Weight Gain In Women In Hindi क्या आप जानतीं हैं कि हार्मोन्स के कारण महिलाओं में बढ़ता है। ज्यादातर लोगों का मानना है कि गलत खानपान की वजह से महिलाओं का वजन बढ़ता है। मोटापे से ग्रस्त ज्यादातर महिलाएं ये ही मानती हैं कि उनका वजन उनके खाने की गलत आदतों की वजह से बढ़ रहा है। जिसे वह कितना भी कम करने की कोशिश करे, नतीजा जीरो मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वजन बढ़ने की असली वजह ईटिंग हैबिट्स नहीं बल्कि शरीर में मौजूद हार्मोन्स हैं। जी हां, हमारे शरीर में कई ऐसे हार्मोन्स हैं, जो महिला में वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। अगर ये हार्मोन्स बैलेंस नहीं हैं, तो वजन बढ़ना पक्का है।
इसलिए आपकी लाइफस्टाइल कैसी भी हो, इन्हें बैलेंस करने की कोशिश करनी चाहिए। मोटापे को तो आसानी से कम नहीं किया जा सकता लेकिन कई तरीकों से महिलाओं में वजन बढ़ाने वाले इन हार्मोन्स को कंट्रोल जरूर किया जा सकता है ताकि वजन जरूरत से ज्यादा ना बढ़े। आज का ये आर्किटल ऐसे लोगों के लिए बहुत जरूरी है, जो लगातार वजन बढ़ने से परेशान हैं। मोटापे को कम करने के लिए वे खानपान में बदलाव कर रहे हैं, लेकिन मोटापा को कम करने की बजाए अगर वे इन हार्मोंस को बैलेंस करने की कोशिश करें, तो वजन अपने आप ही कम हो जाएगा।
विषय सूची
1. महिलाओं में हार्मोन असंतुलित होने के लक्षण – Symptoms Of Imbalance Of Hormones In Hindi
2. कैसे इम्बैलेंस हो जाते हैं महिलाओं में हार्मोन – How Hormones Is Imbalanced In Hindi
3. वजन बढ़ाने वाले हार्मोन्स और उन्हें कम करने के उपाय – Hormones Which Gain Weight In Hindi
4. महिलाओं में हार्मोन बैलेंस करने में मददगार है ये फूड – Best Foods To Balancing Hormones In Female In Hindi
5. इन आयुर्वेदिक तरीकों से भी हार्मोन को करें बैलेंस – Ayurvedic Treatment To Balance Hormones In Hindi
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विशेषज्ञों की मानें तो महिलाओं में शादी के बाद हार्मोन इम्बैलेंस की समस्या ज्यादा देखी जाती है। वैसे तो हार्मोन इम्बैलेंस होने के कई कारण होते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में ज्यादा लंबे समय तक कॉन्ट्रासेपिटव पिल्स लेने से इनके असंतुलित होने की संभावना बढ़ जाती है। दरअसल, इन गोलियों में सिंथेटिक प्रोजेस्टिन होता है, जो प्रोजेस्टोरोन लेवल को कम कर देता है। हार्मोन के इम्बैलेंस होने के अन्य कारण व्यायाम में कमी, स्ट्रेस, खराब पोषण और मेनोपॉज चैंजेस का होना होता है। खासतौर से शादी के बाद अगर खुद का वजन बढ़ाने से रोकना चाहती हैं तो इन सभी चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
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यदि आपके हार्मोन इम्बैलेंस हो गए है तो आप निम्न उपायों को अपना कर अपने वजन को कम कर सकती हैं।
भारत की ज्यादातर महिलाओं में थायराइड की समस्या पाई जाती है। गर्दन के पास मौजूद थायराइड ग्लैंड तीन तरह के हार्मोन्स प्रोड्यूस करती है- टी3, टी4 और कैलसीटोनिन। ये हार्मोन्स हमारी नींद, मेटाबॉलिज्म, हार्ट रेट, नींद और हमारे दिमाग को नियंत्रित करते हैं। कभी-कभी थायराइड ग्लैंड थायराइड हार्मोन प्रोड्यूस करता है, जो हाइपोथैरोडिज्म को बढ़ावा देता है। ये हाइपोथैरोडिज्म वजन बढ़ाने, डिप्रेशन और हाईब्लड कोलेस्ट्रॉल से जुड़ा हुआ है। इस थायराइड असंतुलन के कारण महिलाओं का वजन 5 से 10 पाउंड बढ़ सकता है।
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महिलाओं में वजन बढ़ने का एक कारण इंसुलिन भी माना जाता है इंसुलिन पैनक्रियाज से निकलने वाला एक ऐसा हार्मोन है, जो सेल्स में ग्लूकोज को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करने या उन्हें फैट के रूप में स्टोर करने में मदद करता है। साथ ही ये ब्लड में ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल करने में भी सहायक है। इसलिए अगर आप ज्यादा मात्रा में आर्टिफिशियल स्वीट ड्रिंक्स, एल्कोहल का सेवन करती हैं तो इससे इंसुलिन अपनी प्रतिरोधक क्षमता खो देता है और मसल सेल्स इंसुलिन को पहचानने में सक्षम नहीं होता और ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ने लगता है। जिससे महिलाओं में वजन बढ़ने और टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा ज्यादा रहता है।
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लैप्टिन हार्मोन आपको संकेत देता है कि अब आपका वजन बहुत बढ़ गया है और अब आपको अपने खाने की आदतों पर लगाम लगानी होगी। जो महिलाएं कैंडीज, चॉकलेट्स और फ्रुक्टोज से भरे फल ज्यादा खाती हैं, इससे फ्रुक्टोज फैट में बदल जाता है, जो धीरे-धीरे महिलाओं के लीवर, बैली और शरीर के कई हिस्सों में जमा होने लगता है। अगर आप फ्रुक्टोज से भरपूर चीजों का सेवन ज्यादा करेंगी तो ज्यादा से ज्यादा लेप्टिन हार्मोन सीक्रेट होने लगेगा और आपका दिमाग आपको ज्यादा खाने से रोकने का सिग्रल देना बंद कर देगा। जिससे स्वभाविक तौर पर आपका वजन बढ़ना शुरू हो जाएगा।
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इसे लेवल में रखने के लिए आराम जरूरी है। कई रिसर्च में बताया गया है कि अच्छी नींद से लेप्टिन हार्मोन लेवल कम होता है साथ ही ब्रेन भी खाने की लत को कम करने के सिग्रल अच्छे से हम तक पहुंचा सकता है। इसलिए दिन में 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।
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इसे हंगर हार्मोन के नाम से भी पहचाना जाता है। घ्रेलिन हार्मोन शरीर में फैट जमा करने के लिए जिम्मेदार है। ब्लडस्ट्रीम में घ्रेलिन हार्मोन का स्तर ज्यादा होने से वजन बढ़ने लगता है। खासतौर से मोटापे से ग्रसित महिलाओं के लिए इस हार्मोन लेवल का बढ़ना बेहद खतरनाक है। इतना ही नहीं जब लोग स्ट्रिक्ट डाइट पर होते हैं या फास्टिंग पर होते हैं तब भी ये हार्मोन बढ़ सकता है। ऐसे में अपनी डाइट का भी खास ख्याल रखें।
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मेलाटोनिन हार्मोन का बैलेंस बिगड़ने के कारण महिलाओं में वेट गेन की प्रोसेस तेजी से बढ़ती है। ये हार्मोन हमारी नींद और जगाने की प्रोसेस को नियंत्रित करते हैं। जब हम सोते हैं तो हमारी बॉडी ग्रोथ हार्मोन रिलीज करती है, जो बॉडी को हील करने में मददगार है। लेकिन जब व्यस्त होने के कारण महिलाएं प्रॉपर नींद नहीं ले पातीं, तो ये हीलिंग प्रोसेस बिगड़ जाती है, जिससे वेट गेन होना स्वभाविक है।
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महिलाओं का वजन बढ़ने का प्रमुख कारण है प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन। इसलिए माना जाता है कि शरीर में प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन हमेशा संतुलित रहना चाहिए। महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन गर्भनिरोधक गोलियों और मेनोपॉज की समस्या से गिर सकता है, जिससे जल्दी वजन बढ़ना संभव है। इसलिए महिलाओं को इन सभी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
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दरअसल, एस्ट्रोजन एक फीमेल सेक्स ऑर्गन है। महिलाओं के शरीर में अगर इस ऑर्गन का लेवल कम या ज्यादा हो जाए, तो वजन बढ़ने में देर नहीं लगती। यही वजह है कि शादी के बाद कई महिलाओं का वजन बढ़ जाता है। जब एस्ट्रोन लेवल बढ़ता है तो इंसुलिन पैदा करने वाले सेल्स पर जोर पड़ता है। इससे इंसुलिन की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिससे ब्लड ग्लूकोज लेवल बढ़ना शुरू हो जाता है और धीरे-धीरे वजन बढ़ने लगता है।
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जब महिलाएं किसी भी कारण से टेंशन में या गुस्से में होती हैं, तो एड्रीनल ग्लैंड से कोर्टिसोल हार्मोन रिलीज होता है। इसका मुख्य काम ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाकर प्रतिरक्षा प्रणाली को कम करने के साथ तनाव को कम करना है। लेकिन तनाव और गुस्सा महिलाओं की जीवनशैली का हिस्सा है, जिससे शरीर में ज्यादा फैट जमा होने की स्थिति बनती है और कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है, जो शरीर के लिए हानिकारक है।
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ज्यादातर ये हार्मोन पुरूषों में पाया जाता है, लेकिन महिलाओं में भी ये हार्मोन मौजूद रहता है। ये हार्मोन फैट बर्न करने में मदद करता है। साथ ही हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। उम्र और ज्यादा तनाव के कारण टेस्टोस्टेरोन हार्मोन लेवल को कम करता है, जिससे हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और ओबेसिटी लेवल भी बढ़ने लगता है।
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अश्वगंधा– मेनोपॉज के दौरान जो महिलाएं चिंता,अवसाद से गुजरती है, उनमें हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है और अश्वगंधा इन्हीं समस्या को दूर करने में सहायक होती है। दरअसल, ये जड़ी बूटी महिला के शरीर में ब्लड फ्लो को बढ़ाने के लिए उत्तेजित करती है। इसलिए इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल हार्मोन को बैलेंस करने के लिए अच्छा तरीका है।
ट्रिब्यूलस टेरेस्ट्रिस (गोखरू या ‘गोक्षुर) – इंडियन कल्चर में ट्रिब्यूलस टेरेस्ट्रिस एक ऐसा आयुर्वेदिक उपचार है, जो दिमाग में एड्रोजन रिसेप्टर्स को उत्तेजित करता है और शरीर के हार्मोन को अच्छे से उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। जो महिलाएं इस जड़ी-बूटी का उपयोग करती हैं उनका यौन प्रदर्शन और प्रजनन प्रणाली स्वस्थ रहती है, जिससे हार्मोंस के अंसतुलित होने की संभावना कम होती है।
सफेद मूसली – सफेद मूसली व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक ऐसा हर्बल पूरक है। इसका उपयोग सभी उम्र के पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा किया जा सकता है। आहार में मुस्ली को शामिल करने से बीमारियों का खतरा कम हो जाता है और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। सफेद मूसली में मौजूद पोषक तत्व और खनिज थकान को रोकते हैं और महिलाओं में अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
हार्मोनल संतुलन को बनाए रखना सफेद मूसली का उपयोग करने के मुख्य फायदों में से एक है। यह विकास हार्मोन के उत्पादन को उत्तेजित करता है और शरीर के चयापचय कार्यों में सुधार करता है। उचित हार्मोन स्राव स्तनपान करने वाली माताओं में पर्याप्त दूध प्रदान करने के लिए स्तन ग्रंथियों की सहायता करता है। यह चिंता, तनाव और अवसाद जैसे तंत्रिका विकारों के स्तर को कम करके अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने में महिलाओं की सहायता करता है। मासिक धर्म चक्र को ठीक करना आहार में सफेद मूसली को शामिल करने का एक और लाभ है। सफेद मूसली के नियमित उपयोग से मासिक धर्म की समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
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