Irregular Period Ke Liye Gharelu Upay In Hindi : महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म की समस्या बहुत आम है। कभी न कभी हर महिला को इसका सामना करना ही पड़ता है। यह समस्या अक्सर खराब जीवनशैली, मेनोपॉज, वजन के घटने या बढ़ने या फिर असंतुलित खानपान के कारण होती है। हालांकि, यह अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में इसका इलाज जरूरी हो जाता है। वैसे तो, इरेगुलर पीरियड से राहत पाने के लिए कई तरह की दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन आप चाहें तो घरेलू उपायों की मदद से भी अनियमित माहवारी की समस्या को ठीक कर सकती हैं। इस लेख में आप जानेंगीं अनियमित माहवारी के कारण और घरेलू उपाय के बारे में (causes of irregular menstruation and solution in Hindi)।
मासिक धर्म की सामान्य अवधि 28 दिन की होती है, इसमें 3-4 दिन आगे -पीछे होना सामान्य है। लेकिन कई बार अनेक समस्याएं इससे जुड़ जाती हैं, जिससे पीरियड अनियमित हो जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार अगर, चक्र की अवधि 35 दिनों से ज्यादा हो जाए, या 28 दिन में दो बार जल्दी-जल्दी पीरियड आ जाएं, बहुत ज्यादा या बहुत कम ब्लीडिंग हो, तो इसे “अनियमित मासिक धर्म” कहते हैं। इरेगुलर पीरियड्स को ऑलिगोमेनोरिया भी कहा जाता है। इस तरह की समस्याएं आगे चलकर गंभीर बीमारी का रूप ले लेती हैं। जिसके बाद महिलाओं के शरीर की बनावट में अंतर आने लगता है, बहुत ज्यादा गर्मी महसूस होती है, मूड स्विंग और योनी में सूखापन आने के साथ सेक्स ड्राइव में भी कमी आने लगती है।
10 से 16 साल की उम्र में अगर पीरियड्स अनियमित हो जाएं, तो चिंता की बात नहीं है, लेकिन प्रजनन अवधि के दौरान इरेगुलर पीरियड्स का उपचार बहुत जरूरी है। अगर आप भी अनियमित महावारी की समस्या से जूझ रही हैं, तो हमारे इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए मददगार साबित हो सकती है। इसमें आप इरेगुलर पीरियड्स से छुटकारा पाने के कई घरेलू नुस्खों के बारे में जान सकेगी, लेकिन इससे पहले जानिए अनियमित मासिक धर्म के कारणों के बारे में।
विषय सूची
अनियमित पीरियड्स से अर्थ दो पीरियड्स के बीच के अंतराल से है। यदि मासिक धर्म च्रक हर महीने सही समय पर आता है, तो उसे रेगुलर पीरियड्स यानि नियमित माहवारी कहते हैं। एक नियमित चक्र की लंबाई 21 से 35 दिनों तक कहीं भी हो सकती है। यह तब अनियमित माना जाता है, जब 35 दिनों के बाद भी माहवारी न हो। यदि पीरियड किसी महीने न भी आए, तो भी ये अनियमित माना जाता है। कभी-कभी पीरियड अगर आगे पीछे हो जाए, तो चिंता की बात नहीं है, लेकिन अक्सर ऐसा हो रहा हो, तो इसे अनदेखा करने के बजाए इसका घरेलू इलाज करना बेहतर है।
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महिलाओं में अनियमित महावारी कई वजहों से होती है। अक्सर यह समस्या 10 से 16 साल की लड़कियों को होती है, जिनके पीरियड्स अभी शुरू ही हुए हैं। यह ओव्यूलेशन की वजह से होता है, जिसमें प्यूबर्टी के फीमेल हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं, लेकिन एक से दो सालों में दिमाग और अंडाशय के हार्मोन्स का संतुलन बन जाता है और पीरियड्स रेगुलर हो जाते हैं।
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कई कारणों से अनियमित मासिक धर्म की संभावना बढ़ जाती है। ज्यादातर हार्मोन उत्पादन से संबंधित होते हैं। मासिक धर्म को प्रभावित करने वाले दो हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हैं। यही हार्मोन साइकिल को नियंत्रित करते हैं। अनियमित माहवरी के सामान्य और गंभीर दोनों कारण हो सकते हैं, जिसके बारे में आपको जानना बेहद जरूरी है। नीचे आप जान सकते हैं इरेगुलर पीरियड्स के कारणों के बारे में।
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एक मासिक धर्म लगभग 28 दिनों का रहता है, लेकिन ये व्यक्ति के आधार पर 24 से 35 दिनों तक अलग-अलग हो सकता है। ज्यादातर महिलाओं में हर साल 11 से 13 मासिक धर्म होते हैं। ब्लीडिंग भी लगभग 5 दिनों तक होती है, लेकिन किसी को दो, तो किसी को 7 दिन तक भी हो सकती है। जब मासिक धर्म शुरू होता है, तो नियमित चक्र स्थापित करने में दो साल तक का समय लग सकता है। यौवन के बाद, ज्यादातर महिलाओं का मासिक धर्म नियमित हो जाता है। अनियमित मासिक धर्म का मुख्य लक्षण तब होता है, जब पीरियड 35 दिनों से ज्यादा होता है या रक्त प्रवाह में परिवर्तन होते हैं या 2.5 सेंटीमीटर से ज्यादा के स्पॉट दिखाई देते हैं ।
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महिलाओं के पीरियड्स अनियमित होना तो आम बात है, लेकिन काफी समय से महावारी अनियमित हो, तो घरेलू नुस्खे अपनाकर देखिए। नीचे हमारे द्वारा इरेगुलर पीरियड्स से छुटकारा पाने के लिए दिए गए घरेलू नुस्खों से आपको काफी मदद मिलेगी।
हरा, बिना पका हुआ पपीता मासिक धर्म के प्रवाह को नियंत्रित करने में बहुत उपयोगी माना जाता है। यह गर्भाशय में मसल फाइबर को अनुबंधित करने में मदद करता है। कुछ महीने नियमित रूप से पपीता के रस का सेवन करें। बहुत फायदा मिलेगा। ध्यान रखें, कि इसे पीरियड्स के दौरान बिल्कुल न पीएं।
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हल्दी को सबसे अच्छी औषधीय जड़ी-बूटियों में से एक माना जाता है। यह मासिक धर्म को नियमित करने और हार्मोन को संतुलित करने में सहायक है। हल्दी में पाए जाने वाले एंटीस्पास्मोडिक और एंटी इंफ्लेमेट्री गुण मासिक धर्म के दर्द से राहत देते हैं। इसके लिए दूध, शहद या गुड़ के साथ एक चौथाई हल्दी का सेवन करें। इसे कई हफ्तों तक रोजाना पीएं, जब तक आपके पीरियड्स रेगुलर न हो जाएं।
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एलोवेरा आपके पीरियड्स को रेगुलर करने में बहुत मददगार है। यह आपके हार्मोन को नियमित करके मासिक धर्म की अनियमितताओं का इलाज करने में मदद करता है। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए एक एलोवेरा की पत्ती से ताजा जेल निकालें। इसे एक चम्मच शहद में मिलाएं और सुबह नाश्ते से पहले इस मिश्रण का सेवन करें। ध्यान रखें कि, अपने पीरियड्स के दौरान इस उपाय का इस्तेमाल न करें।
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अदरक मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने और अनियमित पीरियड्स से छुटकारा पाने के लिए सबसे अच्छा घरेलू इलाज साबित होता है। इसका उपयोग करने के लिए एक कप पानी में एक चम्मच अदरक डालकर 5 मिनट के लिए उबालें। थोड़ी चीनी मिलाएं और खाने के बाद दिन में तीन बार इस मिश्रण को पीएं। कुछ दिन बाद आपके पीरियड्स रेगुलर हो जाएंगे।
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)जीरे के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। पानी में भीगे हुए जीरा का उपयोग अनियमित पीरियड के उपचार में किया जा सकता है। इसके लिए दो चम्मच जीरा लें और रातभर पानी में भिगो दें। सुबह उठकर जीरे वाला पानी पी लें। अपने पीरियड्स को नियमित करने के लिए हर दिन इस पानी का सेवन जरूर करें। बहुत लाभ मिलेगा।
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अनानास मासिक धर्म से जुड़े मुद्दों के लिए बहुत अच्छा घरेलू उपाय है। इसमें ब्रोमेलैन नाम का एक एंजाइम पाया जाता है, जिसमें एंटी इंफ्लेमेट्री और पेन रिलीविंग गुण होते हैं, जो मासिक धर्म में अनियमितता और ऐंठन को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए हर दिन एक कप अनानास खाएं। अगली बार से आपके पीरियड रेगुलर हो जाएंगे।
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एप्पल साइडर विनेगर का सेवन करने से पीसीओएस वाली महिलाओं में मासिक धर्म को विनियमित करने में मदद मिल सकती है। यह कड़वा होता है, इसलिए कुछ लोगों के लिए इसका सेवन करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए इसमें पानी और एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर पीएं।
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शरीर में विटामिन डी की कमी आपके जोखिम को बढ़ा सकती है। लेकिन रोजाना विटामिन डी लेने से मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने में मदद मिल सकती है। विटामिन डी आपको दूध, पनीर, दही के अलावा सूर्य की किरणों से भी मिल सकता है। वहीं विटामिन बी पीएमएस (PMS) को कम करने और मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने में मददगार है।
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सौंफ के बीज में एम्मेनागॉग एक यौगिक होता है, जो मासिक धर्म को नियमित करने में बहुत लाभदायक है। सौंफ के बीज में मौजूद एंटीस्पास्मोडिक गुण महावारी को नियमित करने के साथ ऐंठन से भी राहत दिलाते हैं। इसके लिए आप सौंफ की चाय पी सकते हैं। चाहें तो एक गिलास पानी में दो चम्मच सौंफ के बीज भिगोकर रख दें। सुबह उठकर इसे छान लें और सौंफ वाला पानी पी लें। बहुत आराम मिलेगा।
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इरेगुलर पीरियड़्स की समस्या से राहत पाने के लिए स्वस्थ आहार लेना सबसे अच्छा उपाय है। कैफीन, चीनी और सैचुरेटिड फैट शरीर के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकता है। इसके बजाए अपने आहार में सब्जियां, साबुत अनाज, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद आदि शामिल करें। इसके साथ ही धूम्रपान और शराब छोडऩे से भी आपको बहुत लाभ मिलेगा।
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धनिया के बीज को इसके इमनेगॉग गुणों के कारण अनियमित पीरियड्स के लिए बहुत प्रभावशाली माना जाता है। इसका उपयोग करने के लिए एक चम्मच धनिया को दो कप पानी में तब तक उबालें, जब तक की पानी आधा न रह जाए। अब पानी को छान लें और अपने पीरियड्स से पहले कुछ दिन के लिए दिन में तीन बार धनिया के पानी का सेवन करें। इससे पीरियड रेगुलर और टाइम पर आएगा।
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अनार के बीजों का रस पीरियड्स को नियमित करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए अपने पीरियड की तारीख से कम से कम 10-15 दिन पहले अनार का रस पीना शुरू कर दें। आप चाहें, तो अनार के रस को गन्ने के रस के साथ मिलाकर भी पी सकते हैं। पीरियड्स में नियमितता आएगी।
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तिल का सेवन पीरियड्स को नियमित करने के लिए बहुत अच्छा होता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए दो बार गर्म पानी के साथ एक चम्मच तिल के बीज खाएं। ध्यान रखें, कि इनका सेवन बहुत ज्यादा न करें, क्योंकि ये शरीर में गर्मी पैदा करते हैं। पीरियड की अपेक्षित तारीख से 15 दिन पहले इसे खाना शुरू कर दें, ताकि आपका पीरियड तय तारीख पर आ सके।
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दालचीनी न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि आपके मासिक धर्म को भी नियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह आपके शरीर के भीतर गर्मी पैदा करती है। इसका उपयोग करने के लिए एक गिलास गर्म दूध लें। इसमें एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाएं और इसे पी लें। बता दें, कि यह घरेलू उपचार मासिक धर्म में होने वाली ऐंठन को दूर करने के लिए भी प्रभावी है।
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तनाव शरीर में हार्मोनल अंसतुलन के प्राथमिक कारणों में से एक है, जो मासिक धर्म में अनियमितता को ट्रिगर करता है। ऐसे में योग और ध्यान तनाव से राहत दिलाने में मदद करते हैं। ध्यान शरीर में सही हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है। बिना दवाईयों के अनियमित पीरियड्स को नियंत्रित करने के लिए योग और ध्यान सबसे प्रभावी तरीके हैं।
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इरेगुलर पीरियड्स के लिए एक्सरसाइज करना सबसे बढ़िया विकल्प है। यह आपके वजन को नियंत्रित कर मासिक धर्म को नियमित करने में मदद करती है। इरेगुलर पीरियड्स के उपचार के लिए, महिलाएं हर दिन 30 मनट तक एरोबिक एक्सरसाइज करें। पीरियड्स रेगुलर हो जाएंगे।
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पीरियड्स को रेगुलर करने के लिए बादाम खाएं। यह फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो हार्मोन को संतुलित करने और रेगुलर पीरियड लाने में मदद करते हैं।
पीरियड़्स का अनियमित होना वैसे तो आम बात है, लेकिन अगर आपको ऐसा हर महीने हो रहा हो, तो इससे निजात पाने के लिए जीवनशैली में बदलाव करना बहुत जरूरी है। इसके अलावा हमारे द्वारा ऊपर बताए गए घरेलू नुस्खों की मदद से भी इसका उपचार कर सकते हैं। यदि फिर भी आपके पीरियड्स रेग्युलर न हों, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
(और पढ़े – पीरियड के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं…)
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