Kiss Kyu Ki Jati Hai: ‘किस’ का नाम लेते ही हमें फिल्मों में एक दूसरे को किस करते हुए प्रेमी प्रेमिका की याद आती है। वास्तव में किस (kiss) सिर्फ प्रेमी प्रेमिका ही एक दूसरे को नहीं करते हैं बल्कि दुनिया का हर एक व्यक्ति अपना प्यार जाहिर करने के लिए अलग अलग रिश्तों में अपने चाहने वालों को किस करता है। पति अपना प्यार जाहिर करने के लिए पत्नी को किस करता है, मां अपने बच्चों को और दोस्त अपने दोस्त को किस करता है। इसलिए किस के एक नहीं बल्कि अनेक मायने हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किस करता है। लेकिन किस करने के कुछ वैज्ञानिक कारण भी होते हैं जो आमतौर पर कम लोगों को ही पता होते हैं।
अगर आपको भी इस बारे में जानकारी नहीं है तो इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि हम एक दूसरे को किस क्यों करते हैं।
विषय सूची
चुंबन के वैज्ञानिक अध्ययन को फिलेमैटोलॉजी कहा जाता है। शोध से पता चलता है कि किस करने में फेसियल और पोस्टुरल सहित विभिन्न प्रकार की मांसपेशियों का उपयोग किया जाता है। किस करने में ऑर्बिक्यूलेरिस ओरिस नामक मुख्य कंकाल मांसपेशी शामिल होती है। सामान्य किस करने में दो से कम मांसपेशियों का इस्तेमाल होता है और इस दौरान दो से तीन कैलोरी नष्ट होती है। जबकि आप बहुत भावुक होकर किसी को किस करते हैं तो इस दौरान 23 से 34 फेशियल मांसपेशियों और 112 पोस्टुरल मांसपेशियों का इस्तेमाल होता है। इस दौरान प्रति मिनट पांच से 26 कैलोरी खर्च होती है।
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किस (kiss) करने के दौरान कपल्स एक दूसरे के साथ नौ मिली पानी, 0.7 मिलीग्राम प्रोटीन और 0.18 मिलीग्राम ऑर्गेनिक कंपाउंड, 0.71 ग्राम विभिन्न प्रकार की वसा और 0.45 मिलीग्राम सोडियम क्लोराइड का आदान प्रदान होता है। इसके अलावा दस लाख से अधिक बैक्टिरिया और 278 विभिन्न प्रकार की बैक्टीरिया की प्रजातियों का भी मुंह के माध्यम से किस के दौरान आदान प्रदान होता है। इसलिए किस करना जितना फायदेमंद होता है, कई बार उतना ही नुकसानदायक भी होता है।
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आमतौर पर किस करने का कोई निर्धारित समय नहीं होता है। जिस व्यक्ति के प्रति आपके मन में जब भावनाएं उत्पन्न होती हैं उसी दौरान लोग एक दूसरे को किस करते हैं। आइये जानते हैं किस कब और किसलिए किया जाता है।
सेक्स की इच्छा होने पर ज्यादातर लोग अपने पार्टनर को किस करना शुरू कर देते हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि हम यौन उत्तेजना को बढ़ाने के लिए एक दूसरे को किस करते हैं। एक स्टडी में पाया गया है कि जब महिलाएं उत्तेजित होती हैं तब अपने पार्टनर को जीभ से किस करती हैं और यह यौन उत्तेजना (sexual arousal) के स्तर को बढ़ाने में बहुत मदद करता है। इसका कारण यह है कि इस दौरान किस करने से अधिक मात्रा में लार (saliva) उत्पन्न होती है और एक दूसरे के मुंह में स्थानांतरित होती है जिसके कारण शरीर में मौजूद हार्मोन प्राकृतिक रुप से उत्तेजना को बढ़ाते हैं। यही कारण है कि आप दोनों एक दूसरे को जितना अधिक चूमेंगे, आपके उत्तेजना की संभावना उतनी ही बढ़ेगी।
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जब हम किसी व्यक्ति के प्रति आकर्षित होते हैं और उससे प्यार करने लगते हैं तो उसे चूमना स्वाभाविक है। वास्तव में किस करना आकर्षण से जुड़ा हुआ है। प्यार करने वाले व्यक्ति के साथ समय बिताने से अच्छा महसूस होता है और मन खुश रहता है जिसके कारण डोपामिन का स्राव होता है और इसकी वजह से आप खुद को उसके अधिक करीब महसूस करते हैं। इस हैप्पी हार्मोन के कारण आप अपने पार्टनर के शरीर को भी छूना चाहते हैं। वर्ष 2013 में किए गए एक शोध में पाया गया है कि जो कपल लंबे समय तक एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप में रहते हैं, वे अगर एक दूसरे को रोजाना किस करें तो वे अपने रिश्ते से ज्यादा संतुष्ट रहते हैं।
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किस करने से मस्तिष्क में रासायनिक प्रतिक्रिया होती है जिसके कारण ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन का स्राव होता है। इसे लव हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। इसका कारण यह है कि जब ऑक्सीटोसिन हार्मोन का स्तर बढ़ता है तब यह लगाव और स्नेह की भावनाओं को बढ़ा देता है। एक शोध में पाया गया है कि ऑक्सीटोसिन पुरुषों को अपने पार्टनर से जुड़ने में बहुत मदद करता है। बच्चे को जन्म देने के बाद महिलाओं के शरीर में ऑक्सीटोसिन का स्राव बढ़ जाता है जिसके कारण बच्चे को दूध पिलाते समय मां और बच्चे के बीच लगाव और स्नेह बढ़ जाता है। माता पिता अपने बच्चे के प्रति अपना लगाव और प्यार जाहिर करने के लिए उसे चूमते हैं। कुछ मांएं बच्चे के बड़े होने के बाद उसके माथे को चूमती हैं और उसके अच्छे भविष्य की कामना करती हैं।
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इंसान के होठों पर कई तंत्रिकाएं (nerve endings) होती हैं जिसके कारण किस करने पर व्यक्ति को अच्छा महसूस होता है। शरीर के अन्य हिस्सों की अपेक्षा होठों पर इतनी अधिक मात्रा में तंत्रिकाएं होती हैं कि किस करने के दौरान जब इन पर दबाव पड़ता है तो अच्छे हार्मोन का स्राव होता है और व्यक्ति को अंदर से खुशी महसूस होती है। वास्तव में किस करने के दौरान ऑक्सीटोसिन और डोपामिन के अलावा सेरोटोनिन का स्राव होता है जिसके कारण आकर्षण बढ़ता है और ये रसायन व्यक्ति को अच्छा महसूस करता हैं। किस करने से कार्टिसोल का स्तर घटता है जिसके कारण मस्तिष्क से तनाव कम होता है। इसलिए हम व्यक्ति को अच्छा महसूस कराने के लिए भी उसे किस करते हैं।
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ज्यादातर जगहों पर लोग एक दूसरे का सम्मान करने के लिए भी किस करते हैं। बड़ी फिल्मी हस्तियां और अन्य सेलिब्रिटी इसी तरह का किस एक दूसरे को करते हैं। कभी कभी किसी पार्टी या कार्यक्रम में शरीक होने पर भी लोग एक दूसरे को हल्का सा किस करते हैं। यह वास्तव में व्यक्ति के सम्मान को ही जाहिर करता है। बड़ी जगहों पर इस तरह का किस एक चलन और फैशन जैसा होता है। जिसका कोई गहरा मतलब नहीं होता है लेकिन यह सम्मान को जरुर दर्शाता है।
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जब हम प्यार में होते हैं तब हमें किस करने का सबसे ज्यादा मन होता है। वास्तव में यह भी अपने पार्टनर के प्रति प्रेम जाहिर करने के लिए ही होता है। लेकिन ज्यादातर लोग यहीं से अपने पहले किस की शुरूआत करते हैं। भारतीय समाज में विभिन्न वर्गों के लोग रहते हैं और हर वर्ग के लोगों में किस करने को बहुत सहजता से नहीं लिया जाता है। अगर मां बच्चे को किस करती है तो वह सामान्य है लेकिन बड़े होने के बाद मां उसी बच्चे को पहले की तरह किस नहीं कर सकती है। लेकिन लड़का किसी लड़की के प्यार में पड़ने के बाद अलग तरीके से उसे किस या स्मूच कर सकता है। किस के साथ भावनाएं जुड़ी होती हैं और उसी के अनुसार व्यक्ति किस भी करता है।
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