Hair transplant in hindi हेयर ट्रांसप्लांटेशन एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें सिर के बिना बाल वाले या गंजे हिस्से में बालों को प्रत्यारोपित किया जाता है। आमतौर पर हेयर ट्रांसप्लांटेशन के लिए सर्जन उस व्यक्ति के सिर के पीछे से बालों को निकालकर गंजे क्षेत्र पर प्रत्यारोपित करते हैं। हेयर ट्रांसप्लांटेशन से पहले व्यक्ति को लोकल एनेस्थेशिया देकर खोपड़ी को सुन्न किया जाता है। बाल को प्रत्यारोपित करने के बाद मरीज को दर्द, सूजन और इंफेक्शन से बचने के लिए कुछ दवाएं लेने की भी सलाह दी जाती है। इस लेख में आप जानेगे हेयर ट्रांसप्लांट क्या है, हेयर ट्रांसप्लांट कराने के फायदे, हेयर ट्रांसप्लांट से होने वाले नुकसान, हेयर ट्रांसप्लांट के बाद की सावधानियों के बारें में
हेयर ट्रांसप्लांट करने की दो प्रक्रिया है। जिसे स्लिट ग्राफ्ट और माइक्रो ग्राफ्ट के नाम से जानते हैं। स्लिट ग्राफ्ट के प्रत्येक ग्राफ्ट में चार से छह बाल होते हैं, जबकि माइक्रो ग्राफ्ट के प्रत्येक ग्राफ्ट में दो बाल होते हैं। मरीज के गंजेपन की जरूरत के अनुसार इस प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है। बाल प्रत्यारोपित करने के बाद व्यक्ति सुंदर दिखने लगता है और उसमें आत्मविश्वास भी पैदा होता है।
जिन लोगों के बाल झड़ गए हों और सिर गंजा हो गया हो या जो लोग किसी दुर्घटना में सिर में चोट लगने के कारण अपने बाल खो बैठे हों वे बाल प्रत्यारोपित करा सकते हैं। इसके अलावा जिन महिलाओं के बाल विरल हों वे भी बाल प्रत्यारोपित करा सकती हैं। (और पढ़े – गंजेपन का घरेलू इलाज)
लेकिन जिन व्यक्तियों के सिर में पर्याप्त डोनर हेयर साइट नहीं हैं वे बाल प्रत्यारोपित नहीं करा सकते हैं। इसके अलावा जिन लोगों के सिर में सर्जरी या चोट के निशान हों, जहां पर सिर्फ हल्के बाल ही उगे हों वे लोग भी हेयर ट्रांसप्लांट नहीं करा सकते हैं। जिन लोगों के बाल दवा या कीमोथेरेपी के बाद झड़े हों उन्हें भी हेयर ट्रांसप्लांट कराने की सलाह नहीं दी जाती है।
सामान्य जरूरी ब्लड से जुड़ी और शारीरिक जांच करने के बाद, केवल सिर की चमड़ी पर लोकल एनेस्थीसिया देते हैं। जिसमें व्यक्ति को ज्यादा दर्द नहीं होता विशेषज्ञ एनेस्थीसिया की डोज को व्यक्ति के वजन के अनुसार ही देते हैं लगभग 5- 8 घंटे की इससे प्रक्रिया के दौरान मरीज बीच-बीच में कुछ खा पी भी सकता है ट्रांसप्लांट के तुरंत बाद मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर देते हैं। कुछ सामान्य सावधानी अपनाकर मरीज अपनी दिनचर्या में लौट सकता है।
लोगों में हेयर ट्रांसप्लांट करवाने के मुख्य कारणों में से एक कारण यह भी है कि इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। हालांकि गंजा होना कोई शर्म की बात नहीं है लेकिन गंजेपन की वजह से व्यक्ति के चेहरे की शोभा बिगड़ जाती है। इसलिए ज्यादातर गंजे लोग हेयर ट्रांसप्लांट कराकर अपनी सुंदरता कायम रखना चाहते हैं। गंजे लोगों पर तरह-तरह के चुटकुले बने हैं जिन्हें मजाक में भी सुनाने पर गंजा व्यक्ति बुरा मान जाता है। हेयर ट्रांसप्लांटेशन के बाद वे इस स्थिति का सामना कर सकते हैं।
आमतौर पर लोगों की यह धारणा होती है कि सिर के बाल झड़ने के बाद गंजा व्यक्ति अधिक बूढ़ा दिखने लगता है। ज्यादातर लोग इसलिए बाल प्रत्यारोपित करवाते हैं क्योंकि इसके बाद व्यक्ति जवान दिखने लगता है और अपने लुक को लेकर ज्यादा सकारात्मक रहता है और अच्छा महसूस करता है।
Hair transplant हेयर ट्रांसप्लांट करवाने का का उद्देश्य यह भी होता है कि व्यक्ति को उसका मनचाहा बाल फिर से वापस मिल जाता है। हालांकि ये बाल प्राकृतिक नहीं होते हैं लेकिन बिल्कुल नैचुरल ही दिखते हैं। बाल प्राकृतिक दिखें इसके लिए ट्रांसप्लांटेशन से पहले पिगमेंट और बालों के कलर को मिलाकर ही बाल प्रत्यारोपित किया जाता है।
ज्यादातर लोग सोचते हैं कि बाल प्रत्यारोपित कराने की सर्जरी काफी महंगी होती है। लेकिन आपको यह जानकर आश्यर्य होगा कि हेयर ट्रांसप्लांट करवाना आपके जेब पर भारी नहीं पड़ता है। एक बार हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद आपको गंजेपन से छुटकारा पाने का एक स्थायी उपाय मिल जाता है। इसलिए अगर आप अपने सिर के खोए हुए बालों को फिर से वापस पाना चाहते हैं तो हेयर ट्रांसप्लांटेशन एक बेहतर उपाय है।
बाल प्रत्यारोपण एक कॉस्मेटिक प्रक्रिया है। इसके कोई स्थाई दुष्प्रभाव (परमानेंट साइड इफेक्ट्स) नहीं है। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद कुछ अस्थाई परेशानी जैसे खुजली, सूजन, सर पर लालिमा आ सकती है, पर आपको इसके लिए पहले से दवाई दी जाती है और ये कुछ दिन में ही ठीक हो जाती है। आपका डॉक्टर आपको हेयर ट्रांसप्लांट के बाद की देखभाल के बारे में सारी जानकारी दे देता है। 10-15 दिन के बाद आपके बाल सामान्य हो जाते है। ये कुछ समस्यांए है जो निम्न है
हालांकि ज्यादातर मामलों में इस तरह का साइड इफेक्ट नहीं पाया जाता है लेकिन हेयर ट्रांसप्लांट के बाद आपको ब्लीडिंग होने की भी संभावना बनी रहती है। बाल प्रत्यारोपित करने के बाद थोड़ा खून निकलना स्वाभाविक है जिसे एक सामान्य प्रेशर देकर रोका जाता है लेकिन अगर ब्लीडिंग ज्यादा होने लगे तो इसे अलग से सिलाई कराने की जरूरत पड़ सकती है।
Hair transplant बाल प्रत्यारोपित कराने के बाद इंफेक्शन होने की संभावना हो सकती है। लेकिन हेयर ट्रांसप्लांट के हजारों मामलों में यह सिर्फ एक व्यक्ति को प्रभावित करता है। हालांकि एंटीबायोटिक के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है।
Hair transplant बाल प्रत्यारोपित के बाद मरीज को खुजली होना एक सामान्य साइड इफेक्ट है। लेकिन अगर इसपर ध्यान न दिया जाए तो यह साइड इफेक्ट कभी-कभी बहुत गंभीर भी हो जाता है। यह खुजली मुख्य रूप से सिर की त्वचा से पपड़ी निकलने के कारण होती है, नियमित शैंपू करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन अगर खुजली अधिक हो और बर्दाश्त से बाहर हो जाए तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
हेयर ट्रांसप्लांटेशन के बाद यदि सिर में कोई घाव का निशान या धब्बा दिखे तो यह वाकई चिंता का विषय है। यह समस्या ज्यादातर उन्हीं मरीजों में देखी जाती है जिनकी त्वचा ज्यादा संवेदनशील होती है या जो व्यक्ति स्ट्रिप प्लांटेशन कराते हैं उन्हें भी यह समस्या हो सकती है। कुछ रोगियों में इस तरह का दाग अनुवांशिक भी हो सकता है। हालांकि हेयर ट्रांसप्लांट के हजारों मामलों में सिर्फ एक मामले में इस तरह की समस्या होती है।
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