Home Remedy For Dry Cough In Hindi सूखी खांसी के घरेलू उपचार इसलिए आवश्यक है क्योंकि अक्सर सर्दी के बाद आपको इसकी समस्या हो सकती है। यह एक आम समस्या है जिसमें खांसी के साथ किसी प्रकार का श्लेष्म (बलगम) नहीं आता है। अधिकतर मामलों में सूखी खांसी वायरल संक्रमण और एलर्जी के कारण होती है। इसलिए इसे दूर करने के लिए सूखी खांसी के लिए घरेलू नुस्खे बहुत ही फायदेमंद होते हैं जो प्रभावी रूप से इसका इलाज करने में हमारी मदद करते हैं। आइए जाने सूखी खांसी के लिए घरेलू उपाय के बारे में।
विषय सूची
1. सूखी खांसी क्या है – What is a Dry Cough in Hindi
2. ड्राई कफ के कारण – Causes Of Dry Cough in Hindi
3. सूखी खांसी के लक्षण – Dry Cough Symptoms in Hindi
4. सूखी खांसी के लिए घरेलू उपाय और नुस्खे – Home Remedies For Dry Coughs in Hindi
आपके श्वसन अंगों को कफ के माध्यम से साफ करने की प्रक्रिया को खांसी कहते हैं। खांसी दो प्रकार की होती है : उत्पादक और गैर उत्पादक (productive and nonproductive) खांसी। उत्पादक खांसी फेफड़ों को साफ करने के लिए कफ या श्लेष्म का उत्पादन करती है। जबकि गैर-उत्पादक खांसी जिसे सूखी खांसी भी कहा जाता है यह श्लेष्म का उत्पादन नहीं करती है। सूखी खांसी के कई कारण हो सकते हैं जिनमें एसिड रिफ्लेक्शन या एलर्जी आदि हो सकते हैं। सूखी खांसी आपके दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकती है विशेष रूप से आपकी रात को यह कष्टदायक बना सकती है। आइए जाने सूखी खांसी के कारण क्या हैं।
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सूखी खांसी कई बार गंभीर समस्या साबित हो सकती है। सूखी खांसी के कई कारण हो सकते हैं। आप इस लेख में बताए गए घरेलू उपचारों का उपयोग कर सूखी खांसी से निजात पा सकते हैं। लेकिन घरेलू उपायों के बाद भी खांसी ठीक न हो तो तुरंत ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि कुछ ऐसे कारण होते हैं जो आपकी खांसी को ठीक नहीं होने देते हैं।
आइए जाने सूखी खांसी के कारण क्या हैं।
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क्या आप सूखी खांसी से परेशान हैं। यदि ऐसा है तो संभव है कि इसकी वजह से आपको कई बार शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा होगा। क्योंकि यह खांसी लगातार और बहुत देर तक चलती रहती है। सूखी खांसी आमतौर पर स्वास्थ्य समस्याओं या बीमारी के लक्षणों को बढ़ा सकती है। शुष्क खांसी के लक्षणों में शामिल हैं :
सूखी खांसी के ये लक्षण एक या दो सप्ताह तक होने पर सामान्य हैं।
लेकिन यदि इससे अधिक समय तक यह खांसी होती है तो इसकी जांच और उपचार किया जाना चाहिए।
आइए जाने सूखी खांसी के लिए घरेलू उपाय क्या हैं।
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खांसी हमारे वायु मार्गो को साफ करने की एक व्यवस्था है जो कि हमारे शरीर में सुरक्षा तंत्र का काम है। लेकिन लंबे समय तक चलने पर यह खांसी आपके लिए नुकसानप्रद भी हो सकती है। इसलिए इसका उपचार किया जाना आवश्यक होता है। सूखी खांसी का उपचार करने के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही सूखी खांसी के उपचार के लिए कुछ प्राकृतिक और घरेलू उपाय भी मौजूद हैं। ये घरेलू उपाय बहुत ही प्रभावी होते हैं और विशेष बात यह है कि इनका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है। आइए इन्हें जानें।
एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों के कारण अदरक का उपयोग खांसी में राहत दिला सकता है। अदरक का उपयोग करने से यह वायुमार्ग की सूजन को कम
कर सकता है भले ही वह किसी एलर्जी के कारण हो। इसके लिए आप ताजे अदरक के रस का उपयोग कर सकते हैं। सूखी खांसी के इलाज के लिए आपको अदरक के रस और शहद की आवश्यकता होती है। इस मिश्रण का सेवन करने से गले की परेशानी और खांसी से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए आप अदरक के रस की कुछ बूंदों और इसकी बराबर मात्रा में शहद का उपयोग कर सकते हैं।इसके अलावा आप अदरक की चाय का भी सेवन कर सकते हैं। ताजा अदरक को पतले टुकड़ों में काटें और इसे 2-3 मिनिट तक पानी में उबालें। इस चाय का सेवन करने से भी आपको सूखी खांसी से राहत मिल सकती है। क्योकि यह सूखी खांसी का बढ़ियां घरेलू उपचार में से एक है।
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क्या रात के समय आपको सूखी खांसी आती है। यह खांसी आपकी और दूसरों की नींद खराब कर सकती है। ऐसी स्थिति में आपको शहद और नींबू रस का सेवन करना चाहिए। इस हल्के पेय का उपयोग आप रात में सोने से पहले करें। यह आपके गले को आराम दिलाने और खांसी को शांत करने के लिए उपयोगी होता है। साथ ही यह पेय आपके गले को रात भर हाइड्रेटेड रख सकता है।
सूखी खांसी के उपचार के लिए 1 गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच नींबू के रस और 2 चम्मच शहद मिलाएं। इस मिश्रण का सेवन करने से श्लेष्म को हल्का करने में मदद मिलती है जिससे कफ (mucus) लाने में आसानी होती है। सूखी खांसी का इलाज करने के लिए आप नींबू और शहद से बने इस पेय को दिन में कई बार सेवन कर सकते हैं जब भी आपको खांसी की समस्या हो।
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आयुर्वेद जानकार सलाह देते हैं कि गले को साफ रखने के लिए हल्दी और दूध का सेवन करना चाहिए। सूखी खांसी का इलाज करने के लिए हल्दी वाले दूध में आप लहसुन को भी मिला सकते हैं। बस आप हल्दी वाले दूध में लहसुन की कलियों को डालकर उबालें। यह सूखी खांसी का सबसे अच्छा उपचार माना जाता है। यदि आपको लहसुन का उपयोग करने में परेशानी है तो आप इसकी जगह पर अदरक का भी उपयोग कर सकते हैं। अदरक और लहसुन दोनों ही समान रूप से काम करते हैं।
हल्दी वाला दूध इसलिए सूखी खांसी को ठीक करता है क्योंकि हल्दी में कर्क्यूमिन (curcumin) नामक सक्रिय घटक होता है। इसमें एंटी-बायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जो संक्रमण के इलाज में मदद करते हैं। अदरक और लहसुन आंतों में रक्त-संकुलन (congestion) को राहत देने और प्राकृतिक एनाल्जेसिक (पीड़ा हटानेवाला) के रूप में कार्य करते हैं। खांसी से संबंधित किसी भी समस्या के लिए आप रात में सोने से पहले इस दूध का सेवन कर सकते हैं।
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लहसुन की अपेक्षा प्याज खांसी के लिए हल्के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है। लेकिन प्याज में कई ऑर्गनोफुलर (organosulfur) यौगिक और फलैवोनॉयड पॉलीफेनॉल होते हैं। जो इसे उत्कृष्ट एंटी माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण प्रदान करते हैं। प्याज का रस मुख्य रूप से श्वसनीशोध (bronchitis) के इलाज में उपयोगी होता है। यह कफ का उत्पादन कर खांसी को कम करने में मदद करता है। प्याज का सेवन खांसी के दौरान होने वाले दर्द को कम करने के साथ ही जीवाणु वृद्धि को भी रोकने में सहायक होता है।
सूखी खांसी का उपचार करने के लिए 1 लाल प्याज का रस निकालें। इस रस का एक बार में 1 चम्मच रस लें और गले के संक्रमण को दूर करने के लिए धीरे-धीरे इसका सेवन करें। आप इसका स्वाद बदलने के लिए इसमें बराबर मात्रा में शहद मिला सकते हैं। लेकिन केवल प्याज के रस का सेवन करना ज्यादा फायदेमंद होता है।
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शुष्क खांसी का उपचार करने के लिए मीठे लाल अंगूर के रस का इस्तेमाल किया जा सकता है। सूक्ष्म जीवों के कारण कफ आपकी छाती में जमा हो जाता है। ऐसी स्थिति में इसे दूर करने के लिए अंगूर के रस का उपयोग फायदेमंद होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंगूर का रस म्यूकोलिटिक प्रत्यारोपण (Mucolytic implant) के रूप में कार्य करता है। जिससे कफ को हल्का करने में मदद मिलती है जो खांसी से राहत दिलाता है। अंगूर में एंटीऑक्सीडेंट फाइटोकेमिकल्स की अच्छी मात्रा होती है। इनका लाभ लेने के लिए हर बार ताजे अंगूर के रस का उपयोग करना चाहिए।
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निगेल सैटिवा (Nigella sativa) के छोटे काले बीज जिन्हें आमतौर पर काले जीरे या कलौंजी के नाम से जाना जाता है। यह औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह केवल मृत्यु का इलाज बस नहीं कर सकता है। लेकिन यह हर प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए फायदेमंद होता है। विशेष रूप से इसका उपयोग खांसी के उपचार के लिए किया जाता है। कलौंजी के बीजों को कुचलकर शहद के साथ सेवन किया जा सकता है। लेकिन यदि कलौंजी का तेल उपलब्ध हो तो यह और भी फायदेमंद होता है। आप कलौंजी बीज के तेल को (आधा चम्मच) के साथ आधा चम्मच शहद का दिन में दो बार सेवन करें। यह सभी प्रकार की खांसी से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
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कई प्रकार के स्वास्थ्य और सौदर्य लाभ के लिए एलोवेरा का उपयोग किया जाता है। लेकिन यदि आप सूखी खांसी से परेशान हैं तो भी ऐलोवेरा का उपयोग फायदेमंद होता है। एलोवेरा में एक प्राकृतिक जेल होता है जो गले और त्वचा की कोशिकाओं को सूजन से राहत दिलाने में मदद करता है। ऐलोवेरा में एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं जो एलर्जी और गले के संक्रमण के कारण कफ रहित खांसी या सूखी खांसी से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। इसके अलावा ये शरीर में मौजूद उन रोगाणुओं से लड़ने में मदद करता है जो खांसी को बढ़ावा देते हैं। आप एलोवेरा की 1 पत्ती को तोड़कर इसका गूदा निकालें। आप इसका जूस बनाकर या ऐसे ही सेवन कर सकते हैं। लेकिन इसके कड़वे स्वाद को कम करने के लिए इसमें कुछ शहद भी मिला सकते हैं।
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आयुर्वेद में जड़ी-बूटीयों की मां के रूप में तुलसी को जाना जाता है। इसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ बहुत सी आयुर्वेदिक दवाओं के लिए भी किया जाता है। सामान्य रूप से तुलसी की पत्तियों का उपयोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और संक्रमण को दूर करने के लिए किया जाता है। इस कारण ही खांसी दूर करने वाले अधिकतर सिरप में तुलसी का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
आप खांसी के प्रभाव को कम करने के लिए तुलसी के पत्तों को ऐसे ही खा सकते हैं। आप तुलसी के पत्तों के अलावा तुलसी के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं। त्वरित राहत पाने के लिए आप तुलसी कैप्सूल का भी सेवन कर सकते हैं। आप घरेलू उपचार के रूप में तुलसी के पत्तों का उपयोग कर काढ़ा बना सकते हैं। तुलसी की पत्तियां आपकी खांसी का तुरंत इलाज करने की क्षमता रखती है।
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मेन्थॉल नामक एक छोटा सा यौगिक पुदीना जड़ी-बूटी में मौजूद रहता है। पुदीना की पत्तियों या इसके तेल का उपयोग करने पर यह गले के संक्रमण, सूखेपन और खांसी को कम कर सकता है। सूखी खांसी का उपचार करने के लिए आप उबलते पानी में पुदीने की कुछ पत्तियों डालें। आप इस पानी की भाप लेने के लिए एक तौलिया से अपने सिर को ढ़कें और पुदीने की भाप लें। विकल्प के रूप में आप उबलते पानी में पुदीने के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा आप पेपरमिंट की चाय का भी उपयोग कर सकते हैं।
लेकिन ध्यान रखें की पेपरमिंट का उपयोग छोटे बच्चों के उपयुक्त नहीं है।
इसलिए बच्चों को पुदीने की पत्तियों और इसके तेल का उपभोग नहीं करना चाहिए।
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आप अपनी सूखी खांसी के उपचार के लिए सिरप का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन ध्यान दें कि बाजार से खरीदे हुए सिरप में सिंथेटिक रसायनों की बहुत अधिक मात्रा होती है। जो कि आपके लिए अनिद्रा और अन्य संभावित समस्याएं पैदा कर सकते हैं। लेकिन आप इस प्रकार की समस्या से बचने के लिए घर के बने सिरप का उपयोग कर सकते हैं जिसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।
आप के द्वारा घर में 100 प्रतिशत शुद्ध हर्बल सिरप तैयार किया जा सकता है। इसके लिए आपको अजवाइन के फूल (Thyme) और पुदीने की आवश्यकता होती है। ये दोनो जड़ी-बूटीयां मुलेठी (Licorice) और स्वर्णधान्य (mullein एक प्रकार का ओषधि-पौधा जिसकी पत्तियाँ रोयेंदार और फूल पीले होते है) के समान कार्य करती हैं और सिरप में एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों को बढ़ाते हैं। आप प्रत्येक जड़ी बूटी के 2 चम्मच मात्रा को 1 कप पानी में मिलाएं और इसे 30 मिनिट तक उबालें। सूखी खांसी होने के दौरान आप आधा कप कच्चे शहद में इस काढे को मिलाएं। आप इस मिश्रण को ठंडा करें और सिरप की तरह 1-1 चम्मच सबुह और शाम इसका सेवन करें। यह प्राकृतिक सिरप आपकी खांसी का सबसे अच्छा इलाज करता है। साथ ही इसके कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होते हैं।
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भारत में मुलेठी का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए प्राचीन समय से उपयोग किया जा रहा है। इस पौधे की सूखी जड़ का उपयोग सूखी खांसी के उपचार के लिए भी प्रभावी माना जाता है। विशेष तौर पर बच्चों की खांसी का इलाज करने के लिए उन्हें मुलेठी की जड़ चबाने की सलाह दी जाती है।
लेकिन जिन लोगों को मुलेठी प्राप्त नहीं होती है उनके लिए मुलेठी कैंडीज भी उपलब्ध हैं।
गले की खरास, ब्रोंकाइटिस, खांसी और अन्य श्वसन समस्याओं से छुटकारा पाने में मुलेठी का उपयोग किया जाता है। मुलेठी का उपयोग आप चाय के रूप में भी कर सकते हैं। इसके लिए आप 1 कप पानी में 2 चम्मच मुलेठी की जड़ के पाउडर को उबालें। आप इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें कुछ काली मिर्च भी मिला सकते हैं। यह प्राकृतिक चाय आपकी खांसी का इलाज करने में मदद करती है।
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