Headphone Side Effect in Hindi: क्या आप भी हेडफोन लगा कर गाने सुनते है? यदि हां तो सावधान हो जाईयें, यह आपके लिए बहुत खतरनाक हो सकता हैं। क्योंकि यह ना केवल आपके कानों को नुकसान पहुंचाता है बल्कि आपके दिमाग और शरीर को भी कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। अपनी पसंद का संगीत सुनना किसे पसंद नहीं है, पसंदीदा संगीत आपके मूड को ठीक कर सकता है और तनाव को दूर करता हैं। आज कल संगीत सुनाने के लिए हेडफोन का फैशन चल रहा है जो संगीत को सुनने के लिए एक बेहतरीन गैजेट्स है। आज हममें से लगभग हर कोई अपने हेडफ़ोन के साथ संगीत सुनना पसंद करते है। टेक्नोलॉजी यदि एक ओर वरदान है तो दूसरी ओर अभिशाप भी है। अधिक हेडफोन का प्रयोग करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता हैं और इससे दुर्घटना भी हो सकती हैं। आइये हेडफ़ोन पर संगीत सुनने के दुष्प्रभावों को विस्तार से जानते हैं।
जीवन में बढ़ती टेक्नालजी की भूमिका अपने साथ कई तरह की समस्याएं लेकर आ रही है। इन्हीं सुबिधाओं में शामिल हैं ईयरफोन या हेडफोन का दिनप्रतिदिन बढ़ता इस्तेमाल, जिसके ज्यादा देर तक उपयोग करने से आपको अपने कानों से सम्बन्धित कई प्रकार की समस्यों का सामना करना पड़ सकता है। एक स्टडी के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति रोज एक घंटे से अधिक समय तक 80 डेसीबेल्स या उससे अधिक तेज आवाज में ईयरफोन या हेडफोन लगाकर संगीत सुनता है, तो उस व्यक्ति को सुनने में संबंधित कई प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है या फिर वह स्थायी रूप से बहरा भी हो सकता है।
विषय सूची
इयरफोन को कानो के अंदर डालकर इस्तेमाल किया जाता है जबकि हेडफोन को कानों के ऊपर सिर की सहायता से या सिर के ऊपर से कानो को बाहर से दबाकर इस्तेमाल किया जाता है। हेडफोन और इयरफोन दोनों आपकी सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं जबकि आपकी सेहत पर उनकी तेज वोल्यूम और गाने सुनने का टाइम असर डालता है।
अगर आप भी ईयरफोन का ज्यादा देर तक इस्तेमाल करते हैं तो समय रहते संभल जाइये क्योंकि यह ना केवल आपके कानों को नुकसान पहुंचाता है बल्कि आपके दिमाग और शरीर को भी कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। आज हम आपको ईयरफोन का ज्यादा देर तक इस्तेमाल करने से होने वाले नुकसान के बारे में बता रहें है।
ज्यादा देर तक हेडफोन और इयरफोन का इस्तेमाल करने से होने वाले नुकसान निम्न है-
अधिक हेडफोन का प्रयोग करने से लोगों में कम सुनाई देने का समस्या उत्पन्न हो जाती हैं। लगभग सभी हेडफ़ोन आपके कानों को उच्च-डेसिबल ध्वनि तरंगों को निकलते हैं जो कि आपके कानों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। यदि आप उच्च वॉल्यूम पर संगीत सुनते हैं जो 90 डेसिबल के बराबर या अधिक है तो यह आपके कानों की सुनने की क्षमता को ख़त्म कर सकता है जो कि बहरापन का कारण बन सकता हैं। इसलिए हेडफोन पर संगीत एक निश्चित समय तक ही सुने और इसके अलावा, इसकी ध्वनि तीव्रता को एक मध्यम स्तर पर बनाए रखें।
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घंटों तक अपने कानों में ईयरफोन लगा कर गाने सुनने से आपके कान भी सुन्न हो सकते हैं। हेडफोन लगाकर गाने सुनना सभी को पसंद होता हैं पर लंबे समय तक गाने सुनना आपके कानों की सुनने की क्षमता को स्थाई रूप से ख़त्म कर सकता हैं। यदि आप भी इस प्रकार की आदत से परेशान है तो अभी इस आदत को कम कर दें नहीं तो इसके परिणामस्वरूप आप स्थायी रूप से सुनने की शक्ति को खो सकते हैं।
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लंबे समय तक कानों में ईयरफोन लगाने से कानों में दर्द हो सकता हैं। कानों में दर्द का कारण कान में ईयरफोन की खराब फिटिंग हो सकती है। खराब फिटिंग हेडसेट के कारण होने वाला यह दर्द आंतरिक कान तक बढ़ सकता है। इससे कान के आसपास के जबड़े से लेकर सिर के ऊपर तक दर्द होता है। बैरट्रोमा (Barotrauma) कान का दर्द तब होता है जब कोई शक्तिशाली स्पीकर के साथ हेडफ़ोन का उपयोग करता है जो कि ईयरड्रम (eardrum) अर्थात कान के पर्दा पर अधिक वायु दबाव डालता है। हेडफोन का प्रयोग करने से ईयरड्रम पर दबाव होता है, यह दबाव अंदर के और बाहर के दबाव में अंतर बना देता है जो कि हेडफोन के कारण होता है और इसके कारण कान में दर्द होने लगता हैं।
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हेडफोन पर अधिक गाने सुनने से आपके कान में हवा पास नहीं हो पाती है, जिसके कारण संक्रमण होने का खतरा अधिक हो जाता है। आजकल अधिकांश उच्च-गुणवत्ता वाले हेडफ़ोन को आपको उन्हें कान की नली (ear canal) में रखने की आवश्यकता होती है, जो कि ईयरड्रम के बहुत करीब है। ये इयरफ़ोन आपको एक अद्भुत संगीत अनुभव दे सकते हैं, लेकिन आपके लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। यदि आप कई घंटों के लिए इन इयरफ़ोन का उपयोग कर रहें है तो आप वायु नलिका में हवा के प्रवाह को प्रतिबंधित कर रहे हैं और यह कान के संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील होता है।
आपके कान में संक्रमण होने का खतरा हेडफ़ोन या ईयरफ़ोन के कारण भी हो सकता हैं। यदि आप हेडफोन का उपयोग करते हैं तो आप अपना हेडफोन किसी को उपयोग करने के लिए ना दें। इयरफ़ोन साझा करने से अवांछित संक्रमण हो सकता है। अगर आप अपने हेडफोन किसी को देते भी है तो उसका प्रयोग करने से पहले हेडफ़ोन या ईयरफ़ोन अच्छी तरह से साफ कर लें।
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कान के अलावा हेडफोन के प्रयोग से मस्तिष्क पर भी बुरा प्रभाव पड़ता हैं। मस्तिष्क पर प्रभाव हेडफ़ोन द्वारा उत्पन्न विद्युत चुम्बकीय तरंगों के कारण होता है। यह विद्युत चुम्बकीय तरंगे लंबे समय में मस्तिष्क के लिए समस्याएं पैदा कर सकती हैं। इसके अलावा, हमारे आंतरिक कान का मस्तिष्क के साथ संबंध है, इसलिए कान में कोई क्षति या संक्रमण भी मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है। इसलिए आपको हेडफोन का उपयोग आवश्यकता से अधिक नहीं करना चाहियें।
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इयरफ़ोन का अधिक उपयोग करने से आपका जीवन को गंभीर खतरे हो सकते हैं। संगीत सुनते हुए सड़क पर चलना, आपको दुनिया के बाकी हिस्सों से अलग करता है और आपको इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। हाल के दिनों में बाहरी वातावरण से अंजान होकर संगीत सुनने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इस प्रकार जब आप विशेष रूप से बाहर, सड़क पर घूम रहे हैं, तो जितना संभव हो सके हेडफ़ोन के उपयोग से बचें। बाइक चलाते समय भी आप हेडफोन का प्रयोग ना करें।
कान में शोर होना एक प्रकार की बीमारी है जिसको टिनिटस (Tinnitus) कहा जाता हैं। यह ज्यादातर अत्यधिक तेज शोर के संपर्क में आने के कारण होता है, इसके कारण आपको ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि आपके कान बज रहें हों या कान गूंज रहें हों। कोक्लीअ (cochlea) जो कि कान का एक भीतरी हिस्सा है, यह तेज ध्वनि के कारण आपके बालों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। बाल कोशिकाएं (hair cells) ध्वनि तरंगों को तंत्रिका संकेतों में बदल देती हैं जो मस्तिष्क से संबंधित होती हैं। लेकिन जब मस्तिष्क तंत्रिका संकेतों को ठीक से प्राप्त नहीं करता है तो कर्णावत (cochlear) बाल कोशिकाओं द्वारा लापता इनपुट के लिए क्षतिपूर्ति करने के लिए असामान्य तंत्रिका संकेतों का उत्पादन करता है। यह विद्युत शोर टिनिटस के रूप में जाना जाता है।
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अधिक हेडफोन का प्रयोग करने से हाइपराक्युसिस जैसे रोग भी हो सकते हैं। हाइपराक्युसिस जैसी समस्या आपके सामान्य पर्यावरणीय ध्वनियों की संवेदनशीलता को बढ़ा देती है। आज 63 प्रतिशत टिनिटस रोगियों में से भी हाइपरकेसिस से पीड़ित हैं।
चक्कर आना आना भी हेडफोन अधिक प्रयोग करना का एक दुष्प्रभाव है। हेडफोन से तेज आवाज आने के कारण कान नहर (ear canal) में बढ़ते दबाव बढ़ता है जिसके कारण चक्कर भी आ सकते है।
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मनोवैज्ञानिक तनाव और चिंता में वृद्धि शोर के वातावरण में रहने वाले लोगों में आधिक पाईं जाती है। हेडफोन एक व्यक्ति के सामाजिक जीवन, मानसिक स्वास्थ्य और अच्छे स्तरों पर प्रदर्शन करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
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बहुत से लोग मानते हैं कि संगीत सुनने के दौरान गणित करना अच्छा है लेकिन सच्चाई कुछ अलग है। कुछ शोधकर्ताओं ने इस पर अध्ययन किया तो पाया कि ऐसा करने से आप अपना फोकस खोते है। संगीत सुनने के दौरान हेडफ़ोन का अत्यधिक उपयोग अक्सर फ़ोकस को बदल देता है। इससे किसी भी समय आपके प्रोफेशनल लाइफ में बाधा आ सकती है। अध्ययनों से संकेत मिलता है कि शोर-शराबे वाले वातावरण के संपर्क में आने वाले बच्चों का मानकीकृत परीक्षणों पर कम मूल्यांकन स्कोर होता है।
इस ईयरफोन या हेडफोन के नुकसान से बचने के लिए इनका इस्तेमाल कम से कम करने की आदत डालें। हमेशा अच्छी क्वालिटी के हेडफोन्स या ईयरफोन्स का प्रयोग करें। हो सके तो ईयरफोन की जगह हेडफोन का प्रयोग करें क्योंकि यह सिर के सहारे बाहरी कान में लगे होते हैं। अगर आपको कई घंटों तक ईयरफोन लगाकर काम करना पड़ रहा है, तो काम के बीच हर एक घंटे पर कम से कम 5 मिनट का ब्रेक लें।
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