बच्चो की देखभाल

शिशु के लिए ग्राइप वाटर के फायदे और नुकसान – Gripe water for Newborn babies in Hindi

Gripe water in Hindi: क्या ग्राइप वॉटर आपके शिशु के लिए कितना सुरक्षित है? इस लेख से आपको मिलेगी ग्राइप वाटर से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी। हेल्थअनबोक्स के इस आर्टिकल में ग्राइप वाटर क्या है और कैसे बनता है, ग्राइप वाटर के फायदे, ग्राइप वाटर शिशु को कैसे दें, ग्राइप वाटर बच्चे को कब देना चाहिए, ग्राइप वाटर के नुकसान और शिशु को ग्राइप वाटर के नुकसान से बचाव के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।

पेट से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के लिए छोटे बच्चों को ग्राइप वॉटर पिलाया जाता है। इससे बच्चों को बहुत जल्दी आराम मिलता है। हालांकि, यह पूरी तरह से बच्चे के लिए सुरक्षित है या नहीं, इसे लेकर बहुत से लोग सवाल करते हैं। ग्राइप वॉटर कई बच्चों के लिए तो फायदेमंद होता है, लेकिन कुछ बच्चों को इससे एलर्जी, उल्टी और खुजली हो जाती है, इसलिए अगर आपके बच्चे को पेट संबंधी रोग है और वह लगातार रो रहा है, तो आपको उसे ग्राइप वाटर देने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

छोटे बच्चे अक्सर किसी न किसी वजह से रोने लगते हैं। लेकिन दो से तीन घंटे तक उनका रोना बंद नहीं होता, तो यह माता-पिता के लिए चिंता का कारण बन जाता है। बच्चे के लगातार रोने की वजह अक्सर पेट में उठ रहा मरोड़ और गैस हो सकती है। इससे बचने के लिए बच्चों को ग्राइप वाटर दिया जाता है।

विशेषज्ञों के अनुसार छोटे बच्चों को अक्सर दूध पीने के बाद गैस बनने के कारण उन्हें पेट में दर्द होता है, इसलिए ग्राइप वॉटर उन्हें राहत प्रदान करता है। तो आइए, आज के हमारे इस आर्टिकल में जानते हैं कि ग्राइप वॉटर क्या होता है ग्राइप वाटर के फायदे और नुकसान क्या हैं। आइये सबसे पहले जानतें हैं कि, ग्राइप वॉटर क्या है।

विषय सूची

  1. ग्राइप वाटर क्या होता है – What Is Gripe Water In Hindi
  2. क्या नवजात शिशु को ग्राइप वॉटर देना सुरक्षित है? – Is it safe to give grip water to a newborn baby in Hindi
  3. ग्राइप वाटर में पाए जाने वाले इंग्रीडिएंट्स – Ingredients in Gripe Water in hindi
  4. ग्राइप वॉटर के फायदे – Gripe water ke fayde in Hindi
  5. ग्राइप वाटर के नुकसान – Gripe water side effects in Hindi
  6. ग्राइप वॉटर का उपयोग कैसे किया जाता है? – How is gripe water used in Hindi
  7. बच्चों को ग्राइप वॉटर कब देना चाहिए – Baby Ko Gripe Water Kab Dena Chahiye in Hindi
  8. ग्राइप वाटर खरीदते समय बरतें सावधानी – Prevention tips to buy gripe water in Hindi
  9. क्या ग्राइप वॉटर के लिए कोई विकल्प हैं – Are there any alternatives to gripe water in Hindi
  10. ग्राइप वॉटर देते समय ध्यान रखें बातें – Things to keep in mind while giving grip water in Hindi

ग्राइप वाटर क्या होता है – What Is Gripe Water In Hindi

यदि ये कहा जाए, कि 1800 के दशक से वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में ग्राइप वाटर का इस्तेमाल होता आ रहा है, तो गलत नहीं होगा। ग्राइप वॉटर आमतौर पर छोटे बच्चों को दिया जाता है। यह आयुर्वेदिक प्रिपरेशन है, जो हम बच्चों में होने वाली पेट से जुड़ी समस्या जैसे गैस, उबकाई, इनडाइजेशन के लिए उन्हें देते हैं। ग्राइप वॉटर आमतौर पर एंटासिड (ऐसे केमिकल्स जो पेट की गैस को रिलीज करते हैं) होता है। ग्राइप वॉटर सोडियम बाइकार्बोनेट, सौंफ, अदरक, कैमोमाइल, इलायची, मुलैठी, लौंग आदि जड़ी-बूटियों से मिलकर तैयार होता है। शिशु में रोने की समस्या को दूर करने के साथ यह हिचकी, दांत के दर्द को दूर करने और गैस की समस्या को दूर करने में मदद करता है।

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क्या नवजात शिशु को ग्राइप वॉटर देना सुरक्षित है? – Is it safe to give grip water to a newborn baby in Hindi

सदियों से ये सुनते आ रहे हैं, कि ग्राइप वाटर शिशु के लिए बहुत अच्छा होता है। लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है, कि ग्राइप वॉटर शिशु को देना सुरक्षित है ही। इसे लेकर भ्रांतियां हैं। कई लोग कहते हैं, कि शिशु को जब गैस की समस्या हो, तो ग्राइप वॉटर देना अच्छा होता है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है, कि ग्राइप वाटर देने से कोई बहुत ज्यादा फायदा नहीं होता। आपको बता दें कि, पहले ग्राइप वॉटर में एल्कोहल मिक्स होता था, लेकिन अब मार्केट में जो ग्राइप वॉटर मिलता है, उसमें ज्यादातर सोडियम बाइकार्बोनेट और जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे बच्चे को नुकसान नहीं होता है।

वैसे तो, सोडियम बाइकार्बोनेट छोटे बच्चे को देने से नुकसान होता है, लेकिन अगर शिशु के पेट में गैस हो, तो सोडियम बाइकार्बोनेट पेट से गैस निकालने में मदद करता है। जहां तक इसकी सुरक्षा की बात है, तो अगर इसमें सुक्रोज या एल्कोहल नहीं मिला है, तो यह शिशु के लिए सुरक्षित है। लेकिन फिर भी किसी भी परीस्थिति में शिशु को ग्राइप वाटर देने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।

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ग्राइप वाटर में पाए जाने वाले इंग्रीडिएंट्स – Ingredients in Gripe Water in hindi

ग्राइप वॉटर को बनाने के लिए सामग्री में समय के साथ बदलाव हुआ है। यदि, आप सौ साल पहले के ग्राइप वाटर की बात करें, तो उसमें अल्कोहल (शराब) मुख्य सामग्री होती थी। लेकिन कई पैरेंट्स और डॉक्टर्स की शिकायत पर 1992 में ग्राइप वॉटर से शराब को हटा दिया गया। क्योंकि, एक महीने से कम उम्र के बच्चे को अल्कोहल देना नुकसानदायक हो सकता है। अब ग्राइप वॉटर जड़ी-बूटियों और पानी के प्राकृतिक मिश्रणों से मिलकर बना है। इसमें सौंफ, मुलेठी, दालचीनी, अदरक का अर्क, एलोवेरा, लेमन बाम, डिल ऑयल, स्वीटनर, सोडियम बाईकार्बोनेट और पोटेशियम सोर्बेट होता है।

पोटेशियम सोर्बेट का इस्तेमाल संरक्षक के रूप में किया जाता है। यह ग्राइप वॉटर को रूम टैंप्रेचर पर 6 महीने तक स्थिर रहने में मदद करता है। इसके बिना ग्राइप वॉटर में बैक्टीरिया जमा हो जाएंगे। इसे फ्रिज में रखने की जरूरत होती है। इसमें कोई एनिमल प्रोडक्ट या ग्लूटेन नहीं होता, इसलिए यह शाकाहारी लोगों के लिए भी अच्छा है।

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ग्राइप वाटर के फायदे – Gripe water ke fayde in Hindi

ग्राइप वॉटर शिशुओं को पेट दर्द, उल्टी, गैस संबंधित पेट की समस्याओं के लिए एक सुरक्षित उपचार माना जाता है। यह शिशुओं में कॉलिक की समस्या को दूर करने में बहुत फायदेमंद है। नीचे जानिए ग्राइप वाटर के फायदों के बारे में-

ग्राइप वाटर के फायदे कॉलिक यानी पेट दर्द में – Gripe Water Benefits For Colic In Hindi

कॉलिक की समस्या नवजात शिशु में ज्यादा देखने को मिलती है। इस समस्या में शिशु बहुत ज्यादा देर तक रोते रहते हैं। उनका रोना लगातार दो से तीन घंटे तक भी बंद नहीं होता। इस समस्या का कोई अचूक इलाज डॉक्टर आपको नहीं बताएगा, लेकिन इससे राहत पाने के लिए ग्राइप वाटर आपकी मदद करेगा।

(और पढ़े – बच्चों में पेट दर्द के लिए घरेलू उपचार…)

गैस की समस्या में फायदेमंद ग्राइप वॉटर – Gripe water ke fayde Gas me in Hindi

यदि शिशु को गैस की समस्या है और वह बहुत रोता है, तो ऐसे में ग्राइप वाटर फायदेमंद साबित हो सकता है। पेट दर्द के कारण अगर शिशु रो रहा है, तो आप एक चम्मच ग्राइप वॉटर उसे पिला दें। इससे बहुत राहत मिलेगी।

(और पढ़े – नवजात बच्चे को गैस हो जाए तो क्या करना चाहिए…)

डकार दिलाने के लिए अच्छा ग्राइप वॉटर – Dakar dilane ke liye achha gripe water in Hindi

दूध पीने के बाद अक्सर शिशुओं को डकार न आए या फिर वह दूध निकाले, तो भी ग्राइप वाटर देना बहुत फायदेमंद है।

(और पढ़े – डकार क्यों आती है डकार आने से रोकने के घरेलू उपाय…)

ग्राइप वॉटर के फायदे दांत की समस्या में असरदार – Daant ki samasya me asardaar gripe water in Hindi

शिशु के दांत निकलते समय वे काफी परेशान करते हैं। ऐसे में अक्सर ग्राइप वाटर देने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ये बहुत असरदार होता है।

(और पढ़े – दाँतों की देखभाल कैसे करे…)

ग्राइप वाटर के लाभ हिचकी दूर करे – Gripe Water Ke Labh Hichki door kare in Hindi

नवजात शिशु में हिचकी की समस्या भी रहती है। यदि शिशु को पेट की समस्या के कारण लगातार हिचकी आ रही है, तो ग्राइप वाटर पिलाने से उसे राहत मिलेगी। बता दें, कि शिशु को रात के समय ही ग्राइप वॉटर दें, इससे वह आराम से सो पाएगा।

(और पढ़े – नवजात शिशु को हिचकी क्यों आती है और हिचकी का घरेलू इलाज…)

एसिड रिफ्लक्स में फायदेमंद ग्राइप वाटर – Acid Reflux me faydemand gripe water in Hindi

यदि आपका बच्चा एसिड रिफ्लक्स के कारण बार-बार थूकता है, तो थोड़ा सा ग्राइप वॉटर पेट को शांत करने में बहुत मदद करता है।

(और पढ़े – एसिड रिफ्लक्स के कारण, लक्षण, जांच, इलाज, और परहेज…)

ग्राइप वाटर के नुकसान – Gripe water side effects in Hindi

शिशुओं के लिये ग्राइप वाटर आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन एलर्जी रिएक्शन के लिए इसके संकेतों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। एलर्जी के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। अपने बच्चे को पानी देने के बाद नीचे दिए गए लक्षणों की जांच करें।

  • गीली आंखें
  • होंठ या जीभ पर सूजन
  • एलर्जी
  • उल्टी
  • खुजली
  • सांस लेने में बदलाव
  • स्तनपान और दूध की आपूर्ति में देरी में बाधा बन सकता है।

यदि आपको एलर्जी की प्रतिक्रिया में कोई भी संदेह लगता है, तो आप ग्राइप वॉटर देना बंद कर दें और डॉक्टर से संपर्क करें।

(और पढ़े – नवजात शिशु को उल्टी होना, कारण, लक्षण और घरेलू उपाय…)

ग्राइप वॉटर का उपयोग कैसे किया जाता है? – How is gripe water used in Hindi

ग्राइप वाटर का इस्तेमाल करने से पहले माता-पिता को इसकी जांच डॉक्टर से जरूर करानी चाहिए। यदि डॉक्टर इसका उपयोग करने के लिए कह दे, इसके बाद भी आप इस पर दिए गए निदेर्शों को पढ़ें। निर्देशों में इस बात की जानकारी दी जाती है, कि ग्राइप वॉटर बच्चे को कितनी मात्रा में देना है। ग्राइप वॉटर शिशु के खाने या पीने के दस मिनट बाद देना सही है। इसे आप चाहें तो ड्रॉपर या फिर चम्मच से भी पिला सकते हैं।

आमतौर पर ग्राइप वॉटर दिन में एक बार ही दिया जाता है। बच्चे को बिना कुछ मिलाए, जैसे ब्रेस्ट मिल्क या फॉमूर्ला मिल्क ग्राइप वॉटर देना अच्छा है। अधिकांश बच्चों को ग्राइप वॉटर का मीठा स्वाद पसंद होता है, इसलिए वह इसे थूकते नहीं हैं। ग्राइप वॉटर का इस्तेमाल करने से पहले माता-पिता को पैकेजिंग और बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा निर्देशित निर्देशों का पालन जरूर करना चाहिए।

(और पढ़े – बच्चे को दूध पिलाने (स्तनपान कराने) के तरीके और टिप्स…)

बच्चों को ग्राइप वॉटर कब देना चाहिए – Baby Ko Gripe Water Kab Dena Chahiye in Hindi

वैसे, तो 6 महीने तक के बच्चों को मां के दूध के अलावा और कुछ भी तरल पदार्थ देने की मनाही होती है, लेकिन ग्राइप वॉटर बनानी वाली कंपनियों का कहना है, कि दो सप्ताह या इससे ज्यादा के शिशुओं को ग्राइप वॉटर दिया जा सकता है। लेकिन डॉक्टर्स द्वारा एक महीने से कम के शिशु को ग्राइप वॉटर देने की सलाह नहीं दी जाती। जब शिशु में पेट दर्द, पेट फूलने या अपच की समस्या लगे, तब राहत देने के लिए उसे ग्राइप वॉटर दिया जा सकता है। खाली पेट होने पर शिशु को ग्राइप वाटर न दें, क्योंकि ग्राइप वाटर में मौजूद क्षारीय पदार्थ सोडियम बाईकर्बोनेट से शिशु के पेट की संवेदनशील परत पर गलत प्रभाव पड़ सकता है। शिशु को किसी भी उम्र में ग्राइप वाटर देने से पहले आपको बच्चों के चिकित्सक (Pediatrician) से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

(और पढ़े – छोटे बच्चों के पेट फूलने के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार…)

ग्राइप वॉटर खरीदते समय बरतें सावधानी – Prevention tips to buy gripe water in Hindi

शिशु के लिए कोई भी चीज खरीदने से पहले बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। ऐसा ही ग्राइप वॉटर के साथ है। अगर आप शिशु के लिए ग्राइप वॉटर खरीद रहे हैं, तो बेहतर क्वालिटी के ग्राइप वॉटर का चुनाव करने और उसकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।

सामग्री पढ़ें- सबसे पहले ग्राइप वॉटर की बोतल पर दी गई सामग्री जरूर पढ़ें। अगर इसमें अल्कोहल और सुक्रोज नहीं है, तो आप बिना किसी टेंशन के इसे खरीद सकते हैं।

निर्देशों को पढ़ें- ग्राइप वॉटर की बोतल खोलने से पहले उस पर दिए गए निर्देशों को जरूर पढ़ें। ग्राइप वॉटर अलग-अलग ब्रांड्स के आते हैं। शिशु को इसकी कितनी खुराक, कब तक देनी है, इसमें बताया जाता है, जिसका ध्यान आपको रखना पड़ता है। कुछ ग्राइप वॉटर पर लिखा होता है, कि जब तक शिशु एक महीने का ना हो जाए, तब तक उसे ग्राइप वॉटर न दें। बेहतर है, कि यहां दिए गए निर्देशों का पालन करें, इससे बच्चे को ग्राइप वॉटर देने से भी कोई नुकसान नहीं होगा।

एलर्जी- कई बच्चों को ग्राइप वॉटर सूट नहीं होता। इसे पीने के बाद उन्हें खुजली और सूजन जैसी समस्या होने लगती है। इस बात पर ध्यान दें और अगर ऐसा लगे, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

(और पढ़े – शिशु त्‍वचा की देखभाल के लिए टिप्‍स…)

क्या ग्राइप वाटर के लिए कोई विकल्प हैं – Are there any alternatives to gripe water in Hindi

आप अन्य तकनीकों के माध्यम से भी बच्चे को शांत करा सकते हैं। वैसे तो, ग्राइप वॉटर बच्चे के रोने को रोकने के लिए कोई बहुत प्रभावी तरीका नहीं है, फिर भी यह सुरक्षित है। लेकिन, अगर आप इसे लेकर सहज नहीं हैं, तो इसके अन्य विकल्प चुन सकते हैं। इसके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।

  • धीरे-धीरे बच्चे के पेट की मालिश करें। यह नरम दबाव उनकी बेचैनी को दूर कर सकता है। इससे पेट में बन रही गैस या बर्प पास होती है, जिससे शिशु को राहत मिलेगी साथ ही मां और शिशु के बीच का रिश्ता और अच्छा हो जाएगा।
  • इस दौरान आप बच्चे को साइकलिंग एक्सरसाइज करा सकते हैं, इससे भी बच्चे को गैस पास करने में आसानी होगी।
  • स्तनपान कराने के बाद बच्चे को डकार दिलाएं। डकार या बर्प न कराने से दूध ऊपर आता है, जिससे बच्चे को बेचैनी महसूस होती है।
  • बच्चे को गर्म कंबल में लिटाकर उन्हें आगे-पीछे हिलाते रहने से भी उनकी बेचैनी शांत हो सकती है।
  • बच्चा अगर बहुत ज्यादा रोता है, तो आप उसे गाय का दूध भी दे सकते हैं। कुछ बच्चे गाय के दूध से बने फॉमूर्ले के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। यह पेट की समस्या को दूर करता है। लेकिन ये भी सच है, कि कुछ बच्चे को इससे एलर्जी होती है, इसलिए गाय का दूध शिशु को देना है या नहीं, इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
  • बच्चे को खाना खिलाते समय उसे सीधा लिटाएं। इससे पेट में गैस नहीं बनेगी। यदि आप स्तनपान करा रही हैं, तो अपने आहार में से कुछ चीजों को हटाने से बच्चे में सुस्ती कम हो जएगी। आप अपने आहार से मूंगफली, डेयरी, सोया, मछली और गेहूं को हटा सकते हैं। अपना आहार बदलने से पहले डॉक्टर से एक बार बात जरूर करें।
  • अगर आपको कुछ अंतर दिखाई देता है, तो आप उनकी दूध की बोतल भी बदल सकते हैं। डिस्पोजल या बांधने वाले बैग में रखी जाने वाली बोतल चुनें। ये बोतलें, बच्चे में दूध पीते समय जाने वाली हवा की मात्रा को कम करती है, जिससे उसे गैस नहीं बनती।

(और पढ़े – नवजात शिशु की मालिश करने के बेहतर तरीके…)

ग्राइप वॉटर देते समय ध्यान रखें बातें – Things to keep in mind while giving grip water in Hindi

ग्राइप वाटर देने का भी एक तरीका होता है। इसलिए इसे देते समय कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।

  • शिशु को ग्राइप वॉटर हमेशा एक महीने का होने पर ही दें।
  • ग्राइप वॉटर दिन के बजाए शिशु को रात के समय दें। इससे बच्चा अच्छी नींद सो सकेगा।
  • ग्राइप वाटर को किसी के साथ मिक्स करके ना दें, उसे ऑरिजनल रूप में ही दें।
  • कभी भी खाली पेट शिशु को ग्राइप वॉटर न दें। इसमें मौजूद सोडियम बाइकार्बोनेट के कारण शिशु की सेंसिटिव स्टमक वॉल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

बच्चे का ज्यादा रोना आपके लिए चिंताजनक हो सकता है। आमतौर पर पेट से जुड़ी समस्या के कारण बच्चे रोते हैं, जिसके लिए ग्राइप वाटर देना अच्छा है। लेकिन यह नहीं कहा जा सकता, कि ये पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार है। इसलिए, कुछ घरेलू उपचारों और घर के बड़े बुजुर्गों की मदद लें। अगर इससे भी बच्चे का रोना कम नहीं होता, तो बच्चों के डॉक्टर के पास लेकर जाएं।

(और पढ़े – नवजात शिशु की देखभाल कैसे करें…)

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आपको ये भी जानना चाहिये –

References

1. Gripe Water Administration in Infants 1-6 months of Age-A Cross-sectional Study By NCBI
2. Is gripe water baby-friendly? By NCBI
3. Timing of introduction of gluten into the infant diet By Committee on Toxicity
4. Activated Charcoal By Medline Plus
5. Colic By Better Health

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