मतली या जी मिचलाना (मचलाना) एक आम समस्या है जिसका सामना हर व्यक्ति को कभी न कभी करना पड़ता है। मतली की समस्या किसी भी समय हो सकती है इसलिए मतली के लिए घरेलू उपचार आपको पता होना चाहिए। मतली या जी मिचलाना किसी के लिए सुखद अनुभव नहीं हो सकता है। इस प्रकार की समस्या अक्सर यात्रा के दौरान या महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होती है। हालांकि मतली का उपचार करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है। लेकिन कुछ मामलों में दवाएं लेने के दुष्प्रभाव अनिद्रा आदि के रूप में हो सकते हैं। आज इस लेख में आप मतली दूर करने के प्राकृतिक घरेलू उपाय जानेगें। जिनकी मदद से आप घर पर ही बिना दवाओं के जी मिचलाना जैसी समस्या का उपचार कर सकते हैं।
विषय सूची
मतली या उल्टी आना जैसी समस्या को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपाय बहुत ही प्रभावी होते हैं। जी घबराने के घरेलू उपचार के लिए आप अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आपको उल्टी करने का मन हो रहा है तब आप सूखे हुए अदरक की 500 मिली ग्राम मात्रा वाले कैप्सूल का सेवन करें। इस उपचार को सामान्य व्यक्ति 4 बार और गर्भवती महिलाएं दिन में 2 बार दोहराएं। यदि आपके पास अदरक कैप्सूल नहीं है तो आप अदरक कैंडी या अदरक के टुकड़े का भी उपयोग कर सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि अदरक में मौजूद पोषक तत्व और सक्रिय घटक उल्टी की भावना को कम करने और मस्तिष्क में आराम की भावना को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
(और पढ़ें – अदरक के फायदे, औषधीय गुण, उपयोग और नुकसान)
अरोमाथेरेपी के दौरान मतली की भावना को कम करने के लिए पुदीना प्रभावी औषधी मानी जाती है। एक अध्ययन के अनुसार पुदीना की गंध मतली को रोकने वाली दवाओं की तुलना में अधिक प्रभावी होती है। एक और अन्य अध्ययन के अनुसार पुदीना अरोमाथेरेपी के 57 प्रतिशत मामलों में मतली को कम करने में प्रभावी थी। यदि आप भी जी घबराना जैसी समस्याओं से परेशान हैं तो पुदीना और पुदीना के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
(और पढ़ें – पुदीना के फायदे गुण लाभ और नुकसान)
चीनी चिकित्सा पद्यति में मतली और उल्टी के इलाज के लिए एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर दो तकनीकों का उपयोग किया जाता है। एक्यूपंक्चर के दौरान शरीर पर पतली सुईयों को विशिष्ट बिंदुओं में चुभाया जाता है। जबकि एक्यूप्रेशर का उद्देश्य शरीर के समान बिंदुओं को प्रोत्साहित करना है। लेकिन एक्यूप्रेशर में सुईयों के स्थान पर हाथ से ही दबाव डाला जाता है। ये दोनों ही तकनीकें तंत्रिका तंतुओं को उत्तेजित करती हैं जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्टी को संकेत प्रेषित करते हैं। इन संकेतों के कारण मतली को कम करने में मदद मिलती है। कुछ अन्य अध्ययन से पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान एक्यूपंक्चर मतली को प्रभावी रूप से कम कर सकता है।
(और पढ़ें – एक्यूप्रेशर के फायदे विशेष पॉइंट्स और नुकसान)
उल्टी करने जैसा मन होना विशेष रूप से यात्रा के दौरान और गर्भवती महिलाओं को ऐसा होता है। जी मिचलाने पर खट्टे फलों का उपयोग कर आप मतली का इलाज घर पर ही कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार 100 गर्भवती महिलाओं को मतली महसूस होते ही नींबू या बादाम के तेल की खुशबू लेने से उन्हें आराम मिला। यदि आपके पास नींबू का तेल उपलब्ध नहीं है तो आप नींबू के छिलके का इस्तेमाल कर सकते हैं। जब भी आपको उल्टी या मतली का अनुभव हो आप नींबू के ताजे छिलके लें और इन्हें अपने हाथों से मसलते हुए इसकी खुशबू लें। यह आपके मन को शांत करने और घबराहट को दूर करने में सहायक होता है।
(और पढ़ें – नींबू के तेल के फायदे और नुकसान)
घर पर ही मतली का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका अपनी सांस में नियंत्रण रखना है। धीमी और गहरी सांस लेना भी मतली को कम करने में मदद करता है। एक अध्ययन के अनुसार शोधकर्ताओं ने यह निर्धारित करने का प्रयास किया है कि सर्जरी के बाद मतली को कम करने के लिए नाक के माध्यम से धीरे-धीरे सांस लेने का निर्देश दिया गया। यह तरीका प्रतिभागी की घबराहट को कम करने में प्रभावी पाया गया। यदि आपको भी कभी मतली का एहसास हो तो अपनी नाक से गहरी और लंबी सांस लेने का प्रयास करें। ऐसा करने से आपको निश्चित ही आराम मिलेगा।
मतली के लक्षणों को दूर करने के लिए कुछ प्राकृतिक मसालों और जड़ी बूटियों का इस्तेमाल भी किया जाता है। ऐसे कई लोकप्रिय मसाले हैं जो मतली का घरेलू उपचार करने में मदद करते हैं। आइए जाने मतली को रोकने में प्रभावी मसाले कौन से हैं।
(और पढ़ें – मसाला चाय के फायदे, नुकसान और बनाने का विधि)
महिलाओं में मतली सहित मासिक धर्म के लक्षणों को कम करने के लिए सौंफ के पाउडर का प्रयोग किया जाता है। मासिक धर्म के दौरान सौंफ की खुशबू लेना और सौंफ का सेवन करना मासिक धर्म के दौरान उल्टी, मतली, अधिक स्राव और ऐंठन जैसी समस्याओं को रोकने में प्रभावी होता है।
(और पढ़ें – सौंफ का पानी पीने के फायदे और नुकसान )
आप मतली की गंभीरता या मतली के लक्षणों को कम करने के लिए दालचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं। जो महिलाएं उल्टी और मतली से परेशान हैं विशेष रूप से मासिक धर्म के दौरान। वे दालचीनी की चाय का सेवन कर इस प्रकार की समस्या को कम कर सकती हैं।
(और पढ़ें – दालचीनी के फायदे, गुण, लाभ और नुकसान)
पाचन संबंधी समस्याएं होने के दौरान भी बहुत से लोगों को उल्टी का अनुभव होता है। ऐसी स्थिति में मतली और उल्टी का उपचार करने का सबसे अच्छा तरीका जीरा के अर्क (Cumin extract) का उपयोग करना है। यदि आप पेट में दर्द, ऐंठन या मरोड़ आदि का अनुभव कर रहे हैं तब जीरा पानी का भी सेवन किया जा सकता है। अध्ययनों से स्पष्ट होता है कि पाचन संबंधी समस्याओं के दौरान उल्टी या मतली के लक्षणों को कम करने में जीरा पानी प्रभावी होता है।
(और पढ़ें – जीरा पानी पीने के फायदे और नुकसान)
शारीरिक मांसपेशियों को आराम दिलाने से मतली के लक्षणों को कम किया जा सकता है। मतली के प्रभाव को कम करने के लिए एक विशेष तकनीक का उपयोग किया जाता है जिसे प्रगतिशील मांसपेशीय विश्राम या पीएमआर (PMR) के नाम से जाना जाता है। इस तकनीक में लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से आराम करने के विशेष तरीकों से अवगत कराया जाता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि पीएमआर कीमोथेरेपी के कारण उत्पन्न मतली की गंभीरता को कम करने में प्रभावी होता है। मांसपेशियों में तनाव दूर करने का एक और तरीका शरीर की मालिश होती है।
(और पढ़ेें – थकान दूर करने के उपाय )
जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मतली और उल्टी की परेशानी होती है उन्हें विटामिन बी6 सप्लीमेंट लेना चाहिए। कई अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन बी6 का सेवन करना जिसे पिरिडॉक्सिन (pyridoxine) भी कहा जाता है। यह गर्भावस्था के दौरान मतली को प्रभावी रूप से कम करता है।
(और पढ़ें – विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करने के लिये खाएं ये खाद्य पदार्थ)
आप मतली के लक्षणों को दूर करने के लिए ऊपर बताए गए घरेलू उपायों से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन कुछ अन्य टिप्स भी हैं जो मतली, उल्टी और जी घबराना जैसी समस्याओं को रोकने के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं। आइए जाने मतली दूर करने के लिए जरूरी टिप्स क्या हैं।
जी घबराने के घरेलू उपाय अपनाने के दौरान आपको अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस दौरान आपको मसालेदार या उच्च वसा युक्त खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए। इसके बजाय आपको केला, चावल, सेब और उबले आलूओं से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ न केवल मतली के लक्षणों बल्कि पाचन संबंधी समस्याओं को भी कम करने में सहायक होते हैं।
(और पढ़ें – मसालेदार खाना खाने के फायदे और नुकसान)
क्या आपको बार-बार उल्टी करने का मन करता है और जी घबराता है। ऐसी स्थिति में आपको प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। इस प्रकार के आहार मतली के लक्षणों को दूर करने में प्रभावी योगदान देते हैं।
(और पढ़ें – प्रोटीन क्या है, कार्य, कमी के कारण, लक्षण, जाँच, इलाज और आहार)
जब भी आप मतली का अनुभव करें उस दौरान आपको अधिक मात्रा में भोजन करने से बचना चाहिए। छोटे-छोटे हिस्सों में कई बार भोजन करना मतली के लक्षणों को कम कर सकता है।
(और पढ़ें – रात के खाने का सही समय क्या है? जानें रात के भोजन में क्या खाएं और क्या नहीं)
जब आप जी घबराने या जी मिचलाने की समस्या से ग्रसित हों तब आपको आराम की विशेष आवश्यकता होती है। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भोजन करने तुरंत बाद आपको नहीं लेटना चाहिए। बहुत से लोग भोजन करने 30 से 60 मिनिट के बाद लेट जाते हैं। ऐसी स्थिति में वे एसिड रिफ्लेक्स (reflux) या मतली का अनुभव कर सकते हैं। इसलिए भोजन करने के कम से कम 1 से 2 घंटे के बाद ही सोना चाहिए।
(और पढ़ें – उल्टी और मतली को रोकने के उपाय)
हम में अधिकांश लोगों की आदत होती है कि भोजन के साथ-साथ पानी पीते हैं। लेकिन भोजन के साथ किसी भी तरल पदार्थ का सेवन करने से जल्दी ही पेट भर जाता है जिससे कुछ लोगों को मतली संबंधी लक्षणों का अनुभव होता है।
(और पढ़ें – पानी पीने का सही तरीका)
शरीर में पानी की कमी मतली के प्रभाव को बढ़ा सकता है। यदि मतली के दौरान आपको कुछ उल्टियां हो चुकी हैं। ऐसी स्थिति में खोए हुए तरल पदार्थ की पूर्ति के लिए आप इलेक्ट्रोलाइट युक्त तरल पदार्थ का सेवन करें। यह शरीर में पानी की कमी को दूर करने के साथ पर्याप्त पोषक तत्वों को भी उपलब्ध कराता है जो आप उल्टी के दौरान खो चुके हैं।
(और पढ़ें – डिहाइड्रेशन से बचने के घरेलू उपाय, जानलेंगें तो कभी नहीं होगी पानी की कमी )
गर्भावस्था के दौरान सामान्य आयरन स्तर वाली महिलाओं पहली तिमाही में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि इस प्रकार का भोजन गर्भवती महिलाओं में मतली की भावना को बढ़ाता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि मतली होने के दौरान कुछ विशेष प्रकार के व्यायाम को करने से राहत मिल सकती है। कुछ व्यक्तियों में मतली को कम करने के लिए एरोबिक व्यायाम और योग विशेष रूप से सहायक उपाय हो सकते हैं।
(और पढ़ें – एरोबिक एक्सरसाइज क्या है, कैसे की जाती है, फायदे और नुकसान )
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…