Improve Female Egg Quality In Hindi भारत में महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका सबसे बड़ा कारण महिलाओं की ओवरी में अंडों का न बनना है। जी हां, सही तरह से अंडे न बनने से महिलाओं में प्रेग्नेंसी के चांसेस कम हो रहे हैं। हालांकि इनफर्टिलिटी के बारे में तो आप सब जानते हैं, लेकिन महिलाओं में अंडे न बनने का कारण और अंडे बनाने के लिए घरेलू उपाय के बारे में बहुत कम लोगों को पता है। महिलाएं भले ही शर्मिन्दी के चलते इस विषय पर बात न करती हों, लेकिन ओवरी में अंडे बनना ही उनकी स्वस्थ प्रजनन क्षमता का आधार है।
अंडों का अच्छी संख्या में बनना ही आपकी गभर्वती होने की संभावनाओं को निर्धारित करता है। बता दें कि 90 दिन की साइकिल के बाद ही ओवरी में एक स्वस्थ अंडा बनकर तैयार होता है, लेकिन कई महिलाओं में ये अंडे नहीं बन पाते, जिसके लिए महिलाएं कई ट्रीटमेंट और दवाईयां लेती हैं, लेकिन अंडे बनाने के लिए घरेलू उपाय ज्यादा असरदार होते हैं, जिन्हें वे घर बैठे अपना सकती हैं। बता दें कि महिलाएं अच्छी डाइट, फूड सप्लीमेंट्स और हाई ब्लड सकुर्लेशन के चलते ही स्वस्थ्य अंडाशय पा सकती हैं।
वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़ों के अनुसार भारत में 10-15 प्रतिशत कपल्स प्राइमरी इनफर्टिलिटी के शिकार हैं, इस स्थिति में महिला कभी मां नहीं बन सकती। जबकि सैकंड्री इनफर्टिलिटी के चासेंस महिला को पहली प्रेग्नेंसी के बाद जीवन में कभी भी बन सकते हैं। एक रिसर्च के अनुसार महिलाओं की उम्र अंडे की गुणवत्ता पर बहुत असर डालती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ेगी, वैसे -वैसे ओवरी में अंडे बनने की क्षमता कम होती जाएगी। ऐसे में अगर आप इस समस्या से बचना चाहती हैं तो हमारा ये आर्टिकल आपके लिए बहुत फायदेमंद है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे महिलाओं में अंडे न बनने के कारण और महिलाओं में अच्छा अंडा स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक उपचार व घरेलू उपाय के बारे में।
विषय सूची
1. महिलाओं में अंडा न बनने के कारण – Mahilaon Me Ande Na Banne Ke Karan In Hindi
2. महिलाओं में कैसे बनते हैं अंडे – How are female eggs formed in Hindi
3. अंडे बन रहे हैं या नहीं ऐसे करें पता – How to test whether female eggs are formed or not in Hindi
4. महिलाओं में अंडा बनने के घरेलू उपाय – Mahilao Me Ande Badhane Ke Gharelu Upay In Hindi
5. अंडों की गुणवत्ता सुधारने के लिए फर्टीलिटी डाइट – Foods to improve female egg quality in Hindi
6. अंडे की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करने के लिए टिप्स – Tips To Increase The Egg Size In Women’s Naturally In Hindi
विशेषज्ञों के अनुसार यदि किसी महिला के शरीर में हार्मोन का लेवल गड़बड़ा जाए, यानि की हार्मोन की मात्रा कम या ज्यादा हो जाए, तो अंडाशय में अंडे सही से नहीं बनते। जिससे महिला के प्रेग्नेंट होने की संभावनाएं बहुत कम हो जाती हैं। ऐसी महिलाओं को डॉक्टर्स ज्यादातर वजन घटाने, डाइट में सुधार करने, नियमित रूप से एक्सरसाइज और योगा करने की सलाह देते हैं, ताकि इनके अंडे ठीक तरह से बनें। वहीं कुछ महिलाओं के अंडाशय में गांठ होती है, जिसे ओवेरियन सिस्ट के नाम से जाना जाता है। ये महिलाओं में पानी या खून की गाठें होती हैं। अंडाशय में गांठ होने से अंडे ठीक से नहीं बन पाते। ऐसी महिलाओं में महावारी ठीक से नहीं आती और ये मां भी नहीं बन पातीं।
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अब सवाल है कि ये अंडे महिलाओं में बनते कैसे हैं। तो बता दें कि हर महिला के शरीर में दो अंडाशय होते हैं। ये अंडाशय बच्चेदानी के दोनों तरफ जुड़े होते हैं, जिसमें छोटे-छोटे अंडे भरे हाते हैं। इनकी संख्या पैदा होते ही सीमित हो जाती है। यानि की दोनों अंडाशय में 10 से 20 लाख अंडे होते हैं। इनमें से कुछ अंडे ऐसे होते हैं जो खत्म हो जाते हैं, बाकी अंडे उम्र के बढ़ने के साथ ही कम होने लगते हैं। पहले पीरियड से लास्ट पीरियड के बीच महिलाओं के अंडाशय में ऐसे 400 अंडे होते हैं, जो काम आते हैं। इन अंडों का आकार मात्र 120 माइक्रॉन होता है।
महावारी के तीसरे या चौथे दिन 4-4 अंडे पकने लगते हैं और बढ़ने लगते हैं। इनमें एक अंडा ऐसा होता है, जिसे डॉमिनेशन फॉल्कन कहा जाता है। ये अंडा बाकी अंडों के मुकाबले ज्यादा अच्छा माना जाता है। बाकी के अंडे तो धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं लेकिन ये अंडा धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो जाता है। जब ये डॉमिनेशन फॉल्कन पूरी तरह से पक जाता है तब ये फूटकर ट्यूब में आ जाता है। उसी समय अगर संभोग हो जाए, तो एक अंडा और एक शुक्राणु मिल जाते हैं और एक भ्रूण बन जाता है, जिसे फर्टिलाइजेशन कहा जाता है।
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किसी भी महिला के अंडाशय में अंडे बन रहे हैं या नहीं ये पता करने के लिए सोनोग्राफी कराना बेस्ट तरीका है। इसमें दिख जाएगा कि अंडाशय में अंडे कितने बन रहे हैं, किसी तरह की गांठ तो नहीं है, अंडाशय का आकार कैसा है। इसके अलावा एक ब्लड टेस्ट जिसे एएमच (AMH) कहा जाता है। इस हार्मोन की मात्रा ये अंदाजा देती है कि किसी भी महिला के अंडाशय में कितने अंडे हैं और कितने बन सकते हैं। बता दें कि एएमच की वैल्यू ढाई से 4 के बीच होती है। जिन महिलाओं में एएमच की वैल्यू ढाई से कम होती है, उनमें जाहिर तौर पर अंडों की संख्या बहुत कम होती है और भविष्य में ये और भी कम हो जाती हैं, लेकिन जिन महिलाओं में एएमच की वैल्यू 4 से ज्यादा होती हैं, वो महिलाएं पीसीओएस की शिकार होती हैं।
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अंडों की गुणवत्ता और अंडाशय में इनकी संख्या बढ़ाने के लिए फर्टीलिटी मसाज सबसे बेहतर तरीका है। इससे गर्भाशय
में ब्लड फ्लो बढ़ता है। डॉक्टर अंडाशय में अंडे का आकार बढ़ाने के लिए हफ्ते में चार बार ये मसाज कराने की सलाह देते हैं।तनाव के कारण आपमें स्ट्रेस हो जाता है, जिसके कारण हार्मोन्स कम या ज्याद हो जाते हैं। इसका असर आपके अंडों के परिपक्व होने पर पड़ता है। इसलिए अंडे की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करने के लिए रोजमर्रा की जिन्दगी में स्ट्रेस बिल्कुल न लें।
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आप चाहती हैं कि अंडे अच्छे से बनें, तो इसके लिए आपको रोजाना पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना होगा। इसमें सबसे ज्यादा आपको फॉलिक एसिड से भरपूर पदार्थों का सेवन करना होगा। ऐसा आहार आपके स्वस्थ अंडे बनाने में मदद करेगा।
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जो महिलाएं अंडे न बनने की समस्या से गुजर रही हैं, उनके लिए अंडे की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करने के लिए एवोकेडो फल खाना बेहतर घरेलू तरीका है। एवोकेडो एक ऐसा सुपरफूड है, जो आपकी अंडे की गुणवत्ता में सुधार लाता है। ऐवोकेडो में मैनुसैचुरेटिड फैट होते हैं, जो आपको सलाद और सैंडविच में भी मिल जाते हैं। इसलिए रोजाना इनका सेवन करना चाहिए।
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ड्राईफ्रूट्स और नट्स में अधिक मात्रा में विटामिन, मिनरल और प्रोटीन मौजूद रहते हैं। खासतौर से ब्राजील नट्स में सेलेनियम अधिक मात्रा में रहता है जो अंडों को डैमेज होने से बचाता है और महिला में अंडे की संख्या बढ़ाने में मदद करता है। जिन महिलाओं में अंडों की संख्या लगातार कम हो रही है, उन्हें रोजाना ड्राई फ्रूटस और नट्स का सेवन करना चाहिए।
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तिल के बीज महिलाओं में अंडे के स्वास्थ्य को बूस्ट करने का बेहतर तरीका है। इन बीजों में जिंक की मात्रा ज्यादा होने से ये अंडे को स्वस्थ बनाने के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं।
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बैरीज एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट है, जो अंडों को फ्री रेडिकल से बचाती है। महिलाओं में अच्छा अंडा स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक उपचार का एक तरीका हो सकता है जिन महिलाओं में अंडाणु न बन रहे हों, उन्हें हफ्ते में तीन बार बैरीज खाने की सलाह दी जाती है। इससे अंडे बनना शुरू होते हैं वो भी अच्छी गुणवत्ता के साथ।
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अंडाशय में अंडे का आकार बढ़ाने के लिए लाल मिर्च एक ऐसा सुपरस्पाइस है जो महिलाओं के अंडाशय के काम को बेहतर बनाता है। साथ ही इंसुलिन प्रतिरोध को उत्तेजित करके एग प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है। इससे अंडे अच्छे से और अच्छी मात्रा में बनते हैं। जो महिलाएं पीसीओएस से पीडि़त होती हैं उन्हें अपनी डाइट में लाल मिर्च की मात्रा बढ़ाने की सलाह दी जाती है। एक चौथाई चम्मच लाल मिर्च हर रोज दाल में डालकर खानी चाहिए, इससे प्रजनन क्षमता बढ़ती है।
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केवल खाना ही नहीं बल्कि पानी भी आपके अंडे बनाने के लिए घरेलू उपाय है। हर रोज आठ गिलास पानी पीने से एग क्वालिटी अच्छी होती है। प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने से बचें, क्योंकि प्लास्टिक में मौजूद केमिकल्स अंडों के स्वास्थ्य पर गलत असर डाल सकते हैं।
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जिन महिलाओं में अंडे नहीं बनते या कम बनते हैं, उन्हें हरी सब्जियां और फल तो जमकर खाना चाहिए। कार्बोहाइड्रेस से भरपूर आहार जैसे ब्राउन राइस, ओट्स और होलमील ब्रेड का सेवन इस स्थिति में बेस्ट है।
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35 के पार पहुंच चुकीं महिलाओं को शरीर में बन रहे अंडों की गुणवत्ता को लेकर चिंता होने लगती है। हालांकि अंडों की गुणवत्ता सुधारने के और भी कई तरीके हैं, जो महिलाओं को खासतौर से 35 के बाद हो रही प्रेग्नेंसी के लिए अपनाने चाहिए।
सिगरेट, शराब से रहें दूर- महिलाओं के अंडाशय में अंडे न बनने का एक कारण शराब और सिगरेट का सेवन करना है। सिगरेट में मौजूद केमिकल जहां अंडों की गुणवत्ता को कम करते हैं, वहीं शराब आपके मेन्सट्रूल साइकिल और अंडे केी गुणवत्ता को भी कम कर देता है।
स्ट्रेस को मैनेज करें- स्ट्रेस हमारे शरीर में मौजूद हार्मोन जैसे कोर्टिसोल और प्रोलेक्टिन को कम या ज्यादा करता है। जिससे एग प्रोडक्शन में समस्या आती है। इसलिए जितना हो सके स्ट्रेस मैनेज करें, क्योंकि स्ट्रेस को मैनेज करना ही अंडों की अच्छी गुणवत्ता का घरेलू तरीका है।
ब्लड सकुर्लेशन अच्छा हो – ओवरी अच्छे से अपना काम कर सके और अंडों का स्वस्थ उत्पादन हो, इसके लिए इसके लिए ब्लड सकुर्लेशन अच्छा होना बहुत जरूरी है। पानी की कमी आपके ब्लड सकुर्लेशन का कम कर सकती है, इसलिए खूब पानी पीएं। ब्लड सकुर्लेशन को बढ़ाने के लिए योग सबसे अच्छा तरीका है। योगा में ऐसी कई एक्सरसाइज के बारे में आप जान सकते हैं जो महिलाओं में फर्टीलिटी को बढ़ावा देती हैं।
वजन को नियंत्रित करें- अच्छे अंडे बनाने के लिए वजन को नियंत्रित करना बेहतर घरेलू उपाय है। मोटापा बढ़ने के कारण अंडों का प्रोडक्शन प्रभावित होता है, इसलिए महिलाओं को बॉडी मास इंडैक्स यानि बीएमआई 18.5-25.9 के बीच होना चाहिए।
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