Squats In Hindi शरीर को शेप में लाने और फिट बनाने के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। बहुत सी ऐसी एक्सरसाइज हैं, जो वजन कम कर मसल्स को स्ट्रान्ग बनाकर आपको फैट से फिट बनाती हैं। स्क्वैट्स इन्हीं में से एक है। बॉडी को फ्लेक्सीबल और मांसपेशियों को मजबूत करने के लिहाज से स्क्वाट्स के फायदे अनेक है। इन दिनों ये व्यायाम काफी लोकप्रिय हो रहा है। लोग फिट रहने के लिए अब स्क्वाट के जरिए रैगुलर वर्कआउट भी कर रहे हैं। ये एक ऐसी आसान एक्सरसाइज है, जिससे न केवल आपके हाथ या पैरों की बल्कि पूरे शरीर की एक्सरसाइज होती है। इसमें बिना किसी उपकरण का यूज किए आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कर सकते हैं। इसलिए स्क्वाट को अपनी एक्सरसाइज में शामिल करें और फिट रहें।
स्क्वाट एक्सरसाइज की खास बात तो ये है कि इसके लिए आपको किसी जिम में जानें और फिजूल में पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है, बल्कि आप घर मे कभी भी कहीं भी स्क्वाट व्यायाम कर सकते हैं। इससे न केवल आपकी बॉडी रिलेक्स्ड होगी, बल्कि आप खुद भी स्ट्रेस फ्री महसूस करेंगे। तो आइए जानते हैं स्क्वाट कैसे करे, स्क्वाट करने के फायदे और स्क्वाट्स करने का आसान तरीका।
विषय सूची
1. स्क्वाट्स करने का तरीका – How To Do Squats Properly In Hindi
2. स्क्वाट करने के फायदे – Squats Ke Fayde In Hindi
3. महिलाओं के लिए स्क्वाट करने के फायदे – Squats Benefits For Females In Hindi
4. पुरूषों के लिए कैसे फायदेमंद है स्क्वाट एक्सरसाइज – Benefits Of Squats For Men In Hindi
5. क्या स्क्वैटिंग बट साइज को बढ़ाती है – Is regular squatting increases bum size in hindi
6. स्क्वाट करते समय न करें गलतियां – Do Not Do Mistakes While Doing Squats In Hindi
ये एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसे आप घर में कभी भी कहीं भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले अपने दोनों हाथ सामने की ओर खुले रखने होंगे और सीधे खड़े होकर छाती को थोड़ा बाहर की ओर निकालनी होगी। अब धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ते हुए इस तरह बैठें जैसे आप किसी कुर्सी पर बैठ रहे हों। अपने घुटनों को पैरों के पंजों के बराबर ही रखें। अब धीरे-धीरे नीचे झुकें और तब तक झुकें जब तक की आपके जांघे जमीन के बराबर न आ जाएं। बॉडी को एकदम टाइट रखें। अब यहां ये उठक-बैठक करना शुरू करें। ऊपर आते समय सांस छोड़ें। ऐसा 10 मिनट तक आप कर सकते हैं। शुरूआत में 10 स्क्वाट करें और फिर धीरे-धीरे 12-15 तक ले जाएं।
कई लोग हैं जो आज भी स्क्वाट के फायदों के बारे में नहीं जानते। उन्हें लगता है कि ये एक लैग एक्सरसाइज है, बाकी पूरी बॉडी से इसका कोई लेना देना नहीं है। तो आइए जानते हैं कि असल में स्क्वाट्स करने के फायदे क्या-क्या हैं।
स्क्वाट केवल पैरों के लिए ही नहीं बल्कि आपके पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है। ये आपकी फिजिक को इंप्रेसिव बनाता है। मेटाबॉलिज्म लेवल बढ़ाने के साथ ही ये बॉडी में मौजूद एक्स्ट्रा फैट को बर्न करने में मदद करता है।
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स्क्वाट एक्सरसाइज को एक फैट बर्नर कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके जरिए आप तेजी से शरीर की चर्बी को कम कर सकते हैं। इससे आपका मेटाबॉलिक रेट बढ़ती है और चर्बी आसानी से कम होती है। इसे करने से न केवल कमर की बल्कि हिप्स, हाथ और पेट के आसपास की चर्बी भी तेजी से कम होती है। माना जाता है कि रैगुलर स्क्वाट को करने से व्यक्ति 500-700 एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न कर सकता है।
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ये एक्सरसाइज आपकी बॉडी में एनाबॉलिक हार्मोन्स के प्रोडक्शन को बढ़ावा देती है। जो लोग नियमित रूप से स्क्वाट एक्सरसाइज करते हैं उनमें टेस्टोस्टीरोन और ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन ज्यादा होते है उनके मुकाबले जो स्क्वाट नहीं करते। बता दें ये हार्मोन मांसपेशियों का विकास करते हैं, उन्हें मजबूत बनाते हैं साथ ही उन्हें रिपेयर करने का काम भी करते हैं।
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बदलती लाइफस्टाइल में शरीर का बैलेंस बनाए रखना काफी मुश्किल है। इसके लिए लोग तरह-तरह के जतन करते हैं। लेकिन बॉडी का संतुलन बनाए रखने के लिए स्क्वाट कई तरह से फायदेमंद है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्क्वाट एक्सरसाइज को करने से जोड़ों और हड्डियों में खिंचाव पैदा होता है, जिसका आपका शरीर बैलेंस हो जाता है। ये एक ऐसा वर्कआउट है जो हमारे शरीर को बैलेंस रखने के साथ ही फिट भी बनाता है। पीठ के दर्द को चुटकियों में दूर करने में ये तरीका कारगार साबित होता है।
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अगर आपको लगता है कि आपकी बैक काफी कमजोर है, तो स्क्वाट करना आपके लिए बेस्ट एक्सरसाइज है। इससे न केवल आपकी बैक मजबूत होती है बल्कि आप भारी से भारी सामान भी आसानी से उठा सकते हैं।
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हैक्टिक शेड्यूल और दिनभर की आपा धापी के चलते लोगों में स्ट्रेस बढ़ रहा है। स्ट्रेस दूर करने के लिए स्क्वाट जैसी साधारण एक्सरसाइज को अपनाया जा सकता है। स्क्वाट व्यायाम एक स्ट्रेस बूस्टर है। रिसर्च में बताया गया है कि ये हमारे शरीर में एंडॉर्फिन का प्रोडक्शन बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है। एंडॉर्फिन एक नेचुरल पेनकिनलर की तरह काम करता है और आपके मूड को भी अच्छा फील कराता है।
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ऐसा दिन में कितनी बार होता है जब आपको चोट लगती होगी। दर्द भी बहुत होता है। ऐसा उन लोगों को ज्यादा होता है, जिनकी मांसपेशियां और लिगामेंट्स कमजोर होते हैं। इसलिए स्क्वाट एक्सरसाइज आपको इन चोटों से बचाने का काम करती है। इसे अगर रैगुलर अपने रूटीन में किया जाए, तो पैरों की मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होंगी और चोट लगने की संभावना बहुत कम हो जाएगी। वैसे ऐसी स्थिति ज्यादातर उन लोगों के साथ होता है जो किसी तरह के स्पोट्र्स से जुड़े होते हैं।
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स्क्वाट व्यायाम को महिलायं भी बड़े आराम से कर सकतीं हैं महिलाओं के लिए स्क्वाट व्यायाम के लाभ अनेक है, महिलाओं के लिए स्क्वाट करने के मुख्य फायदे के बारे में हम आपको बता रहें हैं।
स्क्वाट करने से महिलाओं के बॉडी पॉश्चर में सुधार आता है। महिलाएं दिनभर घर और ऑफिस में बैठकर या खड़े रहकर काम करती हैं। ऐसे में उनका पॉश्चर पूरी तरह से बिगड़ जाता है, नतीजा कमर और पीठ में दर्द होने लगता है। इसलिए महिलाओं को रैगुलर स्क्वाट करने की सलाह दी जाती है। इससे न केवल उनका पॉश्चर ठीक रहेगा बल्कि फिजिकली भी उन्हें स्ट्रांग बनाएगा।
महिलाओं को हर दिन कितने काम करने होते हैं। कई काम ऐसे होते हैं, जिनमें उन्हें बार-बार उठना बैठना होता है। जिससे उन्हें कभी कमर दर्द, तो कभी बैक प्रॉब्लम हो ही जाती है। ऐसे में स्क्वाट ही है, जो उनकी डेली एक्टिविटीज को आसान बनाने में मदद करता है।
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शरीर में डाइजेशन की समस्या गंदे और विषाक्त पदार्थों के जमा होने के कारण होती है। ऐसे में स्क्वाट के जरिए होने वाला मस्कुलर मोशन प्रोसेस इन्हीं विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते है। जिससे पाचन तंत्र में सुधार आता है।
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महिलाओं में जांघों के पास काफी चर्बी जमा हो जाती है। वे खुद को फैट से फिट करने के लिए व्यायाम तो खूब करती हैं, लेकिल जांघों की चर्बी कम करने की ओर उनका ध्यान नहीं जाता। लेकिन स्क्वाट करने से जांघों की चर्बी को काफी हद तक कम किया जा सकता है। स्क्वाट करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और फैट दोगुना तेजी से बर्न होने लगता है।
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स्क्वाट वैसे तो महिला हो या पुरूष बीमारियों की रिस्क को कम करने का अहम फैक्टर है। लेकिन भारत में ज्यादातर पुरूषों में डायबिटीज और हाईबीपी की समस्या पाई जाती है। ऐसे में स्क्वाट इन बीमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। ये शरीर में फैट और कॉलेस्ट्रॉल को कम कर मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। पुरूषों के लिए और भी कई तरह की कठिन स्क्वैटिंग टेक्नीक्स हैं, जिनके जरिए वे अपने लंग्स और हार्ट को बूस्ट कर सकते हैं।
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अगर आप एक एथलीट हैं या फिर खेलों को पसंद करते हैं, तो यहां स्क्वाट आपकी परफार्मेंस को बूस्ट करने का काम करता है। जो पुरूष नियमित रूप से स्क्वाट करते हैं, उनकी मांसपेशियां तो मजबूत होती हैं ही साथ ही हिप्स और पंजों की मोबिलिटी में भी सुधार आता है।
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पुरूषों को महिलाओं की तुलना में कई जोखिम भरे काम करने पड़ते हैं। जिसके लिए उन्हें ज्यादा ताकत की जरूरत होती है। ज्यादा ताकत के लिए जरूरी है कि उनके शरीर के अंगों का मूवमेंट अच्छा हो। इसलिए पुरूषों को भी रैगुलर स्क्वाट करने की सलाह दी जाती है। इससे उनके घुटने और हिप्स का हिस्सा लचीला बनता है और ऐसा होने से उनके लिए कैसे भी हिलना-डुलना सरल हो जाता है। इतना ही नहीं स्क्वाट पुरूषों में चोट लगने की संभावना को कम करते हुए उन्हें ज्यादा वर्कआउट करने के लिए प्रेरित करता है।
कई लोगों का सवाल होता है कि क्या स्क्ववैट करने से हिप्स बढ़ जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप लगातार 6 महीने से स्क्वैट्स कर रहे हैं और हिप साइज पर ध्यान नहीं देते, तो हिप का साइज बढ़ना स्वभाविक है। दरअसल, स्क्वाट करते समय हिप का हिस्सा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है जो एक बड़ी बट मसल्स है। अगर इस मांसपेशी के साथ किसी भी तरह की ओवरट्रेनिंग करते हैं, तो पीछे से आपके बट का साइज लगातार बढ़ता जाता है जिससे आपका बॉडी शेप बिगड़ने लगता है।
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स्क्वैट्स बहुत अच्छी एक्सरसाइज है, लेकिन इसके लिए रूटीन बनाना बेहद जरूरी है। ऐसा न करने पर आप खुद अपनी बॉडी को जोखिम में डाल सकते हैं।
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कई लोग इस बात को नहीं मानते, लेकिन ये सच है कि स्क्वाट के दौरान सही जूते पहनना जरूरी है। पतले और कठोर सोल के जूते पहनना बेहतर माना जाता है ताकि आप अपने पैरों से अपनी पॉवर को ग्राउंड पर ट्रांसफर कर सकें। स्क्वैट्स करते समस बहुत सारे कुशनिंग वाले जूते पहनने से बचें।
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