Hichki rokne ke gharelu nuskhe in Hindi हिचकी एक अस्थायी समस्या है जो अक्सर खाने और पीने के दौरान होती है। वास्तव में हिचकी किसी व्यक्ति द्वारा आपको याद किए जाने के कारण नहीं आती बल्कि यह समस्या आमतौर पर तब होती है जब डायफ्राम अनैच्छिक रूप से सिकुड़ जाता है जिसके कारण वोकल कॉर्ड (vocal cord) बंद हो जाता है और वायुमार्ग से हम सही तरीके से सांस नहीं ले पाते हैं। ऐसी स्थिति पैदा होने पर व्यक्ति को हिचकी आने लगती है। हिचकी पाचन तंत्र की समस्याओं से भी जुड़ी होती है और लगातार एवं अधिक देर तक हिचकी आने पर व्यक्ति का मन चिड़चिड़ा हो जाता है। इस लेख में हम आपको हिचकी आने के मुख्य कारणों और इसे ठीक करने के लिए घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।
विषय सूची
1. हिचकी आने के कारण – Causes Of Hiccups in Hindi
2. हिचकी रोकने के घरेलू उपाय – Home Remedies For Hiccups in Hindi
हिचकी किसी भी व्यक्ति को किसी भी समय आ सकती है लेकिन माना जाता है कि हर व्यक्ति को अलग अलग कारणों से हिचकी आती है। आइये जानते हैं हिचकी आने के मुख्य कारण क्या होते हैं।
यदि आप बहुत जल्दी जल्दी खाना खाते हैं और खाने को पर्याप्त चबाने के बजाय सीधे गटक जाते हैं तो भोजन के साथ हवा भी आपके पेट में चली जाती है जिसके कारण हिचकी आने लगती है।
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यदि आपका गुर्दा सही तरीके से काम नहीं कर रहा है, आपको इन्सेफलाइटिस, मस्तिष्क आघात, स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर जैसी समस्याएं हैं तो हिचकी आ सकती है।
यदि आप अधिक शर्करायुक्त पेय पदार्थ, वाष्पित पेय पदार्थ, अधिक अल्कोहल पीते हैं तो आपके पेट में बहुत अधिक हवा जा सकती है जिसके कारण पेट में गैस बन जाती है और आपको हिचकी आ सकती है।
अगर आप सिगरेट, बीड़ी, सिगार, तंबाकू सहित अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं तो इसके कारण आपको हिचकी आ सकती है।
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माना जाता है कि कोल्ड ड्रिंक, बहुत ठंडा पानी या अन्य ठंडे पेय पदार्थ पीने से हिचकी आती है क्योंकि उस समय हमारे शरीर का तापमान सामान्य होता है लेकिन ठंडे पेय पीने के बाद शरीर का तापमान अचानक गिर जाता है जिसके कारण हिचकी आने लगती है।
कभी कभी अधिक तनाव लेने के कारण भी हिचकी आती है। चिंता और तनाव से अस्थायी रूप से हिचकी की समस्या उत्पन्न हो जाती है जो सामान्य से अधिक देर तक बनी रहती है। माना जाता है कि तनाव के कारण आने वाली हिचकी 48 घंटों से ज्यादा समय तक बनी रहती है। ऑटिज्म और मानसिक समस्या, भावनात्मक रूप से कमजोर होने और डर के कारण भी हिचकी आती है।
यदि आपकी चयापचय क्रिया (metabolic activity) बहुत तीव्र या बहुत धीमी है तो इसके कारण आपको हाइपरवेंटिलेशन हो सकता है या किडनी काम करना बंद कर सकती है जिसकी वजह से आपको हिचकी आने की समस्या हो सकती है। कभी कभी बहुत तीखा खाने के कारण भी हिचकी आती है।
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हिचकी आना कोई गंभीर समस्या नहीं होती है इसलिए यदि हिचकी आपको कुछ देर तक परेशान करती है तो आप घर पर ही इसका इलाज कर सकते हैं लेकिन हिचकी लंबे समय तक बनी है तो बिना लापरवाही किए आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। आइये जानते हैं हिचकी शांत करने के लिए घरेलू उपाय क्या हैं।
ज्यादातर लोग हिचकी आने पर अंगूर की जेली का सेवन करते हैं। वास्तव में हिचकी की समस्या को ठीक करने के लिए अंगूर की जेली के फायदों का परीक्षण किया जा चुका है जिससे यह साबित होता है कि यह हिचकी ठीक करने में प्रभावी तरीके से काम करता है। अंगूर की जेली खाने में काफी स्वादिष्ट होती है और हिचकी आने पर इसे खाने से हिचकी कुछ ही देर में बंद हो जाती है।
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माना जाता है कि एकदम ठंडा पानी (chilled water) हिचकी को शांत करने में काफी प्रभावी तरीके से काम करता है। एक गिलास नॉर्मल पानी में दो बर्फ के बड़े टुकड़े डालें और इस पानी को एकदम आराम से पीएं। कुछ ही देर में आपकी हिचकी बंद हो जाएगी। इसके अलावा आप बर्फ के कुछ टुकड़ों को एक साफ कपड़े में लपेटकर गर्दन के पीछे सिंकाई भी कर सकते हैं। यह तरीका अपनाने से हिचकी नहीं आती है। वास्तव में ठंडा पानी पाचन तंत्र को राहत पहुंचाता है जिसके कारण हिचकी तुरंत बंद हो जाती है।
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भारतीय मसालों में इलायची का इस्तेमाल हिचकी को शांत करने के लिए भी किया जाता है। इसमें डायफ्राम की मांसपेशियों को राहत पहुंचाने के गुण पाये जाते हैं और इलायची पाचन तंत्र से अतिरिक्त एल्कोहल और हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करती है। एक गिलास पानी में एक चम्मच इलायची पाउडर डालकर उबालें और जब पानी उबलकर आधा रह जाए तब इसे ठंडा करें और छानकर इस पानी को पीएं। आपकी हिचकी बंद हो जाएगी।
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डॉक्टरों का मानना है कि हिचकी रोकने के लिए शरीर में कार्बन डाई ऑक्साइड के लेवल को बढ़ाना पड़ता है ताकि डायफ्राम को राहत मिले और हवा आने जाने के लिए जगह बन सके। इसलिए जब हिचकी आये तो व्यक्ति को सांस लेने और सांस छोड़ने का अभ्यास करना चाहिए। लंबी सांस लें और कम से कम 10 सेकेंड तक सांस को रोककर रखें। इसके बाद आराम से सांस छोड़े। यह प्रक्रिया कई बार दोहराएं, आपकी हिचकी शांत हो जाएगी।
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एक स्टडी में पाया गया है कि फल का खट्टा स्वाद मुंह और पाचन तंत्र को संतृप्त करने में मदद करता है। यह तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और हिचकी आने के कारणों को खत्म करता है। एक गिलास पानी में आधा चम्मच चीनी और एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर पीने से हिचकी शांत हो जाती है। हिचकी ठीक करने के लिए यह बेहद आसान घरेलू उपाय है और हिचकी से तत्काल छुटकारा पाने के लिए इस नुस्खे को अपनाया जा सकता है।
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इसका प्रयोग प्राचीन समय से आयुर्वेदिक दवा के रूप में किया जाता रहा है। हींग में शक्तिशाली एजेंट पाये जाते हैं जो डायफ्राम की मांसपेशियों को शांत रखते हैं जिसके कारण हिचकी नहीं आती है। एक गिलास पानी में एक चम्मच हींग पाउडर मिलाकर सेवन करें। हिचकी को तुरंत बंद करने में यह बहुत ही प्रभावी होता है और पेट से संबंधित समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं।
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एक स्टडी में पाया गया है कि कैमोमाइल में मांसपेशियों को रिलैक्स करने के प्राकृतिक गुण पाये जाते हैं। यह डायफ्राम की मांसपेशियों में संकुचन को कम कर हिचकी को नियंत्रित करने में मदद करता है। एक कप गर्म पानी में एक चम्मच सूखी हुई कैमोमाइल जड़ी बूटी डालकर कुछ देर तक अच्छी तरह से उबालें फिर इसे छानकर नींबू का रस मिलाकर पीएं। इसके अलावा गर्म पानी में कैमोमाइट टी बैग डालकर भी इसका सेवन किया जा सकता है। आपको हिचकी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
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