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हार्टबर्न (सीने में जलन) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव – Heartburn Causes, Treatment, Prevention in Hindi

burning sensation in chest in Hindi आप सभी ने कभी न कभी छाती या सीने में जलन से सम्बंधित लक्षण जरुर महसूस किये होगें। सीने में जलन होने की स्थिति को हार्टबर्न के नाम से जाना जाता है। इस स्थिति में ब्रेस्टबोन के ठीक पीछे जलन वाला दर्द अक्सर खाने के बाद, और लेटने या झुकने पर बढ़ जाता है। अधिकाँश स्थितियों में हार्ट बर्न की समस्या आम है और इसे जीवन शैली में बदलाव कर तथा कुछ घरेलू उपाय अपनाकर दूर किया जा सकता है। लेकिन अधिक बार सीने में जलन होने की समस्या दिनचर्या में हस्तक्षेप कर सकती है और एक अधिक गंभीर स्थिति का लक्षण हो सकती है, जिसके लिए इलाज की जरुरत पड़ती है।

इस लेख में आप जानेगें कि हार्टबर्न क्या है, सीने में जलन क्यों होती है, इसके कारण, लक्षण, जाँच, इलाज और हार्ट बर्न दूर करने के बचाव संबंधी उपाय के बारे में।

हार्टबर्न क्या है – What is Heartburn in Hindi

सीने में जलन होने की समस्या को हार्ट बर्न (heartburn) के नाम से जाना जाता है, जो अक्सर गले या मुंह में कड़वा स्वाद के साथ होती है। इस स्थिति में आपके पेट के ऊपरी हिस्से में या ब्रेस्टबोन (breastbone) के नीचे जलन होती है। यह स्थिति बहुत अधिक भोजन करने या लेटने से अधिक बदतर या अधिक गंभीर हो सकती है।

सामान्य तौर पर, आप घर पर हार्टबर्न के लक्षणों का सफलतापूर्वक इलाज कर सकते हैं। हालांकि, अगर बार-बार हार्टबर्न की समस्या खाने या निगलने में मुश्किल पैदा करती है, तो यह स्थिति अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत या लक्षण हो सकता है, जिसके लिए डॉक्टर की सहायता लेना आवश्यक हो जाता है।

हार्ट बर्न के लक्षण – Heartburn Causes in Hindi

हार्टबर्न की स्थिति में सीने या छाती के बीच में स्टर्नम (sternum) या ब्रेस्टबोन के पीछे जलन होती है। इसके अतिरिक्त्त जलन को गले में भी महसूस किया जा सकता है। अतः हार्टबर्न की स्थिति में निम्न लक्षण महसूस किये जा सकते हैं जैसे:

  • झुकने या लेटने के दौरान सीने में दर्द महसूस होना
  • गले के पिछले हिस्से में गर्म, अम्लीय, कड़वा या नमकीन स्वाद महसूस होना
  • निगलने में कठिनाई होना
  • जी मिचलाना और उलटी होना

(और पढ़ें: एसिड रिफ्लक्स के कारण, लक्षण, जांच, इलाज, और परहेज..)

हार्टबर्न का कारण – Heartburn Causes in Hindi

सीने में जलन आमतौर पर तब होती है जब पेट की सामग्री (जैसे- एसिड, भोजन) ग्रासनली (esophagus) में वापस आ जाती है।

ग्रासनली (esophagus) एक ट्यूब है जो भोजन और तरल पदार्थ को मुंह से पेट में ले जाती है। निचले इसोफेजियल स्फिंक्टर (lower esophageal sphincter (LES)) नामक पेशीय वाल्व की समस्या के कारण हार्टबर्न के लक्षण शुरू हो सकते हैं। LES को कार्डियक स्फिंक्टर के नाम से भी जाना जाता है, यह वह जगह है जहां ग्रासनली, पेट से मिलती है।

जब कार्डियक स्फिंक्टर (cardiac sphincter) ठीक से काम नहीं करता है, तो पेट से सामग्री वापस ग्रासनली में लीक हो जाती है, जिससे हार्टबर्न के लक्षण उत्पन्न होते हैं।

भोजन के ठीक बाद बिस्तर पर लेटने से भी हार्ट बर्न की समस्या उत्पन्न हो सकती है। चूँकि खाने के बाद बिस्तर पर लेटने से भोजन ठीक तरह से नहीं पचता है, जिससे भोजन के पाचन के लिए पेट में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। पेट में उत्पन्न अतिरिक्त एसिड की मात्रा और भोजन सामग्री ग्रासनली में आ सकता है, जिससे गले तथा सीने में तीव्र जलन उत्पन्न होती है।

ज्यादा खाना और पेट में बहुत अधिक दबाव (जैसे- मोटापा, गर्भावस्था या कब्ज) के कारण भी हार्ट बर्न हो सकता है।

(और पढ़ें: एसिडिटी (अम्लता) (पेट में जलन) क्या है, लक्षण, कारण, इलाज, और आहार..)

हार्ट बर्न के जोखिम कारक – Heartburn Risk factor in Hindi

हार्ट बर्न के जोखिम को बढ़ाने वाले और लक्षणों को खराब करने वाले कारकों में निम्न शामिल हैं:

(और पढ़ें: खाने के बाद ये काम किया तो हो जाएगी मुसीबत बिगड़ेगी सेहत..)

हार्टबर्न की जटिलताएं – Heartburn Complications in Hindi

लंबे समय तक हार्ट बर्न की समस्या आपके स्वास्थ्य को बुरे तरीके से प्रभावित कर सकती है। बार बार उत्पन्न होने वाली सीने में जलन की स्थिति का समय पर निदान और इलाज नहीं किया गया तो यह निम्न जटिलताओं का कारण बन सकती है, जिनमें शामिल हैं:

  • लम्बे समय तक चलने वाली खांसी (cough)
  • ग्रासनली में सूजन या अल्सर होना
  • निगलने में समस्या
  • लेरिन्जाइटिस (Laryngitis) – जलन या संक्रमण से वॉयस बॉक्स में सूजन (laryngeal inflammation)
  • बेरेट्स इसोफेगस (Barrett’s esophagus) – एसोफैगल कैंसर (esophageal cancer) होने की अधिक संभावना की स्थिति।

हार्टबर्न के लिए डॉक्टर को कब दिखाना है – When to see a doctor for Heartburn in
Hindi

यदि आप प्रति सप्ताह दो बार से अधिक हार्ट बर्न (सीने में जलन) का अनुभव करते हैं तो यह अधिक गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है। हालांकि सीने में जलन की समस्या अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियों (gastrointestinal conditions) के साथ उत्पन्न होती है, जैसे- पेट में अल्सर या गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (gastroesophageal reflux disease)। यदि आप हार्ट बर्न के अलावा अन्य लक्षणों को महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इन लक्षणों में शामिल हैं:

हार्टबर्न का संबंध हार्ट अटैक से नहीं है। हालांकि इन दोनों समस्याओं के लक्षण बहुत समान हो सकते हैं।

हार्टबर्न का निदान – Heartburn Diagnosis in Hindi

यदि आप लंबे समय तक हार्ट बर्न की समस्या को महसूस करते हैं तो यह एक गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) का संकेत हो सकता है। हार्ट बर्न, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज का लक्षण है या नहीं, इसका निर्धारण करने के लिए डॉक्टर निम्न परीक्षणों की मदद ले सकता है, जिनमें शामिल हैं :

  • एक्स-रे (X-ray)
  • एंडोस्कोपी (Endoscopy) – ग्रासनली (esophagus) में असामान्यताओं की जांच के लिए। इसके अलावा एंडोस्कोपी के तहत बायोप्सी के लिए एक ऊतक का नमूना भी लिया जा सकता है।
  • एम्बुलेटरी एसिड प्रोब टेस्ट (Ambulatory acid probe tests) – यह एक एसोफैगल पीएच मॉनिटरिंग टेस्ट है, जिसका उपयोग यह जानने के लिए किया जाता है कि पेट का एसिड आपकी ग्रासनली में कब और कितनी देर तक के लिए वापस आता है। इस टेस्ट में एक छोटे एसिड मॉनिटर को एसोफैगस में डाला जाता है, जो एक छोटे कंप्यूटर से जुड़ा होता है जिसे आप बेल्ट या शोल्डर स्ट्रैप (shoulder strap) पर पहन सकते हैं।
  • एसोफैगल गतिशीलता परीक्षण (Esophageal motility testing) या इसोफेजियल मनोमेट्री टेस्ट (esophageal manometry) – इस टेस्ट के दौरान एक कैथेटर को ग्रासनली (esophagus) में डाला जाता है जो दबाव और गति को मापता है।

हार्टबर्न का इलाज – Heartburn Treatment in Hindi

हार्ट बर्न की समस्या का इलाज करने के लिए डॉक्टर निम्न दवाओं की सिफारिश कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • एंटासिड्स (Antacids) – यह दवाएं सीने की जलन को तुरंत कम करने के लिए पेट में एसिड की मात्रा को कम करती हैं। इसके अलावा यह दवाएं पेट दर्द, अपच और गैस की समस्या से भी छुटकारा दिला सकती हैं।
  • एसिड ब्लॉकर्स (Acid blockers) – यह दवाएं आपके पेट में बनने वाले एसिड की मात्रा को कम करती हैं।
  • प्रोटॉन पंप इनहिबिटर (proton pump inhibitors) – जैसे लैंसोप्राजोल (lansoprazole) औरओमेप्राजोल (omeprazole)।
  • h2-रिसेप्टर एंटागनिस्टिक (h2-receptor antagonists)

हालांकि ये दवाएं हार्टबर्न की समस्या का इलाज करने में मददगार होती हैं, लेकिन इन दवाओं का सेवन कुछ साइड इफेक्ट उत्पन्न कर सकता है। अतः इन दवाओं का सेवन डॉक्टर की सिफारिश के बगैर न करें।

(और पढ़ें: खाने के बाद पेट में दर्द होने के कारण और बचाव के तरीके…)

हार्टबर्न से बचने के उपाय – Heartburn Prevention in Hindi

जीवनशैली में बदलाव कर प्रत्येक व्यक्ति हार्टबर्न के जोखिम को कम कर, इसके लक्षणों के उत्पन्न होने से बच सकता है। सीने में जलन की समस्या से बचने के लिए निम्न बचाव संबंधी उपाय अपनाए जा सकते हैं, जैसे:

  • स्वस्थ वजन बनाए रखें।
  • भोजन करने के बाद लेटने से बचें। सोने से कम से कम तीन घंटे पहले भोजन करें। देर रात में भोजन करने से बचें।
  • यदि आप रात में सोने या लेटने के दौरान सीने में जलन (हार्ट बर्न) का अनुभव करते हैं, तो अपने सिर को अपने धड़ से ऊँचा रखें या फिर अतिरिक्त तकियों का प्रयोग करें।
  • धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें।
  • जरुरत से ज्यादा भोजन न करें।

(और पढ़ें: खाना खाने के बाद भूल कर भी न करें यह काम..)

सीने में जलन होने पर परहेज – Heartburn Avoid Food in Hindi

कुछ खाद्य पदार्थ पेट में एसिड की मात्रा को बढ़ा सकते हैं, और कार्डियक स्फिंक्टर (cardiac sphincter) को ढीला कर सकते हैं, जिसके कारण सीने में जलन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। अतः हार्ट बर्न की स्थिति में निम्न खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करना चाहिए:

(और पढ़ें: खट्टी डकार से छुटकारा पाने का घरेलू उपाय..)

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Sourabh

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