हुक्का पीने के फायदे और नुकसान: आमतौर पर हुक्का पीना एक सामाजिक गतिविधि (social activity) है। प्राचीन काल में राजा महाराजा कई लोगों के साथ समूह में बैठकर एक साथ हुक्का पीया करते थे। हुक्का एक ऐसी चीज है जिसका धुआं पाइप से खिंचने के बाद एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को पकड़ा देता है। हुक्का पीने का चलन आज भी बरकरार है। अब बड़े बड़े मॉल्स में भी आधुनिक किस्म (trendy) के हुक्के रखे जाते हैं और आजकल के युवाओं में हुक्का पीने का क्रेज काफी बढ़ गया है। भारत में आज कल हर छोट बडे़ शहरों और मॉल्स में हुक्का बार लगातार पॉपुलर होते जा रहे हैं। बहुत से लोगों का मानना है कि हुक्का पीना सिगरेट पीने के मुकाबले बिल्कुल भी हानिकारक नहीं होता। बहुत से लोग अपने खाली समय में इसके फायदों के कारण हुक्का पीने का आनंद उठाते हैं। हालांकि फायदों से ज्यादा हुक्का पीना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
इस आर्टिकल में हम आपको हुक्का पीने के फायदे और नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं।
विषय सूची
1. हुक्का क्या है? – What is a hookah in Hindi
2. हुक्का में इस्तेमाल होने वाले विषाक्त पदार्थ – Toxins in Hookah in Hindi
3. क्या हुक्का पीना सिगरेट पीने से ज्यादा सुरक्षित है? – Is hookah smoking safer than smoking cigarettes in hindi
4. हुक्का पीने के फायदे – Hukka peene ke fayde in hindi
5. हुक्का पीने के नुकसान – Hookah peene ke nuksan in hindi
हुक्का एक पानी का पाइप है जिसका उपयोग विशेष रूप से निर्मित तंबाकू (tobacco) का धूम्रपान करने के लिए किया जाता है। तम्बाकू आमतौर पर मिंट, कोला, चेरी, लाइम लेमन, कॉफी, चॉकलेट, नारियल, सेब, लिकोरिस और अन्य फल मिश्रणों के रूप में विभिन्न स्वादों (flavours) में आता है।
हुक्के की बनावट विभिन्न आकार (size) और स्टाइल की होती है। आमतौर पर हुक्के में पानी भरा होता है और इसके ऊपर एक कटोरा होता है जिसमें तंबाकू और कोयला भरा जाता है। हुक्के की राख (ashes) को इकट्ठा करने के लिए एक स्ट्रे होती है और धुएं को खिंचने के लिए हुक्के के मुख पर एक नली (pipe) लगी होती है। आइये जानें हुक्का पीने के फायदे और नुकसान के बारे में।
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आमतौर पर हुक्के में स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाले सभी तरह के विषाक्त पदार्थ (venom ) होते हैं। जिस तरह से कोई व्यक्ति सिगरेट पीने या अन्य प्रकार का नशा करने के बाद विभिन्न प्रकार की खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ जाता है, हुक्का पीने से भी व्यक्ति को इसी तरह के रोग होते हैं। हुक्के के धुएं में कई प्रकार के हानिकारक केमिकल पाये जाते हैं। आइये जानते हैं हुक्के के धुएं (hukka smoke) में मौजूद कुछ मुख्य विषाक्त पदार्थों के बारे में।
हुक्के के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड, टार (Tar), आर्सेनिक, क्रोमियम, कोबाल्ट, कैडमियम, निकल, फॉर्मेल्डिहाइड, एसिटेल्डिहाइड. एक्रोलीन, लेड, पोलोनियम 210 नामक रेयिडोधर्मी आइसोटोप पाया जाता है।
कुछ हुक्का तंबाकू उत्पादों का दावा है कि उनमें टार नहीं है, लेकिन यह जानकारी भ्रामक (misleading) है। तथ्य यह है कि किसी भी तंबाकू में तब तक टार नहीं होता है जब तक कि उसे जलाया नहीं जाता है या हुक्का तंबाकू के मामले में जब तक इसे गर्म नहीं किया जाता है। यह अंतर कुछ लोगों को विश्वास दिलाता है कि हुक्का टार की विषाक्तता (toxicity) सिगरेट मैं मौजूद टार की तुलना में कम हो सकती है, जबकि ऐसा नहीं है।
इसके अतिरिक्त तम्बाकू को गर्म करने के लिए जिस चारकोल का उपयोग किया जाता है, उसमें कार्बन मोनोऑक्साइड, धातु (metals) और अन्य कैंसर पैदा करने वाले एजेंट जैसे कि पोलियोक्रोमैटिक हाइड्रोकार्बन होते हैं जो हुक्का पीने वालों (hookah smokers) के सेहत पर खतरनाक प्रभाव डालते हैं।
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बहुत से लोगों का मानना है कि हुक्का पीना सिगरेट पीने के मुकाबले बिल्कुल भी हानिकारक नहीं होता। लेकिन आमतौर पर हुक्के में इस्तेमाल होने वाला तंबाकू सिगरेट के तंबाकू से कम विषैला (toxic) नहीं होता है और हुक्के का पानी हुक्के के तंबाकू में मौजूद विषाक्त पदार्थों को निस्पंदन (filter) नहीं करता है। वास्तव में हुक्का पीने वाले सिगरेट की अपेक्षा तंबाकू का अधिक धुआं खिंचते हैं क्योंकि वे एक सिगरेट पीने से अधिक समय तक हुक्का पीते हैं जो कि कभी कभी 60 मिनट की अवधि का भी हो सकता है।
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अगर आपको लगता है कि हुक्का पीने (hookah smoking) से कोई भी फायदा नहीं होता है तो आप गलत सोच रहे हैं। हालांकि इसमें कुछ हानिकारक रसायन जरुर मौजूद होते हैं लेकिन हुक्का पीना कई बार सेहत के लिए फायदेमंद भी हो सकता है। आइये जानते हैं हुक्का पीने के क्या फायदे हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार हुक्का पीने मुंह की सेहत (oral health) के लिए बेहतर होता है। इसका कारण हुक्के के तंबाकू एवं शीशा के निर्माण में अंतर है। जब आप हुक्का पीते हैं तो आप निकोटिन या तंबाकू के सीधे संपर्क में (contact) नहीं आते हैं जिसके कारण हुक्का पीने से आपका दांत खराब नहीं होता है और ना ही इसमें किसी तरह का दाग धब्बा (stain) लगता है। इसका अर्थ यह है कि यदि आपको तंबाकू का सेवन करने का मन हो तो आप सिगरेट की बजाय हुक्का पी सकते हैं। इससे आपके दांत भी बदसूरत (dirty) नहीं दिखायी देंगे और आपके चेहरे की मुस्कान भी अच्छी लगेगी।
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बहुत से लोग इस बात से सहमत हो सकते हैं कि सिगरेट के धुएँ की गंध बुरी एवं आक्रामक (offensive) होती है। सिगरेट पीने के बाद लोगों का मुंह काफी देर तक महकता रहता है। जबकि हुक्के में इस्तेमाल किये जाने वाला तंबाकू स्वीटनर और फलों का मिश्रण (combination ) होता है जिसके कारण सिगरेट की अपेक्षा हुक्का पीने के बाद एक सुखद खुशबू (pleasant scent) आती है जो कि सिगरेट से काफी अलग होती है। हुक्का से आनी वाली महक आपको काफी ताजी लग सकती है।
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हुक्का और वजन नियंत्रण के बीच जटिल संबंध है। वास्तव में निकोटिन एक उत्तेजक (stimulant) के साथ साथ भूख को दबाने (appetite suppressant) का भी कार्य करता है जिसके कारण हुक्का पीने के आदी व्यक्ति को भूख कम लगती है। हुक्का पीने के बाद भोजन कम स्वादिष्ट (tasty) लगता है और भूख भी बहुत कम लगती है जिसके कारण बार बार भोजन करने की इच्छा नहीं होती है। परिणामस्वरुप आपका वजन नियंत्रित रहता है।
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चूंकि हुक्के में इस्तेमाल होने वाले तंबाकू में कई तरह के रसायन (chemicals) होते हैं इसलिए यह सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। आइये जानते हैं हुक्का पीने से क्या नुकसान होता है।
मायो क्लिनिक के अनुसार हुक्का पीने से स्वास्थ्य को वही खतरे होते हैं जो सिगरेट पीने से होते हैं। चूंकि हुक्का में इस्तेमाल होने वाले तंबाकू में विभिन्न प्रकार के हानिकारक रसायन एवं विषाक्त पदार्थ मौजूद होते हैं इसलिए हुक्का पीने के आदी व्यक्ति को फेफड़े का कैंसर (lung cancer), मुंह का कैंसर (mouth cancer), हृदय रोग और वातस्फीति (emphysema) होने का खतरा बढ़ जाता है। वैसे तो ये बीमारियां किसी भी नशीले पदार्थों का सेवन करने से हो सकती हैं लेकिन चूंकि हुक्के के तंबाकू में भी वही रसायन एवं विषाक्त पदार्थ होते हैं इसलिए इन बीमारियों का खतरा अधिक होता है।
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आमतौर पर हुक्के में इस्तेमाल होने वाले तंबाकू में निकोटिन नामक नशीला पदार्थ (addictive ingredient ) होता है। इसलिए एक बार हुक्का पीने के बाद धीरे धीरे इसकी लत लगने लगती है और व्यक्ति को सिगरेट या एल्कोहल की तरह ही बार बार हुक्का पीने का मन करता है। कई मामलों में व्यक्ति निकोटिन का इतना आदी हो जाता है कि वह इसका सेवन किये बिना नहीं रह पाता है। परिणामस्वरुप व्यक्ति की निकोटिन अर्थात् हुक्के पर निर्भरता बढ़ती जाती है और वह कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाता है।
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भारत में हुक्का बहुत पारंपरित (traditional) तरीके से पीया जाता है। चूंकि हुक्के की बनावट अलग तरह की होती है और इसमें एक बड़ी पाइप लगी होती है। कई स्थानों पर हुक्का पीने वाला व्यक्ति वही हुक्का कई लोगों को पीने के लिए देता है या एक ही हुक्के को कई व्यक्ति बारी बारी से पीते हैं जिसके कारण संक्रामक बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। एक ही हुक्के को कई व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल करने पर व्यक्ति को मुंह का हर्पिस (oral herpes), छाले, दाद एवं अन्य मौखिक संक्रमण होने की संभावना बढ जाती है।
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हुक्का पीना पुरुषों के साथ महिलाओं के लिए भी बेहद हानिकारक है। विशेषरुप से यदि महिला गर्भवती (pregnant) हो तो यह उसकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। गर्भावस्था के दौरान हुक्का पीने से महिला को गर्भपात (miscarriage) हो सकता है या फिर जन्म लेने वाले बच्चे का वजन बहुत कम हो सकता है। इसलिए प्रेगनेंट महिलाओं को इससे परहेज करना चाहिए। इसके अलावा हुक्का बार और कैफे में इस्तेमाल होने वाले हुक्के की पाइप सही तरीके से साफ नहीं की जाती है जिसके कारण संक्रामक रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
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