रुद्राक्ष पहनने के फायदे, आयुर्वेद में रुद्राक्ष को एक पवित्र पौधा माना जाता है। रुद्राक्ष को आयुर्वेदिक ग्रंथों में संजीवनी की तरह माना जाता है क्योंकि इसके रोगों और विकारों की रोकथाम के गुण पाया जाता है। प्राचीन काल से ही स्वास्थ्य लाभ के लिए इसका उपयोग किया जाता है। हालांकि कुछ संप्रदायों में पारंपरिक रुप से प्रार्थना माला के लिए यह इस्तेमाल किया जाता है। यह जैविक आभूषण (organic ornament) या माला के रूप में उपयोग किया जाता रहा है जिसे आमतौर पर या तो हाथ या गर्दन या दोनों में पहना जाता है। इस आर्टिकल में हम स्वास्थ्य के लिए रुद्राक्ष के फायदों के बारे में बारे में बताने जा रहे हैं।
विषय सूची
रुद्राक्ष शब्द हिंदू धर्म से संबंधित है। मूल रूप से, रुद्राक्ष एक पेड़ है जो इंडोनेशिया, नेपाल, जावा, बर्मा और सुमात्रा के पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। रुद्राक्ष के पत्ते हरे रंग के होते हैं और इसके फल भूरे रंग के होते हैं और स्वाद में खट्टा (sour) होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार भगवान शिव ने लंबी अवधि के योग ध्यान के बाद अपनी आंखें खोलीं तो अचानक तीव्र भावनाओं के कारण उनके आंख से आंसू निकलने लगे। इसी आंसू से रुद्राक्ष के वृक्ष की उत्पत्ति हुई है। रुद्राक्ष जैविक (organic) होता है और इसमें धातु नहीं होता है जिसके कारण इसे पहनना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
आमतौर पर रुद्राक्ष एक नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर होता है। यही कारण है कि यह स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। आइये जानते हैं कि रुद्राक्ष में कौन कौन से औषधीय गुण पाये जाते हैं।
रुद्राक्ष में एंटासिड, एंटी अर्थराइटिस, एंटी इंफ्लैमेटरी, एंटी हाइपरटेंसिव, एंटीपाइरेटिक, शांतिदायक (Demulcent), वायुनाशी (Carminative), कफोत्सारक (Expectorant), पाचन उत्तेजक, एंटी कैंसर, हाइपोग्लासेमिक, एंटीऑक्सीडेंट, एनलजेसिक, एंटी स्ट्रेट, एंटीडिप्रेसेंट आदि गुण पाये जाते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि रुद्राक्ष पहनने के फायदे सेहत से भी जुड़े हुए हैं। रुद्राक्ष स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक माना गया है, हमारे धार्मिक ग्रंथों में रुद्राक्ष के महत्व की खूब चर्चा की गई है, एक मुखी से लेकर चौदह मुखी हर तरह का रुद्राक्ष किसी न किसी रूप में लाभकारी बताया गया है। आइये जानतें हैं रुद्राक्ष पहनने के फायदे क्या होते हैं
बुखार में व्यक्ति को बेहतर महसूस कराने के लिए रुद्राक्ष सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। इसके अमेलियोरेटिव प्रभाव होते हैं। शोध से पता चलता है कि इसमें प्रतिरक्षा उत्तेजक (immune stimulatory) गुण भी पाया जाता है। इस प्रकार यह संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है। 1 से 3 ग्राम रुद्राक्ष चूर्ण को गर्म पानी के साथ लेने से तेज बुखार के कारण बेचैनी, शरीर में दर्द और जलन कम होती है। आमतौर पर कम ही घरों में बुखार के कारण शरीर के दर्द को दूर करने के लिए लोग रुद्राक्ष का उपयोग करते हैं। लेकिन रुद्राक्ष बुखार के कारण होने वाली अत्यधिक बेचैनी (restlessness) और चिड़चिड़ापन (irritability) को दूर करने में बहुत मददगार साबित होता है।
(और पढ़े – बुखार कम करने के घरेलू उपाय…)
शोध से पता चलता है कि रुद्राक्ष में मधुमेह विरोधी (anti-diabetic) प्रभाव होता है। इसलिए मधुमेह रोगियों के लिए रूद्राक्ष किसी रामबाण से कम नहीं होता है। नीम के पत्तों के 10 मिलीलीटर रस के साथ 1 ग्राम रुद्राक्ष चूर्ण लेने से रक्त शर्करा (blood sugar) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इससे मधुमेह रोगियों को बहुत फायदा पहुंचता है। कुछ मामलों में रुद्राक्ष को नीम के पत्तों के रस (neem juice) में मिलाकर सेवन करने से डायबिटीज के लिए दवा खाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
(और पढ़े – मधुमेह को कम करने वाले आहार…)
रुद्राक्ष में एंटीहाइपरटेन्सिव और कार्डियो प्रोटेक्टिव प्रभाव होते हैं, इसलिए यह उच्च रक्तचाप (Hypertension) को नियंत्रित करने के लिए एक अच्छा वैकल्पिक उपाय है। शोध में बताया गया है कि तांबे के बर्तन (copper vessel) में रुद्राक्ष को पानी में भिगोना, फिर इसे सुबह खाली पेट पीना उच्च रक्तचाप के लिए अधिक फायदेमंद है। वास्तव में तांबा रुद्राक्ष के एंटी हाइपरटेंसिव गुण को बढ़ा देता है। एक तांबे के बर्तन में 250 मिलीलीटर पानी लें और रुद्राक्ष को इस पानी में रात भर भिगो दें। सुबह खाली पेट पानी पीएं। इसके अलावा, 2 ग्राम रुद्राक्ष पाउडर को तांबे के बर्तन में पानी डालकर रखें और फिर इसका सेवन करें।
(और पढ़े – हाई ब्लड प्रेशर में क्या खाएं क्या नहीं खाएं…)
रुद्राक्ष चिकनपॉक्स के लक्षणों की गंभीरता (severity) को कम करने में मदद करता है। यह अस्वस्थता (malaise), थकान और सिरदर्द को कम करता है। इसके अलावा, यह चिकन पॉक्स के चकत्ते (rashes) पर जलन और दर्द को कम करता है। चिकन पॉक्स होने पर यह तेजी से व्यक्ति को ठीक करने में सहायक होता है। यही कारण है कि चेचक निकलने पर ज्यादातर लोग रुद्राक्ष का उपयोग करते हैं।
(और पढ़े – छोटी माता (चिकनपॉक्स) का आयुर्वेदिक उपचार…)
चूंकि रुद्राक्ष रक्तचाप (BP) को नियंत्रण में रखने में मदद करता है इसलिए यह हृदय से संबंधित बीमारियों से बचाने में काफी लाभदायक साबित होता है। इसके लिए रुद्राक्ष को अपने गले में इस तरह पहनें कि वह आपके दिल को छू जाए। इसके अलावा रविवार को पानी से भरे तांबे के बर्तन में पंच मुखी रुद्राक्ष रखें और अगले दिन इसे खाली पेट पिएं। लंबे समय तक इस प्रक्रिया का पालन करने से दिल की तकलीफें (heart troubles) दूर हो जाती हैं और हृदय से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है।
(और पढ़े – दिल मजबूत करने के उपाय…)
रुद्राक्ष में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाया जाता है जिसके कारण यह फुंसी और मुंहासों को दूर करने में काफी फायदेमंद होता है। आयुर्वेद में मुंहासों को ठीक करने के लिए रुद्राक्ष का उपयोग करने की विधि बतायी गयी है। रुद्राक्ष पाउडर और अर्जुन छाल (Arjuna bark) पाउडर को समान अनुपात में मिलाएं। इस मिश्रण का एक चम्मच लें और इसमें 2 से 3 चम्मच शहद मिलाएं और एक पतला पेस्ट बनाएं। अब इस रुद्राक्ष के पेस्ट को प्रभावित हिस्सों पर या पूरे चेहरे पर लगाएं। 30 मिनट तक सूखने दें इसके बाद गुनगुने पानी (warm water)से चेहरे को धो लें। इससे चेहरे पर चमक पैदा होती है और मुंहासे दोबारा नहीं होते हैं।
(और पढ़े – मुंहासे होने के कारण और उपाय…)
आमतौर पर रुद्राक्ष में कुछ ऐसे विशेष गुण पाये जाते हैं जो स्मरण शक्ति (memory power) और बुद्धि (intelligence) को बढ़ाने में मदद करता है। चार मुखी रुद्राक्ष वाणी दोष (speech impairment), दरिद्रता और भूलने की समस्या को दूर करने में काफी सहायक होता है।
(और पढ़े – भूलने की बीमारी के लक्षण कारण जांच इलाज और उपचार…)
त्वचा संबंधी कई विकारों से निपटने के लिए रुद्राक्ष को रात भर पानी से भरे तांबे के बर्तन में रखें और अगले दिन खाली पेट इसका पानी पियें इससे त्वचा संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। इसी प्रकार धातुओं (metals) से होने वाले रोगों से राहत पाने के लिए अपनी नाभि (naval) पर तीन मुखी रुद्राक्ष के पाउडर का लेप लगाएं। घाव और चोटों के इलाज के लिए नौ मुखी रुद्राक्ष और तुलसी का पेस्ट लगाना फायदेमंद है। त्वचा की जलन और खुजली का इलाज करने के लिए रुद्राक्ष और नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर लगाएं।
(और पढ़े – खुजली से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय…)
रुद्राक्ष त्वचा को चमकदार और दाग रहित (flawless) बनाने के लिए काफी लाभदायक है। मुलायम और चमकदार त्वचा पाने के लिए रुद्राक्ष और चंदन पाउडर का पेस्ट चेहरे पर लगाएं। इस पेस्ट को लगाने से शरीर की बदबू (body odor) से राहत मिलती है। खूबसूरत त्वचा पाने के लिए गुलाब जल और बादाम के साथ रुद्राक्ष का भी उपयोग किया जा सकता है।
(और पढ़े – मॉर्निंग ब्यूटी टिप्स से पाएं बेदाग निखरी त्वचा…)
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…