Heart Attack in Hindi आपने ये अक्सर सुना होगा की किसी को हार्ट अटैक या दिल का दौरा पड़ा है। लेकिन बहुत से लोगो को इसके बारे में सही जानकारी नहीं होती है। हार्ट अटैक अधिकतर स्थितियों में व्यक्ति की मौत का कारण बनता है। हार्ट अटैक के अनेक कारण हो सकते हैं तथा इस बीमारी से बचा भी जा सकता है। आज हम इस लेख में हार्ट अटैक के बारे मे जानेगें कि हार्ट अटैक कैसे होता है, इससे कैसे बचा जा सकता है, तथा हार्ट अटैक के कारण लक्षण जांच इलाज के बारे में।
हार्ट अटैक क्या है – What is heart attack in Hindi
दिल का दौरा या हार्ट अटैक को सामान्यतः दिल का दौरा के नाम से भी जाना जाता है। हार्ट अटैक तब पड़ता है, जब हृदय में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। रक्त प्रवाह में रुकावट का सबसे आम कारण वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का अत्यधिक निर्माण होना है, जो कोरोनरी धमनियों को ब्लॉक कर देते हैं। दिल का दौरा, जिसे रोधगलन (myocardial infarction) भी कहा जाता है, घातक हो सकता है। यदि आपको लगता है कि आपको दिल का दौरा पड़ रहा है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह लें। दिल के दौरे के शुरुआती लक्षणों को पहचानना और तुरंत इलाज कराना महत्वपूर्ण है।
हृदय एक महत्वपूर्ण अंग है, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त को पम्प करता है। हृदय को ऑक्सीजन से भरपूर रक्त धमनियों के ज़रिए प्राप्त करता है, जिन्हें कोरोनरी आर्टरी कहा जाता है। इन रक्त धमनियों में रुकावट आती है तो हृदय की मांसपेशियों को रक्त प्राप्त नहीं होता एवं व्यक्ति की मौत हो जाती है।
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हार्ट अटैक के लक्षण – Heart Attack Symptoms in Hindi
दिल के दौरे (Heart Attack) के लक्षणों को पहचानना कठिन होता है, क्योंकि वह अन्य स्थितियों से समानता रखते हैं। हार्ट अटैक के लक्षणों में शामिल हैं:
- बेचैनी होना
- छाती, बांह या ब्रेस्टबोन के निचले हिस्से में दबाव, भारीपन या दर्द होना
- जकड़न के साथ छाती में दर्द एवं सांस लेने में कठिनाई
- पसीना आना, चक्कर एवं बेहोशी महसूस होना
- सीने में दर्द होना जो गर्दन या बाईं भुजा तक पहुँच सकता है
- परिपूर्णता, अपच या घुटन की भावना
- पेट खराब होना, उल्टी होना
- गंभीर कमजोरी आना, चिंता, थकान महसूस होना
- तेज़ या असमान दिल की धड़कन
- गंभीर मामलों में, रोगी का रक्तचाप तेज़ी से गिरने की वज़ह से उसका शरीर पीला पड़ सकता है, और उसकी मृत्यु तक हो सकती है।
लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में या एक दिल के दौरे के बाद दूसरे दिल के दौरे में भिन्न हो सकते हैं। कुछ लोगों को हल्का दर्द होता है वहीं कुछ को अधिक तीव्र दर्द होता है। कुछ हार्ट अटैक के केसेस में, कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। यह उन लोगों में अधिक आम है जिन्हें मधुमेह है।
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हार्ट अटैक के कारण – Heart Attack Causes in Hindi
हार्ट अटैक तब आता है, जब व्यक्ति की एक या अधिक कोरोनरी धमनियां अवरुद्ध हो जाती हैं। उम्र बढ़ने के साथ, कोलेस्ट्रॉल सहित अन्य फैटी पदार्थों का जमाव, प्लाक नामक पदार्थ बनाता है, जो धमनियों को संकीर्ण कर सकता है। ये प्लाक बाहर से सख्त और अन्दर से नरम होते हैं। जब ये प्लाक कठोर होते है, तो इनका बाहरी आवरण फट जाता है और प्लेटलेट्स इनके संपर्क में आकार थक्का बना लेती हैं। जब यह रक्त के थक्के हृदय की धमनी को अवरुद्ध करते हैं, तो ह्रदय को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं मिल पाता और हार्ट अटैक आता है, जिससे व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज नामक यह स्थिति हार्ट अटैक का मुख्य कारण बनती है।
दिल का दौरा पड़ने का एक अन्य कारण कोरोनरी ऐंठन (coronary spasm) भी हो सकता है। कोरोनरी धमनी में ऐंठन के कारण हृदय की मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है। तंबाकू और अवैध दवाओं, जैसे कोकीन का उपयोग करने से जानलेवा ऐंठन हो सकती है।
COVID-19 संक्रमण, व्यक्तियों के दिल को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप दिल का दौरा पड़ सकता है।
दिल का दौरा पड़ने के तुरंत बाद हृदय की मांसपेशियां ठीक होने लगती हैं। इसमें लगभग 8 सप्ताह का समय लगता है। लेकिन दिल का दौरा पड़ने के बाद हृदय के पंप करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है।
हार्ट अटैक के जोखिम कारक – Heart Attack Risk Factor in Hindi
फैटी पदार्थों के जमाव में योगदान देने वाले कारक धमनियों को संकुचित कर हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाने में मदद करते हैं। हार्ट अटैक के जोखिम कारकों में शामिल हैं:
- उम्र – 45 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों और 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को अन्य व्यक्तियों की तुलना में दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है। उम्र बढ़ने के साथ हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता जाता है।
- तंबाकू – तम्बाकू, धूम्रपान और सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में लंबे समय तक रहने से हार्ट अटैक आने की संभावना अधिक होती है।
- उच्च रक्तचाप – समय के साथ, उच्च रक्तचाप की समस्या दिल की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकती है। उच्च रक्तचाप के साथ-साथ अन्य स्थितियां जैसे- मोटापा, उच्च कोलेस्ट्रॉल या मधुमेह की स्थिति भी हार्ट अटैक के जोखिम को और भी अधिक बढ़ा देती हैं।
- नशीली दवाओं का उपयोग – उत्तेजक दवाओं, जैसे कोकीन (cocaine) या एम्फ़ैटेमिन (amphetamines) का अधिक समय तक उपयोग करने से व्यक्ति की कोरोनरी धमनियों में ऐंठन उत्पन्न हो सकती है, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है।
- मेटाबोलिक सिंड्रोम (Metabolic syndrome) – यह सिंड्रोम मुख्य रूप से मोटापा, उच्च रक्तचाप और उच्च रक्त शर्करा के कारण उत्पन्न होती है। मेटाबोलिक सिंड्रोम के कारण हृदय रोग विकसित होने की संभावना दोगुनी हो जाती है।
- हार्ट अटैक का पारिवारिक इतिहास – यदि परिवार में किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक या दिल के दौरे पड़ा है, तो उस परिवार के अन्य सदस्यों को भी हार्ट अटैक होने का उच्च जोखिम होता है।
- शारीरिक गतिविधि का अभाव – निष्क्रिय जीवनयापन या शारीरिक गतिविधियों में कमी उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर और मोटापे में योगदान दे सकती है और हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकती है। जो लोग नियमित रूप से व्यायाम करते हैं उनको हार्ट फ़ैल होने का ख़तरा बहुत कम होता है।
- तनाव – कुछ स्थितियों में भारी तनाव भी हार्ट अटैक आने के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- प्रीक्लेम्पसिया का इतिहास (history of preeclampsia) – यह स्थिति गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप का कारण बनती है और आजीवन हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा देती है। यह स्थिति महिलाओं में हार्ट अटैक के कारणों में एक है।
- ऑटोइम्यून स्थिति – ऑटोइम्यून डिजीज जैसे- रुमेटाइड गठिया (rheumatoid arthritis) या लुपस जैसी स्थितियों से पीड़ित होने वाले व्यक्तियों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बहुत अधिक होता है।
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हार्ट अटैक की जटिलताएं – Heart Attack Complications in Hindi
कुछ व्यक्तियों को दिल का दौरा पड़ने के बाद कुछ जटिलताओं या परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हार्ट अटैक के बाद जटिलताओं में निम्न शामिल हो सकती हैं, जैसे:
- अवसाद (Depression)
- दिल का अनियमित रूप से धड़कना (Arrhythmia)
- एडिमा या एड़ियों और पैरों में सूजन
- एनजाइना (Angina) या हृदय में अपर्याप्त ऑक्सीजन पूर्ति के कारण सीने में दर्द
- दिल की विफलता (Heart failure)
- दिल के एक हिस्से में घाव (Myocardial rupture), इत्यादि।
हार्ट अटैक की जाँच – Heart Attack Diagnosis in Hindi
डॉक्टर हार्ट अटैक का निदान करने के लिए शारीरिक परीक्षण और चिकित्सा इतिहास की समीक्षा कर सकता है। दिल के दौरे का निदान करने के लिए निम्न टेस्ट किए जा सकते हैं:
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) – हृदय की विद्युत गतिविधि या दिल धड़कने की दर की जानकारी प्राप्त करने के लिए इलेक्ट्रोकार्डिओग्राम (ईसीजी) की सहायता ली जाती है।
- रक्त परीक्षण – हृदय की मांसपेशी को होने वाले नुकसान का पता लगाने के लिए रक्त परीक्षण का उपयोग किया जा सकता है।
- छाती का एक्स–रे परीक्षण – छाती (Chest) का एक्स-रे डॉक्टर को दिल और रक्त वाहिकाओं के आकार की जांच करने में सहायक हो सकता है।
- कोरोनरी कैथीटेराइजेशन (एंजियोग्राम) (Coronary catheterization (angiogram)) – इस परीक्षण के दौरान एक तरल डाई को दिल की धमनियों में इंजेक्ट कर एक्स-रे के माध्यम से धमनियों में रुकावट का पता लगाया जाता है।
हार्ट अटैक के बाद उपचार – Heart attack treatment in Hindi
यदि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आया है, तो डॉक्टर सर्जरी या नॉनसर्जिकल उपचार की सिफारिश कर सकता है। यह उपचार प्रक्रियाएं दर्द को दूर करने और दिल का दौरा पड़ने से रोकने में मदद कर सकती हैं। हार्ट अटैक की सामान्य उपचार प्रक्रियाओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
- एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) – एंजियोप्लास्टी में एक गुब्बारे का उपयोग करके या प्लाक बिल्डअप को हटाकर अवरुद्ध धमनी को खोला जाता है।
- स्टेंट (Stent) – स्टेंट एक धातु की जाली वाला ट्यूब होता है, जिसे एंजियोप्लास्टी के बाद धमनी को खुला रखने के लिए डाला जाता है।
- हार्ट बाईपास सर्जरी (Heart bypass surgery) – बाईपास सर्जरी में, डॉक्टर अवरुद्ध धमनी के छोटे भाग को हटाकर बाईपास कर देता है, जिससे रक्त का प्रवाह सही तरीके से हो सके।
- पेसमेकर (Pacemaker) – पेसमेकर त्वचा के नीचे प्रत्यारोपित एक उपकरण है। यह आपके दिल की धड़कन को सामान्य बनाए रखने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- हार्ट वाल्व सर्जरी (Heart valve surgery)
- हृदय प्रत्यारोपण (heart transplant)
हार्ट अटैक की दवाएं – Heart attack Medications in Hindi
डॉक्टर द्वारा हार्ट अटैक के इलाज के लिए निम्न दवाओं को शामिल किया जा सकता है:
- एस्पिरिन (Aspirin)
- थ्रोम्बोलिटिक्स (Thrombolytics)
- एंटीप्लेटलेट एजेंट (Antiplatelet agents)
- बीटा ब्लॉकर (Beta blockers)
- रक्त पतला करने वाली दवाएं।
- स्टैटिन (Statins) – ये दवाएं रक्त कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
हार्ट अटैक से कैसे बचा जा सकता है – Heart attack prevention in Hindi
हृदयाघात या दिल के दौरे के जोखिम को कम करने के अनेक तरीके हैं, जैसे:
- स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए।
- अधिक वज़न वालों के लिए वज़न कम करना आवश्यक है।
- शारीरिक व्यायाम नियमित रूप से किया जाना चाहिए।
- धूम्रपान पूर्ण रूप से बंद कर दिया जाना चाहिए।
- मधुमेह,उच्च रक्तचाप या उच्च कोलेस्ट्रोल के रोगी को, रोग नियंत्रण के लिए नियमित रूप से दवाईयां लेनी चाहिए।
- जब भी संभव हो, तनाव से बचना या इसे कम करने के तरीकों को अपनाना चाहिए।
- हार्ट अटैक के लक्षणों की पूर्ण जनाकारी होनी चाहिए जिससे कि व्यक्ति को शीघ्र उपचार प्राप्त करने में मदद मिल सके।
हार्ट अटैक के बाद डाइट – Best healthy diet for Heart Attack in Hindi
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए और हार्ट अटैक के मरीजों के लिए आहार में निम्न खाद्य पदार्थों को शामिल किया जा सकता है:
(और पढ़ें: हार्ट अटैक से बचने के उपाय)
हार्ट अटैक के बाद परहेज – Foods to avoid after Heart Attack in Hindi
सामान्य तौर पर, हार्ट अटैक वाले मरीजों को अपने आहार में चीनी, नमक और अस्वास्थ्यकर वसा वाले भोज्य पदार्थों को शामिल नहीं करना चाहिए। दिल का दौरा पड़ने के बाद निम्न खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है:
- फास्ट फूड
- तला हुआ खाना
- डिब्बा बंद खाना
- कैंडी
- चिप्स
- प्रसंस्कृत जमे हुए भोजन (processed frozen meals)
- कुकीज़ और केक
- बिस्कुट
- आइसक्रीम
- लाल मांस
- शराब
- पिज्जा, बर्गर
- संतृप्त वसा का सेवन सीमित करें और हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेलों में पाए जाने वाले ट्रांस-फैट के सेवन से पूरी तरह बचें।
- रक्तचाप (blood pressure) को नियंत्रित करने के लिए, सोडियम के दैनिक सेवन को 1,500 मिलीग्राम या उससे कम करें।
हार्ट अटैक के दौरान प्राथमिक उपचार – primary treatment during heart attack in Hindi
यदि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आता है, तो उसके प्राथमिक उपचार के रूप में निम्न उपाय अपनाए जाने चाहिए:
- विशेषज्ञ मेडिकल सहायता आने तक, मरीज़ को लेटाया जाना चाहिए एवं कपड़ों को ढीला कर दिया जाना चाहिए।
- यदि ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हो तो मरीज़ को ऑक्सीजन दी जानी चाहिए।
- यदि नाइट्रोग्लीसरिन या सोर्बिट्रेट टैबलेट उपलब्ध हों तो एक या दो गोली जीभ के नीचे रखी जा सकती है।
- मरीज को एस्पिरिन भी घोल कर दी जानी चाहिए।
- शीघ्र उपचार से जान बचाई जा सकती है।
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