत्तों को तोड़ने के बाद तुरंत प्रयोग किया जाता है।
मुरझाने और ऑक्सीकरण प्रक्रिया से नहीं गुजरने के कारण यह अधिक फायदेमंद होती है। यह चाय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले प्राकृतिक पॉलीफेनोल्स (Polyphenols) को संरक्षित रखती हैं। ग्रीन टी की उत्पत्ति चीन में हुई थी, लेकिन इसका उत्पादन और निर्माण पूर्वी एशिया के अन्य देशों में हुआ है।
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बाजारों में ग्रीन टी के कई प्रकार उपलब्ध है, लेकिन इसके कुछ प्रमुख प्रकारों के नाम निम्न है-
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हरी चाय या ग्रीन टी में हमारे स्वास्थ्य के लिए कई सारे फायदेमंद पोषक तत्व पाए जाते है। 100 ग्राम ग्रीन टी में पाए जाने वाले पोषक तत्व निम्न है-
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जैसा कि हम और आप जानते कि सामान्य रूप से ग्रीन टी का सेवन उसके औषधीय गुणों के करण किया जाता है। पर क्या आपको इसके और अधिक फायदे पता है, अगर नहीं तो कोई बात नहीं हम आपको इससे होने वाले फायदों (Green Tea Benefits) के बारे में बताते है जिनको जानकर कर शायद आप भी इसका उपयोग शुरू कर दें।
स्वास्थ्य के नजरिये से जानते है ग्रीन टी के फायदे क्या है।
राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अनुसार, चाय में उपस्थित पॉलीफेनोल (Polyphenol) ट्यूमर (Tumor) के विकास को रोकने का काम करते है और साथ ही साथ यह पराबैंगनी यूवीबी (Ultraviolet UVB) विकिरण के कारण होने वाले नुकसान से बचा सकता है। यह भी देखा गया है कि जिन देशों में ग्रीन टी का उपयोग ज्यादा किया जाता है वहां कैंसर की दर कम पाई गई है।
कुछ अन्य अध्ययनों ने बताया है कि कैंसर (cancer) पर ग्रीन टी के सकारात्मक प्रभाव (Positive impact) पड़ते है। आइए जानते है कि यह हरी चाय या ग्रीन टी किन-किन कैंसरों के लिए फायदेमंद होती है। (और पढ़े – कैंसर क्या है कारण लक्षण और बचाव के उपाय)
हरी चाय का उपयोग हम चाय या कैप्सूल के रूप में कर सकते है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि इसमें उपस्थित पोषक तत्व हमारे शरीर के एलडीएल (LDL) या ‘’खराब’’ कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में महात्वपूर्ण भूमिका निभाते है। यह कुछ हद तक हमारे शरीर के कोलस्ट्रोल को कम करता है। हम सभी जानते है कि अधिक कोलेस्ट्रोल हमारे शरीर के लिए कितना खतरनाक होता है।
ग्रीन टी में मौजूद पोषक तत्व आपकी नींद को दूर करने के साथ साथ आपके मस्तिष्क के लिए भी लाभकारी होती है। यह आपको चालाक या चतुर बनाने में आपकी मदद कर सकती है। इसमें उपस्थित कैफीन एक उत्तेजक का कार्य करता है। कैफीन मस्तिष्क में एडोनोसिन (Adenosine) नामक न्यूरोट्रांसमीटर को रोकने का काम करता है।
इसमें उपस्थित अमीनो एसिड एल-थेनीन मस्तिष्क में खून के संचार में होने वाली रूकावट को दूर करता है। लगातार हो रहे अनुसंधानों से यह पता चला है कि यह मनोदशा, सतर्कता, प्रतिक्रिया और स्मृति आदि के लिए बहुत ही फयदेमंद होती है।
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क्या आप अपने बढ़ते वजन से परेशाने है, और आप इसे कम करने के लिए कोई दूसरे पूरक खाद्यों की तलाश कर रहे है तो उसके लिए ग्रीन टी (Green tea)आपकी मदद कर सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ग्रीन टी अत्याधिक वसा (fat) को कम करने और पाचन प्रणाली को मजबूत करने का काम करती है।
इसमें वसा के ऊतकों से फैटी एसिड (Fatty acid) को जुटाने और उन्हें ऊर्जा के रूप में उपयोग के लिए उपलब्ध कराती है, साथ ही साथ कैफीन शारीरिक सुंदरता को बढ़ावा देता है।
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अमेरिका में हुए एक शोध से यह पता चलता है कि नियमित रूप से हरी चाय या कॉफी पीने से दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार स्ट्रोक जोखिम (Stroke Risks) पर हरी चाय और कॉफी दोनों संयुक्त रूप से प्रभावी होती है।
आपकी एक छोटी सी सकारात्मक सोच आपके अच्छे स्वास्थ्य में सहयोग कर सकती है,अतः आप अपने दैनिक आहार में हरी चाय को जोड़कर स्ट्रोक या दिल का दौरा को रोकने में सफल हो सकते है।
2007 के एक अध्ययन से पता चला है कि हरी चाय, त्वचा विकार जैसे कि छालरोग और रूसी को रोकने में सफल है। शोधकर्ताओं ने त्वचा रोगों के लिए पशूओं पर अध्ययन किया जिसमें पाया कि अक्सर छोटे,लाल,परतदार त्वचा जैसे रोग त्वचा कोशिकाओं (Skin cells) के अधिक निर्माण की वजह से होते है।
ग्रीन टी का सेवन करने वाले लोगों में कोशिकाओं का निर्माण धीमी गति से होता है, साथ ही इसमें कोशिकाओं के जीवन चक्र को नियंत्रित करने वाले जीन उपस्थित होते है। इसलिए अगर आपको त्वचा रोगों से बचना है तो आपको ग्रीन टी लेना शुरू कर देना चाहिए।
क्या आपको मधुमेह की परेशानी है, यदि उससे निजात चाहिए तो बस सामान्य चाय की जगह आपको ग्रीन टी लेना होगा जो यकीनन आपके लिए फायदेमंद होगा। क्योंकि कुछ अध्ययन बताते है कि ग्रीन टी पीने वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) होने का खतरा कम होता है।
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ग्रीन टी में उपस्थित अवयव हमारे मस्तिष्क के संज्ञानात्मक कार्यों को बढ़ाते है, खास कर काम कर रहे स्मृति को, शोधकर्ताओं के अनुसार मनोभ्रंश या पागलपन (Madness) संबंधी विकारों के इलाज में हरी चाय (Green Tea) का प्रयोग किया जा सकता है।
Green Tea में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते है जो पाचन क्रिया के पूर्ण होने के बाद अल्जाइमर (Alzheimer) रोग के कीटाणुओं को प्रभावित करते है। अल्जाइमर सोसाइटी ने सुझाव दिया है कि ग्रीन टी अल्जाइमर रोग के खतरे को कम करने मदद कर सकता है।
अन्य अध्ययनों से पता चलता है कि हर्बल चाय या ग्रीन टी दांत की परेशानियों (Tooth problems),तनाव (Tension), क्रोनिक थकान,त्वचा रोग और सूजन को कम करके गठिया रोग (Arthritis) को ठीक करने में सहायक होती है।
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रोजाना दो से तीन कप हरी चाय पीने से मूत्र पथ के संक्रमण (urinary track infection ) को साफ करने में मदद मिल सकती है। हरी चाय में एंटीऑक्सिडेंट (Anti-oxidant) होते हैं, जो कि मूत्राशय की सूजन (Inflammation of urine) को कम कर सकते है। अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग ग्रीन टी का सेवन करते है उनमें अन्य लोगों की तुलना में यूटीआई की 40% मात्रा कम पाई जाती है।
Green Tea में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिड़ेट करेटिन, मूत्रवाहक कोशिकाओं से प्रतिरोधी तत्वों को निकलने से रोकने का काम करता है। जो एलर्जी प्रतिक्रियाओं में शामिल हैं। यह कुछ अस्थमा की दवाओं की तरह व्यवहार करता है। इसलिए अस्थमा से पीडि़त व्यक्ति को प्रतिदन कम से कम दो कप ग्रीन टी (green tea) का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
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हरी चाय का एक अन्य लाभ है कि यह फ्लेवोनोइड (Flavonoid) से भरपूर है। यह ऐसा पौध रसायन है जो सूजन (swelling) को कम करता है। एलर्जी को कम करने के लिए एक दिन में कुछ कप चाय पीने की कोशिश करें और देखें कि साइनस सूजन, (sinus inflammation) कम होती है कि नहीं।
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यहाँ घर पर ग्रीन टी बनाने की विधि दी गई है। आइये ग्रीन टी बनाने का तरीका विस्तार से जानते है।
पत्ते वाली ग्रीन-टी बनाने के लिए आप आपको एक चम्मच ग्रीन-टी के पत्ते, एक कप पानी और चाय की छन्नी की आवश्यकता होगी। आयुर्वेदिक ग्रीन टी बनाने के लिए आप सबसे पहले पानी को गर्म कर लें।
अब कप पर छन्नी रखें और छन्नी में ग्रीन टी के पत्ते को रखें। फिर इस छन्नी के ऊपर से गर्म पानी डालें। ग्रीन टी को स्वादिष्ट बनाने के लिए आप इसमें थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं। आपकी चाय तैयार है अब इसे पियें।
पाउडर से ग्रीन टी बनाने के लिए आप सामान्य चाय के जैसे एक बर्तन में पानी को गर्म करें। जब पानी उबलने लगे तो आधा चम्मच ग्रीन टी पाउडर डाल दें। पांच मिनट के बाद इसे ठंडा कर लें और फिर शहद मिलाकर इसे पियें।
इसे बनाने के लिए आप सबसे पहले एक कप पानी गर्म कर लें। फिर उस कप में ग्रीन टी के बैग को एक से दो मिनट के लिए भिगोएं। आप चाहें तो स्वाद के लिए शहद को भी मिला सकते है। आपकी चाय तैयार है अब इसका सेवन करें।
वैसे तो ग्रीन टी पीने का कोई भी निश्चित समय नहीं है, आप इसे कभी भी पी सकते है। लेकिन नाश्ते या दोपहर के खाने के बाद इसका सेवन करना अधिक फायदेमंद होता है। ध्यान रखें कि खाली पेट ग्रीन टी पीने से बचें, इससे आपको पेट संबंधी समस्या हो सकती है। अधिक मात्रा में ग्रीन टी पीने से यह नुकसानदायक हो सकती है। आइये अब इससे होने वाली हानियों को जानते है।
अगर ग्रीन टी हमारे लिए लाभकारी है तो यह हमें नुकासान भी पहुंचा सकती है। आप सोच रहे होगें कि ग्रीन टी आपको नुकसान कैसे पहुंचा सकती है, तो चलिए हम आपको बतातें है कि ग्रीन टी आपके स्वास्थ पर बुरा प्रभाव कैसे डाल सकती है।
पेट की समस्या के लिए कैफीन सबसे आम घटक हो सकते है। हालांकि ग्रीन टी में अन्य चाय की तुलना में कैफीन काफी कम मात्रा में होते है। फिर भी यह आपके लिए दिक्कत पैदा कर सकता है। इस समस्या का कारण यह है कि कैफीन (caffeine) पाचन प्रक्रिया में शामिल एसिड (Acid) की मात्रा को बढ़ा सकता है जो पेट दर्द या मतली का करण हो सकता है। (और पढ़े – खराब पेट को ठीक करने के घरेलू उपाय)
Green Tea में उपस्थित कैफीन की वजह से आपको सिर का दर्द हो सकता है। सिर का दर्द लोहे (Iron) की कमी की वजह से भी हो सकता है, ग्रीन चाय सिर दर्द के अलावा चक्कर आने का खतरा भी बन सकता है। साथ ही साथ ग्रीन टी का अत्याधिक उपयोग आपको चिड़चिड़ा और अस्थिर (Irritable and unstable) बना सकता है।
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जादा ग्रीन टी का एक और संभावित बुरा प्रभाव अनिद्रा (Insomnia) हो सकती है, यदि (Green tea) सेवन कम किया जाय तो इस प्रभाव से बचा जा सकता है। अनिद्रा का एक बहुत ही स्पष्ट कारण कैफीन है जो तंत्रिका तंत्र (nervous system) को उत्तेजित करता है और किसी की नींद में हस्तक्षेप कर सकता है।
गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली महिलाओं का इसका सेवन कम से कम करना चाहिए क्योंकि हो सकता है यह कैफीन (Caffeine) स्तन के दूध में स्त्रावित हो सकता है जो नवजात शिशुओं में अनिद्रा पैदा कर सकता है।
(और पढ़े – अनिद्रा के कारण, लक्षण और उपचार)
जैसा कि हम जान चुकें है कि ग्रीन टी में उपस्थित कैफीन एक उत्तेजक (Stimulant) का काम करता है। यह आपके दिल की गति को तेज करता है जिससे अनियमित रूप से दिल तेजी से धड़कने लगता है। इसके अलावा यह पालपेटाइट्स Palpatitis (इस स्थित में सीने में दर्द या एनजाइना ) भी हो सकता है। आपके सामान्य हृदय गति में बदलाव गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
एक भारतीय अध्ययन के मुताबिक, हरी चाय में उपस्थित पॉलीफेनोल (Polyphenol) ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) पैदा कर सकते हैं। और कैफीन का अत्यधिक सेवन उल्टी का कारण हो सकता है।
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कैफीन की निर्धारित मात्रा 300-400 मिलीग्राम प्रति दिन होती है। यदि इसका सेवन इस मात्रा से अधिक हो तो इसके परिणाम स्वरूप उल्टीयां हो सकती है।
इस ग्रीन टी पीने के फायदे और नुकसान (Green Tea Benefits and Side Effects in Hindi) वाले आर्टिकल में ग्रीन टी क्या है? ग्रीन टी के पोषक तत्व और इसे बनाने का तरीका दिया गया है। यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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