हाइ ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करगे ये आयुर्वेदिक हर्ब्स These Ayurvedic herbs will control high blood pressure in hindi
आज समाज में उच्च रक्त चाप और निम्न रक्त चाप गंभीर समस्या बन रही है। इन्हें आप क्रमश: हाइ ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर के नाम से जानते हैं। जीवनशैली में अनियमिता इस बीमारी का प्रमुख कारण है। गड़बड़ खानपान, गैस की समस्या, अच्छी नींद न सो पाना और नमक का अधिक सेवन करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल से बाहर हो जाता है। जब दिल को शरीर की नसों रक्त भेजने पर अधिक पड़ने लगता है, तब इसे हाइ ब्लड प्रेशर कहते हैं। हर तीसरे भारतीय को उच्च रक्तचाप की शिकायत है। इससे दिल की बीमारी, स्ट्रोक और यहां तक कि गुर्दे की बीमारी होने का भी खतरा रहता है। रोगी को किसी भी वजह से ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ने देना चाहिए।
उच्च रक्तचाप के लिए मेडीकल पर बहुत ज्यादा भरोसा करना सही है, इससे आप ठीक भी हो जाएंगे, लेकिन अधिक समय तक यह उपचार लाभकारी नहीं होता है। जब तक आप दवा खाते रहेगें, तब तक आराम रहेगा। उच्च रक्तचाप के मामले में हर्बल उपचार भी लाभकारी होता है। कई जड़ी – बूटियों का प्रयोग पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है इस लेख में हम आपको हाइ ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के घरेलू उपाय बतायेंगे। जिससे आप बिना दवा खाये बीपी कंट्रोल कर सकेंगे। जानिए कुछ ऐसे ही हर्ब्स के बारे में जो उच्च रक्तचाप को नीचे लाने में काफी सहायक साबित होते हैं।
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लहसुन उन रोगियों के लिए लाभकारी होता है जिनका ब्लड़प्रेशर हल्का सा बढ़ा रहता है। ऐसा माना जाता है कि लहसुन में एलिसीन होता है, जो नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन हो बढ़ाता है और मांसपेशियों की धमनियों को आराम पहुंचाता है लहसुन में मौजूद एंटीऑक्सीडेट जैसे कि सेलेनियम, विटामिन सी और अलिसीन जैसे तत्वों के कारण हाई बी पी में बहुत असरदार होता है। रक्त चाप को कम करने के लिए सुबह-सुबह कच्चे लहसुन की दो या तीन कलियां खाने से काफी फायदा पहुंचता है।
बुरा कोलेस्ट्रोल धमनियों की दीवारों पर प्लेक पैदा करता है जिससे रक्त के प्रवाह में अवरोध पैदा हो जाता है। इसका नतीजा उच्च रक्तचाप के रूप में सामने आता है। अदरक में ताकतवर एंटीऑक्सीडेट होते है जो बुरे कोलेस्ट्रोल को नीचे लाने में काफी असरदार होते हैं। रक्त संचार में सुधार करने की क्षमता के अलावा, अदरक रक्त वाहिकाओं के चारों ओर मांसपेशियों को आराम पहुंचने में भी मदद करता है। जिससे कि उच्च रक्तचाप नीचे आ जाता है।
गाजर, एंटीऑक्सीडेंट जैसे बीटा कैरोटीन और विटामिन ए और सी का बहुत अच्छा स्रोत है। यह एंटीऑक्सीडेंट फ्री रैडिकल्स को समाप्त करने में उपयोगी माने जाते हैं जो कोशिकाओं को मारने में मदद करता है। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कण द्वारा तनाव के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। गाजर पोटैशियम का भी बहुत अच्छा स्रोत है जो रक्तचाप के स्तर को कम करने में प्रमुख भूमिका निभाता है जिससे हृदय रोगों के विकास को रोकने में मदद मिलती है।
धमनियों में प्लेक जमा होने के कारण रक्त वाहिकाएं और नसें संकरी हो जाती है जिससे रक्त प्रवाह में रुकावटें आने लगती है। लेकिन लाल मिर्च के सेवन से नसें और रक्त वाहिकाएं चौड़ी हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह ठीक प्रकार से होने लगता है और रक्तचाप नीचे आ जाता है।
सहजन का एक नाम ड्रम स्टीक भी होता है। सहजन की फली में काफी अधिक मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और खनिज लवण पाये जाते हैं। अध्ययन से पता चला है कि इसका रस पीने से ब्लडप्रेशर को नियत्रित किया जा सकता है। शोध अध्ययन में पाया गया है कि धमनियों की नाजुक मांसपेशियों को इससे आराम मिलता है। यह भी कहा जाता है कि दिल को मजबूत बनाने में और धड़कन को कम करने में भी यह लाभकारी होता है। इसके लिए सहजन का रस सुबह और शाम नियमित रूप से पीने से उच्च रक्तचाप में बहुत लाभ मिलता है। इसे आप अपने भोजन के साथ भी खा सकते है
आंवला भी ब्लडप्रेशर को कम करने में मदद करता है। आंवले में मौजूद विटामिन सी रक्तवहिकाओं यानि ब्लड़ वैसेल्स को फैलाने में मदद करता है, जिससे ब्लडप्रेशर को कम करने में मदद मिलती है। इसके लिए एक बडा चम्मच आंवले का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।
यह हर्ब उच्च रक्तचाप के लिए सबसे अच्छे प्राकृतिक उपचारों में से एक है। प्याज में उच्च स्तर में क्यूरसेटिन नामक तत्व होता है। यह एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट फ्लेवेनॉल है जो उच्च स्तर, स्ट्रोक और दिल की बीमारियों को रोकने की क्षमता के लिए जाना जाता है। प्याज का रस ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करके दिल के दौरे को रोकता है। यह ब्लड साफ करता है और नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाता है।
यह एक साधारण सब्जी है जो हर भारतीय घर के किचेन में मिलती है। इसे खाने से ब्लड़प्रेशर की बढ़ने वाली समस्या का निदान संभव है। इसे पकाकर या कच्चा खाने से बॉडी में उच्च मात्रा में मिनरल पौटेशियम पहुंचता है जो हाई – सोडियम डाईट के कारण बढ़ने वाले ब्लड़प्रेशर पर असर ड़ालता है।
रक्तचाप को काबू में लाने के लिए आप इलायची का भी सेवन कर सकते हैं। इलायची को सेवन करने से उच्च रक्तचाप प्रभावी ढंग से कम होता है। इलायची में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट से रक्त में थक्के बनने नहीं देता है। एक छोटी चम्मच इलायची के पाउडर और 2 चम्मच शहद दोनों को मिलाकर सुबह-शाम खायें। 15 दिन तक लगातार प्रयोग करने से उच्च रक्तचाप सामान्य हो जायेगा।
क अध्ययन में बताया गया कि बेसिक हाइपरटेंशन के 20 लोग पर इसका परीक्षण किया गया , जिन्हे 3 ग्राम इलायची पाउडर दिया गया। तीन महीने खत्म होने के बाद, उन सभी लोगों को अच्छा फील हुआ और इलायची के 3 ग्राम सेवन से उनको कोई साइडइफेक्ट भी नहीं हुआ। इसके अलावा, अध्ययन में यह भी बताया गया कि इससे ब्लड़प्रेशर भी प्रभावी ढंग से कम होता है।
फ्लैक्ससीड या लाइनसीड (अलसी) में एल्फा लिनोनेलिक एसिड बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह बहुत महत्वपूर्ण ओमेगा-3 फैटी एसिड है। जो उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। कई अध्ययनों के बाद यह बात सामने आई है कि जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या होती है उन्हें अपने भोजन में अलसी का इस्तेमाल शुरू करना चाहिए क्योंकि इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा दुसरो से कम होती है जिससे ब्लड़प्रेशर कम हो जाता है।
दालचीनी एक ऐसा हर्ब हे जो न केवल हृदय रोगों में बल्कि डायबिटीज के इलाज में भी उपयोगी होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है। यह उच्च रक्तचाप के लिए बहुत उपयोगी दवा है। उच्च रक्तचाप से बचने के लिए दालचीनी का पाउडर बना कर आधा चम्मच रोज सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ खाइए। या फिर दालचीनी को शहद के साथ लें।
ओहाई के एप्लाईड हेल्थ सेंटर में 22 लोगों पर अध्ययन किया गया, जिनमें से आधे लोगों को 250 ग्राम पानी में दालचीनी को दिया गया जबकि आधे लोगों को कुछ और दिया गया। बाद में यह पता चला कि जिन लोगों ने दालचीनी का घोल पिया था, उनके शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा अच्छी थी और ब्लड सुगर भी कम थी।
एलोवेरा त्वचा और स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से लाभकारी है। इसमें मौजूद ग्लाइकोप्रोटीन नामक तत्व रक्त शर्करा को नियंत्रित करने और रक्तचाप को कम करने में मदद करता है।
हल्दी के स्वास्थ्य लाभों से शायद हम सभी परिचित है। इसके अलावा हल्दी में मौजूद करक्युमिन नामक तत्व के कारण रक्चाप को कम करने में भी बहुत मददगार होती है। यह एंटीऑक्सीडेंट रक्त वाहिकाओं को मजबूती देता है और रक्त प्रवाह में सुधार करने में मदद करता है।
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