Hibiscus Tea in Hindi औषधीय चाय में गुड़हल की चाय भी शामिल है जिसे शायद ही आपने सुना होगा। लेकिन गुड़हल की चाय के लाभ आपकी सेहत के लिए बहुत अधिक होते हैं। आप स्वास्थ्य संबंधी गुड़हल की चाय के फायदे जानकर हैरान हो जाएगें। ऐसा इसलिए है क्योंकि गुड़हल के फूल की चाय कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित कर सकती है। इसके अलावा गुड़हल की चाय बनाने की विधि भी बहुत ही आसान है। आप भी अन्य आयुर्वेदिक औषधीय चाय के स्थान पर गुड़हल की चाय का उपयोग कर सकते हैं। आज इस आर्टिकल में आप गुड़हल की चाय के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें। आइए गुड़हल की चाय का इस्तेमाल संबंधी कुछ जानकारियां जानते है।
विषय सूची
- गुड़हल की चाय क्या है – Gudhal ki chai kya hai in Hindi
- गुड़हल की चाय के पोषक तत्व – Gudhal ki chai ke Poshak Tatva in Hindi
- हिबिस्कस की चाय के पोषण तथ्य – Hibiscus tea Nutrition Facts in Hindi
- गुड़हल की चाय के फायदे – Gudhal ki Chai ke Fayde in Hindi
- गुड़हल की चाय कैसे बनाये – How to Make Hibiscus Tea in Hindi
- गुड़हल की चाय बनाने की विधि – Gudhal ki chai banane ki vidhi
- गुड़हल की चाय के नुकसान – Gudhal ki Chai ke Nuksan in Hindi
गुड़हल की चाय क्या है – Gudhal ki chai kya hai in Hindi
गुड़हल का फूल एक औषधीय फूल है जिसे हिबिस्कस (Hibiscus) के नाम से जाना जाता है। गुड़हल के फूल से बनाई गई चाय को हिबिस्कस टी या गुड़हल की चाय कहा जाता है। गुड़हल को अगुआ डी जमैका (Agua de Jamaica) के नाम से भी जाना जाता है। गुड़हल का वैज्ञानिक नाम हिबिस्कस सबदरिफा (Hibiscus sabdariffa) है। गुड़हल की चाय बनाने के लिए गुड़हल के फूलों और पत्तियों को उबाला जाता है। गुड़हल की चाय के औषधीय गुणों के कारण यह दुनिया भर में लोकप्रिय है। दुनिया के अलग-अलग स्थानों में गुड़हल को कई नामों से जाना जाता है। आइए जाने गुड़हल की चाय में मौजूद पोषक तत्व क्या हैं।
(और पढ़े – गुड़हल के फायदे और नुकसान…)
गुड़हल की चाय के पोषक तत्व – Gudhal ki chai ke Poshak Tatva in Hindi
कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए गुड़हल की चाय एक आयुर्वेदिक विकल्प है। इस औषधीय चाय में कैलोरी बहुत ही कम होती है साथ ही यह कैफीन मुक्त है। इसके अलावा गुड़हल की चाय में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम और जस्ता जैसे अन्य खनिजों की अच्छी मात्रा होती है। गुड़हल के फूल की चाय में नियासिन और फोलिक एसिड भी अच्छी मात्रा में होते हैं। आपके उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने और मूत्र संबंधी संक्रमण को रोकने के लिए गुड़हल की चाय में एंथोसायनिन भी मौजूद होता है।
हिबिस्कस की चाय के पोषण तथ्य – Hibiscus tea Nutrition Facts in Hindi
100 ग्राम गुड़हल से बनी चाय में : –
- कैलोरी 37
- कुल वसा 0.7 ग्राम
- संतृप्त वसा 0.3 ग्राम
- पॉलीअनसेचुरेटेड वसा 0 ग्राम
- मोनोअनसैचुरेटेड वसा 0.1 ग्राम
- कोलेस्ट्रॉल 0
- मिलीग्राम 0%
- सोडियम 3 मिलीग्राम
- पोटेशियम 9 मिलीग्राम
- कुल कार्बोहाइड्रेट 7 ग्राम
- आहार फाइबर 0.3 ग्राम
- चीनी 6 ग्राम
- प्रोटीन 0.4 ग्राम
- विटामिन ए 5%
- विटामिन सी 30%
- कैल्शियम 0%
- लौह 47%
- विटामिन डी 0%
- विटामिन बी -6 0%
- Cobalamin 0%
- मैग्नीशियम 0%
आइए जाने गुड़हल की चाय किस प्रकार हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है।
(और पढ़े – विटामिन और उनकी कमी से होने वाले रोग…)
गुड़हल की चाय के फायदे – Gudhal ki Chai ke Fayde in Hindi
- गुड़हल की चाय के लाभ उच्च रक्तचाप में – Gudhal ki Chai ke labh High Blood Pressure me in Hindi
- गुड़हल की चाय के फायदे वजन कम करे – Gudhal ki chai ke fayde Vajan kam kare in Hindi
- हिबिस्कस की चाय के फायदे कोलस्ट्रॉल कम करे – Gudhal ki Chai Cholesterol Kam kare in Hindi
- गुड़हल की चाय का उपयोग लीवर को स्वस्थ रखे – Gudhal ki Chai Liver ko swasth rakhe in Hindi
- हिबिस्कस टी बेनिफिट्स फॉर कैंसर – Hibiscus Tea Benefits for Cancer in Hindi
- जासोन के फूल की चाय के लाभ मासिक धर्म के लिए – Gudhal tea benefits for Menstrual Pain in Hindi
- गुड़हल की चाय का इस्तेमाल तनाव कम करे – Gudhal ki Chai ka Istemal Tanav kam kare in Hindi
- गुड़हल की चाय का उपयोग पाचन के लिए – Gudhal ki cahi ka upyog Pachan ke liye in Hindi
- गुड़हल के फूल की चाय मधुमेह के लिए – Gudhal ke phool ki chai Madhumeh ke liye in Hindi
- गुड़हल की चाय के गुण त्वचा स्वस्थ रखे – Gudhal ki Chai ke gun Twacha Swasth rakhe in Hindi
- गुड़हल की चाय के औषधीय गुण प्यास बुझाए – Hibiscus Tea For Satiates Thirst in Hindi
आप औषधीय लाभ लेने के लिए गुड़हल की चाय का नियमित सेवन कर सकते हैं। हिबिस्कस चाय में मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थ मानव शरीर को फिट रखने में मदद करते हैं। हालांकि औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ ही गुड़हल की चाय के नुकसान भी होते हैं। हालांकि गुड़हल की चाय के फायदे के मुकाबले इसके नुकसान बहुत ही कम और सामान्य होते हैं। आइए जाने गुड़हल की चाय का उपयोग किन बीमारियों को ठीक कर सकता है।
गुड़हल की चाय के लाभ उच्च रक्तचाप में – Gudhal ki Chai ke labh High Blood Pressure me in Hindi
उच्च रक्तचाप रोगी के लिए गुड़हल की चाय फायदेमंद होती है। क्या आप भी चक्कर आना, अचानक से तेज गर्मी लगना आदि से परेशान हैं। यदि ऐसा है तो अपने रक्तचाप की जांच कराएं। क्योंकि ये लक्षण उच्च रक्तचाप के हो सकते हैं। यदि आपका रक्तचाप उच्च है तो आप हिबिस्कस की चाय का सेवन करें। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से गुड़हल की चाय पीना उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गुड़हल के फूल में एंटी-इंफ्लामेटरी और मूत्र वर्धक गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें पोटेशियम भी उचित मात्रा में होता है जो शरीर में सोडियम की मात्रा को संतुलित रखता है। उच्च रक्तचाप रोगी को नियमित रूप से कुछ सप्ताह तक दिन में 3 कप गुड़हल की चाय का सेवन करना चाहिए। यदि आप लंबे समय तक इस चाय का सेवन करना चाहते हैं तो अपने डॉक्टर से अनुमति लें।
(और पढ़े – उच्च रक्तचाप के लिए घरेलू उपचार…)
गुड़हल की चाय के फायदे वजन कम करे – Gudhal ki chai ke fayde Vajan kam kare in Hindi
मोटापे से परेशान लोगों के लिए वजन घटाना एक बड़ी चुनौती होती है। लेकिन आप अपने शरीर का मोटापा कम करने के लिए गुड़हल की चाय का इस्तेमाल कर सकते हैं। अध्ययनों के अनुसार गुड़हल के फूल का अर्क स्टार्च के अवशोषण को कम करता है। स्टार्च और ग्लोकोज ऐसे घटक हैं जो शरीर में अधिक वजन का कारण होते हैं। लेकिन नियमित रूप से गुड़हल की चाय का सेवन करना आपके वजन को घटाने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा गुड़हल की चाय का उपयोग एमाइलेज के उत्पादन को रोकता है जो कार्बोहाइड्रेट और स्टार्च दोनों के अवशोषण को कम करता है। यही कारण है कि वजन कम करने वाले अधिकांश उत्पादों में गुड़हल के फूल को प्रमुख घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। आप भी अपने शरीर के बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए गुडहल की चाय का सेवन कर सकते हैं।
(और पढ़े – मोटापा कम करने में बहुत ही असरदार हैं ये हर्बल चाय…)
हिबिस्कस की चाय के फायदे कोलस्ट्रॉल कम करे – Gudhal ki Chai Cholesterol Kam kare in Hindi
अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से हिबिस्कस टी का सेवन करने से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की उच्च मात्रा हृदय संबंधी समस्याओं का प्रमुख कारण होती है। लेकिन गुड़हल की चाय में मौजूद घटक रक्तवाहिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। गुड़हल की चाय के औषधीय गुणों में हाइपोलिपिडेमिक और हाइपोग्लाइसेमिक गुण शामिल हैं। जिसके कारण यह मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले रोगीयों के लक्षणों को कम कर सकते हैं। यदि आप भी अपने शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना चाहते हैं तो गुड़हल की चाय का नियमित सेवन कर लाभ ले सकते हैं।
(और पढ़े – हाई कोलेस्ट्रॉल क्या है, लक्षण, कारण, जांच, इलाज और बचाव…)
गुड़हल की चाय का उपयोग लीवर को स्वस्थ रखे – Gudhal ki Chai Liver ko swasth rakhe in Hindi
अध्ययनों से पता चलता है कि जासोन के फूल से बनी चाय आपको लीवर संबंधी समस्याओं से बचा सकती है। गुड़हल की चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट लीवर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करते हैं। साथ ही यह यकृत संबंधी रोगों के उपचार में भी सहायक होती है। यदि आप भी अपने लीवर को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो कैफीन युक्त चाय और कॉफी के स्थान पर आयुर्वेदिक गुड़हल की चाय का सेवन करें। यह आपके लीवर को स्वस्थ्य रखने और उसकी कार्य क्षमता को बढ़ाने का सबसे अच्छा घरेलू उपाय है।
(और पढ़े – लीवर को साफ करने के लिए खाएं ये चीजें…)
हिबिस्कस टी बेनिफिट्स फॉर कैंसर – Hibiscus Tea Benefits for Cancer in Hindi
कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसका इलाज बहुत ही मुश्किल है। लेकिन आप कैंसर के लक्षणों को कम करने के लिए गुड़हल की चाय का प्रयोग कर सकते हैं। गुड़हल की चाय में हिबिस्कस प्रोटोकैटेचिक एसिड (hibiscus protocatechuic acid) होता है। इसमें एंटीट्यूमर और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। ताइवान में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि हिबिस्कस एपोप्टोसिस (apoptosis) को प्रेरित करके कैंसर कोशिकाओं जिनमें विशेष रूप से मानव ल्यूकेमिया (leukemia) कोशिकाओं के विकास को धीमा कर सकता है । एक और अन्य अध्ययन से पता चलता है कि गुड़हल के फूल का अर्क त्वचा कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोक सकता है। इन शोधों मे पता चला कि हिबिस्कस अर्क गैस्ट्रिक कैंसर कोशिकाओं में एपोप्टोसिस को प्रेरित करता है जिससे कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद मिलती है।
(और पढ़े – क्या खाने से कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है…)
जासोन के फूल की चाय के लाभ मासिक धर्म के लिए – Gudhal tea benefits for Menstrual Pain in Hindi
नियमित रूप से गुड़हल की चाय का उपभोग करना महिलाओं के लिए भी लाभकारी होता है। हिबिस्कस चाय के स्वास्थ्य लाभ में मासिक धर्म के दौरान दर्द और ऐंठन को कम करना शामिल है। गुड़हल की चाय के औषधीय गुण महिलाओं के शरीर में हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक होते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप मासिक धर्म के लक्षणों को कम किया जा सकता है। मासिक धर्म के दौरान यदि महिलाओं को अवसाद, दर्द, ऐंठन या अधिक भोजन करने जैसी समस्याएं हैं तो उन्हें नियमित रूप से दिन में 2 से 3 बार गुड़हल की चाय का सेवन करना चाहिए।
(और पढ़े – पीरियड्स में दर्द का इलाज…)
गुड़हल की चाय का इस्तेमाल तनाव कम करे – Gudhal ki Chai ka Istemal Tanav kam kare in Hindi
यदि आप तनाव या अवसाद जैसी स्थिति से गुजर रहे हैं तो इसका तुरंत इलाज कराएं। क्योंकि लंबे समय तक तनाव कई प्रकार की बीमारियों को जन्म दे सकता है। तनाव दूर करने का आयुर्वेदिक तरीका गुड़हल की चाय पीना है। हिबिस्कस की चाय में विटामिन और खनिजों की उच्च मात्रा होती है। इसमें विशेष रूप से फ्लेवोनोइड होता है। एक पशू अध्ययन से पता चलता है कि गुड़हल की चाय में एंटीडिप्रेसेंट गुण होते हैं। इसलिए गुड़हल की चाय का सेवन करने से तंत्रिका तंत्र को शांत करने में मदद मिलती है। इस तरह से यह औषधीय चाय मन को शांत करने और शरीर को सुकून दिलाकर तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं से बचाती है।
(और पढ़े – मानसिक तनाव दूर करने के घरेलू उपाय…)
गुड़हल की चाय का उपयोग पाचन के लिए – Gudhal ki cahi ka upyog Pachan ke liye in Hindi
पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए आप गुड़हल की चाय का सेवन कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि गुड़हल की चाय पेशाब और मल त्याग दोनों को उत्तेजित करता है। इसके अलावा गुड़हल के फूल में फाइबर की भी मात्रा होती है जो पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक होता है। जिन लोगों को पाचन संबंधी, कब्ज या दस्त जैसी समस्याएं होती हैं उन्हें अपने दैनिक आहार में नियमित रूप से गुड़हल की चाय को शामिल करना चाहिए। यह आपके जठरांत्र प्रणाली के स्वास्थ्य में सुधार करता है और कोलोरेक्टल कैंसर की संभावना को रोकता है।
(और पढ़े – पाचन शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय…)
गुड़हल के फूल की चाय मधुमेह के लिए – Gudhal ke phool ki chai Madhumeh ke liye in Hindi
हिबिस्कस चाय मधुमेह रोगियों के लिए भी लाभदायक होती है। मधुमेह प्रकार 2 वाले रोगियों को अपने दैनिक आहार में नियमित रूप से गुड़हल की चाय को शामिल करना चाहिए। हम सभी जानते हैं कि मधुमेह केवल एक बीमारी न होकर कई बीमारियों का कारण होती है। गुड़हल की चाय में हाइपोलिपिडेमिक और हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकते हैं। इस तरह से आप अपने शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए गुड़हल की चाय का इस्तेमाल कर लाभ ले सकते हैं।
(और पढ़े – मधुमेह रोगियों के लिए नाश्ता…)
गुड़हल की चाय के गुण त्वचा स्वस्थ रखे – Gudhal ki Chai ke gun Twacha Swasth rakhe in Hindi
समय से बुढ़ापे के संकेत आना आपकी परेशानियों को बढ़ा सकता है। लेकिन आप अपनी त्वचा को सुंदर और जवां बनाए रखने के लिए भी गुड़हल की चाय का प्रयोग कर सकते हैं। अक्सर आप त्वचा की झुर्रियों को दूर करने के लिए कई रासायनिक उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं। जिनसे त्वचा को कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं। लेकिन हिबिस्कस की चाय में एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है। ये एंटीऑक्सीडेंट हमारे चेहरे की त्वचा में झुर्रियों को आने से रोकते हैं। इसके अलावा यह त्वचा में प्राकृतिक नमी को बनाए रखने और त्वचा की लोच को सुधारने में भी सहायक है। यदि आप भी अपनी त्वचा को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो अन्य आयुवेर्दिक उत्पादों के साथ ही गुड़हल की चाय का प्रयोग करें।
(और पढ़े – बढ़ती उम्र (एजिंग) के लक्षण कम करने के उपाय…)
गुड़हल की चाय के औषधीय गुण प्यास बुझाए – Hibiscus Tea For Satiates Thirst in Hindi
बहुत से लोग शरीर में पानी की कमी को दूर करने और प्यास बुझाने के लिए गुड़हल की चाय का इस्तेमाल करते हैं। आमतौर पर हिबिस्कस की चाय का उपयोग स्पोर्ट्स ड्रिंक के रूप में किया जाता है। स्पोर्ट्स ड्रिंक के लिए आमतौर पर गुड़हल की ठंडी या आइस्ड चाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। बहुत से लोग इसे दैनिक जीवन में अपने आहार के साथ लेते हैं। क्योंकि यह तेजी से शरीर के तापमान को कम करने और शरीर को ठंडा करने में सहायक है।
(और पढ़े – शरीर में पानी की कमी को दूर करने के उपाय…)
गुड़हल की चाय कैसे बनाये – How to Make Hibiscus Tea in Hindi
ऊपर के लिख में आपने गुड़हल की चाय के फायदे तो जान लिए हैं आइये अब जानतें हैं गुड़हल की चाय बनाने की विधि क्या है और कैसे इसे बनाया जा सकता है स्वास्थ्य के लिए गुड़हल की चाय पीना किसी आयुर्वेदिक दवा से कम नहीं है। गुड़हल की चाय बनाना बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको गुड़हल के ताजे फूल या सूखे हुए फूलों की आवश्यकता होती है। गुड़हल के फूल से बनी चाय का रंग लाल होता है जो इन फूलों के रंग की बजह से होता है। आइए गुड़हल की चाय बनाने के तरीके को जाने।
गुड़हल की चाय बनाने की विधि – Gudhal ki chai banane ki vidhi
आपको चाय बनाने के लिए 1 बर्तन, पानी, गुड़हल के फूल और शहद या चीनी आदि की आवश्यकता होती है। इस चाय को बनाने में केवल 10 मिनिट का समय लगता है।
आप गुड़हल की चाय को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें दालचीनी, लौंग, नींबू का रस, अदरक और पुदीने की पत्तियों को भी शामिल कर सकते हैं।
सबसे पहले आप 1 बर्तन में 2 कप पानी उबलने के लिए रखें। इसके बाद 2 चम्मच सूखे हिबिस्कस फूल को उबलते पानी में डालें। आप इसमें गुड़हल के फूलों की मात्रा को बढ़ा या घटा भी सकते हैं। इसके बाद जब पानी अच्छी तरह से उबलने लगे तब आप इसमें चीनी डाल सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि यदि आप शहद का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसे अभी न डालें। इसके अलावा यदि आप चाय को अधिक प्रभावी बनाना चाहते हैं तो ऊपर बताई गई सामग्री को भी चाय में डालकर अच्छी तरह से पकाएं। फिर इस चाय को छन्नी की मदद से छान लें। यदि चीनी नहीं मिलाई है तो प्रति कप 1 चम्मच शहद मिलाएं। इस तरह से आपकी गुड़हल की चाय तैयार है।
(और पढ़े – हर्बल टी लिस्ट, बनाने की विधी, फायदे और नुकसाची…)
गुड़हल की चाय के नुकसान – Gudhal ki Chai ke Nuksan in Hindi
आमतौर पर गुड़हल की चाय को फायदेमंद और स्वास्थ्य वर्धक पेय माना जाता है। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों और लोगों के लिए गुड़हल की चाय के नुकसान भी हो सकते हैं। जो इस प्रकार हैं।
- रक्तचाप के लिए – जो लोग निम्न रक्तचाप संबंधी समस्या से परेशान हैं उन्हें गुड़हल की चाय का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से रक्तचाप निम्न स्तर पर जा सकता है।
- गर्भावस्था – गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को गुड़हल की चाय का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस दौरान उनमें मासिक धर्म या रक्त प्रवाह की संभावना बढ़ सकती है।
- मधुमेह – मधुमेह रोगियों को भी गुड़हल की चाय का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह उनके शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को बहुत ही कम स्तर पर ले जा सकता है।
- एलर्जी – कुछ लोगों को गुड़हल की चाय का सेवन करने से एलर्जी का सामना करना पड़ सकता है।
- यदि आप कोई विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो गुड़हल की चाय का नियमित सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
(और पढ़े – निम्न रक्तचाप के कारण, लक्षण और इलाज…)
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Reference
- Alarcon-Aguilar, F. J., Zamilpa, A., Perez-Garcia, M. D., Almanza-Perez, J. C., Romero-Nuñez, E., Campos-Sepulveda, E. A. (2007, October). Effect of Hibiscus sabdariffa on obesity in MSG mice. Journal of Ethnopharmcology, 114(1), 66-71
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/17765418 - American Botanical Council. (2015, March 24). US sales of brew and ready-to-drink teas Increased in 2014 [Press release] http://cms.herbalgram.org/press/2015/TeaMarketReport2014.html
- Aziz, Z., Wong, S. Y., & Chong, N. J. (2013, November 25). Effects of Hibiscus sabdariffa L. on serum lipids: A systematic review and meta-analysis [Abstract]. Journal of Ethnopharmacology, 150(2), 442-450
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/24120746 - Chang, H. C., Peng, C. H., Yeh, D. M., Kao, E. S., & Wang, C. J. (2014, April). Hibiscus sabdariffa extract inhibits obesity and fat accumulation, and improves liver steatosis in humans. Food and Function, 5(4), 734-739
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/24549255 - Engels, G. (2007, Spring). Herb profile: Hibiscus. Herbalgram, (74), 1-6
http://cms.herbalgram.org/herbalgram/issue74/article3102.html - Hopkins, A. L., Lamm, M. G., Funk, J. L., & Ritenbaugh, C. (2013, March). Hibiscus sabdariffa L. in the treatment of hypertension and hyperlipidemia: A comprehensive review of animal and human studies. Fitoterapia, 85, 84-94
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3593772/ - McCulloch, M. (2016, December). Medicinal Herbal Teas. Today’s Dietitian, 18(12), 36
http://www.todaysdietitian.com/newarchives/1216p36.shtml - Mckay, D. L., Chen, C.-Y, O., Saltzman, E., & Blumberg, J. B. (2009, December 16). Hibiscus Sabdariffa L. Tea (tisane) lowers blood pressure in prehypertensive and mildly hypertensive adults. Journal of Nutrition, 140(2), 298-303
http://jn.nutrition.org/content/140/2/298.long - Mohagheghi, A., Maghsoud, S., Khashayar, P., & Ghazi-Khansari, M. (2011). The effect of Hibiscus sabdariffa on lipid profile, creatinine, and serum electrolytes: A randomized clinical trial. ISRN Gastroenterology, 2011, 1-4
https://www.hindawi.com/journals/isrn/2011/976019/ - Serban, C., Sahebkar, A., Ursoniu, S., Andrica, F., & Banach, M. (2015, June). Effect of sour tea (Hibiscus sabdariffa L.) on arterial hypertension [Abstract]. Journal of Hypertension, 33(6), 1119-1127
http://journals.lww.com/jhypertension/Abstract/2015/06000/Effect_of_sour_tea__Hibiscus_sabdariffa_L___on.2.aspx
Leave a Comment