Harsingar in Hindi हरसिंगार को नाइट जैस्मीन (Night Jasmine) और पारिजात (Parijat) के नाम से भी जाना जाता है। हरसिंगार कई लाभदायक गुणों से भरपूर होता है और इसके पेड़ पतले लेकिन लंबे और फूल सफेद और बीच से संतरे के रंग के होते हैं। हरसिंगार का उपयोग तरह-तरह की बीमारियों के इलाज में पत्ते (harsingar leaves cure disease in hindi) और फूलों का उपयोग किया जाता है। हरसिंगार के फायदे (Harsingar ke fayde) औषधीय गुण के कारण हरसिंगार विकारों को दूर करने में काफी लोकप्रिय है। आज के लेख में आप हरसिंगार के फायदे और हरसिंगार के नुकसान के बारें में जानेगे।
आपको बता दें कि हरसिंगार के पत्तियों में बेंजोइक एसिड, फ्रक्टोज, ग्लूकोज, कैरोटिन, एस्कॉर्बिक एसिड जैसे कई तरह के पोषक तत्व पाये जाते हैं। जबकि हरसिंगार के फूलों में ग्लाकोसाइड्स होता है और इससे गुणकारी आवश्यक ऑयल निकाले जाते हैं। हरसिंगार के बीज में पाल्मिटिक, ओलेइक और मिरिस्टिक एसिड पाया जाता है। हरसिंगार के छाल में एल्केनॉयड और ग्लाइकोसाइड्स की मात्रा होती है। हरसिंगार के फूलों में कवकरोधी और विषाणुरोधी गुण पाया जाता है। इन सारे पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण हरसिंगार का उपयोग बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
औषधीय गुणों से भरपूर हरसिंगार में एंटीवायरस और एंटीफंगल गुण पाये जाते हैं जो शरीर को इंफेक्शन से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा हरसिंगार का उपयोग डेंगू, चिकनगुनिया, अर्थराइटिस जैसी कई दिक्कतों को दूर करने में किया जाता है। आइये जानते हैं कि हरसिंगार किन-किन बीमारियों को दूर करने में लाभदायक होता है।
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बूढ़े लोगों में अर्थराइटिस (Arthritis) की समस्या आम बात है लेकिन आजकल यह वयस्कों को भी प्रभावित कर रही है। अर्थराइटिस के बेतहाशा दर्द और सूजन से निजात दिलाने में हरसिंगार की पत्तियां बहुत ही ज्यादा कारगर साबित होती हैं। अगर आप अर्थराइटिस से पीड़ित हैं तो हरसिंगार के पत्ते के पावडर को एक कप पानी में उबालकर और इसे ठंडा करके पीने से अर्थराइटिस के दर्द में राहत मिलता है। हरसिंगार का उपयोग प्रतिदिन करने से यह समस्या पूरी तरह दूर हो जाती है।
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मलेरिया के वजह से हुए बुखार को ठीक करने में भी हरसिंगार की पत्तियां बहुत लाभदायक होती है। यह शरीर के उच्च तापमान को कम करती हैं। इसके अलावा डायरिया और जी मिचलाने (nausea) और उल्टी की समस्या से भी राहत प्रदान करती हैं जो आमतौर पर मच्छरों के काटने से व्यक्ति को अमूमन होता है। हरसिंगार के पत्तियों में बीमारियों को ठीक करने के गुण होते हैं जिससे यह मलेरिया परजीवी (parasites) को खत्म करने में मदद करती हैं।
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हरसिंगार की पत्तियों को रोज खाने से अस्थमा जैसी बीमारी के लक्षण कम हो जाते हैं। हालांकि यह अस्थमा को पूरी तरह ठीक नहीं करता है लेकिन इसके लक्षणों को इतना कम जरूर कर देता है कि व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई नहीं होती है।
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मुक्त कण हमारे शरीर की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त कर देते हैं जिसकी वजह से शरीर में कई बीमारियां पैदा होने लगती हैं। इसे ऑक्सीडेटिव डैमेज (oxidative damage) कहते हैं। इन कोशिकाओं को टूटने से बचाने के लिए एंटीऑक्सीडेंट की जरूरत पड़ती है। हरसिंगार में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो मुक्त कणों को दूर करता है। इसके अलावा हरसिंगार कैंसर कोशिकाओं के विकास को भी रोकता है और बढ़ती उम्र के लक्षणों को भी कम करता है। हरसिंगार के फूलों के ऑयल से शरीर पर मसाज करने से बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
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हरसिंगार का तेल ई-कोलाई नामक बैक्टीरिया से लड़ता है और फंगल इंफेक्शन से शरीर की रक्षा करता है। इसके अलावा यह ऑयल इनसिफैलोमायोकार्डिटिस (encephalomyocarditis), कार्डियो वायरस (cardiovirus) और सेमलिकी फॉरेस्ट वायरस को नष्ट करता है। हरसिंगार का ऑयल ब्लैकहेड्स और पिंपल को भी दूर करने में बहुत सहायक होता है।
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धूम्रपान करने से ब्रोंकाइटिस (bronchitis), फेफडे में समस्या और गले में इंफेक्शन जैसी कई अन्य वजहों से कफ की समस्या हो जाती है। इससे व्यक्ति को हमेशा गले में कुछ अटका हुआ सा महसूस होता है। कुछ गंभीर मामलों में कफ की वजह से नींद कम आती है जिससे थकान और स्ट्रेस महसूस होता है। इस स्थिति में यदि प्रतिदिन हरसिंगार के पत्तियों को चबाया जाये तो कफ की समस्या जड़ से दूर हो सकती है।
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पेट में गैस की समस्या व्यक्ति को अधिक परेशान करती है जिसकी वजह से पेट में दर्द तो होता ही है और चक्कर भी आने लगता है। हरसिंगार की पत्तियां प्रतिदिन चबाने से पेट का दर्द दूर होता है और गैस से जुड़ी परेशानी भी आसानी से दूर हो जाती है।
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यदि आप रिंगवर्म या दाद की समस्या से परेशान हैं तो हरसिंगार की पत्तियां इस समस्या को दूर करने में बहुत लाभकारी होती हैं। हरसिंगार की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें और प्रभावित स्थान पर लगाने से दाद की समस्या दूर हो जाती है।
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हालांकि चिकनगुनिया और डेंगू एक गंभीर बीमारी है और इससे पीड़ित व्यक्ति को बिना देर किए अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है लेकिन हरसिंगार का सेवन करने से पीड़ित व्यक्ति में चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण कम हो जाते हैं। इस बीमारी में प्लेटलेट की संख्या (platelet count) तेजी से गिरती है। इस स्थिति में हरसिंगार के औषधीय गुण ब्लड प्लेटलेट को बढ़ाने में बहुत सहायक होते हैं। हरसिंगार की पत्तियां प्रतिदिन खाने से इस बीमारी में राहत मिलती है।
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आपको बता दें कि हरसिंगार कई लाभकारी गुणों से युक्त होता है। इसका उपयोग रूसी, जूं, सिर चकराना, चिंता, स्कर्वी और एसिडिटी के लक्षणों को दूर करने में किया जाता है। इसके अलावा यह हाई ब्लड प्रेशर, सियाटिका (sciatica) और मासिक धर्म में ऐंठन को कम करता है। सांप के काटने पर भी हरसिंगार का उपयोग किया जाता है। एक स्टडी में पाया गया है कि हरसिंगार कुछ हद तक बवासीर के इलाज में भी उपयोग किया जाता है।
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ऊपर लेख में आपने जाना की हरसिंगार के फायदे गुण लाभ क्या है अब हम आपको हरसिंगार के नुकसान (harsingar ke nuksan in Hindi) के बारें में बताने जा रहे है
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