Hepatitis B In Hindi हेपेटाइटिस बी यकृत संक्रमण से सम्बंधित रोग है। यह तब फैलता है जब लोग उस व्यक्ति के रक्त, खुले घावों, या शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आते हैं जिनके पास हेपेटाइटिस बी वायरस होता है। इस लेख में आप जानेंगे हेपेटाइटिस बी के लक्षण, कारण, प्रकार, निदान, उपचार और रोकथाम के उपाय के बारे में।
यह बीमारी ज्यादातर लंबे समय तक नहीं टिकती हैं। शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र इस रोग को कुछ महीनों के भीतर पूरी तरह से ठीक कर देता है। अच्छी बात तो यह है कि हेपेटाइटिस बी वाले ज्यादातर वयस्क पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, भले ही उनके लक्षण गंभीर क्यों ना हों।
1. हेपेटाइटिस बी क्या है – What is hepatitis B in Hindi
2. हेपेटाइटिस बी के लक्षण – Hepatitis B Symptoms in Hindi
3. हेपेटाइटिस बी के कारण – Hepatitis B Causes in Hindi
4. हेपेटाइटिस बी होने पर डॉक्टर को कब दिखाएँ – When To See A Doctor In Hindi
5. हेपेटाइटिस बी के प्रकार – Types of Hepatitis B in Hindi
6. हेपेटाइटिस बी का निदान – Hepatitis B Diagnosis in Hindi
7. हेपेटाइटिस बी के उपचार – Hepatitis B Treatments in Hindi
8. हेपेटाइटिस बी की जटिलताएं – Hepatitis B Complications in Hindi
9. हेपेटाइटिस बी से बचाव – Hepatitis B Prevention in Hindi
10. हेपेटाइटिस बी में क्या खाएं – Diet for Hepatitis B in Hindi
11. हेपेटाइटिस बी में परहेज – Hepatitis B Food to Avoid in Hindi
हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) रोग, हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) के कारण होने वाला एक गंभीर यकृत संक्रमण रोग है। हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) पांच प्रकार के वायरल हेपेटाइटिस के वायरस में से एक प्रमुख प्रकार का वायरस है। इसके आलावा अन्य हेपेटाइटिस ए, सी, डी, और ई भी होते हैं। प्रत्येक हेपेटाइटिस में अलग-अलग प्रकार के वायरस पाए जाते है।
कुछ लोगों के लिए हेपेटाइटिस बी संक्रमण क्रोनिक (chronic) होता है, इसका अर्थ यह कि यह छह महीने से अधिक समय तक रहता है। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी से यकृत की विफलता, यकृत कैंसर या लिवर सिरोसिस (cirrhosis) विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी बहुत धीरे-धीरे विकसित होने वाला संक्रमण है। तथा इसके लक्षण थोड़े से गंभीर होने पर ही दिखाई देते है। अगर इसका इलाज समय पर नहीं किया जाता है तो यह घातक हो सकता है। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण शिशुओं और बच्चों को अधिक प्रभावित करता है।
टीका हेपेटाइटिस बी को रोकने में सहायक हो सकता है, लेकिन यदि हालात बहुत गंभीर हैं तो इसका कोई इलाज नहीं है। यदि आप संक्रमित हैं, तो वायरस को दूसरों तक फैलाने से रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।
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हेपेटाइटिस बी का इलाज समय पर न किया जाये तो इसके लक्षण सामान्य से गंभीर तक हो सकते हैं। इस रोग के लक्षण आमतौर पर संक्रमित होने के लगभग एक से चार महीने बाद दिखाई देते हैं। तीव्र (acute) हेपेटाइटिस बी के लक्षणों को दो सप्ताह की संक्रमण अवस्था के बाद देखा जा सकता है। हेपेटाइटिस बी के संकेत और लक्षणों में निम्न कारक शामिल हो सकते हैं जैसे-
हेपेटाइटिस बी के किसी भी लक्षण को अनदेखा ना करें। तीव्र (acute) हेपेटाइटिस बी के लक्षण 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में बहुत जोखिम दायक हो सकते हैं। यदि आप हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं तो डॉक्टर को तुरंत दिखायें।
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Hepatitis B : हेपेटाइटिस बी संक्रमण हेपेटाइटिस बी वायरस (Hepatitis B virus) के कारण होता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में रक्त से, वीर्य (semen) या अन्य शरीर के तरल पदार्थ के माध्यम से फैल सकता है। यह छींकने या खांसने से नहीं फैलता है।
HBV या हेपेटाइटिस बी वायरस निम्न तरीकों से फैल सकता है
यौन संबंध से (Sexual contact) – किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने से हेपेटाइटिस बी फैल सकता है। यह वायरस व्यक्ति के खून, लार, वीर्य या योनि स्राव के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है।
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सुइयों का साझा करने से (Sharing of needles) – HBV या हेपेटाइटिस बी संक्रमित रक्त से दूषित सुइयां और सिरिंज भी इसके संक्रमण का कारण है। अंतःशिरा दवा सामग्री का साझा भी हेपेटाइटिस बी के जोखिम को बढ़ा देता है।
मां से बच्चे को (Mother to child) – HBV से संक्रमित गर्भवती महिलाओं के अजन्मे बच्चे को जन्म के दौरान वायरस फैलने का खतरा बहुत अधिक होता हैं। अतः नवजात शिशु को संक्रमित होने से बचने के लिए टीका लगाया जा सकता है।
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यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि वह हेपेटाइटिस बी के संपर्क में आ चुका हैं, तो उसे तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि संक्रमित व्यक्ति, वायरस के संपर्क में आने के 24 घंटों के भीतर इलाज प्राप्त करता है तो हेपेटाइटिस बी के जोखिम को बहुत जल्दी कम किया जा सकता है।
अगर आपको लगता है कि आप हेपेटाइटिस बी के लक्षणों का शिकार हैं, तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
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हेपेटाइटिस बी का संक्रमण या तो तीव्र हेपेटाइटिस बी या लंबे समय तक चलने वाला हेपेटाइटिस बी (Acute hepatitis B vs. Chronic hepatitis B) के रूप में हो सकता है।
यह संक्रमण छह महीने से भी कम समय तक अपना प्रभाव रखता है। मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर से तीव्र (Acute) हेपेटाइटिस बी को नष्ट करने में सक्षम हो सकती है, और मरीज कुछ महीनों में ही पूरी तरह से ठीक हो सकता।
इस संक्रमण का छह महीने या उससे अधिक समय तक प्रभाव रहता है। यह बहुत देर तक ठहरता है क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण से लड़ में सक्षम नहीं होती है। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण जीवनभर, सिरोसिस और यकृत कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के रूप में रह सकता है।
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डॉक्टर संक्रमित व्यक्ति की जांच कर यकृत (liver) की क्षति के कारणों का पता लगाता है, जैसे पीले रंग की त्वचा या पेट दर्द। हेपेटाइटिस बी की जटिलताओं का निदान करने के लिए डॉक्टर द्वारा निम्न परीक्षण किए जा सकते हैं:
रक्त परीक्षण के आधार पर शरीर में हेपेटाइटिस बी वायरस के लक्षणों का पता लगाया जा सकता है और साथ ही साथ कि यह टेस्ट तीव्र (Acute) या पुरानी (chronic) हेपेटाइटिस बी की जानकारी डॉक्टर को प्रदान कर सकता है। एक साधारण रक्त परीक्षण से यह भी निर्धारित किया जा सकता है कि संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली सक्षम है या नहीं।
हेपेटाइटिस बी को स्क्रीन करने के लिए, डॉक्टर रक्त परीक्षण की एक श्रृंखला तैयार करता है।
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इस परीक्षण से यह पता चलता है कि आप संक्रमण की चपेट में हैं या नहीं। यदि परिणाम सकारात्मक (positive)है, तब इसका मतलब है कि आपके पास हैपेटाइटिस बी है और वायरस फैल सकता है। और यदि परिणाम नकारात्मक (negative) हैं, तो इसका मतलब है कि वर्तमान में हेपेटाइटिस बी नहीं है। यह परीक्षण क्रोनिक और तीव्र (Acute) संक्रमण के बीच अंतर स्पष्ट नहीं कर पाता है।
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वर्तमान में हेपेटाइटिस बी से संक्रमित होने की स्थिति का पता लगाने के लिए हेपेटाइटिस बी कोर एंटीजन परीक्षण किया जाता है। सकारात्मक (Positive) परिणाम का यह बताते है कि मरीज को तीव्र या क्रोनिक हेपेटाइटिस बी है।
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एचबीवी के प्रतिरक्षा की जांच के लिए हेपेटाइटिस बी सतह एंटीबॉडी परीक्षण प्रयोग में लाया जाता है। इसके सकारात्मक परीक्षण यह जानकारी देते है कि हेपेटाइटिस बी रोग से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली सक्षम है।
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एक विशेष अल्ट्रासाउंड जिसे transient elastography (क्षणिक इलास्टोग्राफी) के नाम से जाना जाता है, यकृत की क्षति का पता लगाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
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यकृत क्षति का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर यकृत बायोप्सी (Liver biopsy) का सहारा ले सकता है। इस परीक्षण में यकृत के ऊतक का एक छोटा नमूना लेने के लिए डॉक्टर त्वचा के माध्यम से यकृत में एक पतली सुई डालता है और प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए ऊतक का नमूना ले लेता है।
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यदि किसी व्यक्ति को ऐसा लगता है की वह पिछले 24 घंटों में हेपेटाइटिस बी के संपर्क में आ चुका है, तो उस व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। हेपेटाइटिस बी टीका और HBV इम्यूनोग्लोबुलिन (एंटीबॉडी) का इंजेक्शन प्राप्त करके संक्रमित होने से बचा जा सकता है। अतः टीकाकरण ही इससे बचने का सबसे आसान तरीका है।
हेपेटाइटिस बी के उपचार के लिए निम्न विकल्प होते हैं –
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क्रोनिक हेपेटाइटिस बी से पीड़ित लोग गुर्दे की बीमारी या रक्त वाहिकाओं में सूजन, जैसी जटिल समस्याओं का सामना कर सकते हैं। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी होने की जटिलताओं में शामिल हैं:
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Hepatitis B : हेपेटाइटिस बी संक्रमण को रोकने के लिए सबसे अच्छा और आसान तरीका टीकाकरण है। हेपेटाइटिस बी के टीके आमतौर पर छह महीने में तीन या चार इंजेक्शन के रूप में दिए जाते है। हैं। टीका से हेपेटाइटिस बी को संक्रमित होने से रोका जा सकता है। निम्नलिखित समूह वर्गों के लिए हेपेटाइटिस बी टीका की सिफारिश की जाती है।
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हेपेटाइटिस बी की रोकथाम और संक्रमण के जोखिम को कम करने के अन्य तरीके भी हैं :
हेपेटाइटिस बी से यकृत को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत जरूरी होता है। “हेपेटाइटिस वाले व्यक्ति को स्वस्थ, संतुलित आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अतः एक अच्छे आहार के रूप में निम्न सामग्री उपयोग में ला सकते है:
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