Best Yoga for increase height in Hindi क्या आप जानना चाहते हैं की हाइट बढ़ाने के लिए कौन से योग करना चाहिए, तो हम आपको लंबाई बढ़ाने के लिए योग के बारे में बता रहें हैं। हाइट बढ़ाने के लिए योग एक बहुत ही प्रभावी उपाय हो सकता है। मानव की ऊंचाई पर्यावरणीय कारकों और पोषण सहित आनुवंशिक और गैर-आनुवंशिक जैसे कई कारकों पर निर्भर करती है। योग आसन किसी भी उम्र में स्वाभाविक रूप से ऊंचाई बढ़ाने में मदद करते हैं। हालांकि आपकी हाईट इसके निरंतर अभ्यास के बिना नहीं बढ़ सकती है। लंबे लोगों को अधिक आकर्षक माना जाता है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति अपनी ऊंचाई बढ़ाना चाहता है।
यदि आप युवावस्था में अपनी मध्यम वृद्धि को लेकर निराश है तो चिंता छोड़ दीजिये क्योंकि आज हम आपको कुछ ऐसे योग आसन के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको हाईट बढ़ाने में बहुत ही लाभदायक होगें।
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योग आसन शरीर के लचीलेपन को बढ़ाने और स्ट्रेचिंग व्यायाम पर ध्यान केंद्रित करते हैं। यह आसन रीढ़ की हड्डी को सीधा करते हैं जो खराब मुद्रा के कारण थोड़ा झुक जाती है। योग करने से मानसिक और भावनात्मक तनाव दूर होता है और शरीर को आराम मिलता है। इससे वृद्धि हार्मोन भी उत्सर्जित होता है जो ऊंचाई बढ़ाने में मदद करता है। स्ट्रेचिंग योग आसनों का एक अभिन्न अंग है यह मांसपेशियों को बढ़ाने में सहायता करता है। योग आसन गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के साथ शरीर को खींचते हैं और ऊंचाई बढ़ाने में मदद करते हैं। आइये हाईट बढ़ाने वाले योग को करने की विधि को विस्तार से जानते हैं।
(और पढ़े – हाइट बढ़ाने के लिए टिप्स योग, एक्सरसाइज और घरेलू उपाय…)
भुजंगासन योग हाइट बढ़ाने के लिए सबसे प्रसिद्ध योग में से एक हैं। यह आसन पेट, ऊपरी पीठ, और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों पर काम करता है और पेट के चारों ओर खराब वसा को खत्म करने में मदद करता है। यह ऊंचाई बढ़ाने के लिए बाबा रामदेव योग द्वारा सुझाए गए सबसे अच्छे आसनों में से एक है। इस आसन को करने लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं जिसमे आपकी पीट ऊपर की ओर रहे। अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों पर वजन डालते हुयें धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करें और ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। आप इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।
(और पढ़े – भुजंगासन के फायदे और करने का तरीका…)
त्रिकोणासन योग लम्बाई बढ़ाने के लिए हमारे पैरों, बाजुओं और छाती में मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह हमारे जोड़ों जैसे घुटनों और टखनों को भी फायदा पहुंचाता है। यह आसन कूल्हे खोलता है, हैमस्ट्रिंग, पिंडलियों की मांसपेशियों में खिंचाव देता है और छाती को खोलता है। यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है और हमारे शरीर के संतुलन को बेहतर बनाता है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट पर दोनों पैरों को दूर-दूर करके सीधे खड़े हो जाएं, अपने दाएं पैर के साइड झुकें और अपने हाथ को जमीन पर रखें और दूसरे हाथ को ऊपर करके सीधा करें जिससे दोनों हाथ एक सीधी रेखा में हो जाएं। कुछ देर इस आसन में रहें, अगर आपको जमीन पर हाथ रखने में कठिनाई होती हैं तो आप हाथ को पैर के ऊपर रख सकते हैं।
(और पढ़े – त्रिकोणासन के फायदे और करने का तरीका…)
अधोमुख श्वान आसन कोबरा पोज़ ऊंचाई बढ़ाने के लिए अधिक लोकप्रिय है। यह वजन घटाने, हाथ, पेट और पैर की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। यह आसन निचले शरीर के साथ-साथ ऊपरी शरीर को फैलाता है। यह ऊंचाई बढ़ाने के लिए बहुत ही अच्छा आसन है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच में थोड़ा सा अंतर रखें। अब आगे की ओर झुकते जाएं अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखे। दोनों पैरों को हाथों से दूर करें जिससे आपके हाथ और रीढ़ की हड्डी एक सीधी रेखा में आ जाएं। इसमें आपके पैर और सीने के बीच 90 डिग्री का कोण बनेगा। अधोमुख श्वान आसन को दो-तीन मिनिट के लिए करें।
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उष्ट्रासन योग को कैमल पोज़ के रूप में भी जाना जाता है। इसमें गर्दन के पीछे की ओर झुकना शामिल होता है जो मास्टर ग्रंथि या पिट्यूटरी ग्रंथि को ट्रिगर करता है। जो लोग रक्तचाप में उतार-चढ़ाव से पीड़ित हैं या पीठ दर्द से परेशान हैं उन्हें इस मुद्रा से बचना चाहिए। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर घुटनों के बल खड़े हो जाएं। अब अपनी कमर के यहाँ से पीछे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों को पीछे ले जाएं। आपने सिर को पीछे झुका लें और दोनों हाथों को पैर की एड़ियों पर रखें। उष्ट्रासन की स्थिति में आप 30 से 60 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।
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वृक्षासन योग ऊंचाई बढ़ाने में अद्भुत काम करता है। जब पैर को मोड़कर दूसरी जांघ के ऊपर रखा जाता है, तो पूरे शरीर के वजन को दूसरे पैर द्वारा वहन किया जाता है। यह आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसके अलावा, जब गर्दन को ऊपर की ओर फ्लेक्स किया जाता है, तो पिट्यूटरी ग्रंथि जो वृद्धि हार्मोन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है वह सक्रिय हो जाती है। इस आसन को करने लिए आप एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं अपने दोनों हाथों को जोड़ लें। अब अपने एक पैर को ऊपर कर के दूसरे पैर की जांघ पर रखें। अब इस आसन में अपनी क्षमता के अनुसार रहें और फिर पैर को नीचे करके प्रारंभिक अवस्था में आयें।
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पश्चिमोत्तानासन योग में पीठ और जांघ की मांसपेशियों के साथ गर्दन के क्षेत्र पर दबाव डाला जाता है। हाईट बढ़ाने के लिए यह योग बहुत ही लाभदायक है। इस आसन का अभ्यास स्लिप डिस्क या सायटिका से पीड़ित लोगों को नहीं करना चाहिए। पश्चिमोत्तानासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को ऊपर उठा के सीधे कर लें। अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजे पकड़ लें। अपनी सिर को घुटनों पर रख दें। इस आसन को 20 से 60 सेकंड के लिए करें।
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सर्वांगासन योग चमत्कारिक आसनों में से एक है। यह एक मध्यवर्ती स्तर योग है अर्थात बिगिनर को इसे करने में थोड़ी कठिनाई हो सकती है। इस आसन को करने के लिए आपको उलटा होना पड़ता है जो त्वचा, बाल, रक्तचाप, थायरॉयड, ग्लूकोमा और बहुत कुछ ठीक करने के लिए जाना जाता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट के सीधे पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को सीधा रखें। अब अपने दोनों पैरों को कमर के यहाँ से मुड़े और उनकों ऊपर करें। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पीठ को सहारा देते हुए उठायें।
अपने पैरों को अधिकतम ऊंचाई तक ऊपर करें। इस स्थिति में आपकी रीड की हड्डी और आपके पैर एक सीधी रेखा में रहनी चाहियें। आपके शरीर का पूरा वजन कन्धों पर होगा और दोनों हाथ पीठ को ऊपर की ओर सीधा रखने में सहायता करेगें। इस आसन में आपको कम से कम 30 सेकंड तक रुकना हैं उसेक बाद पैरों को नीचे करते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में आना हैं।
(और पढ़े – सर्वांगासन करने का तरीका और फायदे…)
हस्तपादासन योग, उत्तानासन योग का रूपांतर है। यह ऊंचाई बढ़ाने के लिए प्रभावी है क्योंकि यह रीढ़ को लम्बा करता है और साथ ही हैमस्ट्रिंग को फैलाता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और दोनों हाथों को ऊपर की ओर सीधा कर लें, अब धीरे-धीरे कमर से नीचे झुकते जाएं और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजों को पकड़ें साथ में सिर को दोनों पैरों पर रखें। हस्तपादासन मुद्रा में आप 60 से 90 सेकंड के लिए रहें।
(और पढ़े – उत्तानासन (हस्तपादासन) करने का तरीका और फायदे…)
ताड़ासन योग में सिर से पैर तक शरीर की सभी मांसपेशियों को खींचना शामिल है। यह शरीर के सभी हिस्सों में दबाव उत्पन्न करता है जो वृद्धि हार्मोन के उत्पादन को सुविधाजनक बनाता है। ताड़ासन करने के लिए आप सबसे पहले किसी योगा मैट को बिछा के उस पर खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच थोड़ी सी दूरी बना के रखें। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर करें। दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फस लें। अब आप अपनों दोनों हथेलियों को घुमा के उल्टा कर लें, इसमें आपके हाथ की हथेलियां असमान की ओर रहेगी। अब दोनों हाथों को ऊपर की ओर खींचे और पैरों की एड़ियों को ऊपर उठा के पंजों के बल खड़े हो जाएं। 20-30 सेकंड के लिए आप इस आसन में रहें और फिर हाथों को नीचे करके सामान्य हो जाएं।
(और पढ़े – ताड़ासन करने के फायदे, सावधानियां और करने का तरीका…)
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