Herbal Tea Benefit in Hindi हर्बल टी (हर्बल चाय) ऐसी चाय है जिसे आप सामान्य चाय की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन हर्बल टी के फायदे आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। हर्बल चाय आपके लिए अतिरिक्त पोषक तत्वों की पूर्ति करने के लिए पूरक आहार का काम करती है। हर्बल टी कई प्रकार के उत्पादों का मिश्रण होती है जो कि हमें बहुत से स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते हैं। यदि नियमित रूप से हर्बल टी का उपयोग किया जाता है तो यह वजन कम करने, मधुमेह को नियंत्रित, संक्रमण से बचाने, पेट की समस्याओं, त्वचा समस्याओं, गंभीर बीमारियों, तनाव आदि से राहत दिला सकती है। इस लेख में हम जानेगें हर्बल टी के फायदे, नुकसान, प्रकार और हर्बल चाय बनाने की विधि के बारे में। आइऐ जाने हर्बल टी क्या है।
विषय सूची
1. हर्बल टी (हर्बल चाय) क्या है – Herbal Tea Kya Hai in Hindi
2. हर्बल के पोषक तत्व – Herbal Tea Nutritional Value In Hindi
3. हर्बल टी पीने के फायदे – Herbal Tea Peene Ke Fayde in Hindi
4. हर्बल टी बनाने की विधि – Herbal Tea Banane Ki Vidhi in Hindi
5. हर्बल टी लिस्ट – Herbal Tea List in Hindi
6. हर्बल टी के नुकसान – Herbal Tea Ke Nuksan in Hindi
प्राचीन समय में हर्बल चाय को टिसन (Tisane) कहा जाता था। हर्बल चाय सुगंध, स्वाद और उपचार गुणों से भरपूर होती है। इसे भारतीय आयुर्वेद में वैदिक चाय के नाम से भी जाना जाता है। यह चाय फूलों, पत्तियों, बीजों, जड़ों, छाल और तनों आदि का उपयोग करके बनाई जाती है। हर्बल चाय कई प्रकार की होती है। प्रत्येक प्रकार की हर्बल चाय के स्वास्थ्य लाभ उसकी संरचना पर निर्भर करती है। हर्बल चाय शरीर के तापमान को संतुलित करके शरीर को शीतलन प्रभाव प्रदान करती है। जब लोग बीमार होते हैं तो विशेष रूप से हर्बल टी का उपयोग करते हैं। आइए जाने हर्बल टी में कौन से पोषक तत्व मौजूद रहते हैं।
(और पढ़े – जानें भोजन के बाद चाय पीना अच्छा होता है या बुरा…)
जैसा की आप जानते हैं कि हर्बल चाय कई प्रकार की होती है। इसमें बहुत से पोषक तत्व मौजूद रहते हैं। सामान्य रूप से हम 1 कप हर्बल चाय का सेवन करते हैं जो कि लगभग 100 ग्राम माना जाता है। 100 ग्राम हर्बल चाय में मौजूद पोषक तत्व इस प्रकार हैं।
हर्बल चाय में 0.005 ग्राम तक संतृप्त वसा होता है। इसमें मोनोसंसैचुरेटेड वसा और पॉलीअनसंसैचूरेटेड वसा क्रमश: 0.012 ग्राम और 0.002 ग्राम तक होता है। हर्बल चाय में कोलेस्ट्रॉल बिल्कुल भी नहीं होता है। इस चाय में पाए जाने वाले सोडियम और पोटेशियम की मात्रा भी बहुत कम होती है जो क्रमश: 2 मिली ग्राम और 21 मिली ग्राम होती है। वैदिक चाय में फाइबर और शर्करा नहीं होते हैं। इसमें विटामिन ए और विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है।
(और पढ़े – वसा के स्रोत, फायदे और नुकसान…)
औषधीय गुणों बाली इस आयुर्वेदक चाय का उपयोग वे लोग कर सकते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त करना चाहते हैं। आपके द्वारा ली जाने वाली चाय जैसे कॉफी, काली चाय, दूध बाली चाय या अन्य प्रकार की चाय में कैफीन की मात्रा होती है। जबकि हर्बल चाय में किसी प्रकार का कैफीन नहीं होता है। अधिकांश हर्बल चाय में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है। लेकिन इसकी प्रभावशीलता आपके द्वारा उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटीयों पर निर्भर करती है। हर्बल टी के सामान्य स्वास्थ्य लाभों में शरीर और मस्तिष्क को आराम देना, नींद की गुणवत्ता सुधारना, दर्द और सूजन को कम करना, रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ना और विभिन्न बीमारियों को दूर करना आदि होते हैं। आइए जाने हर्बल टी पीने के फायदे क्या हैं।
(और पढ़े – कैफीन के फायदे, नुकसान और उपयोग…)
एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन की अच्छी मात्रा होने के कारण हर्बल टी का नियमित सेवन करने से यह शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करती है। मजबूत प्रतिरक्षा शक्ति विभिन्न प्रकार के संक्रमण और बीमारीयों से शरीर की रक्षा करती है। हर्बल टी का सेवन कर आप ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर सकते हैं साथ ही पुरानी बीमारीयों के प्रभाव को भी कम किया जा सकता है। आप अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए सामान्य चाय के स्थान पर हर्बल चाय का उपयोग कर सकते हैं जो कि आपको ताजगी और स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करती है।
(और पढ़े – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय…)
ऑक्सीडेटिव तनाव आपके मस्तिष्क के लिए बहुत ही गंभीर हो सकता है। लेकिन यदि आप चाहें तो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने के लिए हर्बल टी का उपयोग कर सकते हैं। यह तनाव को कम करने के साथ आपके फोकस करने और एकाग्रता को बढ़ाने में भी मदद करता है। अपने मस्तिष्क को स्वस्थ्य बनाने के लिए आप अपने आहार में या हर्बल चाय के रूप में गुलाब, अदरक, पुदीना, सिंहपर्णी और रूईबोस (rooibos) आदि को मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
(और पढ़े – मानसिक रोग के लक्षण, कारण, उपचार, इलाज, और बचाव…
पेट की समस्याओं जैसे पेट की ऐंठन, सूजन उल्टी, कब्ज, मतली और दस्त आदि का घरेलू उपचार करने के लिए हर्बल चाय का उपयोग किया जा सकता है। जैसा कि आप जानते हैं हर्बल चाय को विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटीयों के संयोजन से बनाया जाता है। इन जड़ी-बूटीयों के पोषक तत्व और औषधीय गुण हमारे अच्छे स्वास्थ्य में मदद करते हैं। पेट की समस्याओं से बचने के लिए विशेष रूप से कैमोमाइल, दालचीनी, पुदीना, अदरक और सिंहपर्णी (dandelion) जैसी औषधीयों का उपयोग कर एक हर्बल टी बनाई जा सकती है।
(और पढ़े – अपच या बदहजमी (डिस्पेप्सिया) के कारण, लक्षण, इलाज और उपचार…)
जिन लोगों को नींद की समस्या होती है उनके लिए हर्बल चाय बहुत ही फायदेमंद होती है। ऐसा माना जाता है कि रात में सोने से पहले यदि हर्बल चाय का सेवन किया जाए तो यह अच्छी नींद लाने में मदद कर सकती है। इसके लिए आप कैमोमाइल चाय का उपयोग कर सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कैमोमाइल चाय में ट्रिपोफान होता है, यह एक प्रकार का एमिनो एसिड है जो शरीर को आराम दिलाने में मदद करता है जिससे अच्छी नींद को उत्तेजित किया जा सकता है। यदि आपको अनिद्रा (insomnia) की शिकायत है तो इसके लिए आप कैमोमाइल चाय का सेवन कर सकते हैं।
(और पढ़े – अनिद्रा के कारण, लक्षण और उपचार…)
आपके शरीर में मौजूद अशुद्धियों को दूर करने में हर्बल टी का उपयोग किया जा सकता है। हर्बल चाय में शरीर की आंतरिक और बाहृय सफाई करने वाले गुण मौजूद होते हैं। इस सफाई संपत्ति के कारण त्वचा के संक्रमण को दूर करने और स्वस्थ त्वचा प्राप्त करने में मदद मिलती है। हर्बल चाय का नियमित सेवन करने से त्वचा में मुंहासों को दूर करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही यह सोरायसिस और एक्जिमा का इलाज करने में भी सहायक होते हैं। आप अपनी त्वचा को स्वस्थ्य रखने के लिए पहाड़ी पुदीना (Spearmint), ग्रीन टी, कैमोमाइल टी आदि का सेवन कर सकते हैं।
(और पढ़े – मुहांसों के प्रकार और उनका इलाज…
)आपके शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट की आपूर्ति करने का सबसे अच्छा विकल्प हर्बल चाय के रूप में मौजूद है। एंटीऑक्सीडेंट क्षमता फ्री रेडिकल्स को खत्म करने और शरीर में ऑक्सीडेंटिव तनाव को रोकने में मद कर सकती है। इस प्रकार के गुण पुरानी बीमारियों और कैंसर के खतरे को कम कर सकती है। आप अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए उच्च एंटीऑक्सीडेंट युक्त हर्बल चाय जैसे पेपरमिंट, रूइबोस, थाइम और नेटल टी (nettle teas) का उपयोग कर सकते हैं।
(और पढ़े – ग्रीन टी या लेमन टी कौन है बेहतर…)
एनाल्जेसिक गुण के कारण हर्बल टी का उपयोग उन लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जिन्हें शरीर में बेचैनी और दर्द बना रहता है। जो लोग गंभीर चोट, बीमारी, सर्जरी आदि के दर्द से परेशान हैं उनके लिए हर्बल टी औषधी का काम करती है। एनाल्जेसिक हर्बल टी बनाने के लिए चाय ऑलस्पिस (एक प्रकार का मसाला जिसमें लौंग, दालचीनी, जायफल आदि की गंध होती है), एक प्रकार की नाशपाती (bergamot), कैमोमाइल, नलगिरी और कवा रूट (kava root) चाय का उपयोग किया जा सकता है।
(और पढ़े – मांसपेशियों में खिंचाव (दर्द) के कारण और उपचार…)
जिस तरह से आप सामान्य चाय बनाते हैं उसी तरह से हर्बल टी को भी बनाया जा सकता है। बस इसमे उपयोग की जाने वाली सामग्री सामान्य चाय से अलग होती है जो आपको विभिन्न स्वास्थ्य लाभ दिलाती है। इस आयुर्वेदिक चाय का सबसे प्रमुख लाभ यह है कि इसमें कैफीन नहीं होता है।
अधिकांश हर्बल चाय बनाने के लिए पत्तियों, फूलों, जड़ों, औषधीय बीजों और विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटीयों को गर्म पानी में उबाला जाता है। इस प्रकार उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटीयों के पोषक तत्वों को चाय के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रकार से बनाई गई चाय स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है।
सबसे प्रभावी हर्बल चाय को मुख्य रूप से 3 भागों सक्रिय घटक, सहायक घटक और उत्प्रेरक घटक में बांटा जा सकता है। हर्बल टी के सक्रिय घटक आपको विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाते हैं जिनमें प्रतिरक्षा स्वास्थ्य और दर्द से राहत आदि शामिल हैं। इसके सहायक घटक आपके शरीर में संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं जिनमें एंटी-इंफ्लामेटरी, शामक (sedative) और उत्तेजक गुण शामिल हैं। हर्बल टी के उत्प्रेरक घटक इसे स्वाद प्रदान करते हैं जिसके कारण आप इसे पेय पदार्थ के रूप में उपयोग करते हैं।
हर्बल टी बनाने के लिए उपयोग किये जाने वाले उत्पादों की मात्रा भी इसकी गुणवत्ता को प्रभावित करती है। विशेषज्ञों के अनुसार हर्बल टी में 3 भाग सक्रिय घटक, 2 भाग सहायक घटक और 1 भाग उत्प्रेरक घटकों के मिश्रण की सलाह दी जाती है। यह मिश्रण हर्बल टी को संतुलित, प्रभावकारी और स्वादिष्ट बनाता है।
(और पढ़े – तुलसी की चाय के फायदे और नुकसान…)
औषधीय गुणों से भर पूर हर्बल टी की 100 से अधिक उपयोग की जाने वाली किस्में मौजूद हैं। लेकिन इन सभी प्रकार की चाय का उपयोग करना हर व्यक्ति के लिए संभव नहीं है। क्योंकि कुछ उत्पादों की उपलब्धता आसानी से नहीं होती है। लेकिन उनमें से कुछ लोकप्रिय हर्बल चाय जो आसानी से प्राप्त की जा सकती हैं उनकी सूची और उनसे प्राप्त होने वाले लाभों की जानकारी आपको उपलब्ध कराई जा रही है। आइए इन्हें जानें।
हल्दी चाय (Turmeric Tea) : शरीर में एंटीऑक्सीडेंट गतिविधीयों को बढ़ाने के लिए हल्दी युक्त हर्बल टी का सेवन किया जाना चाहिए। यह कैंसर के प्रभाव को कम करने के साथ ही सूजन को भी कम करती है। इसका नियमित सेवन अच्छे पाचन को बढ़ावा देता है।
अदरक की चाय (Ginger Root Tea) : इस चाय का नियमित सेवन करने से यह मतली की भावना को शांत करने में मदद करती है और पाचन क्रिया को उत्तेजित करती है। अदरक चाय का उपयोग कर आप पुराने दर्द और बीमारियों को दूर कर सकते हैं। यह आपकी भूख बढ़ाने में भी सहायक होती है।
सिंहपर्णी चाय (Dandelion Tea) : आपके लिए सिंहपर्णी चाय मूत्रवर्धक का काम करती है। यह आपके शरीर में मौजूद विषाक्तता को दूर करने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी सहायक होती है।
कैमोमाइल चाय (Chamomile Tea) : इस आयुर्वेदिक चाय में शरीर को आराम दिलाने वाले गुण होते हैं। यह आपके पेट की समस्याओं, पीठ दर्द, सूजन, गठिया, त्वचा की जलन और सनबर्न आदि के लक्षणों को दूर करने में मदद करते हैं।
कैनबिस (भांग) की चाय (Cannabis) : भांग बाली हर्बल टी का सेवन करने से पुराने दर्द, सूजन, चिंता, तनाव, अवसाद, सिरदर्द, अपचन और पेट की ऐंठन जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। लेकिन आप जानते हैं कि भांग एक मादक पदार्थ है इसलिए इसका बहुत ही कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।
मोटी सौंफ की चाय (Anise Tea) : पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए मोटी सौंफ की चाय का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है। यह पेट विकारों, गैस, मतली, खांसी, सर्दी और मासिक धर्म की ऐंठन को दूर करने में मदद करती है।
सुगंधरा चाय (Patchouli Tea) : पचौली, एक भारतीय सुगंधित पौधा जिसे सुगंधरा नाम से भी जाना जाता है। इस चाय का नियमित सेवन करने से सेक्स ड्राइव को उत्तेजित करने में मदद मिलती है। यह आपकी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने और आपकी मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है।
पेपरमिंट टी (Peppermint Tea) : पेपरमिंट एक किस्म का पोदीना होता है। इसकी चाय का सेवन विशेष रूप से ऐंठन, खराब पेट, अपचन, गैस आदि से राहत पाने के लिए किया जाता है। साथ ही आपकी प्रतिरक्षा शक्ति को भी बढ़ाने में मदद करता है।
थाइम चाय (Thyme Tea) : अजवायन के फूल से बनी चाय को थाइम टी भी कहा जाता है। यह एक हर्बल चाय है जो बुखार को कम करने, सर्दी और खांसी को ठीक करने, सिर दर्द, पेट की खराबी और प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ावा देने के लिए उपयोग की जाती है।
कावा रूट टी (Kava Root Tea) : कावा रूट टी का उपयोग तनाव और चिंता को कम करता है। इसका नियमित सेवन करने से नींद की गुणवत्ता को सुधारने में मदद मिलती है और यह अशांत मन को शांत करने में भी सहायक होता है।
गुलाब चाय (Rosehip Tea) : विटामिन सी की उच्च मात्रा होने के कारण गुलाब चाय प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है। यह आपके शरीर से विषाक्तता को भी दूर करने में मदद करती है।
(और पढ़े – अवसाद (डिप्रेशन) क्या है, कारण, लक्षण, निदान, और उपचार…)
आयुर्वेदिक या वैदिक चाय कही जाने वाली हर्बल टी का उपयोग स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है। लेकिन इसके सक्रिय तत्वों, संभावित एलर्जी, गलत जड़ी-बूटीयां, अधिक मात्रा में उपयोग आदि के कारण कुछ दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। आइए इन्हें जाने।
(और पढ़े – एलर्जी लक्षण, बचाव के तरीके और घरेलू उपचार…)
स्वास्थ्य और सेहत से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए टॉपिक पर क्लिक करें
हेल्थ टिप्स | घरेलू उपाय | फैशन और ब्यूटी टिप्स | रिलेशनशिप टिप्स | जड़ीबूटी | बीमारी | महिला स्वास्थ्य |
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…