Quit smoking in Hindi आज के समय में हम सभी लोगों की दिनर्चया तनाव भरी होती है, हर किसी व्यक्ति को कुछ न कुछ तनाव बना रहता है। यह तनाव हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित तो करता ही है साथ यह हमारे स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। लेकिन कहते हैं न “विनाश काले विपरीत बुद्धि” यह उस समय सही साबित होता है जब हम में से कुछ लोग कहते हैं कि तनाव को दूर करने के लिए मादक पदार्थों का सहारा लिया जाता है। धूम्रपान भी एक ऐसा ही जहर है जिसे कुछ लोगों ने अपनी दैनिक जरूरत बना लिया है।
धूम्रपान करने वाले सभी लोग जानते हैं कि यह नुकसान दायक है फिर भी वे धूम्रपान करना नहीं छोड़ते क्योंकि उन्हें यह नहीं पता कि शरीर को इससे किस-किस प्रकार की समस्या हो सकती है। धूम्रपान आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है साथ यह अन्य प्रकार की बीमारी जैसे कैंसर,हृदय रोग, फेफड़ों की सूजन आदि का कारण हो सकता है। इसे न छोड़ने का एक विशेष कारण यह भी है कि उन्हे पता नहीं है कि वे इस बुरी लत से छुटकारा कैसे पा सकते हैं। जबकि धूम्रपान को छोड़ना शायद मुश्किल हो सकता है पर नामुमकिन नहीं। धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय भी होते है जिनकी आप मदद ले सकते हैं।
आइए जाने धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय क्या है जो आपके जीवन में खुशियों को लौटा सकते हैं और साथ ही आपके परिवार के अन्य सदस्य जो धूम्रपान नहीं करते हैं उनके स्वास्थ्य को भी प्रभावित न करे।
विषय सूची
1. धूम्रपान की शुरुआत कैसे होती है – How smoking begins in Hindi
2. धूम्रपान के कारण – Causes of Smoking in Hindi
3. धूम्रपान के प्रभाव – Effects of Smoking in Hindi
4. धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय –Home remedies for Quit Smoking in Hindi
5. धूम्रपान छोड़ने के बाद – After Quit Smoking in Hindi
जब कोई व्यक्ति अपने तनाव को सामान्य रूप से कम नहीं कर पाता है तो उसे किसी ऐसी चीज की आवश्यकता होती है जो उसके तनाव को कम करने में मदद करे और इस नादानी में वह धूम्रपान जैसे आसानी से मिलने वाले नशीले पदार्थो का उपयोग करने लगता है। यह एक ऐसी आदत होती है जिसे व्यक्ति शौकवश शुरु तो कर लेता है पर इसे छोड़ना बहुत मुश्किल होता है। धूम्रपान करने वाले अधिकांश लोगों को इससे होने वाले नुकसानों का एहसास ही नहीं होता है या वे लोग इसे अनदेखा करते हैं। यह उन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है साथ ही यह उनकी प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता है।
इसके अलावा धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों के आसपास रहने वाले लोगों को भी वही नुकसान हो सकते हैं जो धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को होते हैं। यदि आप या आपके कोई प्रियजन धूम्रपान कर रहे हैं तो उन्हें रोके, क्योंकि यह उनके और आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त है। आप उनकी इस बुरी आदत यानि धूम्रपान छोड़ने के लिए इस लेख में बताए गए उपचारों का उपयोग कर सकते हैं।
लोगों द्वारा धूम्रपान कई कारणों से शुरू किया जा सकता है। जैसा कि हम जानते है कि मानसिक तनाव को दूर करने के लिए बहुत से व्यक्ति धूम्रपान और अन्य नशीले पदार्थों का उपयोग करते हैं। लेकिन यही एक मात्र कारण नही है, धूम्रपान करने के और भी बहुत से कारण होते हैं जो लोगों के व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित भी करते हैं और इसकी तरफ लोगों को आकर्षित भी करते हैं जैसे कि :
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कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का विशेष कारण धूम्रपान होता है। यह धूम्रपान करने वाले व्यक्ति और उसके आसपास रहने वाले लोगों को निम्न प्रकार की समस्याओं से ग्रसित कर सकता है।
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जैसे-जैसे लोग स्वास्थ्य के लिए धूम्रपान के नुकसान से अवगत हो रहे हैं उसी गति से छोड़ने की मांग भी बढ़ रही है। इसके लिए कुछ दवाओं का उपयोग भी किया जाता है। लेकिन ये दवाएं कुछ लोगों के वजट में नहीं होती हैं। लेकिन धूम्रपान छोड़ने के घरेलू और सस्ते उपचार भी उपलब्ध हैं जो धूम्रपान को छोड़ने में आपकी सहायता कर सकते हैं। आइये जाने धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय क्या हैं।
जई (Oats) का उपयोग पुराने समय से ही विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह आपकी धूम्रपान की समस्या को भी हल कर सकता है। धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपायों में यह सबसे अच्छा साबित हो सकता है। 1 बड़ा चम्मच जई पाउडर लें और इसे 2 कप गर्म पानी में डालकर रात भर के लिए छोड़ दें। अगली सुबह इस मिश्रण को लगभग 10 मिनिट तक उबालें। प्रतिदिन भोजन के बाद इस मिश्रण का सेवन करें। यह आयुर्वेदिक दवा आपकी धूम्रपान की इच्छा को कम करती है साथ ही यह आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों (harmful toxins) को बाहर निकालने में भी मदद करती है। यदि आप इसका नियमित सेवन करते हैं तो यह धूम्रपान के प्रति आकर्षित होने के लक्षणों को भी कम करती है।
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लाल मिर्च जिसका उपयोग आप अपने भोजन को तीखा और स्वादिष्ट बनाने के लिए करते हैं। यह बहुत सी स्वास्थ्य समस्यओं को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार के रूप में भी उपयोग किया जाता है। यह लाल मिर्च आपकी धूम्रपान की समस्या को हल करने के लिए भी उपयोगी होती है। आप इसका उपयोग कर धूम्रपान को छोड़ सकते हैं। आप इसे अपने आहार में तो लेते ही हैं साथ ही आप एक गिलास पानी में एक चुटकी लाल मिर्च पाउडर को मिला कर सेवन करें। लाल मिर्च तंबाकू और निकोटीन (tobacco and nicotine) जैसी सभी नशे की लत वाली चीजों को श्वसन प्रणाली (respiratory system) से दूर करने में मदद करती है। यह आपके धूम्रपान की इच्छा को दबाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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जेनशेन (Ginseng) जो एक औषधीय पौधे की जड़ होती है, यह निकोटीन की इच्छा को कम करने में बहुत ही प्रभावी होती है। धूम्रपान को छोड़ने के लिए एलोवेरा, जेनशेन और ग्रीन टी को लेने की आदत बनाए। इसे आप दिन में कम से कम दो बार लें। यह न केवल आपको धूम्रपान की आदत से मुक्ति दिलाएगी बल्कि ग्रीन टी, ऐलोवेरा और जेनशेन आपके अन्य स्वास्थ्य लाभ दिलाने में भी मदद करेगें।
आप जेनशेन पाउडर का उपयोग अपने नाशते में मिलाकर भी कर सकते हैं। जेनशेन निकोटीन मे पाए जाने वाले प्रमुख घटकों में से एक डोपामाइन (dopamine) को कम करने में मदद करता है।
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लोबेलिया धूम्रपान की इच्छा को कम करने में भी उपयोगी होता है। लोबेलिआ एक प्रकार का पौधा है जिसके फूल नीले होते हैं। यह धूम्रपान के लक्षणों को कम करने के साथ साथ मतली, जलन, मानसिक एकाग्रता में कमी, बहुत अधिक भूक आदि लक्षणों को भी कम करने में सहायक होती है।
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पानी मानव शरीर का सबसे अच्छा दोस्त होता है। यह हमारे शरीर से हानिकारक पदार्थों को दूर करने में बहुत ही प्रभावी होता है। अच्छी और संतुलित चयापचय दर के लिए हर बार भोजन से 15 मिनिट पहले एक गिलास पानी पीएं और पूरे दिन के लिए सुरक्षित रहें। यह शरीर को साफ रखने और निकोटीन से संबंधित प्रभावों को कम करने में मदद करता है।
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शहद धूम्रपान को छोड़ने का उत्कृष्ट उपाय है। शहद में विटामिन, एंजाइम और प्रोटीन होते हैं, जो आसानी से धूम्रपान की आदत छोड़ने में मदद करते हैं। धूम्रपान को छोड़ने के लिए आप प्राकृतिक शहद का उपयोग करें, कृत्रिम शहद का उपयोग करने से आपको शायद लाभ प्राप्त न हो।
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मूली का उपयोग कर आप अपने शरीर की अम्लता को प्रभावित करता है। कटी हुई मूली का नियमित सेवन करने से आप धूम्रपान को छोड़ने में मदद करती है। जो लोग धूम्रपान के आदि होते हैं उनके लिए मूली बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो सकता है। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए आप मूली के साथ शहद का भी उपयोग कर सकते हैं।
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धूम्रपान से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय मुलेठी का उपयोग है। जब भी आपको धूम्रपान करने की इच्छा हो आप उस समय मुलेठी की दांतून चबा सकते हैं। यह सिगरेट की लत को दूर करने का प्रभावी तरीका होता है। यह आपके पाचन तंत्र में धुआं को नियंत्रित करने में मदद करता है। यदि आप अपनी धूम्रपान की आदत को छोड़ना चाहते हैं तो मुलेठी का उपयोग करें।
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सिगरेट के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए आप हर्बल सिगरेट का उपयोग भी कर सकते हैं। इस सिगरेट में 0 % निकोटीन होती है। इस सिगरेट को बनाने के लिए बहुत सी जड़ी बूटीयों का उपयोग किया जाता है जैसे कि दालचीनी, वेनिला, मुलेठी, लेमन ग्रास कॉर्नसिल्क और लौंग आदि। इन उत्पादों से बनी सिगरेट में निकोटीन की मात्रा बिल्कुल भी नहीं होती है। आप इस सिगरेट का उपयोग अन्य धूम्रपान की तरह ही कर सकते हैं। जो कि आपको किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। इस प्रकार की हर्बल सिगरेट कई प्रकार के फ्लेवरों में उपलब्ध होती है।
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सिगरेट हमारे शरीर में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी का कारण बनता है। धूम्रपान से होने वाली इस क्षति को पूरा करने के लिए विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई का सेवन कर पूरा किया जा सकता है। मल्टीविटामिन का सेवन करने से यह धूम्रपान करने की आदत को कम करने में भी सहायता मिलती है। विटामिन ए क्षतिगस्त श्लेष्म (damaged mucus) की मरम्मत मे फायदेमंद होता है जबकि विटामिन ई धूम्रपान के कारण कोशिकाओं की क्षति को दूर करने में मदद करता है। आप अपने शरीर में विटामिन सी की कमी को पूरा करने के लिए नारंगी जूस का सेवन कर सकते हैं।
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ऐसा करने पर आपको कुछ लाभ तो तत्काल ही मिल सकते हैं और कुछ लाभ लंबे समय के बाद समझ में आते हैं जो आपके स्वास्थ्य के द्रष्टिकोण से आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। आइए जाने धूम्रपान छोड़ने के बाद क्या हो सकता है।
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यदि आपने निश्चय कर लिया है कि अब आप धूम्रपान नहीं करेंगें तो आपके आखिरी सिगरेट लेने के 30 मिनिट के बाद आपके दिल की धड़कन जो सिगरेट का धुआं न मिलने के कारण बढ जाती है स्वत: ही धीरे-धीरे कम होने लगेगी और सामान्य स्थिति पर आ जाएगी जो आपके परिसंचरण (circulation) में सुधार लाता है।
सिगरेट के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड और बहुत से ज्ञात विषाक्त पदार्थ होते हैं। अधिक मात्रा में इसका सेवन करना नुकसानप्रद होता है और यह फेफड़ों और रक्त में मिलकर ऑक्सीजन को रोकता है। जो आक्सीजन की कमी के कारण घुटन का कारण बन सकता है।
यदि आप धूम्रपान करना छोड़ते हैं और लगातार 12 घंटों तक सिगरेट नहीं पीते हैं, तो शरीर में उपस्थित अतिरिक्त कार्बन मोनोऑक्साइड की सफाई करता है। कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर सामन्य हो जाता है और शरीर मे ऑक्सीजन के स्तर में भी वृद्धि होती है।
सिगरेट छोड़ने के 1 दिन बाद से ही दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो जाता है। धूम्रपान अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम करके कोरोनरी हृदय रोग को बढ़ाने का कार्य करता है। धूम्रपान रक्तचाप बढ़ाता है और रक्त के थक्के को बढ़ाता है जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
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धूम्रपान छोड़ने के 1 दिन के बाद एक व्यक्ति का रक्तचाप गिरना शुरू हो जाता है, जिससे रक्तचाप से संबंधित दिल की बीमारी का खतरा कम जो जाता है। इस कम समय में एक व्यक्ति के ऑक्सीजन का स्तर बढ़ जाता है जिससे शारीरिक गतिविधि और व्यायाम करना आसान हो जाएगा।
धूम्रपान गंध और स्वाद की इंद्रियों के लिए जिम्मेदार तंत्रिका को नुकसान पहुंचाता है। धूम्रपान छोड़ने के 2 दिन बाद एक व्यक्ति को गंध और स्वाद से संबंधित समस्या कम हो सकती है।
जब कोई व्यक्ति धूम्रपान छोड़ने का साहस करता है तो ऐसा करने पर उसके शरीर से निकोटीन की मात्रा कम होने लगती है। हालांकि शरीर में किसी प्रकार का निकोटीन नहीं होता है। यह प्रारंभिक कमी निकोटीन निकासी का कारण बन सकता है जिससे धूम्रपान छोड़ने के लगभग 3 दिन बाद, बहुत से लोगों को मनोदशा और चिड़चिड़ाहट गंभीर सिरदर्द आदि का अनुभव हो सकता है।
यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान के लिए अपने आप को 1 माह तक रोक लेता है तो इस स्थिति में व्यक्ति के फेफड़ों के कार्य में कुशलता आती है। इसलिए पूर्व धूम्रपान करने वालों को कम खांसी और सांस की तकलीफ दिखाई दे सकती है। धूम्रपान छोड़ने पर सहनशक्ति बढ़ जाती है और कार्डियोवैस्कुलर क्षमता में भी वृद्धि होती है।
इस अवधि तक धूम्रपान न करने पर परिसंचरण में सुधार होता है।
यदि कोई व्यक्ति 9 माह तक धूम्रपान नहीं करता है तो उसके फेफड़ें कुछ हद तक स्वस्थ्य हो सकते हैं। ऐसा करने पर आपके फेफड़ें की कार्यकुशलता बढ़ती है और संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। जो लोग धूम्रपान करते थे उन्हें स्वत: ही महसूस होने लगता है कि उनका फेफड़ा स्वस्थ्य और सही तरह से कार्य कर रहा है।
1 साल तक धूम्रपान छोड़ने के बाद दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है और धमनी और रक्त वाहिकाओं में भी सुधार होने लगता है। धूम्रपान छोड़ने के एक साल बाद कोरोनरी हृदय रोग के लिए व्यक्ति का खतरा आधे से कम हो जाता है।
सिगरेट में बहुत से विषाक्त पदार्थ होते हैं जो धमनी और रक्त वाहिकाओं को बंद या संकीर्ण करते हैं। ये वही विषाक्त पदार्थ होते हैं जो रक्त के थक्के के विकास की संभावना को बढ़ाते हैं।
धूम्रपान के बिना 5 साल बाद शरीर की धमनियां और रक्त वाहिकाओं को पुन: सुचारू रूप से कार्य करने के लिए चौड़ा या संकीर्णता को कम करता है। जिससे स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है। यदि आप लगातार 5 वर्षो तक धूम्रपान नहीं करते हैं तो आप अगले 10 वर्षो तक स्ट्रोक के खतरे को कम कर सकते हैं।
दस वर्षों तक धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति को फेफड़ों के कैंसर के विकास की संभावना बहुत ही कम हो जाती है जो कि धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों के लिए जारी रहता है। मुंह गले या अग्नाशयी कैंसर के विकास की संभावना में काफी कमी आती है।
15 वर्ष के बाद कोरोनरी हृदय रोग विकसित करने की संभावना बिना धूम्रपान करने वाले लोगों के बराबर होती है। इसी प्रकार अग्नाशयी कैंसर के विकास का खतरा भी सामान्य व्यक्तियों के बराबर ही होता है।
20 वर्षों के बाद, फेफड़ों की बीमारी और कैंसर समेत धूम्रपान से संबंधित कारणों की संभावना खत्म हो जाती है या उन व्यक्तियों के बराबर होती है जिन्होंने कभी भी धूम्रपान नहीं किया है।
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