Chicken Pox in Hindi चिकनपॉक्स या छोटी माता एक वायरल संक्रमण है जो खुजली और फ्लू जैसे लक्षणों का कारण बनता है। अगर आप चिकनपॉक्स के लिए घरेलू उपायों को खोज रहे हैं तो हम आपको चिकन पॉक्स के घरेलू उपाय और रोकने के तरीकों के बारे में बता रहें हैं। चिकन पॉक्स वैरिसेला-जोस्टर वायरस (varicella-zoster virus) का सामान्य नाम है, जिसके कारण अधिक खुजली, अत्यधिक-संक्रामक और त्वचा पर लाल फफोले होते है। चेचक से बचाव के लिए वैरिसेला वैक्सीन 90 प्रतिशत तक प्रभावी है, लेकिन चेचक के कारण होने वाले वैरसेला-जोस्टर वायरस का कोई इलाज नहीं है। चिकनपॉक्स बीमारी 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सबसे अधिक प्रभावित करती है। यहाँ आपके के लिए कुछ अच्छे उपचार दिए जा रहें हैं जो आपके छोटे बच्चे को चिकनपॉक्स से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते है।
विषय सूची
1. छोटी माता या चिकन पॉक्स के कारण – Chickenpox Causes in Hindi
2. छोटी माता या चिकन पॉक्स के लक्षण – Chickenpox Symptoms in Hindi
3. चिकन पॉक्स के बचाव – Prevention of Chickenpox in Hindi
4. छोटी माता या चिकन पॉक्स के घरेलू उपाय – Home remedies for Chicken Pox in Hindi
चिकनपॉक्स के ज्यादातर मामले संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से होते हैं। वैरिसेला ज़ोस्टर वायरस तब तक संक्रामक रहता है जब तक कि सभी छाले खत्म नहीं हो जाते। छोटी माता या चिकन पॉक्स के अन्य कारण जैसे चिकनपॉक्स का टीका ना लगना, चिकनपॉक्स से ग्रस्त व्यक्ति की वस्तुओं का प्रयोग करना और दाद से परेशान व्यक्ति को छूने से चिकनपॉक्स हो सकता हैं। इसके अलावा किसी अन्य बीमारी के होने से भी चिकनपॉक्स हो सकता हैं।
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यदि किसी व्यक्ति को चिकन पॉक्स होता है तो उसके पूरे शरीर पर छोटे-छोटे छाले हो जाते हैं। चिकनपॉक्स के चकत्ते में बहुत खुजली और दर्द भी होता हैं। ये खुजलीदार फफोले एक द्रव से भरे होते हैं जो कि फूट भी सकते हैं, कुछ लोगों में यह छोटे-छोटे लाल रंग के दानों के समान दिखाई देता हैं। इसकी वजह से लोगों में बुखार, सिरदर्द, भूक में कमी और थकान आदि का समस्या हो सकती हैं।
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आमतौर पर छोटी माता या चिकन पॉक्स के इलाज की आवश्यकता नहीं होती हैं। ज्यादातर मामलों में बिना किसी दवा या अन्य उपचार के लगभग दो सप्ताह के भीतर चिकन पॉक्स के दाने अपने आप चले जाते हैं। हालांकि कई गंभीर मामलों में इसका वायरस ऐसे लक्षण पैदा कर देता है जो कि कई महीनो तक ठीक नहीं होता हैं। आइये चिकन पॉक्स के घरेलू उपाय को विस्तार से जानते हैं।
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नीचे दिए गए घरेलू उपाय को अपनाकर आप छोटी माता या चिकन पॉक्स से छुटकारा पा सकते हैं –
नीम के पत्ते चिकन पॉक्स के इलाज के लिए अच्छा घरेलू उपाय हैं। नीम के पत्तों को हमारी संस्कृतियों में कई प्रकार के इलाज के लिए जाना जाता है और इसी प्रकार चिकनपॉक्स पर भी इसका लाभकारी प्रभाव पड़ता है। पानी के साथ नीम के पत्तों का पेस्ट बनाकर प्रभवित क्षेत्र पर लगाया जा सकता है। इसके अलवा आप नीम के पत्तो को पानी में उबाल कर उसके उसके पानी से स्नान कर सकते हैं। नीम के पत्ते का यह उपचार चिकन पॉक्स में आराम देने और उसे जल्दी ठीक करने में आपकी मदद करेगा।
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शहद चिकन पॉक्स के उपचार के लिए अच्छा माना जाता है। शहद चिपचिपी और मीठी प्रकृति के साथ बहुत ही स्वादिष्ट होता है। शहद प्राकृतिक यौगिकों में समृद्ध है जो सक्रिय रूप से सूजन और जलन को कम करता है। इसके अलावा शहद की प्रकृति में जीवाणुरोधी गुण होता है जो चिकनपॉक्स से पीड़ित किसी व्यक्ति को इसके संक्रमणों से बचाने में मदद कर सकता है। आप शहद को सीधे चिकनपॉक्स के छालों (पॉकमार्क) पर लगा सकते हैं और फिर कुछ मिनट बाद सामान्य रूप से धो लें। शहद के लाभकारी गुण चिकनपॉक्स को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं।
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बेकिंग सोडा चिकनपॉक्स के लिए सबसे लोकप्रिय घरेलू उपायों में से एक है जिसे पानी में मिलाकर पेस्ट बनाया जा सकता है। इस पेस्ट को त्वचा पर लगायें और फिर सूखने दें। बेकिंग सोडा के सक्रिय घटक चिकन पॉक्स के कारण हुये फफोले वाली त्वचा की खुजली और दर्द को कम करते हैं और अत्यधिक खुजली से बचाने में मदद करते हैं।
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ओटमील बाथ छोटी माता या चिकन पॉक्स को रोकने और उसे ठीक करने में मदद कर सकता है। पानी से भरे बाथटब में ओटमील को मिलकर स्नान करे, इसकी सुखदायक प्रकृति जलन को कम करने और चिकनपॉक्स की उपचार प्रक्रिया को तेज करने के लिए आदर्श मानी जाती है। यह आपको थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन चिकनपॉक्स से राहत के लिए यह एक पहले आजमाया हुआ और सही उपाय है।
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चेचक या चिकन पॉक्स के पारंपरिक उपचारों में धनिया का नाम शामिल है, क्योंकि यह उपचार प्रक्रिया को गति देने में मदद कर सकती है। धनिया एक बहुत शक्तिशाली जड़ी बूटी है जिसमें बहुत सारे लाभकारी कार्बनिक यौगिक होते हैं। धनिया और गाजर का सूप अक्सर कई देशों में एक मानक चिकनपॉक्स उपाय के रूप में जाना जाता है।
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चंदन का तेल छोटी माता या चिकन पॉक्स के घरेलू उपाय में सबसे ज्यादा असरदायक माना जाता हैं। एक अच्छे चिकनपॉक्स उपचार के लिए आप स्नान के पानी में चंदन के तेल के साथ अन्य आवश्यक तेल को मिला लें और फिर उससे नहायें। चंदन का तेल विशेष रूप से प्रभावी है क्योंकि यह एंटीवायरल और जीवाणुरोधी दोनों प्रकार के गुणों से भरा हुआ है। आप चन्दन के तेल को सीधे ही अथवा पेस्ट और क्रीम में मिला कर लगा सकते हैं। यह तेल त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करेगा, सूजन को कम करेगा और किसी भी संक्रमण से बचाएगा जो कि चिकनपॉक्स के रोगियों को होने का खतरा है।
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जैस्मिन के पौधे के फूलों और पत्तियों का उपयोग आमतौर पर चाय और स्नान करने के लिए किया जाता है जो चिकनपॉक्स को ठीक करता है। चिकनपॉक्स के उपचार के लिए आप बाथटब में पत्तियों को कुछ देर के लिए भिगो दें और फिर इस पानी से स्नान करें। जैस्मिन में पाए जाने वाले प्राकृतिक यौगिक में एंटी इन्फ्लामेट्री (anti-inflammatory) गुण होते हैं जो खुजली और जलन से काफी राहत दिलाते हैं।
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सेंधा नमक का प्रयोग चिकन पॉक्स के उपचार में करने के लिए आप एक पानी से भरे बाथटब में सेंधा नमक मिलाएं। अब इस पानी से स्नान करना पॉकमार्क्स (pockmarks) को सुखा सकता है और उपचार प्रक्रिया को तेज कर सकता है। बाथटब में 20-30 मिनट के लिए अपनी शरीर को भिगोएँ और फिर बाथटब से बाहर निकल जाएँ। लेकिन इसके बाद अपने शरीर को पोंछने के बजाय धीरे से थपथपाएँ, पोंछने पर फफोले फूट सकते हैं जिससे आपको दर्द होगा। सेंधा नमक त्वचा पर सूख जाएगा खुजली और सूजन को कम करेगा।
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चिकनपॉक्स के इलाज के लिए धूप सबसे अच्छे तरीकों में से एक हो सकती है। हालांकि इस अत्यधिक संक्रामक स्थिति में आमतौर पर लोग तब तक अंदर रहते हैं जब तक वह ठीक नहीं हो जाता है। आपकी त्वचा में थोड़ी धूप और विटामिन डी प्राप्त करना एक उपचार प्रक्रिया हो सकती है। विटामिन डी त्वचा के लिए सबसे आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है, इसलिए जब आपके चिकनपॉक्स खुजली करना शुरू कर दे तो बाहर जाएं और कुछ धूप की किरणों को लें।
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