High cholesterol in Hindi हाई कोलेस्ट्रॉल या उच्च कोलेस्ट्रॉल एक तरह के खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) की वजह से उत्पन्न होता है, मनुष्य में ज्यादातर यह उच्च कोलेस्ट्रॉल खराब या अनियमित जीवनशैली और गलत तरह के खानपान से उत्पन्न होता है। कोलेस्ट्रॉल आपके रक्त में पाया जाने वाला एक मोमी पदार्थ है यह एक वैक्स या वसा के जैसा पदार्थ होता है जो हमारे लीवर के हर तरफ जाकर जमा हो जाता है और उसके आकार को छोटा करके उसमे सिकुड़न पैदा कर देता है। आपके शरीर को स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, लेकिन हाई कोलेस्ट्रॉल से आपके हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण, आपकी रक्त वाहिकाओं में वसायुक्त पदार्थ जमा होने लगता हैं। जिससे रक्त का प्रवाह सही तरह या सही मात्रा में न होने से यह दिल और मस्तिष्क को प्रभावित करता है तथा विभिन्न प्रकार की बीमारिया जैसे दिल का दौरा, आघात (Stroke), सीने में दर्द जैसी परेशानी उत्पन्न करता है।
सही समय पर उच्च कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाकर इस बीमारी की रोकथाम की जा सकती है। इस लेख में हम आपको हाई कोलेस्ट्रॉल क्या है (High Cholesterol in Hindi) उसके लक्षण ,कारण, जांच, इलाज और बचाव के बारे में बताने जा रहे है।
विषय सूची
1. कोलेस्ट्रॉल क्या है – What is Cholesterol in Hindi
2. कोलेस्ट्रॉल के प्रकार – Types Of Cholesterol In Hindi
3. हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण – High Cholesterol Symptoms in Hindi
4. हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण – High Cholesterol Causes in Hindi
5. हाई कोलेस्ट्रॉल की जटिलताये – High Cholesterol Complications in Hindi
6. हाई कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ – High Cholesterol Foods in Hindi
7. हाई कोलेस्ट्रॉल की जांच – High cholesterol Diagnosis in hindi
8. कोलेस्ट्रॉल के स्तर और रेंज – Cholesterol Levels And Ranges in Hindi
9. हाई कोलेस्ट्रॉल की दवाईया – High Cholesterol Medications in Hindi
10. उच्च कोलेस्ट्रॉल को कम करने के कुछ घरेलू नुस्खे – High Cholesterol Controlling Natural Remedies in Hindi
11. हाई कोलेस्ट्रॉल से बचने के उपाय – Lifestyle and home remedies for High Cholesterol in Hindi
कोलेस्ट्रॉल लिपिड का एक प्रकार होता है। यह एक मोमी (वेक्स की तरह) वसा जैसा पदार्थ है जो आपका लीवर स्वाभाविक रूप से स्वयं ही उत्पन्न करता है। कोलेस्ट्रॉल कोशिका झिल्ली, कुछ हार्मोन और विटामिन डी के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होता है। कोलेस्ट्रॉल एक तरह का पदार्थ है जो पानी में घुलनशील नही होता है, इस लिए खून में यह खुद नही घुल सकता, इसके लिए इसे पूरी तरह से घुलनशील बनाने के लिए लीवर एक तरह का पदार्थ बनाता है जिसे लिपोप्रोटीन कहते है।
लिपोप्रोटीन क्या है – लिपोप्रोटीन (lipoprotein) वसा और प्रोटीन से बने कण होते हैं। वह आपके रक्तप्रवाह के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स (एक अन्य प्रकार का लिपिड) ले जाते हैं। लिपोप्रोटीन के दो प्रमुख रूप होते है जिसमें निम्न-घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (LDL) और उच्च-घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (HDL) होते हैं।
कोलेस्ट्रॉल आपके रक्त के माध्यम से, प्रोटीन से जुड़ा होता है। प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल के इस संयोजन को लिपोप्रोटीन (lipoprotein) कहा जाता है। कोलेस्ट्रॉल के मुख्य 2 प्रकार होते हैं, जो लिपोप्रोटीन के आधार पर होते है। वो निम्न हैं:
उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (HDL) को गुड कोलेस्ट्रॉल भी कहते है। यह आपके शरीर से एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को लीवर में वापस लाकर शरीर को साफ़ करता है। यह आपकी धमनियों (Arteries) में कोलेस्ट्रॉल पट्टिका (plaque) के निर्माण को रोकने में मदद करता है।
यदि आपके शरीर में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्वस्थ स्तर है तो यह आपके शरीर में दिल का दौरा, स्ट्रोक और रक्त के थक्के जमने के जोखिम के स्तर को कम करने में मदद करता है।
यदि आपके रक्त में बहुत अधिक एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन द्वारा लिया गया कोलेस्ट्रॉल) है, तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है। कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (LDL) को अक्सर “खराब कोलेस्ट्रॉल” कहा जाता है। यह आपकी धमनियों (arteries) में उच्च कोलेस्ट्रॉल को ले जाता है और रक्त के प्रवाह में विभिन्न प्रकार की बाधा उत्पन्न करता है। यदि आपके शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत अधिक है, तो यह आपकी धमनियों (arteries) की दीवारों पर हर तरफ से निर्माण कर लेता है और धमनियों को सिकोड़ कर छोटा कर देता है जिससे रक्त संचार ठीक तरह से दिल और मस्तिष्क में ना पहुँच पाने से बाधा उत्पन्न होती है।
इस तरह के बिल्डअप को कोलेस्ट्रॉल पट्टिका (plaque) के रूप में भी जाना जाता है। यह पट्टिका आपकी धमनियों (arteries) को छोटा कर देती है और रक्त संचार को सिमित कर देता है जिससे रक्त के थक्के जम सकते है और रक्त के थक्के जमने से शरीर में जोखिम बढ़ जाता है। यदि यह रक्त के थक्के आपके दिल या मस्तिष्क की धमनियों को अवरूद्ध करता है तो उससे दिल का दौरा या स्ट्रोक पैदा हो सकता है, जो जानलेवा भी हो सकता है।
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ज़्यादातर हाई कोलेस्ट्रॉल के कोई लक्षण दिखाई नही देते है इसलिए इसे साइलेंट प्रॉब्लम भी कहा जा सकता है, इसलिए ज़्यादातर लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल का तब पता चलता है जब बहुत सी जटिलताये उत्पन्न हो चुकी होती है, परन्तु अगर आपको सीने में दर्द (Angina) या ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई दे या महसूस हो तो तुरन्त ही डॉक्टर से जांच कराये हो सकता है यह उच्च कोलेस्ट्रॉल के लक्षण हो सकते है जो जानलेवा भी साबित हो सकते है। इसलिए हाई कोलेस्ट्रॉल की समय समय से जाँच करवाना बहुत ज़रूरी है। आज के समय में हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण सिर्फ बुज़ुर्गो में ही नहीं वयस्कों में भी पाए जा रहे है इसलिए डॉक्टर यही सलाह देते है की २० से अधिक उम्र के लोगों को नियमित तौर पर हर तरह के कोलेस्ट्रॉल की जाँच करवानी चाहिए।
उच्च कोलेस्ट्रॉल की वजह से पैरों में सही मात्रा में रक्त ना भेज पाने में असमर्थ अवरुद्ध धमनियों (block arteries) के कारण चलने में दर्द उत्पन्न होता हैं|
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हाई कोलेस्ट्रॉल होने का सबसे मुख्य कारण अनियमित जीवनशैली है। जिसमे से-
हाई कोलेस्ट्रॉल का सबसे बड़ा कारण अनियमित खानपान है, खाने में विभिन्न प्रकार का वसा जैसे एक प्रकार का संतृप्त वसा (saturated fats), कुछ मीट, डेयरी उत्पादों, चॉकलेट, पके हुए खाद्य पदार्थों (fried foods) और गहरे तले और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों (processed foods) में पाया जाता है। एक अन्य प्रकार ट्रांस वसा (Trans fat) कुछ तले हुए और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों (Processed foods) में भी पाया जाता है जो उच्च कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। इन विभिन्न प्रकार के वसा को खाने से आपका एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है और कई तरह की बीमारिया उत्पन्न कर सकता है जो सेहत के लिए हानिकारक और जानलेवा हो सकती है।
बहुत ज्यादा बैठे रहने की आदत और शारीरिक गतिविधि ना करने से भी अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) का स्तर घट जाता है और हाई कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। इसलिए ज्यादा बैठे रहने की जगह कई तरह के व्यायाम (Exercise) किये जा सकते है और जितनी ज्यादा शारीरिक गतिविधिया हम करेंगे उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर उतना ही कम होगा|
हाई कोलेस्ट्रॉल होने का यह भी एक मुख्य कारण है। सिगरेट का धुँआ आपके रक्त वाहिकाओं (vessels) की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे उनमें फैट जमा होने से सिकुड़न पैदा हो जाती है जिस से खतरा और अधिक बढ़ जाता है। धूम्रपान आपके एचडीएल (HDL) या अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम कर देता है।
आज के समय में मोटापा (Obesity) हाई कोलेस्ट्रॉल एक बहुत बड़ा और मुख्य कारण बन चुका है, अनियमित खानपान और किसी भी तरह का व्यायाम या शारीरक गतिविधि ना करना मोटापे की सबसे बड़ी वजह है जिससे हाई कोलेस्ट्रॉल होने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है| 30 या अधिक की बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) होने से आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल का खतरा हो सकता है जो आपके लिए घातक साबित हो सकता है।
जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती हैं, आपके कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता जाता है जो कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन की वजह से हो सकता है। भले ही यह कम आम है, परन्तु बच्चों और किशोरों सहित छोटे लोगों में भी हाई कोलेस्ट्रॉल की शिकायत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है और बढ़ती उम्र के साथ यह और भी घातक और जानलेवा हो सकती है। इसलिए अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव करके आप हाई कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते है।
कुछ दुर्लभ मामलों में, उच्च कोलेस्ट्रॉल आनुवंशिक (heredity) भी होता है जैसे की यदि आपके परिवार के किसी सदस्य को पहले कभी उच्च कोलेस्ट्रॉल की शिकायत रही है तो यह संभावना हो सकती है की आप भी उच्च कोलेस्ट्रॉल की बीमारी के शिकार हो सकते है इसलिए यदि आपके परिवार में ऐसा है तो डॉक्टर की सलाह लेकर आप समय से उच्च कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाएं। इस तरह की अनुवांशिक हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी को पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रॉलमियां (familial hypercholesterolemia) भी कहा जाता है। यह आनुवांशिक विकार आपके शरीर से ख़राब कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल को हटाने से रोकता है।
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हाई कोलेस्ट्रॉल या उच्च कोलेस्ट्रॉल आपके धमनियों (arteries) की दीवारों पर कोलेस्ट्रॉल और अन्य डिपॉजिट्स के खतरनाक संचय का कारण बन सकता है। ये डिपॉजिट्स आपकी धमनियों (arteries) के माध्यम से रक्त के प्रवाह को कम कर देते हैं, जिससे कई तरह की जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे:
छाती में दर्द (Chest Pain) – यदि रक्त (कोरोनरी धमनियों) से आपके दिल की आपूर्ति करने वाली धमनियां (arteries) प्रभावित होती हैं, तो आपको सीने में दर्द (एनजाइना) और कोरोनरी धमनी (Coronary arteries) की बीमारी के अन्य लक्षण होते हैं, और यह सारे लक्षण उच्च कोलेस्ट्रॉल के हो सकते है।
दिल का दौरा (Heart Attack) – यदि पट्टिका टूटती है (plaque rupture) या फटती है तब, एक रक्त का थक्का पट्टिका टूटने की जगह पर बन जाता हैं जो रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध (block) करता है। यदि आपके दिल के हिस्से में रक्त प्रवाह रुक जाता है, तो आपको दिल का दौरा पड़ता है। दिल का दौरा पड़ने का उच्च कोलेस्ट्रॉल एक मुख्य कारण है।
आघात (Stroke) – इसके लक्षण दिल के दौरे के समान ही होते है, स्ट्रोक तब होता है जब रक्त का थक्का आपके मस्तिष्क के हिस्से में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध करता है। हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से आघात या स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है।
यह सभी बीमारिया उच्च कोलेस्ट्रॉल के लक्षण हो सकते है जिनकी सही समय से जांच करवाना बहुत ही महत्वपूर्ण है नहीं तो यह जानलेवा हो सकती है।
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विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थों में हाई कोलेस्ट्रॉल होता है,जिनकी सूचि इस प्रकार दी गयी है –
यह सभी खाद्य पदार्थ हमारे शरीर में अच्छा कोलेस्ट्रॉल बनाने में मदद करते है जिससे उच्च कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की संभावना कम हो जाती है|
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कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जाँच के लिए रक्त परीक्षण – जिसे लिपिड पैनल या लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (lipid panel or lipid profile) कहा जाता है किया जाता है जिसकी रिपोर्ट में शामिल है
हाई कोलेस्ट्रॉल की जांच के सबसे सटीक माप के लिए, रक्त का नमूना लेने से पहले नौ से 12 घंटे के लिए (पानी के अलावा) कुछ भी न खाएं या पीएं।
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हाई कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर 100 मिलीग्राम / डीएल से कम होना चाहिए।
अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) का स्तर उच्च रखा जाना चाहिए, जिस से शरीर हमेशा स्वस्थ रहेगा और हाई कोलेस्ट्रॉल होने की संभावना कम हो जाएगी।
कुछ केस में डॉक्टर हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए दवाई लेने की सलाह देते है।
हाई कोलेस्ट्रॉल में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली दवाई है स्टैटिन (statins), यह दवाई आपके लीवर को ब्लाक करके ज्यादा कोलेस्ट्रॉल पैदा करने से रोकती है।
डॉक्टर उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए अन्य दवाएं भी लिख सकते है जैसे –
नियासिन – नियासिन आपके जिगर की LDL और VLDL कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन करने की क्षमता को सीमित करता है। लेकिन नियासिन स्टैटिन पर अतिरिक्त लाभ प्रदान नहीं करता है। नियासिन को लीवर की क्षति और स्ट्रोक से भी जोड़ा गया है, इसलिए अधिकांश डॉक्टर अब इसे केवल उन लोगों के लिए सुझाते हैं जो स्टैटिन नहीं ले सकते।
पित्त एसिड रेजिन (bile acid resin) या सेवेस्टर, जैसे कि कोलीसेवलम (वेलचोल), कोलस्टिपोल (कोलस्टिड), या कोलेस्टिरमाइन (प्रीवालाइट)
कोलेस्ट्रॉल अवशोषण अवरोधक(cholesterol absorption inhibitors), जैसे कि एज़ेटिमिब (ज़ेटिया)
(NOTE – कोई भी दवाई बिना डॉक्टर की सलाह के ना ले)
ओमेगा -3 फैटी एसिड की खुराक आपके ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद कर सकती है। वे डॉक्टर के पर्चे या ओवर-द-काउंटर द्वारा उपलब्ध हैं।
यदि आप ओवर-द-काउंटर पूरक लेना चुनते हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य करें। ओमेगा -3 फैटी एसिड की खुराक आपके द्वारा ली जा रही अन्य दवाओं को प्रभावित कर सकती है।
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हाई कोलेस्ट्रॉल को कई घरेलू उपचार से भी कंट्रोल किया जा सकता है, इसके कई तरीके है, जिसकी सूचि इस प्रकार दी गयी है –
Note – किसी भी हर्बल या पोषक तत्वों की खुराक लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से बात करें। कुछ मामलों में, वे अन्य दवाओं के साथ गलत तरह से मिल सकते है जिन्हें आप ले रहे हैं। जिससे कई तरह के साइड इफ़ेक्ट हो सकते है।
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आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार के लिए जीवनशैली में बदलाव आवश्यक है। कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार के लिए, निम्नलिखित प्रयास करें:
अतिरिक्त वजन को कम करने की कोशिश करें – 5 से 10 पाउंड खोने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है।
दिल से सेहतमंद आहार चुनें- फलों, सब्जियों और साबुत अनाज सहित पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन करें। प्रसंस्कृत खाद्य का सेवन कम करें जैसे लाल मांस और पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पादों, और ट्रांस वसा में पाए जाने वाले संतृप्त वसा, कई प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं।
मोनोअनसैचुरेटेड वसा का सेवन करें – मोनोअनसैचुरेटेड फेट जैतून तेल और कैनोला तेलों में पाया जाता है, जो हाई कोलेस्ट्रॉल एक स्वस्थ विकल्प है। एवोकाडो, नट्स और ऑयली मछली स्वस्थ वसा के अन्य स्रोत हैं।
हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें- अपने डॉक्टर की सलाह पर, सप्ताह में पांच बार कम से कम 30 मिनट की मध्यम तीव्रता वाले व्यायाम करें या सप्ताह में पांच मध्यम से तेज गति वाले व्यायाम करें।
हाई कोलेस्ट्रॉल से बचने के लिए धूम्रपान न करें– यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो छोड़ने का एक तरीका खोजें।
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