haklana in hindi हकलाना (Stuttering) आमतौर पर बचपन में उत्पन्न होने वाली अपेक्षाकृत सामान्य भाषण समस्या है, जो वयस्कता में भी प्रभावी रह सकती है। हकलाने से सम्बंधित व्यक्ति अनैच्छिक रूप से बार-बार शब्द या शब्दांश का उच्चारण करता है, बोलते समय अचानक से बोलना रोक देता है और भाषण का असमान दर में उच्चारण करता है। यह समस्या लड़कियों की अपेक्षा लड़कों में पाँच गुना अधिक देखने को मिलती है। हकलाने की समस्या का इलाज स्पीच थेरेपी की मदद से किया जा सकता है। इसके उपचार में किसी भी प्रकार की दवा प्रभावी नहीं है। सामान्यतः 3 से 5 साल के ज्यादातर बच्चों का हकलाना समय के साथ ठीक हो जाता है, परन्तु कुछ बच्चे वयस्क होने तक हकलाते रहते हैं। अतः इस स्थिति में हकलाने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए भाषण भाषा रोगविज्ञानी (speech language pathologist) से सलाह लेनी चाहिए।
आज इस लेख में आप जान सकेगें, कि हकलाना क्या है, इसके लक्षण, कारण क्या हैं तथा इसका इलाज कैसे किया जा सकता है।
हकलाना (Stuttering or stammering), एक बोलने सम्बन्धी विकार है, जिसमें सम्बंधित व्यक्ति के बोलने का प्रवाह, अनैच्छिक पुनरावृत्ति द्वारा गड़बड़ा जाता है। इसे विवादास्पद भाषण भी कहा जाता है। इसमें ध्वनियों का अधिक लंबा होना और शब्दांश, शब्द या वाक्यांशों के प्रसार के साथ अनैच्छिक विराम और शब्दांश या वाक्यांशों का खंडन आदि लक्षण प्रगट होते हैं।
हकलाना एक ऐसी समस्या जो लगभग 5 से 10 प्रतिशत बच्चों को अक्सर 2 से 6 साल की उम्र में अधिक प्रभावित करती है। हकलाने वाले बच्चों में से अधिकांश बच्चे, वयस्क होने पर हकलाना बंद कर देते हैं। अतः बच्चों के विकास के साथ साथ हकलाने की समस्या दूर होती चली जाती है। लेकिन इन सभी में से 25 प्रतिशत ऐसे बच्चे होते हैं, जो वयस्क होने पर भी हकलाने से मुक्ति नही पा पाते हैं। अतः हकलाने की समस्या वयस्क व्यक्तियों में भी पाई जा सकती है। अतः इस स्थिति में बच्चों और वयस्कों को आसानी से या संगतिपूर्वक बोलने में मुश्किल होती है। हकलाना सबसे अधिक एक वाक्य की शुरुआत में होता है, लेकिन कुछ स्थितियों में यह पूरे वाक्य में भी हो सकता है।
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हकलाने (Stuttering or stammering) के मुख्य रूप से तीन प्रकार हैं:
विकास संबंधी (Developmental) – विकास सम्बन्धी हकलाना (Developmental Stammering), लगभग 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों विशेष रूप से लड़कों (males) में सबसे आम है, इस प्रकार के हकलाने की समस्या उस समय उत्पन्न होती है जब बच्चे अपनी भाषा और भाषण क्षमताओं को विकसित करते हैं। यह आमतौर इस प्रकार का हकलाना उपचार के बिना ही ठीक हो जाता है।
तंत्रिकाजन्य (Neurogenic) – इस प्रकार के हकलाने की समस्या मस्तिष्क और तंत्रिकाओं या मांसपेशियों के बीच सिग्नल असामान्यताएं के कारण विकसित होती है।
साइकोजेनिक (Psychogenic) – यह बोलने सम्बन्धी विकार मस्तिष्क के उस हिस्से से उत्पन्न होता है, जो सोच और तर्क को नियंत्रित करता है।
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हकलाना (Stuttering or stammering) व्यक्ति के शब्दों, ध्वनियों, शब्दांश और बोलने की एक सामान्य दर में बार-बार व्यवधान की एक विशेषता है। इस समस्या के तहत् सम्बंधित व्यक्ति को कुछ ध्वनियों का उच्चारण करने या वाक्य शुरू करने में कठिनाई उत्पन्न हो सकती है।
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विशेषज्ञ पूरी तरह से यह निश्चित नहीं कर पाते हैं, कि हकलाने का क्या कारण है। यह समस्या लड़कियों की अपेक्षा लड़कों में अधिक देखने को मिलती है। हालाँकि हकलाने की समस्या को ट्रिगर करने वाले कारक निम्नलिखित हो सकते हैं, जैसे:
हकलाने के न्यूरोजेनिक कारक (Neurogenic factor) – तंत्रिका तंत्र के साथ जुडी कुछ समस्याएँ हकलाने का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
हकलाने का पारिवारिक इतिहास (family history of stuttering) – कुछ मामलों में हकलाना एक आनुवांशिक समस्या होती है। अतः हकलाने का पारिवारिक इतिहास इसे ट्रिगर कर सकता है।
हकलाने के विकासात्मक कारण (Developmental causes)- बचपन के दौरान विकास में देरी या विकास से सम्बंधित अन्य समस्याएँ भी हकलाने का कारण बन सकती हैं।
हकलाने का कारण भाषण की तीव्र दर (rapid rate of speech) – बच्चे के तेजी से बात करने और वयस्कों से बात करने की कोशिश करने के दौरान हकलाना नोटिस किया जा सकता है।
हकलाने का मनोवैज्ञानिक कारण (Psychogenic factors) – मनोवैज्ञानिक कारणों में तनाव, आत्मविश्वास में कमी, शर्मिंदगी और चिंता इत्यादि को शामिल किया जा सकता है। हालांकि, मनोवैज्ञानिक कारक पहले से ही हकलाने की समस्या से पीड़ित व्यक्ति के लिए हकलाना बदतर बना सकते हैं।
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विशेषज्ञों का मानना है, कि हकलाने से सम्बंधित निम्न स्थितियों में सम्बंधित व्यक्ति को डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए:
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हकलाने (Stammering or stuttering) के जोखिम कारकों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
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एक भाषण भाषा रोगविज्ञानी (speech language pathologist) हकलाने का निदान करने में मदद कर सकता है। इसके निदान में कोई इनवेसिव परीक्षण (invasive testing) की आवश्यकता नहीं होती है। रोगविशेषज्ञ हकलाने से सम्बंधित प्रारंभिक लक्षणों के बारे में कुछ प्रश्न पूंछ सकता है, तथा एक भाषण देने का आग्रह कर सकता है। इसके अतिरिक्त रोगविशेषज्ञ स्वास्थ्य इतिहास के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकता है।
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रोगविशेषज्ञ द्वारा मूल्यांकन के बाद, हकलाने का इलाज करने के लिए एक सर्वोत्तम उपचार का चुनाव किया जा सकता है। हकलाने वाले बच्चों और वयस्कों के इलाज के लिए कई अलग-अलग उपचार तरीके उपलब्ध हैं। हकलाने (Stuttering or stammering) वाले व्यक्तियों के लिए उपचार व्यक्ति के भाषण कौशल, रणनीतियों और व्यवहारों को सिखाने के उद्देश्य से अपनाया जाता है, जो मौखिक संचार में मदद करता है। हकलाने वाले सभी बच्चों को सामान्यतः उपचार की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि विकासात्मक हकलाना आमतौर पर समय के साथ ठीक हो जाता है। इसके अतिरिक्त स्पीच थेरेपी कुछ बच्चों के लिए हकलाने का इलाज करने के लिए एक उचित विकल्प है। यद्दपि उपचार हकलाने के सभी प्रकार को खत्म नहीं कर सकता है, लेकिन यह नियमित भाषण-भाषा संचार को सिखाने में मदद कर सकता है।
स्पीच थेरेपी हकलाने (Stuttering or stammering) की स्थिति में भाषण में रुकावट को कम कर सकती है और बच्चों और व्यक्ति के आत्म-सम्मान में सुधार कर सकती है। थेरेपी अक्सर भाषण की दर, श्वास नियंत्रण और स्वरयंत्र तनाव (laryngeal tension) पर ध्यान रखने के लिए प्रोत्साहित करके भाषण पैटर्न को नियंत्रित करने पर ज़ोर देती है। यह थेरेपी हकलाने के कारण भावनात्मक कठिनाईयों का अनुभव करने वाले व्यक्ति, हकलाने का पारिवारिक इतिहास से सम्बंधित व्यक्ति के लिए अधिक उपयोगी होती है।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल हकलाने के इलाज में किया जा सकता है। कुछ रोगी इस प्रकार के उपचार के लिए अच्छी प्रतिक्रिया देते हैं। जो व्यक्ति अधिक तेजी से बोलते है और हकलाते है, उनके लिए यह प्रक्रिया काफी प्रभावी है। इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग कर प्रतिध्वनि को उत्पन्न किया जाता है, जिससे रोगी को लगे कि वह किसी और के साथ बात कर रहा है। अतः इसमें परिवर्तित ध्वनि प्रतिक्रिया प्रभाव का उपयोग कर हकलाने वाले व्यक्ति को धीरे धीरे बोलने और हकलाना कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
इस प्रकार की मनोचिकित्सा सोचने के तरीकों को पहचानने और उन्हें बदलने में रोगी की मदद कर सकती है। यह थेरेपी तनाव, चिंता या हकलाने से संबंधित आत्म-सम्मान की समस्याओं को हल करने में भी मदद कर सकती है।
बच्चों को हकलाने (Stuttering or stammering) की समस्या से मुक्त करने में उनके माता-पिता की अहिम भूमिका होती है। यद्यपि हकलाने की समस्या का निवारण करने के लिए कोई भी प्रभावी दवा नहीं है। चूंकि हकलाने का उपचार, थेरेपी पर आधारित है तथा इसमें किसी भी प्रकार की दवा शामिल नहीं की जाती है, इसलिए उपचार प्रक्रिया के कोई संभावित दुष्प्रभाव नहीं हैं। लेकिन यदि मनोवैज्ञानिक चिकित्सा लंबे समय तक उचित परिणाम प्रदान नहीं करती, तो यह मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
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हकलाने (Stuttering or stammering) की समस्या की रोकथाम के लिए भाषण का पूर्वाभ्यास, हकलाना को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
अभ्यास करते समय निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए:
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हकलाने (Stuttering or stammering) के शारीरिक कारणों के उपचार में व्यायाम को प्रभावी माना जाता है। सामान्य तौर पर, जीभ, होंठ, जबड़े, श्वासनली और फेफड़ों के अलावा भाषण से सम्बंधित अंगों को शक्ति प्रदान करने और भाषण सम्बंधित कार्यों में सुधार लाने के लिए व्यायाम उपयोगी है। अतः कुछ मामलों में व्यायाम हकलाने को तीव्रता से कम करने में फायदेमंद दिखाया गया है। अतः हकलाने को कम करने के लिए सम्बंधित व्यक्ति को सोने से पहले रात में एकांत जगह पर विशिष्ट व्यायाम करने की सलाह दी जाती है, जो कि निम्न हैं:
एकांत में सम्बंधित व्यक्ति को जोर-ज़ोर से स्वर (ए, ई, आई, ओ और यू) का उच्चारण स्पष्ट रूप से करना चाहिए।
हर बार स्वरों का उच्चारण करते समय विभिन्न तरीकों से बोलने का प्रयाश करना चाहिए।
हकलाने के इस अभ्यास या व्यायाम में बिना किसी समस्या के जितना हो सके अपने मुंह को खोले और फिर जीभ की नोक से मुंह के ऊपरी भाग को छूने के लिए जीभ को ऊपर की ओर उठाएं और जीभ की नोक को पीछे की ओर खींचें। इसके बाद अपनी जीभ को मुंह के बाहर निकालकर ठुड्डी (दाढ़ी) को छूने का प्रयास करें। फिर कुछ सेकंड पश्चात् अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएँ। इस अभ्यास को 4-5 बार दोहराएं।
इस व्यायाम के अंतर्गत गहरी साँस लेना शामिल है। यह व्यायाम हकलाने से सम्बंधित भाषण विकारों को ठीक करने में बहुत प्रभावी है, क्योंकि इस अभ्यास के द्वारा श्वसन अंगों को मजबूत करने और न्यूरोमस्कुलर तनाव को शांत करने में मदद मिलती है। इस व्यायाम को निम्न तरीके से कर सकते हैं, जैसे:
इस अभ्यास तेजी से किसी भी बुक को पढ़ना शामिल है।
तेजी से पढ़ने से बाधाओं को कम करने में मदद मिल सकती है।
इस अभ्यास के लिए एक कोई भी बुक लें और भाषण की गुणवत्ता पर जोर दिए बिना बिना रुके तेजी से पढ़ें।
शब्दों को गलत तरीके से बोलने पर ध्यान न दें। यह अभ्यास, 2-3 महीने तक जारी रखें।
इससे मांसपेशियों में तनाव को कम करने और भाषण की सभी बाधाओं को दूर करने में मदद मिलेगी।
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वर्तमान में कोई भी विशेष खाद्य पदार्थ मौजूद नहीं है, जो कि हकलाने की (Stuttering or stammering) समस्या से मुक्ति पाने के लिए इस्तेमाल किया जा सके। लेकिन कुछ खाद्य आहार भाषण अंगों के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ हकलाने की उपचार प्रक्रिया में अपना योगदान दे सकते हैं। मध्यम मात्रा में हकलाने के लक्षणों को आंतरिक रूप से दूर करने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाना लाभकारी हो सकता है।
हकलाने को कम करने में फायदेमंद आहार में निम्न को शामिल किया जाता है, जैसे:
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