Hibiscus Tea in Hindi औषधीय चाय में गुड़हल की चाय भी शामिल है जिसे शायद ही आपने सुना होगा। लेकिन गुड़हल की चाय के लाभ आपकी सेहत के लिए बहुत अधिक होते हैं। आप स्वास्थ्य संबंधी गुड़हल की चाय के फायदे जानकर हैरान हो जाएगें। ऐसा इसलिए है क्योंकि गुड़हल के फूल की चाय कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित कर सकती है। इसके अलावा गुड़हल की चाय बनाने की विधि भी बहुत ही आसान है। आप भी अन्य आयुर्वेदिक औषधीय चाय के स्थान पर गुड़हल की चाय का उपयोग कर सकते हैं। आज इस आर्टिकल में आप गुड़हल की चाय के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें। आइए गुड़हल की चाय का इस्तेमाल संबंधी कुछ जानकारियां जानते है।
विषय सूची
गुड़हल का फूल एक औषधीय फूल है जिसे हिबिस्कस (Hibiscus) के नाम से जाना जाता है। गुड़हल के फूल से बनाई गई चाय को हिबिस्कस टी या गुड़हल की चाय कहा जाता है। गुड़हल को अगुआ डी जमैका (Agua de Jamaica) के नाम से भी जाना जाता है। गुड़हल का वैज्ञानिक नाम हिबिस्कस सबदरिफा (Hibiscus sabdariffa) है। गुड़हल की चाय बनाने के लिए गुड़हल के फूलों और पत्तियों को उबाला जाता है। गुड़हल की चाय के औषधीय गुणों के कारण यह दुनिया भर में लोकप्रिय है। दुनिया के अलग-अलग स्थानों में गुड़हल को कई नामों से जाना जाता है। आइए जाने गुड़हल की चाय में मौजूद पोषक तत्व क्या हैं।
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कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए गुड़हल की चाय एक आयुर्वेदिक विकल्प है। इस औषधीय चाय में कैलोरी बहुत ही कम होती है साथ ही यह कैफीन मुक्त है। इसके अलावा गुड़हल की चाय में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम और जस्ता जैसे अन्य खनिजों की अच्छी मात्रा होती है। गुड़हल के फूल की चाय में नियासिन और फोलिक एसिड भी अच्छी मात्रा में होते हैं। आपके उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने और मूत्र संबंधी संक्रमण को रोकने के लिए गुड़हल की चाय में एंथोसायनिन भी मौजूद होता है।
100 ग्राम गुड़हल से बनी चाय में : –
आइए जाने गुड़हल की चाय किस प्रकार हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है।
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आप औषधीय लाभ लेने के लिए गुड़हल की चाय का नियमित सेवन कर सकते हैं। हिबिस्कस चाय में मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थ मानव शरीर को फिट रखने में मदद करते हैं। हालांकि औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ ही गुड़हल की चाय के नुकसान भी होते हैं। हालांकि गुड़हल की चाय के फायदे के मुकाबले इसके नुकसान बहुत ही कम और सामान्य होते हैं। आइए जाने गुड़हल की चाय का उपयोग किन बीमारियों को ठीक कर सकता है।
उच्च रक्तचाप रोगी के लिए गुड़हल की चाय फायदेमंद होती है। क्या आप भी चक्कर आना
, अचानक से तेज गर्मी लगना आदि से परेशान हैं। यदि ऐसा है तो अपने रक्तचाप की जांच कराएं। क्योंकि ये लक्षण उच्च रक्तचाप के हो सकते हैं। यदि आपका रक्तचाप उच्च है तो आप हिबिस्कस की चाय का सेवन करें। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से गुड़हल की चाय पीना उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गुड़हल के फूल में एंटी-इंफ्लामेटरी और मूत्र वर्धक गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें पोटेशियम भी उचित मात्रा में होता है जो शरीर में सोडियम की मात्रा को संतुलित रखता है। उच्च रक्तचाप रोगी को नियमित रूप से कुछ सप्ताह तक दिन में 3 कप गुड़हल की चाय का सेवन करना चाहिए। यदि आप लंबे समय तक इस चाय का सेवन करना चाहते हैं तो अपने डॉक्टर से अनुमति लें।(और पढ़े – उच्च रक्तचाप के लिए घरेलू उपचार…)
मोटापे से परेशान लोगों के लिए वजन घटाना एक बड़ी चुनौती होती है। लेकिन आप अपने शरीर का मोटापा कम करने के लिए गुड़हल की चाय का इस्तेमाल कर सकते हैं। अध्ययनों के अनुसार गुड़हल के फूल का अर्क स्टार्च के अवशोषण को कम करता है। स्टार्च और ग्लोकोज ऐसे घटक हैं जो शरीर में अधिक वजन का कारण होते हैं। लेकिन नियमित रूप से गुड़हल की चाय का सेवन करना आपके वजन को घटाने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा गुड़हल की चाय का उपयोग एमाइलेज के उत्पादन को रोकता है जो कार्बोहाइड्रेट और स्टार्च दोनों के अवशोषण को कम करता है। यही कारण है कि वजन कम करने वाले अधिकांश उत्पादों में गुड़हल के फूल को प्रमुख घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। आप भी अपने शरीर के बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए गुडहल की चाय का सेवन कर सकते हैं।
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अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से हिबिस्कस टी का सेवन करने से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की उच्च मात्रा हृदय संबंधी समस्याओं का प्रमुख कारण होती है। लेकिन गुड़हल की चाय में मौजूद घटक रक्तवाहिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। गुड़हल की चाय के औषधीय गुणों में हाइपोलिपिडेमिक और हाइपोग्लाइसेमिक गुण शामिल हैं। जिसके कारण यह मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले रोगीयों के लक्षणों को कम कर सकते हैं। यदि आप भी अपने शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना चाहते हैं तो गुड़हल की चाय का नियमित सेवन कर लाभ ले सकते हैं।
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अध्ययनों से पता चलता है कि जासोन के फूल से बनी चाय आपको लीवर संबंधी समस्याओं से बचा सकती है। गुड़हल की चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट लीवर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करते हैं। साथ ही यह यकृत संबंधी रोगों के उपचार में भी सहायक होती है। यदि आप भी अपने लीवर को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो कैफीन युक्त चाय और कॉफी के स्थान पर आयुर्वेदिक गुड़हल की चाय का सेवन करें। यह आपके लीवर को स्वस्थ्य रखने और उसकी कार्य क्षमता को बढ़ाने का सबसे अच्छा घरेलू उपाय है।
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कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसका इलाज बहुत ही मुश्किल है। लेकिन आप कैंसर के लक्षणों को कम करने के लिए गुड़हल की चाय का प्रयोग कर सकते हैं। गुड़हल की चाय में हिबिस्कस प्रोटोकैटेचिक एसिड (hibiscus protocatechuic acid) होता है। इसमें एंटीट्यूमर और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। ताइवान में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि हिबिस्कस एपोप्टोसिस (apoptosis) को प्रेरित करके कैंसर कोशिकाओं जिनमें विशेष रूप से मानव ल्यूकेमिया (leukemia) कोशिकाओं के विकास को धीमा कर सकता है । एक और अन्य अध्ययन से पता चलता है कि गुड़हल के फूल का अर्क त्वचा कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोक सकता है। इन शोधों मे पता चला कि हिबिस्कस अर्क गैस्ट्रिक कैंसर कोशिकाओं में एपोप्टोसिस को प्रेरित करता है जिससे कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद मिलती है।
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नियमित रूप से गुड़हल की चाय का उपभोग करना महिलाओं के लिए भी लाभकारी होता है। हिबिस्कस चाय के स्वास्थ्य लाभ में मासिक धर्म के दौरान दर्द और ऐंठन को कम करना शामिल है। गुड़हल की चाय के औषधीय गुण महिलाओं के शरीर में हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक होते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप मासिक धर्म के लक्षणों को कम किया जा सकता है। मासिक धर्म के दौरान यदि महिलाओं को अवसाद, दर्द, ऐंठन या अधिक भोजन करने जैसी समस्याएं हैं तो उन्हें नियमित रूप से दिन में 2 से 3 बार गुड़हल की चाय का सेवन करना चाहिए।
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यदि आप तनाव या अवसाद जैसी स्थिति से गुजर रहे हैं तो इसका तुरंत इलाज कराएं। क्योंकि लंबे समय तक तनाव कई प्रकार की बीमारियों को जन्म दे सकता है। तनाव दूर करने का आयुर्वेदिक तरीका गुड़हल की चाय पीना है। हिबिस्कस की चाय में विटामिन और खनिजों की उच्च मात्रा होती है। इसमें विशेष रूप से फ्लेवोनोइड होता है। एक पशू अध्ययन से पता चलता है कि गुड़हल की चाय में एंटीडिप्रेसेंट गुण होते हैं। इसलिए गुड़हल की चाय का सेवन करने से तंत्रिका तंत्र को शांत करने में मदद मिलती है। इस तरह से यह औषधीय चाय मन को शांत करने और शरीर को सुकून दिलाकर तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं से बचाती है।
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पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए आप गुड़हल की चाय का सेवन कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि गुड़हल की चाय पेशाब और मल त्याग दोनों को उत्तेजित करता है। इसके अलावा गुड़हल के फूल में फाइबर की भी मात्रा होती है जो पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक होता है। जिन लोगों को पाचन संबंधी, कब्ज या दस्त जैसी समस्याएं होती हैं उन्हें अपने दैनिक आहार में नियमित रूप से गुड़हल की चाय को शामिल करना चाहिए। यह आपके जठरांत्र प्रणाली के स्वास्थ्य में सुधार करता है और कोलोरेक्टल कैंसर की संभावना को रोकता है।
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हिबिस्कस चाय मधुमेह रोगियों के लिए भी लाभदायक होती है। मधुमेह प्रकार 2 वाले रोगियों को अपने दैनिक आहार में नियमित रूप से गुड़हल की चाय को शामिल करना चाहिए। हम सभी जानते हैं कि मधुमेह केवल एक बीमारी न होकर कई बीमारियों का कारण होती है। गुड़हल की चाय में हाइपोलिपिडेमिक और हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकते हैं। इस तरह से आप अपने शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए गुड़हल की चाय का इस्तेमाल कर लाभ ले सकते हैं।
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समय से बुढ़ापे के संकेत आना आपकी परेशानियों को बढ़ा सकता है। लेकिन आप अपनी त्वचा को सुंदर और जवां बनाए रखने के लिए भी गुड़हल की चाय का प्रयोग कर सकते हैं। अक्सर आप त्वचा की झुर्रियों को दूर करने के लिए कई रासायनिक उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं। जिनसे त्वचा को कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं। लेकिन हिबिस्कस की चाय में एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है। ये एंटीऑक्सीडेंट हमारे चेहरे की त्वचा में झुर्रियों को आने से रोकते हैं। इसके अलावा यह त्वचा में प्राकृतिक नमी को बनाए रखने और त्वचा की लोच को सुधारने में भी सहायक है। यदि आप भी अपनी त्वचा को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो अन्य आयुवेर्दिक उत्पादों के साथ ही गुड़हल की चाय का प्रयोग करें।
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बहुत से लोग शरीर में पानी की कमी को दूर करने और प्यास बुझाने के लिए गुड़हल की चाय का इस्तेमाल करते हैं। आमतौर पर हिबिस्कस की चाय का उपयोग स्पोर्ट्स ड्रिंक के रूप में किया जाता है। स्पोर्ट्स ड्रिंक के लिए आमतौर पर गुड़हल की ठंडी या आइस्ड चाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। बहुत से लोग इसे दैनिक जीवन में अपने आहार के साथ लेते हैं। क्योंकि यह तेजी से शरीर के तापमान को कम करने और शरीर को ठंडा करने में सहायक है।
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ऊपर के लिख में आपने गुड़हल की चाय के फायदे तो जान लिए हैं आइये अब जानतें हैं गुड़हल की चाय बनाने की विधि क्या है और कैसे इसे बनाया जा सकता है स्वास्थ्य के लिए गुड़हल की चाय पीना किसी आयुर्वेदिक दवा से कम नहीं है। गुड़हल की चाय बनाना बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको गुड़हल के ताजे फूल या सूखे हुए फूलों की आवश्यकता होती है। गुड़हल के फूल से बनी चाय का रंग लाल होता है जो इन फूलों के रंग की बजह से होता है। आइए गुड़हल की चाय बनाने के तरीके को जाने।
आपको चाय बनाने के लिए 1 बर्तन, पानी, गुड़हल के फूल और शहद या चीनी आदि की आवश्यकता होती है। इस चाय को बनाने में केवल 10 मिनिट का समय लगता है।
आप गुड़हल की चाय को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें दालचीनी, लौंग, नींबू का रस, अदरक और पुदीने की पत्तियों को भी शामिल कर सकते हैं।
सबसे पहले आप 1 बर्तन में 2 कप पानी उबलने के लिए रखें। इसके बाद 2 चम्मच सूखे हिबिस्कस फूल को उबलते पानी में डालें। आप इसमें गुड़हल के फूलों की मात्रा को बढ़ा या घटा भी सकते हैं। इसके बाद जब पानी अच्छी तरह से उबलने लगे तब आप इसमें चीनी डाल सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि यदि आप शहद का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसे अभी न डालें। इसके अलावा यदि आप चाय को अधिक प्रभावी बनाना चाहते हैं तो ऊपर बताई गई सामग्री को भी चाय में डालकर अच्छी तरह से पकाएं। फिर इस चाय को छन्नी की मदद से छान लें। यदि चीनी नहीं मिलाई है तो प्रति कप 1 चम्मच शहद मिलाएं। इस तरह से आपकी गुड़हल की चाय तैयार है।
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आमतौर पर गुड़हल की चाय को फायदेमंद और स्वास्थ्य वर्धक पेय माना जाता है। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों और लोगों के लिए गुड़हल की चाय के नुकसान भी हो सकते हैं। जो इस प्रकार हैं।
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