How to make baby smart and intelligent in Hindi इस कम्पटीशन के जमाने में हर बच्चे के माता-पिता अक्सर इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि क्या उनका बच्चा आज के जमाने के हिसाब से पर्याप्त बुद्धिमान है। यह माना जाता है कि कम उम्र में प्रोत्साहन की सही मात्रा बच्चे की मानसिक क्षमताओं को काफी बढ़ा देता है। बच्चे के बड़े होने का समय ही बच्चे के बौद्धिक विकास का सही समय होता है। आज यहाँ हम आपको कुछ ऐसे सुझाव देने जा रहे है जिसकी मदद से आपके बच्चे को स्मार्ट और इंटेलीजेंट बनाने में मदद मिलेगी।
तो आईये आज इस लेख में जाने की कैसे आप गर्भावस्था के समय कुछ बातों पर गौर करके अपने बच्चे को स्मार्ट और इंटेलीजेंट बना सकती है।
विषय सूची
कहा जाता है की गर्भावस्था के दौरान माँ जो भी करती है उसका असर बच्चे पर होता है इसलिए आज के समय में बहुत सी महिलाएं ऐसे तरीके अपनाती है जिनसे उनका होने वाला बच्चा तेज दिमाग का और बुद्धिमान हो। परन्तु अभी भी कुछ महिलायें यह नहीं समझ पाती की वह अपने बच्चे को स्मार्ट और इंटेलीजेंट कैसे बनाएं, इसलिए आप हम आपको कुछ ऐसे ही तरीकों के बारे में बतायेंगे जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चे को तेज दिमाग का स्मार्ट और इंटेलीजेंट बना सकें। आईये जानते है उन तरीकों के बारे में-
कम्युनिकेशन एक महत्वपूर्ण कौशल है जो बच्चे की बुद्धिमत्ता को बढ़ाने के लिए आवश्यक होता है। बेबी टॉक करने से आपके बच्चे को आपके साथ बेहतर संबंध बनाने और आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास विकसित करने में मदद मिलती है। अपने बच्चे को विभिन्न मौखिक गतिविधियों में शामिल करके उसके संचार कौशल में सुधार करने के लिए उसे प्रोत्साहित करें। अपने बच्चे से प्यार से दोस्त की तरह बात करें कि आप क्या कर रहे हैं, दिन कैसे बीता, या कुछ और जो आप करना चाहते हैं। अपनी बात में वर्णनात्मक भाषा (descriptive language) को शामिल करें, जिससे बच्चे भी अपनी बातचीत में इसका इस्तेमाल करेंगे। मजबूत भाषा कौशल को हमेशा उच्च बुद्धि से जुड़ा हुआ माना जाता हैं। इसलिए आप अपने बच्चे को इस कौशल का लाभ देंने की कोशिश करें।
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कई खिलौना कंपनियां शिशु उत्पादों (infant products) पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जबकि उनमें से सभी बच्चे की बौद्धिक क्षमता के अनुकूल नहीं हैं। उनमें से कुछ बस आपके बच्चे को निराश (frustrate) कर सकते हैं। तो, विश्लेषण करें कि कौन सा खिलौना उस समय आपके बच्चे की क्षमताओं के लिए उपयुक्त है, सही खिलौने उसे उत्तेजित करेंगे, और उत्कृष्ट शैक्षिक उपकरण साबित होंगे। और आपके बच्चे को स्मार्ट और इंटेलीजेंट बनाने में मदद करेंगे।
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एक बच्चा तब अधिक आत्मविश्वास से भरा और सुरक्षित होता है, और जीवन में चुनौतियों के प्रति अधिक ग्रहणशील होता है जब उसके माता पिता उसे खुलकर प्यार और स्नेह देते है। बच्चे को घर पर एक सुरक्षित और खुशहाल वातावरण देने से उसकी बुद्धिमत्ता को बढ़ाने में मदद मिलती है। त्वचा से त्वचा का संपर्क और शिशु मालिश आपको और आपके बच्चे को एक अटूट बंधन में बंधने का मौका देता है। आप अपने बच्चे के साथ खेले, मस्ती करें, अपनी गोद में उसे बैठाएं जिससे बच्चे को एक सुरक्षित माहौल मिलेगा और उसे इंटेलीजेंट बनाने में मदद मिलेगी।
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आप अपने बच्चे के साथ ऐसा कोई खेल खेले जिससे उसको अपना ध्यान निर्देशित करने में मदद मिले और वह खेल उसे नई चीजे तलाशने और समझने के लिए नए अवसर प्रदान करेंगे। अपने बच्चे के साथ नियमित रूप से खेलने के लिए अलग अलग समय निर्धारित करें। आप अपने बच्चे के सामने नए नए नाटक कर सकते है जिससे उसे नाई चीजे और सोच से परे काम करने का प्रोत्साहन मिलेगा। जैसा की सभी जानते है की शिशुओं को नकल करना पसंद होता हैं, इसलिए वह आपको देखने और आपसे नाई चीजे सीखने की शुरुआत करेंगे जिससे उनके अंदर नए नए कौशल पैदा होंगे और वह बुद्धिमान बनेंगे।
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किताबें आपके बच्चे की कल्पना और सोचने की क्षमता को प्रोत्साहित करने के लिए एक बहुत ही अच्छा उपाय हैं। हर दिन अपने बच्चे के साथ किताबे पढ़ें। विभिन्न बनावट और सरल चित्रों के साथ चमकीले रंग की किताबें चुनें जो आपके बच्चे की रुचि को बनाए रखें। शुरुआत में, आपके बच्चे को वही पुस्तक पसंद आयेगी, लेकिन धीरे-धीरे वह और अधिक विकल्पों का पता लगाना सीख जाएगा। जितना अधिक आप अपने बच्चे को नए नए अक्षरों और चित्रों के साथ परिचित कराएँगे, उतना ही वह बड़े होने पर अकेले पढ़ने के इच्छुक होंगे।
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सोशल इंटरैक्शन बच्चे को प्रोत्साहन का अनुभव प्रदान करते हैं और आपके बच्चे को बड़े होने पर चुनौतियों और स्थितियों का सामना करने के लिए भी तैयार करते हैं। उसकी उम्र के बच्चों के साथ खेलने के लिए उसे प्रेरित करें या बस उसे अन्य बच्चों के साथ खेलने के लिए पार्क में ले जाएं। जब आप इस स्तर पर उसकी बातचीत या इंटरेक्शन की निगरानी करते हैं, तो आप उसे धीरे धीरे मार्गदर्शन दे सकते हैं और अच्छे दोस्त बनाने के लिए उसका समर्थन भी कर सकते हैं जिससे उसे हर अनुभव का सामना करने की प्रेरणा मिलेगी और वह बुद्धिमान बनेगा।
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बच्चे स्वाभाविक रूप से बहुत उत्सुक होते हैं, और जब उनकी इस जिज्ञासा को प्रोत्साहन मिलता है, तो उन्हें और अधिक सीखने में मदद मिलती है। नई चीज़ों को खोजने के लिए उसे भरपूर अवसर प्रदान करें जिससे आपके बच्चे की जिज्ञासा को बढ़ावा मिलेगा। जब आपका बच्चा कुछ नया करता है, तो उसकी सराहना करें, ताकि वह नई चीजे खोजने के लिए प्रेरित रहे।
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संख्याओं और अक्षरों के बारे में जानने के लिए अपने बच्चे के स्कूल जाने की प्रतीक्षा न करें। अपने खेलने के सत्र के दौरान घर पर गिनती शुरू करें और बोर्डों और साइनपोस्ट पर अक्षरों को इंगित करें। आपके बच्चे को लिखित शब्द के लिए जितना अधिक एक्सपोज़र मिलेगा, उसके लिए उतना ही आसान होगा कि वह उसे समझ सके और उसका अध्ययन कर सके। मौखिक और भौतिक संकेत जैसे कि संकेत भाषा, विषय को समझने और रिलेट करने की उसकी क्षमता को बढ़ाएगी। यह स्वाभाविक रूप से उसे उन चीजों के साथ जुड़ने की अनुमति देगा जो वह देखता है और खुद के लिए सोचता है जैसे वह बड़े होते हैं।
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वैसे तो छोटे बच्चों के लिए कई शैक्षिक कार्यक्रम होते हैं, परन्तु अपने बच्चे को उन कार्यक्रम को दिखने के दौरान सावधानी बरतें। बच्चे की स्क्रीन टाइम को सीमित करें और इसके बजाय उन्हें आउटडोर खेलों के लिए प्रेरित करें, क्योंकि ये आपके बच्चे को बेहतर तरीके से प्रोत्साहित करेंगे। अपने बच्चे को टेबलेट्स और मोबाइल से खेलने से रोकें, क्योंकि ये उनकी आँखों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। बहुत अधिक टेलीविज़न देखने से एक गतिहीन जीवन शैली, दृष्टि समस्याएं और कम हो रही सोचने की क्षमता की समस्या बढ़ सकती है।
एक शोध के अनुसार बच्चों को बचपन में कहानियां सुनाना जरूरी होता है। क्योंकि ऐसे बच्चे दुसरे बच्चों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक बुद्धिमान होते हैं। आज के इस व्यस्त समय में किसी के पास बच्चों को लिये इतना समय नही है। कि वह उन्हें कहानिया सुना सकें। संयुक्त परिवार में ना रेहने से बच्चों को दादा-दादी या नाना-नानी से कहानियां सुनने नहीं मिलती हैं जिससे आज कल के बच्चों का मानसिक विकास उतनी तेजी से नही हो रहा है। कई लोग बचपन में अपने बच्चों सिर्फ पढ़ाई में ही उलझा कर रखते हैं। लेकिन एक शोध के अनुसार बच्चों को बचपन में कहानियां सुनाना जरूरी होता है। यदि आप अपने बच्चे को समझदार बनाना चाहते है। तो उनकी पसंद का ध्यान रखते हुये बेड टाइम स्टोरी की यानि कि बच्चे के सोने से पहले कहानी सुनाने की आदत बना लें।
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