कई बार आपने सुना होगा कि माता-पिता शिकायत करते हैं कि उनका बच्चे को नींद में है बड़बड़ाने की आदत है। कई बार वे इससे काफी डर जाते हैं कि कहीं उनके बच्चे को कोई बीमारी तो नहीं हो गयी है। इसीलिए आज हम आपको इस बीमारी के बारे में कुछ जानकरी देंगे और उसे ठीक करने के उपाए बातएंगे। नींद में बोलने को नींद में है बड़बड़ाने की आदत कहा जाता हैं क्योंकि जब आप बड़बड़ाते हैं तो आपके शब्द आधे-अधूरे और अस्पष्ट होते हैं।
ये एक प्रकार का पैरासोमनिया है जिसका मतलब होता है सोते समय अस्वाभाविक व्यवहार करना लेकिन इसे बीमारी नहीं माना जाता हैं। रात में बड़बड़ाते हुए आप कभी-कभी ख़ुद से ही बात करने लगते हैं जो ज़ाहिर है सुनने वाले को अजीब या भद्दा लग सकता है, लेकिन नींद में बड़बड़ाने वाले एक समय में 30 सेकेंड से ज्यादा नहीं बोलते है। कई तरह के लोग नींद में बाते करते हैं।
3 से 10 साल के करीब आधे से ज्यादा बच्चें अपनी बातों को नींद में बड़बड़ते है। वहीं 5 फीसदी बड़े भी नींद में बात करते है। कई बार जो बात करते करते वो सो जाते है, उसे ही पूरा करते है। ऐसा कभी-कभी होता है या हर रात भी हो सकता है। तो इससे घबराएं नहीं इसे ठीक करने घरेलु उपाए आपनाये।
सही समय पर सोना चाहिए इससे नींद में बड़बड़ाने की आदत से छुटकारा मिल जाएगा। ऐसा मानना है कि रात में सही समय से सोने और सुबह सही समय से उठने से यह समस्या नहीं होती है। इसके साथ अपनी नींद पूरी होना भी जरुरी है। अगर ऐसा नहीं होता है तब भी बड़बड़ाने की समस्या होती है।
कुछ लोग शराब के आदि होते है और रात के समय में ही शराब पीते हैं और सोते समय बड़बड़ाने लगते है। अगर इस समस्या का समाधान चाहते हैं तो आपको शराब छोड़नी होगी। अगर ये मुमकिन न हो तो इसे धीरे-धीरे पीना काम कर दें। इसे साथ गरिष्ठ भोजन भोजन भी बिलकुल बंद कर दें।
अगर आप लगातार तनाव से गुजर रहें हैं तो आपको यह समस्या हो सकती है। इसके लिए अपने दिमाग को पर्याप्त आराम का मौका देना चाहिए और खुद भी रिलैक्स करना चाहिए अगर ऑफिस के कामों से आप खुद को बहुत उलझा हुआ महसूस कर रहे हैं तो कुछ दिनों के लिए काम से छुट्टी ले लें। और होसके तो कहीं घूमने चले जाए।
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कई बार शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से ना होने के कारण भी नींद में बड़बड़ाने की आदत हो जाती है। इसके लिए आप शाम को टहलने जा सकते हैं या फिर योग कर सकते हैं।
कई बार देखा गया है कि जिन लोगों की नींद में बड़बड़ाने की आदत होती है वे बहुत ज्यादा तनावग्रस्त या मानसिक रूप से निराश होते हैं। अगर आपके भी परिवार के किसी सदस्य के साथ ऐसा है तो उससे बात करें। उनकी परेशानोयों को सुने।
रात में किसी भी तरह की डरावनी फिल्मे ना देखे। इससे दिमाग पर असर होता है और रात में व्यक्ति बड़बड़ाने लगता है। इससे अच्छा है कि आप कोई रोमांटिक या हसी मज़ाक वाली फिल्म देखेँ।
संगीत ऐसी चीज़ है जो चंचल मन को शांत कर देता है। तो सूने से पहले अपने पसंद के गाने सुने। इससे आपको नींद भी अच्छी आएगी और नींद में बड़बड़ाने की आदत भी कम हो जाएगी।
अपने डॉक्टर से बात करें। हो सकता है आप जो दवाएं ले रहें हैं उनकी वजह से आपको नींद में बड़बड़ने की आदत हो रही है। और अगर ऐसा है तो कुछ दिनों के लिए उन दवाओं को बंद कर दें। और अगर आपको कोई फर्क दिखता है तो तो इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
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