Health Benefits of Sal Tree in hindi साल के पेड़ को अंग्रेजी में शोरिया रोबुस्टा (Shorea Robusta) कहा जाता है, कुछ जगहों पर इसे शाला (Shala) भी कहा जाता है। यह मुलायम छालों वाला एक पेड़ है जिस पर लाल या सफेद रंग के फूल लगते हैं। साल के पेड़ का उपयोग प्राचीन समय से ही कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। साल के पेड़ का तेल और इसकी पत्तियां कई विकारों को दूर करने में उपयोग की जाती हैं। आयुर्वेद में इसका मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है। इस आर्टिकल में साल के पेड़ के फायदे health benefits of Sal tree in Hindi और साल के पेड़ के नुकसान side effects of Sal tree (Shorea Robusta) in Hindi के बारे में आपको बताया जाएगा।
1. साल के फायदे – Health benefits of Sal tree in Hindi
2. साल के नुकसान – side effects of Sal tree in Hindi
अपने विशेष औषधीय गुणों के कारण साल के पेड़ का उपयोग कई आयुर्वेदिक दवाओं के लिए किया जाता है। आइए जाने साल के पेड़ के फायदे क्या हैं जो हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।
साल का पेड़ का उपयोग सूजन एवं दर्द को ठीक करने में किया जाता है। साल के पेड़ में राला नाम का एक शक्तिशाली एस्ट्रीजेंट पाया जाता है और इसमें उच्च मात्रा में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाया भी जाता है। साल के पेड़ में मौजूद ये दोनों गुण एक आश्यर्यजनक औषधि का काम करते हैं और मलहम बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। साल तेजी से घाव भरने में मदद करते हैं इसलिए इसका उपयोग किया जाता है।
फैक्चर होने पर बहुत ही ज्यादा दर्द होता है और इसको ठीक होने में लंबा समय लगता है और काफी देखभाल करने की भी जरूरत पड़ती है। साल में पाया जाने वाला भग्नासंधानाक्रुत (Bhagnasandhanakrut) शरीर में फ्रैक्चर को ठीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयुर्वेद में साल के पेड़ का फ्रैक्चर के इलाज में बहुत उपयोग किया जाता है।
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त्वचा जल जाने पर तुरंत इस पर दवा लगाने की जरूरत पड़ती है अन्यथा यह तुरंत घाव का रूप ले लेता है और बढ़ने लगता है और जब ठीक हो जाता है तो गहरे निशान दिखने लगते हैं।। यह बहुत ही पीड़ादायक होता है और व्यक्ति को काफी जलन भी महसूस होता है। साल में अर्स-दग्धारूक (Asra-dagdharuk) मौजूद होता है जो जली त्वचा को ठीक करने का काम करता है और घाव भरने के बाद दाग के निशान भी मिटा देता है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल जली त्वचा एवं घाव को ठीक करने के लिए किया जाता है।
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आज के दौर में व्यक्ति को तनाव ज्यादा होता है। प्रदूषण की वजह से शरीर पर कीटाणुओं की चपेट में आ जाता है। इसके बाद इम्यूनिटी खराब होने पर शरीर में संक्रमण भी बहुत आसानी से हो जाता है। साल के पेड़ में विशाहा (Vishaha) नाम का एक तत्व मौजूद होता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और शरीर को इंफेक्शन से सुरक्षित रखता है। संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली ज्यादातर आयुर्वेदिक दवाओं में साल के पेड़ का उपयोग किया जाता है।
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साल के वृक्ष में वज्रनाशोधना(Vranashodhana) नाम का तत्व पाया जाता है जो त्वचा की कोशिकाओं के मरम्मत का कार्य करता है। इसलिए ज्यादातर त्वचा संबंधी बीमारियों को दूर करने के लिए साल के पेड़ का इस्तेमाल किया जाता है। त्वचा के टूटते उत्तकों को बचाने के लिए भी इस तत्व से बने कई आयुर्वेदिक औषधियां मौजूद हैं।
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औषधीय गुणों से भरपूर साल के पेड़ में कई बीमारियों को ठीक करने के गुण पाये जाते हैं। इस पेड़ में ग्राही (Grahi) नाम का एक तत्व मुख्य रूप से पाया जाता है जिसमें अवशोषण के गुण पाये जाते हैं और यह मुख्य रूप से डायरिया को ठीक करने के लिए लोकप्रिय है। इसमें ऐसा गुण मौजूद होता है जो डायरिया या दस्त से पीड़ित व्यक्ति को राहत प्रदान करता है।
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कान में इंफेक्शन एवं कान से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या काफी पीड़ादायक होती है। कुछ मामलों में व्यक्ति को सुनाई देना भी बंद हो जाता है। साल में कर्णरोगहरा (Karnarogahara) मौजूद होता है जो कानों से संबंधित समस्याओं को दूर करने में बहुत ही प्रभावी साबित होता है। यह कान के संक्रमण को दूर करने के साथ ही कान में होने वाली किसी भी तरह की समस्या के उपचार में सहायक होता है।
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प्राचीन समय से साल का औषधी के रूप में कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है और यह बहुत उपयोगी भी होता है। साल का पेड़ बहरापन को दूर करने में भी बहुत ही प्रभावी साबित होता है। साल के पेड़ में बधिर्याहरा(Badhiryahara) पाया जाता है जो बहरेपन की समस्या को दूर करने में मदद करता है। अगर किसी व्यक्ति को सुनाई नहीं देता है तो उसको साल के पेड़ का उपयोग जरूर करना चाहिए।
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शरीर में अधिक पसीना होने के कारण शरीर से गंध आने लगती है। शरीर से गंध आने पर व्यक्ति का आत्मविश्वास तब ज्यादा कम हो जाता है जब इसके लिए उसे कोई टोक देता है। लेकिन आयुर्वेद में इसका एक बढ़िया इलाज है। साल के पेड़ में स्वेदहरा (Svedahara) पाया जाता है जो शरीर की दुर्गंध को दूर करने में बहुत ही प्रभावी तरीके से काम करता है। फिर आपको शरीर की दुर्गंध छिपाने के लिए परफ्यूम लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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अगर आप खुजली की समस्या से परेशान हैं और आपको किसी बेहतर इलाज की तलाश है तो आयुर्वेदिक दवा से बढ़कर कुछ भी नहीं है। साल के पेड़ में स्फोतहरा(Sphotahara) और कुंदुनीशना (Kandunashana) नामक तत्व पाया जाता है जो खुजली की समस्या से पूरी तरह से निजात दिलाने में सहायता करता है। इसलिए आपको साल का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
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साल के पेड़ का अभी तक कोई नुकसान के बारे में पता नहीं चल पाया है। साल के पेड़ के इतने फायदे होते हैं कि यह बच्चों के भी अच्छे स्वास्थ्य और आसानी से भोजन पचने के लिए दिया जाता है। यह महिलाओं में दूध बढ़ाने के लिए भी दिया जाता है। लेकिन यदि आप गर्भवती हैं या बच्चे को दूध पिलाती(breast feeding) हैं तो आपको साल के पेड़ (Sal tree)) का उपयोग नहीं करना चाहिए या फिर डॉक्टर की सलाह लेकर करना चाहिए।
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