Hanumanasana in Hindi जानिए हनुमानासन करने के फायदे, हनुमानासन करने का तरीका, और सावधानियों के बारे में। हनुमानासन संस्कृत का एक शब्द है जहां हनुमान का अर्थ बंदर (monkey) और आसन का अर्थ मुद्रा (Pose) है। अंग्रेजी में इस आसन को मंकी पोज (Monkey pose) कहा जाता है। हनुमानासन का नाम हिंदू देवता हनुमान के नाम पर रखा गया है जिन्हें बंदर (monkey) का अवतार माना जाता है। यह एक इंटरमीडिएट स्तर का योग मुद्रा है जिसमें बजरंगबली की मुद्रा में शरीर को मोड़ते हैं। इस आसन की प्रारंभिक मुद्रा थोड़ी चुनौतीपूर्ण होती है क्योंकि इसमें शरीर को लचीला भी करना होता है। यह आसन जमीन पर आराम से बैठकर किया जाता है और लगातार सांस लेने और छोड़ने का भी अभ्यास किया जाता है। खासकर महिलाओं के लिए यह आसन बेहद की लाभकारी साबित होता है।
विषय सूची
1. हनुमानासन करने का तरीका – Steps of Hanumanasana (Monkey Pose) in Hindi
2. हनुमानासन करने के फायदे –Hanumanasana Benefits in Hindi
3. हनुमानासन करते समय सावधानियां – Precautions of Hanumanasana (Monkey Pose) in Hindi
यह एक ऐसा आसन है जो अन्य आसन से बहुत अलग है। शुरूआत में हनुमानासन का अभ्यास करना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। इसलिए शुरूआत में थोड़ी देर लेकिन सही तरीके से हनुमानासन का अभ्यास करना चाहिए। आइये जानते हैं हनुमानासन करने का तरीका(steps) क्या है।
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यह शरीर के ऊपरी हिस्से का आसन है जिसमे पूरे शरीर एवं पेट की मांसपेशियों (abdominal muscles) का मसाज हो जाता है। इस आसन को करने से स्वास्थ को विभिन्न फायदे होते हैं।
प्रतिदिन हनुमानासन करने से शरीर के अंदर जमा हानिकारक (harmful) पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा यह आसन पेट की मांसपेशियों का मसाज करने का काम करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। इसलिए शरीर को साफ रखने और दूषित हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने के लिए यह आसन किया जाता है।
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यह आसन प्रेगनेंट महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि यह प्रसव के दौरान होने वाले दर्द(labor pains) को कम करता है और बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। जो महिलाएं गर्भावस्था के पहली तिमाही में इस आसन का अभ्यास करती हैं उन्हें बच्चे को जन्म देने में अधिक परेशानी नहीं होती है।
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हनुमानासन का नियमित अभ्यास करने से साइटिका के दर्द(sciatic pain) से राहत मिलती है। यह आसन कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और उन्हें लंबा करता है। विशेषरूप से साइटिका के दर्द को दूर करने के लिए यह आसन बेहद फायदेमंद होता है।
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जिन लोगों को रात में नींद न आने की समस्या है उनके लिए हनुमानासन बहुत फायदेमंद होता है। इस आसन के दौरान सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया से स्ट्रेस और चिंता कम होती है और यह मस्तिष्क को राहत प्रदान करता है। इसलिए नींद की समस्या(Insomnia) दूर करने में यह आसन बहुत कारगर है।
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यह आसन पूरे शरीर में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है। हनुमानासन पैरों और कूल्हों (buttock) में खून के प्रवाह को बेहतर बनाता है। इसलिए ऐसे व्यक्ति जिनके इन अंगों में खून का प्रवाह बेहतर नहीं होता है उन्हें इस आसन (aasan) का अभ्यास जरूर करना चाहिए।
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यह आसन पेल्विक में खून के प्रवाह को बढ़ाने का कार्य करता है और प्रजनन अंगों(reproductive organs) को हल्का मसाज और टोन करने का काम भी करता है। यह आसन नितंबों की ओपनिंग के तनाव को कम करता है और महिलाओं में बांझपन की समस्या को दूर करने में सहायक होता है।
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चूंकि यह आसन करने से शरीर के पूरे ऊपरी हिस्से की एक्सरसाइज हो जाती है और विशेषरूप से यह पेट की मांसपेशियों को टाइट बनाता है और अतिरिक्त चर्बी को घटाने में मदद करता है। पेट, नितंबों(buttocks) और जांघों(thighs) के फैट को कम करने में यह आसन बहुत फायदेमंद होता है।
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इस आसन के दौरान लगातार सांस लेने और छोड़ने से फेफड़े(lungs) अच्छी तरह से खुल जाते हैं और अस्थमा के अटैक का खतरा कम हो जाता है। प्रतिदिन हनुमानासन का अभ्यास करने से श्वसन संबंधी बीमारियां दूर हो जाती हैं।
आसन का अभ्यास करते समय कुछ बिंदु हमेशा ध्यान में रखना चाहिए क्योंकि योगा या आसन सेहत के लिए जितना लाभकारी होता है, शरीर में कोई विशेष परेशानी होने पर आसन का अभ्यास करना हानिकारक भी हो सकता है। इसलिए हनुमानासन का अभ्यास करते समय ये सावधानियां बरतें।
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हनुमानासन कोई सामान्य(common) आसन नहीं है इसलिए इसे अपनी मर्जी से करने के बजाय डॉक्टर से सलाह ले लें क्योंकि यह आसन सही तरीके से नहीं करने से पूरे शरीर में दर्द भी पकड़ सकता है।
यदि शरीर में किसी तरह की चोट(injury) लगी हो तो हनुमानासन का अभ्यास करने से परहेज करें।
यदि पैरों या जोड़ों में दर्द हो तो हनुमानासन का अभ्यास (practice) नहीं करना चाहिए।
पीठ और कमर में कोई चोट लगी हो या दर्द हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए अन्यथा रीढ़ की समस्या अधिक बढ़ सकती है।
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