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घमौरियां (घमौरी) क्या है, लक्षण, कारण, इलाज और बचाव – Heat Rash, Symptoms, Causes, Treatment In Hindi

Ghamoriya in Hindi गर्मी और उमस भरे मौसम में घमौरियों का होना एक सामान्य बात है, जो किसी भी व्यक्ति के असुविधाजनक अनुभव हो सकता है। घमौरी के लक्षण में उत्पन्न शरीर पर छोटे-छोटे लाल दाने खुजली और जलन का अनुभव कराते हैं। शिशुओं और बच्चों के अलावा जो व्यक्ति अधिक वजन वाले और अधिक पसीने का उत्पादन करने वाले होते हैं, उन्हें घमौरी होने की अधिक संभावना होती है। चूँकि घमोरियां घरेलू देखभाल के माध्यम से आसानी से ठीक हो जाती हैं। लेकिन कुछ स्थितियों में यह अधिक गंभीर हो सकती है तथा संक्रमण का कारण भी बन सकती हैं, जिसके कारण इसका इलाज समय पर किया जाना आवश्यक हो जाता है।

अतः आज के इस लेख में आप जानेगें कि घमौरियां क्या है, घमौरी के लक्षण, कारण क्या हैं तथा इसका इलाज और बचाव कैसे किया जा सकता है।

  1. घमौरियां क्या है – What is Heat Rash in Hindi
  2. घमौरी के प्रकार – Heat Rash types in Hindi
  3. घमौरी होने का कारण – Heat Rash causes in Hindi
  4. घमौरी के लक्षण – Heat Rash symptoms in Hindi
  5. घमौरी होने पर डॉक्टर को कब दिखाए – when to see a doctor for heat rash in hindi
  6. घमौरी (हीट रैश) की जटिलताएं – Heat Rash Complications in hindi
  7. घमौरियों का निदान – Heat Rash diagnosis in Hindi
  8. घमौरी के उपचार – Heat Rash treatment in Hindi
  9. घमौरी से बचाव – Heat Rash prevention in Hindi
  10. घमौरी के लिए घरेलू उपचार – Heat Rash home remedies in hindi

घमौरियां क्या है – What is Heat Rash in Hindi

घमौरी (Heat Rash) को प्रिकली हीट (prickly heat), मिलिअरिया  (miliaria) और समर रैश (summer rash) के रूप में भी जाना जाता है। यह समस्या शिशुओं के साथ-साथ वयस्कों को भी प्रभावित कर सकती है। घमौरियां विशेष रूप से गर्म या आर्द्र मौसम के दौरान उत्पन्न होती हैं। यह पीड़ित व्यक्ति के लिए बहुत आम और असुविधाजनक समस्या है। घमौरी (Heat Rash) तब होती हैं जब पसीने की ग्रंथियां अवरुद्ध हो जाने के कारण पसीना बाहर नहीं निकल पाता और त्वचा की गहरी परतों में एकत्रित हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप त्वचा पर सूजन, लालिमा और छाले जैसे छोटे-छोटे घाव या छोटे-छोटे लाल दाने दिखाई देने लगते हैं, जो कांटेदार चुभन या तीव्र खुजली का कारण बनते हैं। अतः गर्मी के कारण त्वचा पर उत्पन्न छोटे-छोटे लाल दाने, हीट रैश (घमौरी) कहलाते है।

घमौरियां आमतौर पर गर्मीं के दिनों में कपड़े से ढके शरीर के भागों पर उत्पन्न होती हैं, इसमें शरीर के कुछ हिस्से जैसे- पीठ, पेट, गर्दन, ऊपरी छाती, कमर या कांख (armpits) आदि शामिल हैं। इस स्थिति में आमतौर पर त्वचा के ठन्डे होने के बाद बेहतर महसूस होता है।

(और पढ़े – घमौरियों से बचने का घरेलू उपाय…)

घमौरी के प्रकार – Heat Rash types in Hindi

घमौरी (Heat Rash) या मिलिअरिया (miliaria) को मुख्य रूप से तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है:

मिलिअरिया क्रिस्टलीना (Miliaria crystalline) – यह घमौरी (Heat Rash) का सबसे सामान्य रूप है। इस स्थिति में त्वचा की सतह पर द्रव या पसीने से भरे छोटे (सफेद) दाने या बहुत छोटे फफोले उत्पन्न होते हैं जो आसानी से फूट जाते है। घमौरी का यह प्रकार वयस्कों की तुलना में शिशुओं को अधिक प्रभावित करता है। यह त्वचा की ऊपरी परत में पसीना नलिकाओं के प्रभावित होने पर होता है।

मिलिअरिया रूब्रा (Miliaria rubra) इसे चुभती-जलती गर्मी या प्रिकली हीट  (prickly heat) भी कहा जाता है, यह त्वचा पर लाल धब्बे, सूजन, खुजली, प्रभावित क्षेत्र में चुभन और प्रभावित क्षेत्र में पसीने की कमी आदि लक्षणों से सम्बंधित है। यह त्वचा की गहरी परतों में पसीना नलिकाओं के अवरुद्ध होने के फलस्वरूप होता है। कभी-कभी मिलिअरिया रूब्रा (Miliaria rubra) के रूप में तरल पदार्थ युक्त पुटिका ((vesicles), सूजन और मवाद से भरे (pustular) हो सकते हैं, जिसे मिलिअरिया पस्टुलोसा (miliaria pustulosa) कहा जाता है।

मिलिअरिया प्रोफुंडा (Miliaria profunda) – यह घमौरी (Heat Rash) का दुर्लभ रूप है। यह त्वचा की सबसे गहरी परत (डर्मिस) के प्रभावित होने के कारण उत्पन्न होता है। यह समस्या क्रोनिक और पुनरावृत्ति हो सकती है। मिलिअरिया प्रोफुंडा (Miliaria profunda) अपेक्षाकृत बड़े, सख्त और मांस के रंग के अल्सर, गांठ या धब्बे के रूप में उत्पन्न होता है।

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घमौरी होने का कारण – Heat Rash causes in Hindi

घमौरी (हीट रैश) का प्रमुख कारण पसीने की ग्रंथियों का अवरुद्ध होना है। अतः पसीने की कुछ ग्रंथियां बंद होने पर पसीना त्वचा के नीचे जमा होता रहता है, जिससे त्वचा पर सूजन और दाने उत्पन्न हो जाते हैं। हीट रैश ज्यादातर गर्म और शुष्क स्थितियों में होता है। यह शिशुओं में बहुत आम है। अधिक सक्रिय लोग, इनक्यूबेटरों में नवजात शिशुओं और बुखार के साथ बिस्तर पर आराम करने वाले व्यक्तियों को भी घमौरी होने की अधिक संभावना होती है। इसके अतिरिक्त अधिक पसीने के उत्पादन की स्थिति में पसीना वाष्पीकृत नहीं हो पाता, जो कि घमौरी (हीट रैश) का कारण बनता है।

अर्थात घमौरी (हीट रैश) तब होता है जब पसीने की नलिकाएं, मृत त्वचा कोशिकाओं या बैक्टीरिया (जैसे कि स्टैफिलोकोकस एपिडर्मिडिस (Staphylococcus epidermidis)) के कारण प्लग या बंद हो जाती हैं। स्टैफिलोकोकस एपिडर्मिस (Staphylococcus epidermis) एक सामान्य जीवाणु है, जो त्वचा पर पाया जाता है।

घमौरी (heat rash) के लिए जिम्मेदार पसीने की नलिकाओं का अवरुद्ध होना और अधिक पसीने का उत्पादन अनेक कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें शामिल हैं:

  • आर्द्र, उष्णकटिबंधीय जलवायु
  • बुखार की स्थिति
  • त्वचा की सतह पर घर्षण या चुस्त कपडे पहनना
  • शारीरिक गतिविधि जैसे- तीव्र व्यायाम, कड़ी मेहनत
  • लंबे समय तक बिस्तर पर आराम
  • इलेक्ट्रिक कंबल और अन्य गर्म बिस्तर का उपयोग करने पर या ओवरहीटिंग के दौरान
  • कुछ दवाएं, उदाहरण के लिए- साइकोट्रोपिक्स (psychotropics), शरीर के तापमान को बढ़ा सकते हैं और पार्किंसंस रोग के लिए दवाएं पसीने को अवरुद्ध कर सकती है।
  • ट्रेंक्विलाइज़र (Tranquilizer), मूत्रवर्धक दवाएं या पानी की गोलियां आदि ड्रग्स द्रव संतुलन में बदलाव कर घमौरी (हीट रैश) के लक्षणों को विकसित कर सकती हैं।

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घमौरी के लक्षण – Heat Rash symptoms in Hindi

घमौरी (heat rash) के लक्षणों में, त्वचा की सतह पर खुजली का अनुभव कराने वाले लाल दाने उत्पन्न होना शामिल है। यह एक ही समय में शरीर के विभिन्न हिस्सों में दिखाई दे सकते हैं। घमौरी आमतौर पर शरीर पर कपड़े की घर्षण या कपड़े से ढकी त्वचा पर होती है। घमौरी प्रभावित त्वचा क्षेत्रों में पीठ, पेट, गर्दन, ऊपरी छाती, कमर या कांख आदि को शामिल किया जाता है। घमौरी आमतौर पर त्वचा पर ठंडा लागू करने पर समय के साथ दूर हो सकती है। घमौरी से सम्बंधित लक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:

  • त्वचा पर खुजलीदार लाल धब्बे या दाने आना
  • पसीना निकने पर बैचनी होना
  • काँटेदार चुभन महसूस होना
  • जलन का एहसास होना
  • दर्दनाक अनुभव, इत्यादि।

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घमौरी होने पर डॉक्टर को कब दिखाए – when to see a doctor for heat rash in hindi

घमौरियों (हीट रैश) से सम्बंधित समस्याएँ उत्पन्न होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। अतः निम्न स्थितियों में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए, जैसे:

  • त्वचा पर लाल दाने गंभीर या दर्दनाक होने पर या घमौरी कुछ दिनों के अन्दर दूर नहीं होने पर
  • हीट रैश से प्रभावित क्षेत्र पर पुनः संक्रमण विकसित होने पर
  • बुखार या किसी अन्य बीमारी के लक्षण प्रगट होने पर
  • चमकीले लाल दाने उत्पन्न होने पर
  • एंटीबायोटिक या नई दवा के सेवन के बाद त्वचा पर दाने उत्पन्न होने पर, इत्यादि।

(और पढ़े – एलर्जी लक्षण, बचाव के तरीके और घरेलू उपचार…)

घमौरियां (हीट रैश) की जटिलताएं – Heat Rash Complications in hindi

घमौरियां (heat rash) आमतौर पर अन्य किसी समस्याओं को उत्पन्न किये बिना ही ठीक हो जाती हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में यह बैक्टीरिया के साथ संक्रमण का कारण बन सकती है, जिससे सूजन और खुजली वाली पॅस्ट्यूल (pustules) (त्वचा पर मवाद युक्त एक छोटी फुंसी) उत्पन्न हो सकती है।

(और पढ़े – फंगल इन्फेक्शन क्या है, कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार…)

घमौरियों का निदान – Heat Rash diagnosis in Hindi

घमौरियां (heat rash) का निदान करने के लिए किसी भी प्रकार के टेस्ट की आवश्यकता नहीं होती है इसका निदान देखकर ही किया जा सकता है चूँकि घमौरियां अक्सर खतरनाक नहीं होती हैं, लेकिन यदि लाल दाने अधिक गंभीर हों और अधिक समय तक बने रहे, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। डॉक्टर द्वारा त्वचा पर स्थित दानों और लक्षणों को देखकर घमौरियां (heat rash) का निदान किया जा सकता है।

कुछ लक्षणों जैसे- बुखार, खांसी, नाक बहना, थकान, बढ़े हुए लिम्फ नोड्स या मांसपेशियों में दर्द आदि के साथ घमौरियां अन्य प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं में भ्रम उत्पन्न कर सकती है, जिसमें वायरल संक्रमण जैसे चिकनपॉक्स या खसरा और बैक्टीरियल संक्रमण (इम्पेटिगो) (impetigo) शामिल हैं। अतः घमौरी के लक्षण के अलावा अन्य लक्षणों (जैसे बुखार, खांसी, नाक बहना, थकान, बढ़े हुए लिम्फ नोड्स या मांसपेशियों में दर्द आदि) का उत्पादन अधिक गंभीर संक्रमण का संकेत हो सकता है अतः इस स्थिति में डॉक्टर द्वारा परीक्षणों का आदेश दिया जा सकता है।

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घमौरी के उपचार – Heat Rash treatment in Hindi

घमौरियां (heat rash) अक्सर बिना किसी हस्तक्षेप के ठीक हो जाती हैं। लेकिन इससे होने वाली असुविधा के कारण इसका इलाज कराना आवश्यक हो जाता है। त्वचा को ठंडा रखकर घमौरियां जल्दी साफ की जा सकती हैं। ओवर-द-काउंटर के साथ कुछ दिनों के लिए इलाज किए जाने पर घमौरी को दूर किया जा सकता है।

  • सामयिक जीवाणुरोधी (Topical antibacterials) जैसे- जीवाणुरोधी साबुन, संक्रमण की स्थिति में भी घमौरियों के लक्षणों को कम समय में ही दूर करने के लिए फायदेमंद हो सकती है।
  • खुजली को रोकने के लिए कैलामाइन (calamine) या मेन्थॉल (menthol) या कपूर-आधारित सामयिक स्टेरॉयड (Topical Steroids) क्रीम की मदद ली जा सकती है।
  • घमौरी की स्थिति में ड्राई मिल्क प्रोटीन, लैबिलिन (labilin) और ट्राईक्लोसन (triclosan) और जीवाणुरोधी मिश्रित पाउडर, संक्रमण को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

(और पढ़े – जांघों के बीच फंगल संक्रमण के लिए घरेलू उपचार…)

घमौरी से बचाव – Heat Rash prevention in Hindi

कोई भी व्यक्ति अपने आपको या अपने बच्चे को घमौरी (हीट रैश) से बचाने के लिए निम्न तरीकों की मदद ले सकता है, जैसे कि:

  • ओवरड्रेसिंग से बचें अर्थात गर्मियों में मुलायम, हल्के और सूती कपड़े पहनना चाहिए
  • किसी भी मौसम में ऐसे कपड़े पहनने से बचना चाहिए जो त्वचा को परेशान कर सकते हैं
  • गर्मी के समय छाया या वातानुकूलित कमरे में रहना चाहिए
  • सोने का स्थान या बिस्तर को ठंडा और हवादार होना चाहिए
  • शरीर को ठंडा रखने के लिए पंखे के सामने बैठना चाहिए
  • गर्मी के समय अधिक पसीना आने वाली गतिविधियों या कार्यों से बचना चाहिए
  • हाइड्रेटेड रहने के लिए बहुत अधिक तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए
  • ज़ोरदार व्यायाम करने से बचना चाहिए
  • अधिक मात्रा में लोशन या क्रीम का उपयोग नहीं करना चाहिए।

(और पढ़े – गर्मी से बचने के लिए घरेलू उपाय…)

घमौरी के लिए घरेलू उपचार – Heat Rash home remedies in hindi

  1. घमौरियों का इलाज नारियल तेल से – Ghamori ka Ayurvedic Upay Coconut Oil in hindi
  2. घमौरी का घरेलू उपाय है चंदन – Ghamori ka Gharelu ilaj Sandalwood in hindi
  3. घमौरी का घरेलू उपचार बेकिंग सोडा के द्वारा – Baking soda ghamori ka gharelu upchar in hindi
  4. घमौरी के लिए घरेलू उपाय एलोविरा से – ghamori se bachne ka gharelu upay Aloe vera in hindi
  5. घमौरी के उपचार में नीम फायदेमंद – ghamori ka gharelu upchar Neem in hindi
  6. घमौरियों का घरेलू उपचार दलिया से – Oatmeal for Heat Rash treatment in hindi
  7. घमौरी का घरेलू इलाज है कच्चा आलू – Ghamori ka gharelu ilaj Raw Potato in hindi
  8. घमौरी उपचार के लिए अन्य खाद्य पदार्थ – Other Foods for Prickly Heat Treatment in hindi

प्रत्येक व्यक्ति अपने घर पर ही घमौरी का इलाज कर सकता है तथा कम समय में ही इसके लक्षणों से छुटकारा पाने में सफलता प्राप्त कर सकता है। घमौरियां के घरेलू इलाज में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे

घमौरियों का इलाज नारियल तेल से – Ghamori ka Ayurvedic Upay Coconut Oil in hindi

नारियल तेल प्रकृतिक रूप से जीवाणुरोधी प्रकृति का होता है। यह त्वचा को पौष्टिक और हाइड्रेट रखने में मदद करता है। यह त्वचा के चकत्ते को ठीक करने और खुजली को काफी कम करने में प्रभावी होता है। नारियल तेल को सीधे तौर पर घमौरी पर लगाया जाता है।

(और पढ़े – नारियल का तेल चेहरे पर लगाने के फायदे…)

घमौरी का घरेलू उपाय है चंदन – Ghamori ka Gharelu ilaj Sandalwood in hindi

शोध बताते हैं कि चंदन एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक (analgesic) होता है, अर्थात यह दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। अतः घमौरी की स्थिति में चंदन पाउडर को थोड़े से पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाकर लाल दाने पर लगाने से जलन, दर्दनाक चुभन से राहत प्राप्त की जा सकती है।

(और पढ़े – चंदन के फेस पैक से पाएं दमकती त्वचा…)

घमौरी का घरेलू उपचार बेकिंग सोडा के द्वारा – Baking soda ghamori ka gharelu upchar in hindi

बेकिंग सोडा (सोडियम बाइकार्बोनेट), पीड़ा कम करने और त्वचा को आराम देने के लिए उपयोगी होता है। यह घमौरी और अन्य खुजली से सम्बंधित त्वचा की स्थिति के इलाज में प्रभावी घरेलू उपाय है। स्नान के लिए उपयोग किये जाने वाले पानी में बेकिंग सोडा के 3 से 5 बड़े चम्मच का उपयोग घमौरी के इलाज में किया जा सकता है।

(और पढ़े – बेकिंग सोडा के फायदे और नुकसान…)

घमौरी के लिए घरेलू उपाय एलोविरा से – ghamori se bachne ka gharelu upay Aloe vera in hindi

एलोवेरा एक एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुणों से परिपूर्ण होता है, जो संक्रमण (इन्फेक्शन) की  रोकथम के लिए प्रभावी हो सकता है। यह सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। अतः घमौरी की स्थिति में बेचैनी से राहत पाने के लिए प्रभावित त्वचा पर एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करना चाहिए।

(और पढ़े – चेहरे पर एलोवेरा लगाने के फायदे और नुकसान…)

घमौरियां के उपचार में नीम फायदेमंद – ghamori ka gharelu upchar Neem in hindi

नीम का उपयोग त्वचा पर अनेक प्रकार के चकत्ते (rashes) के इलाज में किया जा सकता है। शोधों द्वारा ज्ञात हुआ है कि नीम में रोगाणुरोधी (antimicrobial) और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते है। अतः घमौरी की स्थिति में नीम को स्नान के लिए या पेस्ट के रूप त्वचा पर लागू करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।

(और पढ़े – नीम की पत्ती के फायदे और नुकसान…)

घमौरियों का घरेलू उपचार दलिया से – Oatmeal for Heat Rash treatment in hindi

ओटमील या दलिया खुजली और सूजन को कम करने में प्रभावी है। यह त्वचा पर नमी को बनाये रखने या त्वचा को मॉइस्चर करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। अतः दलिया घमौरी के लिए एक उपयोगी घरेलू उपचार है।

स्नान के लिए गुनगुने पानी में 1 या 2 कप दलिया डालें और 20 मिनट बाद उस पानी को छान लें और फिर स्नान करें। इसके आलावा दलिया और पानी का पेस्ट बनाकर सीधे घमौरी पर लगाया जा सकता है।

(और पढ़े – दलिया खाने के फायदे स्वास्थ्य लाभ और नुकसान…)

घमौरी का घरेलू इलाज है कच्चा आलू – Ghamori ka gharelu ilaj Raw Potato in hindi

कच्चा आलू घमौरियां की स्थिति में खुजली और कांटेदार चुभन को कम करने में मदद करता है। अतः प्रभावित क्षेत्र में आलू को स्लाइस कर प्रभावित क्षेत्र पर 10-15 मिनट के रखा रहने देते हैं और फिर ठंडे पानी के साथ कर लेते हैं।

(और पढ़े – चेहरे पर आलू लगाने के फायदे…)

घमौरी उपचार के लिए अन्य खाद्य पदार्थ – Other Foods for Prickly Heat Treatment in hindi

घमौरी के घरेलू इलाज में खाद्य पदार्थ भी अपना योगदान दे सकते हैं।

फल और कुछ सब्जियां शरीर को ठंडा रखने और घमौरियां के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

घमौरी के इलाज में उपयोगी आहार में निम्न को शामिल किया जा सकता है:

(और पढ़े – पपीता खाना क्यों है सेहत के लिए लाभकारी…)

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Sourabh

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