अगर आप बवासीर से परेशान हैं, तो यह लेख आपके लिए किसी रामबाण से कम नहीं हैं। बवासीर hemorrhoids (piles) एक बहुत ही शर्मनाक और कष्टदायी बीमारी है। इस बीमारी में आप ना तो अपना दर्द किसी को बता पाते हैं और ना ही छुपा पाते हैं। अतिसार (Diarrhoea), संग्रहणी (इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम) और बवासीर, ये तीनो बीमारियाँ एक दूसरे को पैदा करती हैं। बवासीर के रोगी को हर बार मल त्याग करते समय पीड़ा (दर्द) होती है। यदि आप बवासीर का सफल घरेलू इलाज प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए फायदेमंद होने वाला है।
पाइल्स या बवासीर (Hemorrhoids) मलाशय के आसपास या निचले गुदा में स्थित नसों में सूजन या हानिकारक ऊतकों का संग्रह है। बवासीर को पाइल्स (piles) भी कहा जाता है। बवासीर दो प्रकार की होती है, एक अंदरुनी (आंतरिक) और बाहरी। आंतरिक बवासीर में मस्से अंदर की ओर होते हैं। आंतरिक बवासीर में नसों की सूजन दिखती नहीं परन्तु महसूस होती है। जबकि बाहरी बवासीर में यह सूजन गुदा (anus) के बिल्कुल बाहर दिखती है। बवासीर के होने का सबसे बड़ा कारण कब्ज़ है। हालांकि हेमोरॉहाइड्स (बवासीर) होने के बहुत से कारण हैं, लेकिन इसके होने का सटीक कारण स्पष्ट नहीं किया जा सकता है।
आंतरिक बवासीर की स्थिति में टॉयलेट करते वक्त जोर लगाने से अंदर के मस्से बाहर आ जाते हैं, जिससे मरीज को बहुत तेज दर्द होता है और अगर मस्से छिल जाए तो ज़ख्म हो जाता है। बाहरी बवासीर में मस्से गुदा वाली जगह पर होते हैं और इसमें दर्द नहीं होता, कभी-कभी हल्की खुजली होती है। कब्ज होने पर इन मस्सों से इतना खून आने लगता है कि मरीज खून देखकर घबरा जाता है। और बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में व्यक्ति खुलकर किसी को बता भी नहीं सकता है।
(और पढ़ें: बवासीर (हेमोरॉहाइड्स) के कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार)
बवासीर के संकेत और लक्षण आमतौर पर बवासीर के प्रकार पर निर्भर करते हैं।
बाहरी बवासीर में सूजन तथा मस्से गुदा के आसपास की त्वचा के नीचे होते हैं। बाहरी बवासीर के संकेतों और लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
आंतरिक बवासीर मलाशय के अंदर होता है। आंतरिक बवासीर में मस्से शायद ही कभी असुविधा का कारण बनते हैं। लेकिन इस स्थिति में मल त्याग करते समय दबाव या जलन का अनुभव किया जा सकता है। मल त्याग के दौरान दर्द रहित रक्तस्राव, शौच करने पर भी पेट खाली नहीं लगना इत्यादि आंतरिक बवासीर के प्रमुख लक्षण हैं।
जब रक्त बाहरी बवासीर में जमा होकर एक थक्का (थ्रोम्बस) बनाता है, तो इसे थ्रोम्बोस्ड हेमोराइड कहा जाता है। इस स्थिति में निम्न लक्षण प्रगट होते हैं:
हेमोरॉहाइड्स (बवासीर) औरतों में ख़ास कर गर्भावस्था के समय हो सकता है और इस में काफी अधिक दर्द होता है। बच्चे के जन्म के बाद बवासीर के लक्षण कम हो जाते हैं। नीचे किये गए उपाय कब्ज, बवासीर की खुजली, बवासीर से खून बहना आदि सभी लक्षणों से राहत दिलाने के लिए अचूक घरेलू इलाज हैं, जिनको आप बवासीर में अपना सकते हैं :
एलोवेरा, बवासीर के सफल घरेलू उपचार में से एक है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यह घावों को भरने में मदद करने के साथ-साथ जलन, खुजली और सूजन को कम करने का उत्तम आयुर्वेदिक इलाज है। एलोवेरा पेस्ट को सीधे गुदा पर लगाया जा सकता है। इसके अलावा अधिक राहत प्राप्त करने के लिए एलोवेरा को रेफ्रिजरेटर में ठंडा कर प्रयोग में लाया जा सकता है। मार्केट स्टोर से खरीदे गए एडिटिव्स और प्रिजर्वेटिव एलोवेरा जैल नुकसानदायक हो सकते हैं, इसलिए एलोवेरा की शुद्धता बहुत महत्वपूर्ण है।
कैस्टर ऑयल में एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर, एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे व्यापक गुण पाए जाते हैं। जिसके कारण अरंडी का तेल बवासीर के लिए रामबाण इलाज की तरह कार्य करता है। अरंडी के तेल के आयुर्वेदिक गुण बवासीर के आकार को कम करने और दर्द से छुटकारा पाने के लिए मददगार होते हैं। रोज रात में एक गिलास दूध में 3 मिलीलीटर अरंडी का तेल मिलाकर सेवन करने तथा प्रभावित क्षेत्र पर सीधे लगाने से कुछ ही दिनों में बवासीर के लक्षणों में कमी देखने को मिल सकती है।
बवासीर के लक्षणों से जल्द राहत पाने के लिए विच हेज़ल एक प्रभावी घरेलू उपाय है। विच हेजल प्राकृतिक रूप से एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और एस्ट्रिंजेंट (Astringent) औषधी है। शुद्ध विच हेजल की थोड़ी मात्रा को रुई की सहायता से बवासीर पर सीधे लगायी जा सकती है।
दर्दनाक बवासीर से राहत प्राप्त करने के लिए यह घरेलू इलाज काफी कारगर है। इस उपचार के दौरान सेंध नमक और ग्लिसरीन को मिलाकर एक यौगिक बनाते हैं और इसे सीधे सूजन वाले क्षेत्र पर लगाया जाता है। 2 बड़े चम्मच ग्लिसरीन में 2 बड़े चम्मच एप्सम सॉल्ट को अच्छी तरह से मिला लें और मिश्रण को पट्टी की सहायता से दर्द वाली जगह पर 15 से 20 मिनट के लिए लगाएं रखें। दर्द कम होने तक यह प्रयोग हर चार से छह घंटे में दोहराते रहें।
केले और पीसे हुए कत्थे का सेवन बवासीर से राहत प्रदान करने का सफल उपाय है। आपको पके हुए केले को दो टुकड़ों में काट लें और उस पर पीसा हुआ कत्था छिड़क दें। अब इन दोनो टुकड़ों को रात को खुले आसमान में रख दें। सुबह उठकर केले के इन दोनों टुकड़ों को खा लें। इस उपयोग को लगातार एक हफ्ते तक करने से आपको बवासीर से आराम मिलेगा।
(और पढ़ें: बवासीर के लिए योग)
बवासीर का सफल घरेलू इलाज (Home remedy for hemorrhoids (piles) in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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