महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन एक आम समस्या है। हार्मोनल असंतुलन घरेलू उपचार से भी ठीक हो सकता है। माहवारी शुरु होने के बाद लड़कियों और महिलाओं को किसी भी उम्र हमें हार्मोनल असंतुलन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के लक्षण और कारण के आधार पर हार्मोनल असंतुलन का इलाज किया जाता है। वास्तव में हार्मोन की हमारे शरीर में एक मुख्य भूमिका होती है। हार्मोन के कारण ही शरीर की कई क्रियाएं आगे बढ़ती हैं। महिलाओं में प्रजनन के लिए भी हार्मोन का बैलेंस होना बेहद जरुरी है। लेकिन कई महिलाओं में अधिक तनाव, चिंता, असंतुलित आहार सहित अन्य कई कारणों से हार्मोनल असंतुलन हो जाता है। हार्मोनल असंतुलन के कारण शरीर के कई सिस्टम प्रभावित होते हैं और स्थिति गंभीर भी हो सकती है। इस आर्टिकल में हम आपको महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के उपचार बताने जा रहे हैं।
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हार्मोनल असंतुलन किसे कहते हैं? – What Is Hormonal Imbalance in Hindi
हार्मोन शरीर के केमिकल मैसेंजर होते हैं जो मेटाबोलिज्म और प्रजनन जैसी कई प्रमुख प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। हार्मोन अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा (endocrine glands) बनते हैं। जिनमें थायराइड, एड्रिनल और सेक्स हार्मोन मुख्य हैं जो साथ मिलकर कार्य करते हैं। जब ये ग्रंथियां बहुत ज्यादा या बहुत कम हार्मोन बनाती हैं तो इसके कारण शरीर में हार्मोनल असंतुलन की समस्या हो जाती है। महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के उपचार जानने से पहले महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण को जान लेते हैं।
महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण – Causes of Hormonal Imbalance in Hindi
महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण बहुत से हैं। इन कारणों में खराब लाइफस्टाइल और खानपान एक हार्मोनल असंतुलन का मुख्य कारक है। इन कारणों से महिलाओं में होती है हार्मोनल असंतुलन की समस्या:
- भोजन में पोषक तत्वों की कमी महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का कारण है।
- विटामिन बी और विटामिन सी की कमी के कारण हार्मोन असंतुलन की समस्या होती है।
- डायबिटीज, हाइपोथायराइडिज्म, हाइपरथायराइडिज्म और हार्मोन थेरेपी के कारण महिलाओं के हार्मोन गड़बड़ हो जाते हैं।
- बच्चे को स्तनपान कराने और मेनोपॉज एवं प्रेगनेंसी के कारण भी महिलाओं में होता है हार्मोनल असंतुलन।
- कैंसर के इलाज, चोट लगने, अधिक तनाव लेने, नींद न आने और ट्यूमर के कारण हार्मोन असंतुलन की समस्या होती है।
- कुछ विशेष दवाओं का सेवन करने, गर्भनिरोधक लेने, पीसीओएस के कारण हार्मोनल असंतुलन होता है।
हर महिला में अलग-अलग कारणों से हार्मोनल असंतुलन की समस्या होती है। इस समस्या के कोई भी लक्षण नजर आने पर शारीरिक परीक्षण कराना चाहिए अन्यथा हार्मोनल असंतुलन के कारण भविष्य में गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
ऊपर के लख में आपने हार्मोनल असंतुलन क्या हैं? और महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण क्या होते हैं के बारे में जाना अब हम महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के लक्षण के बारे में जानेगें उसके बाद महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के उपचार को जानेगें।
(और पढ़े – महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण, लक्षण और इलाज…)
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के लक्षण – Symptoms Of Hormonal Imbalance in Hindi
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के लक्षण बहुत आसानी से पहचाने जा सकते हैं। वास्तव में हार्मोन असंतुलन होने पर शरीर में कई तरह के परिवर्तन होते हैं जिससे शरीर से कई संकेत मिलते हैं। हालांकि हार्मोनल असंतुलन के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि महिला के शरीर का कौन सा हार्मोन या कौन सी ग्रंथि सही तरीके से कार्य नहीं कर रही है। हर महिला में हार्मोनल असंतुलन के लक्षण अलग-अलग होते हैं। तो चलिए जानते हैं हार्मोन असंतुलन होने के कारण महिलाओं के शरीर में क्या संकेत दिखते हैं और इन्हें कैसे बैलेंस रखा जा सकता हैं।
महिला में हार्मोनल असंतुलन के ये संकेत नजर आते हैं
- थकान: हार्मोनल असंतुलन के कारण बिना अधिक परिश्रम किये थकान का अनुभव होता है और पूरे दिन बिना विशेष कारण के शरीर में थकान बनी रहती है।
- वजन बढ़ना: मोटापा और वजन तेजी से बढ़ना हार्मोन असंतुलन के लक्षण हैं।
- ड्राई स्किन: हार्मोन बैलेंस न होने पर स्किन ड्राई हो जाती है और चेहरे से मृत त्वचा निकलती है।
- तनाव और डिप्रेशन: महिलाओं में अधिक तनाव और डिप्रेशन भी हार्मोनल असंतुलन के लक्षण हैं।
- बाल पतला होना: महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के संकेत बाल टूटना और अचानक बाल पतला होना है।
- कब्ज और डायरिया: कुछ महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन होने पर कब्ज और डायरिया जैसे लक्षण दिखते हैं।
- बांझपन: बांझपन भी हार्मोनल असंतुलन का मुख्य लक्षण है।
- सेक्स की इच्छा घटना: ज्यादातर महिलाओं में सेक्स करने की इच्छा कम होना हार्मोनल असंतुलन का लक्षण है।
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हार्मोनल असंतुलन के प्रकार -Types of hormonal imbalances in Hindi
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन कई प्रकार के होते हैं और हर महिला में अलग-अलग प्रकार के हार्मोनल असंतुलन हो सकते हैं जो अंतःस्रावी ग्रंथियों के कमजोर होने के कारण हो सकते हैं। आइये जानते हैं हार्मोनल असंतुलन के प्रकार।
- प्रोजेस्टेरोन की कमी से हार्मोनल असंतुलन
- एस्ट्रोजेन की कमी से हार्मोनल असंतुलन
- एक्स्ट्रा एस्ट्रोजन हार्मोनल असंतुलन
- एक्स्ट्रा एंड्रोजन हार्मोनल असंतुलन
- हाइपोथायरायडिज्म
ऊपर के लख में आपने हार्मोनल असंतुलन क्या हैं? और महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण क्या होते हैं, महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के लक्षण और प्रकार के बारे में जाना अब हम महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के उपचार को जानेगें।
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महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का घरेलू इलाज – Mahilaon mein hormon asantulan ke gharelu ilaj in Hindi
हार्मोन असंतुलन की समस्या होने पर पूरे शरीर पर इनका प्रभाव पड़ता है। हार्मोन को बैलेंस होने में समय लगता है इसलिए घरेलू इलाज को हार्मोनल असंतुलन के लिए बेस्ट उपचार माना जाता है। नियमित आहार में भरपूर मात्रा में पोषक तत्वों को शामिल करके और जीवनशैली को सुधाकर कर हार्मोनल असंतुलन की समस्या को ठीक किया जा सकता है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का उपचार
हार्मोनल असंतुलन ठीक करने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन महिलाओं को करना चाहिए। ओमेगा 3 फैटी एसिड में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है जो महिलाओं में हार्मोन को बैलेंस करता है और नए हार्मोन्स का निर्माण करता है। फैटी एसिड हार्मोनल असंतुलन के कारण सिर्फ सूजन को ही नहीं दूर करता है बल्कि चिंता और तनाव को भी कम करता है। महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के उपचार के लिए 250 से 500 मिलीग्राम ओमेगा 3 फैटी एसिड सप्लीमेंट्स का सेुन रोजाना दिन में एक बार करना चाहिए।
महिलाओं में हार्मोन को बैलेंस करने के लिए लैवेंडर ऑयल
लैवेंडर ऑयल महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के उपचार के लिए औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। लैवेंडर ऑयल में ऐसे महत्वपूर्ण तत्व पाये जाते हैं जो स्ट्रेस और चिंता को दूर करने के साथ ही नींद को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके साथ ही महिलाओं में मूड स्विंग की समस्या को दूर करने में भी लैवेंडर ऑयल औषधि का काम करता है। अपने बिस्तर और तकिए पर लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदे छिड़कें या फिर नहाने के पानी में लैवेंडर ऑयल मिलाकर स्नान करें। महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन ठीक करने का यह सबसे अच्छा घरेलू उपाय है।
प्राकृतिक रुप से हार्मोनल असंतुलन ठीक करने के लिए दही खाएं
महिला हार्मोन बढ़ाने के उपाय के रुप में दही का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है। दही प्रोबायोटिक का समृद्ध स्रोत है जो आंत की परत को रिपेयर करता है और महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन की समस्या को ठीक करता है। प्रोबायोटिक हेल्दी बैक्टीरिया होते हैं जो जो शरीर को सही तरीके से कार्य करने के लिए आवश्यक होते हैं। प्रोबायोटिक बैक्टीरिया की कमी के कारण पाचन संबंधी समस्याओं के साथ शरीर में सूजन हो जाती है जिसके कारण हार्मोन असंतुलन की समस्या हो जाती है। महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन को प्राकृतिक रुप से ठीक करने के लिए रोजाना दिन में दो बार एक कटोरी दही खाना चाहिए। इसका नियमित सेवन करने से हार्मोन की गड़बड़ी भी ठीक हो जाती हैं।
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का घरेलू इलाज अश्वगंधा
अश्वगंधा में कई औषधीय गुण होते हैं जिसे हार्मोन को भी बैंलेस रखने में मदद करते हैं। महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के इलाज के लिए अश्वगंधा का इस्तेमाल प्राचीन काल से किया जाता रहा है। अश्वगंधा औषधीय जड़ी बूटी है जो हार्मोनल असंतुलन के मुख्य कारणों जैसे तनाव और चिंता को कम करके हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करती है। इसके अलावा अश्वगंधा थायरॉयड हार्मोनल असंतुलन को को ठीक कर थायरॉयड हार्मोन एक्टिविटी को बढ़ाता है। हार्मोन को बैलेंस करने के लिए महिलाओं को नियमित 300 से 500 मिलीग्राम अश्वगंधा सप्लीमेंट का सेवन करना चाहिए।
महिलाओं में हार्मोन बैलेंस करने के लिए एवोकैडो
हार्मोनल असंतुलन के लिए होम रेमेडीज एवोकैडो को भी माना जाता है। एवोकैडो में पर्याप्त मात्रा में मोनोअनसैचुरेटेड, पॉलीअनसैचुरेटेड और सैचुरेटेड फैटी एसिड पाया जाता है जो हार्मोन इम्बैलेंस तो ठीक करने में मदद करता है। ये फैटी एसिड एंटी इंफ्लैमेटरी गुणों से भरपूर होता है जो हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने में मदद करता है। रोजाना एक ताजा एवोकैडो खाने से ना सिर्फ हृदय स्वस्थ रहता है बल्कि शरीर में प्रचुर मात्रा में फाइबर और अन्य पोषक तत्वों की सप्लाई होती है जिससे हार्मोन बैलेंस रहता है। एवोकैडो को नट मिल्क के साथ ब्लेंड करके शहद मिलाकर स्मूदी बनाकर सेवन किया जा सकता है।
महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के उपचार के लिए सौंफ का तेल
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन ठीक करने के लिए सौंफ का तेल घरेलू उपाय के रुप में इस्तेमाल किया जाता है जो शरीर में हार्मोन को बैलेंस रखने में मदद करता हैं। हार्मोनल ग्लैंड को बेहतर तरीके से कार्य करने के लिए आंतों का स्वस्थ होना जरुरी है। नियमित रुप से सौंफ के तेल का सेवन करने से ना सिर्फ आंत मजबूत बनती है बल्कि पेट का सूजन दूर हो जाता है और पाचन बेहतर होता है। जिससे हार्मोनल असंतुलन की समस्या ठीक होने में मदद मिलती है। एक गिलास पानी में दो बूंद सौंफ का तेल मिलाकर रोजाना सेवन करें। इसके साथ ही पेट और पैर के तलवों में सौंफ के तेल से मसाज करने से भी महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन ठीक हो जाता है।
विटामिन डी महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का इलाज
महिलाओं में हार्मोन को बैलेंस करने और हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए विटामिन डी बेहद जरुरी है। विटामिन डी सूजन को कम करके इम्यूनिटी बढ़ाता है और हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करता है। आधे घंटे तक धूप में बैठने से पर्याप्त मात्रा में शरीर को विटामिन डी प्राप्त होता है। इसके साथ ही विटामिन डी के सप्लीमेंट, कॉड लिवर ऑयल, अंडे, मछली और मशरुम का सेवन करने से भी महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन प्राकृतिक रुप से ठीक हो जाता है।
हार्मोनल असंतुलन के लिए योग और एक्सरसाइज
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन को प्राकृतिक रुप से ठीक करने के लिए योग और एक्सरसाइज बहुत फायदेमंद है। ऐसे कई व्यायाम हैं जिन्हें नियमित रुप से करने से हार्मोन बैलेंस रहता है और महिलाओं को हार्मोनल असंतुलन की समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। जैसे की रोजाना तेजी से टहलने से हार्मोन का स्तर कंट्रोल रहता है। इसके साथ ही भुजंगासन, उष्ट्रासन और शशकासन करने से हार्मोन बैलेंस रहता है। एक्सरसाइज के साथ ही रोजाना 15 मिनट तक शांत वातावरण में बैठकर मेडिटेशन करने से महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन ठीक हो जाता है।
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