Hatha Yoga In Hindi माना जाता है कि प्राचीन काल में योगियों और मुनियों द्वारा हठयोग का अभ्यास किया जाता था। लेकिन समय के साथ यह आम लोगों के बीच भी काफी लोकप्रिय हो गया। अन्य योग मुद्राओं की तरह हठ योग भी शरीर के विभिन्न विकारों को दूर करने और खोयी हुई मानसिक शांति को वापस लौटाने और मन को शांत रखने, संकल्प शक्ति बढ़ाने और आत्मा की रहस्यमयी शक्तियों को जगाने का कार्य करता है। आजकल विभिन्न स्थानों पर लोगों को हठ योग सीखाया जाता है ताकि इसके माध्यम से लोग अपने जीवन को बेहतर बना सकें। आइये हठयोग क्या है, करने का तरीका, विभिन्न हठयोग मुद्राएं और फायदे को जानते है।
विषय सूची
1. हठयोग का मतलब क्या है – What Is Hatha Yoga in Hindi
2. हठयोग की मुद्राएं – Different Hatha Yoga Poses in Hindi
3. हठयोग कैसे करे और हठ योग करने का तरीका – How to do Hatha Yoga in Hindi
4. हठयोग प्रदीपिका – hatha yoga pradipika in Hindi
5. हठयोग के लाभ – Benefits of Hatha Yoga in Hindi
- हठ योग के फायदे स्वस्थ हृदय के लिए – Hatha Yoga Benefits for Healthy Heart in Hindi
- अस्थि घनत्व बढ़ाने के लिए हठ योग के लाभ – Hatha Yoga for More Bone Density in Hindi
- साफ और चमकदार त्वचा के लिए हठ योग के फायदे – Hatha Yoga for Clear and Shiny Skin in Hindi
- हठ योग के फायदे पीठ और कमर दर्द के लिए – Hatha Yoga Treats a Backache in Hindi
- तनाव दूर करने के लिए हठ योग के लाभ – Hatha Yoga Benefits for Stress in Hindi
- हठ योग के लाभ इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए – Hatha Yoga Benefits for Builds immunity in Hindi
हठयोग का मतलब क्या है – What Is Hatha Yoga in Hindi
हठयोग कई प्रकार के योगासन की एक श्रृंखला है। हठ योग हठ के दो शब्दों ‘ह’ (Ha) और ‘ठ’ (tha) से मिलकर बना है जहां ह का अर्थ सूर्य (sun) और ठ का अर्थ चंद्रमा (moon) होता है और योग (Yoga) दोनों को जोड़ने का कार्य करता है। हठ योगा का अर्थ अपने शरीर में सूर्य और चंद्रमा को संतुलन में लाना होता है। सूर्य और चंद्रमा का एक साथ संतुलन की अवस्था में स्थित होना ही हठयोग कहलाता है। इन्हें मनुष्य के शरीर का दो स्तंभ माना जाता है। सूर्य की जीवनीय शक्ति व्यक्ति के हृदय के जरिए प्रवेश करके सांसों को नियंत्रित करना सिखाती है और रक्त का संचार करती है।
हठयोग की मुद्राएं – Different Hatha Yoga Poses in Hindi
हठ योग के अंतर्गत कई तरह की मुद्राएं आती हैं। जिनका अभ्यास अलग अलग तरीके से किया जाता है। हठ योग की मुद्राओं का अभ्यास शरीर के विकारों और समस्याओं के ऊपर भी निर्भर होता है। हठयोग की प्रत्येक मुद्रा अलग अलग तरह के विकारों से छुटकारा दिलाने के लिए जानी जाती है। इसलिए व्यक्ति जिस समस्या से ग्रसित होता है उसे उसके आधार पर ही हठयोग मुद्रा करने की सलाह दी जाती है। हठयोग की कुछ लोकप्रिय मुद्राएं निम्न हैं।
- वृक्षासन (Tree Pose)
- ताड़ासन (Mountain Pose)
- अधोमुख शवासन (Downward-Facing Dog Pose)
- बद्ध कोणासन (Cobbler Pose)
- पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend Pose)
- सेतु बंधासन (Bridge Pose)
- बालासन (Child Pose)
- शलभासन(Locust Pose)
- उत्तानासन (Standing Forward Bend Pose)
हठयोग कैसे करे और हठ योग करने का तरीका – How to do Hatha Yoga in Hindi
जैसा कि हम बताया जा चुका है, हठ योग कई मुद्राओं की एक श्रृंखला है। इसलिए हठ योग क्रमानुसार किया जाता है। हठ योग एक कठिन अभ्यास है और इसे करने का सही तरीका सीखने के बाद ही अभ्यास करना चाहिए। इसलिए आप हठ योग कि क्लास ज्वाइन कर सकते हैं। हालांकि प्रत्येक जगह हठ योग का अलग अलग तरीके से अभ्यास कराया जाता है। आइये जानते हैं हठ योग करने का तरीका क्या है।
- हठ योग सूर्य नमस्कार से शुरू करें। सूर्य नमस्कार के सभी स्टेप्स पूरी करके आप सूर्य की आराधना करें।
- इसके बाद आप आसन करें। अगर आप किसी शारीरिक समस्या से जूझ रहे हों तो अपने योग टीचर से सलाह लेकर आसन करें। आसन शरीर के सभी विकारों को दूर करने में मदद करता है।
- हठयोग का तीसरा चरण “मेडिटेशन” यानि ध्यानासन का होता है। जमीन पर आंखें बंद करके आराम की मुद्रा में बैठ जाएं और अपने शरीर को मन से जोड़ने के लिए ध्यान लगाएं, आंखें बंद रखें और मन को नियंत्रित करने की कोशिश करें।
- हठ योग के चौथे चरण में योग मुद्राओं का अभ्यास किया जाता है। आप विभिन्न तरह की मुद्राओं का अभ्यास कर सकते हैं। मुद्राएं मन को आत्मा से मिलाने का काम करती हैं।
- पांचवें चरण में बंध का अभ्यास किया जाता है। हठयोग की श्रृंखला में इसे बेहद जरूरी माना जाता है। इसमें आपको शरीर के किसी हिस्से को एक खास मुद्रा में बांधकर और अपने सांसों को रोककर शरीर को एक ही अवस्था में यानि स्थिर रखना होता है।
- इसके बाद प्राणायाम किया जाता है। यह हठयोग का छठवां चरण होता है। प्राणायाम का अभ्यास अपने इंद्रियों पर नियंत्रण करने के लिए किया जाता है। यह शरीर की व्याधियां दूर करने का काम करता है।
- हठयोग के आखिरी चरण में कुंडलिनी जागरण योग किया जाता है। यह शरीर की गुप्त शक्तियों को जगाने का काम करता है। जब ये शक्तियां जागृत हो जाती हैं तब व्यक्ति का अपने आत्मा से मिलन हो जाता है।
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हठयोग प्रदीपिका – Hatha yoga pradipika in Hindi
हठयोग प्रदीपिका हठयोग से सम्बन्धित प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ की रचना 15वीं शताब्दी में हुई। इस ग्रन्थ के कई अलग-अलग नाम मिलते हैं जिसमे हठप्रदीपिका, हठयोगप्रदीपिका, हठप्रदी, हठ-प्रदीपिका आदि नाम शामिल हैं, हठयोग की रचना गुरु गोरखनाथ के शिष्य स्वामी स्वात्माराम ने की थी। यह हठयोग के प्राप्त ग्रन्थों में सर्वाधिक प्रभावशाली ग्रन्थ माना जाता है। हठयोग के दो अन्य प्रसिद्ध ग्रन्थ हैं जहां हठ योग का वर्णन किया गया है – घेरण्ड संहिता तथा शिव संहिता।
इस ग्रन्थ में चार अध्याय हैं जिनमें आसन, प्राणायाम, चक्र, कुण्डलिनी, बन्ध, क्रिया, शक्ति, नाड़ी, मुद्रा आदि विषयों का वर्णन है। इसके चार उपदेशों के नाम निम्न हैं-
- प्रथमोपदेशः – इसमें आसनों का वर्णन है
- द्वितीयोपदेशः – इसमें प्राणायाम का वर्णन है
- तृतीयोपदेशः – इसमें योग मुद्राओं का वर्णन है
- चतुर्थोपदेशः – इसमें समाधि का वर्णन है।
हठयोग के लाभ – Benefits of Hatha Yoga in Hindi
अन्य योगासनों की अपेक्षा हठयोग के फायदे अधिक होते हैं। चूंकि यह कई तरह के आसनों का योग होता है इसलिए इसका अभ्यास करने से व्यक्ति को बहुत ही जल्द और प्रभावी फायदे महसूस होते हैं। हालांकि इन फायदों को प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से हठयोग का अभ्यास करना बेहद जरूरी है। आइये जानते हैं हठयोग के फायदे क्या होते हैं।
हठ योग के फायदे स्वस्थ हृदय के लिए – Hatha Yoga Benefits for Healthy Heart in Hindi
हठ योग के फायदे प्राप्त करने के लिए इस योग के प्रति समर्पण जरूरी है। नियमित रूप से हठ योग करने से हृदय संबंधी बीमारियां जैसे हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम होता है। हठ योग हृदय में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है जिसके कारण हृदय स्वस्थ और मजबूत होता है।
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अस्थि घनत्व बढ़ाने के लिए हठ योग के लाभ – Hatha Yoga for More Bone Density in Hindi
हठ योग के अंतर्गत कई तरह के पोज आते हैं जिनका नियमित रूप से अभ्यास करने से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है। शरीर की हड्डियों का मजबूत होना हर उम्र के लोगों के लिए आवश्यकत है क्योंकि हड्डियां कमजोर होने पर एक समय के बाद इसमें लचीलापन आ जाता है और व्यक्ति को ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) एवं ऑस्टियोपेनिया (osteopenia) की समस्या हो जाती है। रोजाना हठ योग करने से रीढ़ की हड्डी और फीमर (femur) मजबूत होती है जिससे इनका घनत्व बढ़ता है।
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साफ और चमकदार त्वचा के लिए हठ योग के फायदे – Hatha Yoga for Clear and Shiny Skin in Hindi
हठ योग को शत क्रिया अभ्यास (Shat-kriya practices) माना जाता है जो शरीर के अंदर से अशुद्धियों को बाहर निकालता है। यह शरीर की त्वचा पर अंदर से निखार लाने में मदद करता है जिसके कारण त्वचा साफ सुथरी दिखायी देती है और चमकती है। जिस तरह योगासन करने से चेहरे और शरीर की त्वचा निखरती है, हठयोग के फायदे भी ठीक उसी तरह से होते हैं।
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हठ योग के फायदे पीठ और कमर दर्द के लिए – Hatha Yoga Treats a Backache in Hindi
कई प्रकार के रिसर्च में पाया गया है कि हठ योग का अभ्यास करने से पीठ और कमर के दर्द से छुटकारा मिल जाता है। हठ योग के कुछ मुख्य पोज शरीर के पिछले हिस्से के दर्द को दूर करने के लिए औषधि का काम करते हैं और पीठ के दर्द से राहत प्रदान करते हैं। इसके अलावा हठयोग करने से रीढ़ की हड्डी का दर्द भी दूर हो जाता है।
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तनाव दूर करने के लिए हठ योग के लाभ – Hatha Yoga Benefits for Stress in Hindi
हठ योग तनाव से मुक्ति पाने का एक प्राकृतिक तरीका है। चटाई पर बैठकर हठ योग करने से मानसिक शांति मिलती है और मन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। मानसिक रोगियों और डिप्रेशन, चिंता और तनाव से जूझ रहे लोगों के लिए हठ योग अत्यधिक फायदेमंद है।
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हठ योग के लाभ इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए – Hatha Yoga Benefits for Builds immunity in Hindi
इस योग का अभ्यास करते समय शरीर की मांसपेशियों में संकुचन और खिंचाव उत्पन्न होता है और शरीर के अंगों में गति होती है जिसके कारण लिम्फ का अपवाह (drainage) बढ़ता है। लिम्फैटिक सिस्टम संक्रमण, कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का कार्र करता है जिससे कि शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है।
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