Stomach Pain In Kids In Hindi छोटे बच्चों में पेट का दर्द एक आम बात है। दर्द तो वैसे पेट के आसपास के हिस्सों से ही शुरू होता है लेकिन यह बच्चे के सीने और पेड़ू (groin) तक पहुंच जाता है। चूंकि बच्चों का पेट दर्द सामान्य होता है इसलिए बहुत चिंता करने की बात नहीं होती है। डॉक्टरों का मानना है कि बच्चों में फूड प्वाइजनिंग, कई दिनों तक शौच न करने, संक्रमित दूध, बदहजमी और अपच के कारण पेट दर्द होता है। चूंकि बच्चों में पेट दर्द के कारण गंभीर नहीं होते हैं इसलिए कुछ घरेलू उपायों से इन्हें आसानी से ठीक किया जा सकता है। इस लेख में हम आपको बच्चों में पेट दर्द के कारण, लक्षण और इलाज के घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।
विषय सूची
बड़ों की अपेक्षा बच्चों का पेट दर्द काफी अलग होता है। यह कुछ ही समय में अपने आप ठीक हो जाता है या कभी-कभी लंबे समय तक बना रहता है। बच्चों में पेट दर्द के एक नहीं बल्कि कई कारण होते हैं। आइये जानते हैं इनमें से कुछ मुख्य कारणों के बारे में।
(और पढ़ें – खाने के बाद पेट में दर्द होने के कारण और वचाव के तरीके)
देखा गया है कि बच्चे के पेट में दर्द होने पर वह सबसे पहले रोना शुरू करता है और कराहता है।
आइये जानते हैं कि बच्चों में पेट दर्द के लक्षण क्या हैं-
(और पढ़ें – अगर आपको भी पेट फूलने की समस्या है तो अपनाएं इन टिप्स को )
अगर बच्चे का पेट दर्द कई दिनों तक ठीक न हो, तभी उसे डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। लेकिन यदि बच्चे को बहुत सामान्य पेट दर्द हो रहा हो तो पहले घर पर ही इलाज करना चाहिए। आइये जानते हैं बच्चों में पेट दर्द के घरेलू इलाज क्या हैं।
माना जाता है कि डेयरी उत्पाद बच्चों में पेट दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं लेकिन दही
इनमें से सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। दही में हेल्दी बैक्टीरिया पाये जाते हैं जो पेट दर्द के इलाज में लाभदायक होते हैं। दही बच्चों के पेट में अच्छे बैक्टीरिया(good bacteria) की संख्या बढ़ाता है और पाचन को बेहतर बनाता है जिसके कारण पेट दर्द ठीक हो जाता है।(और पढ़ें – खराब पेट को ठीक करने के घरेलू उपाय )
छोटे बच्चों को पेट दर्द होने पर मांएं अक्सर परेशान हो जाती हैं। जब भी आपके बच्चे का पेट दर्द करे तो घबराने की बजाय गर्म पानी को बोतल में भरकर इसे कपड़े में लपेटकर बच्चे के पेट की सिंकाई करनी चाहिए। इससे पेट के सतह की त्वचा में खून का प्रवाह बढ़ता है और पेट के दर्द से राहत मिलती है। लेकिन यह सावधानी बरतें कि गर्म पानी की बॉटल मोटे कपड़े में लपेटकर ही बच्चे के पेट पर घुमाएं अन्यथा पेट जल सकता है। दिन में तीन बार यह प्रक्रिया दोहराने से बच्चे को जल्दी आराम मिलता है।
(और पढ़ें – गर्म पानी से नहाने के फायदे और नुकसान )
कैमोमाइल ऊपरी पाचन तंत्र की मांसपेशियों को आराम देता है और पेट एवं छोटी आंत के माध्यम से भोजन को स्थानांतरित करने वाले संकुचन(contractions) को आसान बनाता है, जिसके कारण पेट की ऐंठन कम होती है और दर्द ठीक हो जाता है। कैमोमाइल टी में एंटी इंफ्लैमेटरी गुण पाया जाता है जो अन्य प्रकार की चाय के बजाय प्रभावी तरीके से कार्य करता है, इसलिए बच्चे के पेट में दर्द होने पर उसे ब्लैक टी या ग्रीन टी पिलाने की बजाय दिन में तीन बार कैमोमाइल टी पिलाना चाहिए।
(और पढ़ें –हर्बल टी लिस्ट, बनाने की विधी)
कुछ माता पिता अपने बच्चों को घर के बाहर खेलने नहीं जाने देते हैं। आउटडोर एक्टिवटी से दूर रहने और पूरे दिन घर में बंद रहने के कारण बच्चे के पेट में कब्ज तेजी से बनता है और भोजन के बाद उसे अपच की समस्या हो जाती है। इसलिए जब बच्चे का पेट दर्द करे तो उसे तैरने, खेलने, टहलने और साइकिल चलाने के लिए बाहर भेजें। इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट उत्तेजित होता है और बच्चे का पेट दर्द ठीक हो जाता है।
(और पढ़ें – कब्ज के कारण और इलाज)
इसे प्राकृतिक पाचक माना जाता है जो बच्चों के पेट दर्द को दूर करने में प्राचीन समय से ही इस्तेमाल होता आ रहा है। एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चुटकी बेकिंग सोडा मिलाएं और घुलने के बाद बच्चे को पिलाएं। पेट दर्द से राहत मिल जाएगी। यदि दर्द तेज हो तो दिन में दो बार यह प्रक्रिया अपनाएं।
बच्चों में पेट दर्द की समस्या से छुटकारा दिलाने में हींग अद्भुत तरीके से काम करता है। यह पेट के गैस को शरीर से बाहर निकालता है और पेट दर्द को गायब कर देता है। बच्चे का पेट दर्द होने पर हींग को जरा सा पानी में घोलकर इस पेस्ट को बच्चे के पेट के ऊपर लेप की तरह लगाएं।जब आप बच्चे के पेट पर लेप लगाएं तब बच्चा क्षैतिज पोजीशन(horizontal position) में लेटा हुआ होना चाहिए और हींग उसकी नाभि में नहीं जाना चाहिए। आप चाहें तो हींग पाउडर को ऑलिव ऑयल में मिलाकर बच्चे के पेट पर मसाज करें, दर्द ठीक हो जाएगा।
(और पढ़ें – हींग के फायदे उपयोग स्वास्थ्य लाभ और नुकसान)
बच्चों के पेट की आंत ज्यादा मजबूत नहीं होती है इसलिए भारी भोजन करने पर उनका पेट दर्द होने लगता है। यदि बच्चे को पेट दर्द हो तो उसे केला खिलाना चाहिए। केला में पेक्टिन होता है जो आंतों को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाता है और आसानी से पच जाता है और पेट दर्द से छुटकारा दिलाता है। केले में पोटैशिय प्रचुर मात्रा में होता है इसलिए बच्चे को अधिक केला न खिलाएं अन्यथा उसे उल्टी हो सकती है।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…