Human Digestive System in Hindi जानिए मानव पाचन तंत्र कैसा होता है, कैसे काम करता है, पाचन तंत्र भोजन कैसे पचता है, हमारे पाचन तंत्र के कमजोर होने के कारण और पाचन तंत्र को मजबूत करने के उपाय के बारे में। मानव शरीर का पाचन तंत्र भोजन को पचाने का काम करता है। भोजन के पाचन की प्रक्रिया के दौरान हमारा शरीर सभी पोषक तत्वों को अवशोषित कर लेता है और अन्य गैर-जरुरी तत्व मल-मूत्र के रुप में शरीर से बाहर निकल जाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि हमेशा हमें स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
पाचन तंत्र शरीर के अनेक अंगों जैसे- दांत, मुंह, लार ग्रंथियां, छोटी आंत, आहार नाल और बड़ी आंत आदि से मिलकर बना होता है। पाचन तंत्र स्वस्थ रहने से खाना आसानी से पचता है और शरीर स्वस्थ रहता है लेकिन पाचन तंत्र के कमजोर होने से मेटाबॉलिक रेट कम हो जाती है जिससे खाना ना पचने, कब्ज होने के साथ-साथ अनेक परेशानियां पैदा हो जाती है।
इस आर्टिकल में हम विस्तार से पाचन तंत्र और उसकी कार्यप्रणाली के साथ ही इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं पाचन तंत्र क्या होता है और उसके स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में।
1. पाचन तंत्र क्या होता है – What is Digestive System in Hindi
2. पाचन की प्रक्रिया क्या है – process of digestion In Hindi
3. पाचन तंत्र कमजोर होने के कारण – Causes of Weak digestive system In Hindi
4. पाचन तंत्र को मजबूत करने के उपाय – how to improve digestive system In Hindi
डाइजेस्टिव सिस्टम यानि की पाचन तंत्र कई अंगों का समूह होता है जो कि खाने को ऊर्जा में बदलते हैं। पाचन तंत्र ही शरीर में आने वाले खाद्य पदार्थों से ऊर्जा, पोषक तत्व और न्यूट्रिएंट्स अवशोषित करके शरीर के अन्य सभी हिस्सो तक पहुंचाता है। शरीर के अंदर पाए जाने वाली एक लंबी नलिका को आहार नाल या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट कहा जाता है। इस आहार नाल के माध्यम से शरीर में खाना पहुंचता है। आहार नाल ओरल कैविटी, फेरनक्स, पेट, छोटी आंत, बड़ी आंत और ग्रासनली से मिलकर बनी होती है। इसके साथ ही पाचन तंत्र में ऐसे बहुत सारे आवश्यक ऑर्गन्स होते हैं जो कि शरीर में खाने को पचाने में मदद करते है लेकिन खाना उनके माध्यम से शरीर में नहीं पहुंचता है। इन सभी अंगों के अलावा दांत, जीभ, लार ग्रंथिया, लिवर, गालब्लैडर और आंते आदि सभी पाचन तंत्र का अभिन्न अंग होते है।
पाचन के प्रक्रिया में जिन अंगों के माध्यम से शरीर में खाना पचता है वे अंग निम्न है।
इन सभी अंगों से गुजरने के बाद खाने के पोषक तत्व शरीर में अवशोषित हो जाते हैं और गंदगी मल के रुप में बाहर निकल जाती है। पाचन तंत्र सभी तरह के खाद्य पदार्थों को ऊर्जा में बदलने का काम करता है इसी के कारण शरीर के सभी अंग काम करते हैं, नई कोशिकाएं बनती है और चोट लगने पर खुद-ब-खुद ठीक भी हो जाती है पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली के स्टेप निम्न है।
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यह सबसे पहला स्टेप होता है जब खाना मुंह के माध्यम से शरीर में पहुंचता है। खाने के टुकड़े चबाते समय लार के साथ मिल जाते हैं जो कि आहार नाल के माध्यम से शरीर के अंदर पहुंचते हैं। इस प्रक्रिया का मुख्य अंग आपका मुंह होता है जिसमें दांत, जीभ और लार ग्रंथियां भी शामिल होती है।
पाचनतंत्र खाने के माध्यम से एक दिन में 7 लीटर फ्लूइड जमा करता है। इस फ्लूइड में लार, म्यूकस, हाइड्रोक्लोरिक एसिड, एंजाइम्स और पित्त आदि भी होते हैं। इन तरल पदार्थों के साथ-साथ बायोकेमिकल एंजाइम जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और लिपिड आदि का भी स्राव होता है। पित्त का उपयोग आसान पाचन के लिए छोटे ग्लोब्यूल में लिपिड के बड़े पैमाने के पायसीकरण के लिए किया जाता है।
इस प्रक्रिया में चरणबद्ध तरीके से मुंह के माध्यम से शरीर में जब खाना जाता है तो उसमें लार और म्यूकस मिले जाते हैं। इसके बाद खाना ग्रासनाल से होता हुआ पेट और आंत में चला जाता है और उसके बाद गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के अंत तक जाता है। इसके बाद खाना छोटी आंत में जाता है जो भोजन को निचोड़कर उसमें से पोषक तत्वों को निकाल लेती है।
पाचन की प्रक्रिया खाने के बड़े टुकड़ों को तोड़कर उसे छोटा करके आंतों में भेजा जाता है। लिवर द्वारा पैदा किया गया पित्त फैट्स को तोड़ने और छोटे ग्लोब्लूस में बदलने का काम करता है। खाने के जटिल कण आसानी से पचने लग जाते हैं और खाना फैट, प्रोटीन आदि में टूटने लगता है। यहां पर खाने का मैकेनिकल और केमिकल दोनों प्रकार का डाइजेशन होता है यानि यहां खाने के बड़े टुकड़े छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटने लगते हैं और ये टुकड़े छोटी आंत और उसके बाद अग्न्याशय में पहुंचतें है जहां अग्नाश्य जूस लिपिड, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन आदि के ब्लॉक यानि कण बन जाते हैं जिनसे पाचन तंत्र को भोजन पचाने में मदद मिलती है।
एक बार जब खाने को बिल्डिंग ब्लॉक में परिवर्तित कर दिया जात है तो यह शरीर द्वारा अवशोषण के लिए तैयार हो जाता है। पानी और एल्कोहल के कण खून के माध्यम से सीधे अवशोषित कर लिए जाते हैं तो वहीं बहुत सारे खाद्य पदार्थों का अवशोषण आंत की दीवारों और छोटी आंत से होता है। छोटी आंत के साथ-साथ बड़ी आंत भी पाचन में योगदान देती है और पानी, विटामिन बी, विटामिन के आदि को अवशोषित कर लेती है।
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खाने से जब सभी पोषक तत्व अवशोषित हो जाते हैं तो बचा हुआ अवशिष्ट मल के रुप में बाहर निकल जाता है।
कमजोर पाचन तंत्र के कारण खाना पचना कम या कठिन हो जाता है और पाचन संबंधित अनेक परेशानियां पैदा हो जाती है। आइए जानते हैं कि पाचन तंत्र कमजोर होने के क्या-क्या कारण होते हैं।
भोजन में यदि स्वास्थ्यवर्धक और एंटी-ऑक्सीडेंट्स, फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल ना किया जाए तो यह शरीर के साथ-साथ पाचन तंत्र के लिए भी हानिकारक होता है। खाने में मौजूद शुगर, तेल आदि को तोड़ने में पाचन तंत्र को काफी परेशानी होती है जबकि विटामिन, प्रोटीन आदि आसानी से पच जाते हैं इसलिए अनहेल्दी और फ्राईड फूड खाने से पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है।
अग्नाश्य और आंतों में वायरल इंफेक्शन के कारण उनमे सूजन आ जाती है। जिससे खाना पचाने में परेशानी होती है और पाचनतंत्र कमजोर हो जाता है।
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ऑटो इम्यून डिजीज में इम्यून सिस्टम शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं और उत्तकों को नुकसान पहुंचाने लगता है। यह पाचन तंत्र को भी हानि पहुंचाता है और उसे कमजोर बना देता है।
इसके अलावा अनहेल्दी लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज ना करना, दवाओं के साइड-इफेक्टस, कैंसर, बढ़ती उम्र के कारण भी पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और खाना पचना बंद हो जाता है।
फाइबर पानी में अघुलशील रेशे होते हैं। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है और कब्ज की समस्या नहीं होती है। इसलिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
फैट युक्त खाद्य पदार्थ पाचन की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। जिससे फैट शरीर में जमा होने लगता है और आप मोटे दिखने लगते हैं। फैट फूड कम खाना से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
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प्रोबायोटिक डाइजेस्टिव ट्रैक को सही रखते है साथ ही इससे शरीर स्वस्थ रहता है। इसलिए दही आदि का सेवन करने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है साथ ही यह शरीर को सभी प्रकार के पोषक तत्व देते है इसलिए इन्हें अपनी डाइट में जरुर शामिल करें।
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शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए पानी, जूस, फलों का रस जैसे शेक आदि तरल पेय पदार्थों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करते रहना चाहिए। इससे पाचन तंत्र में मौजूद टॉक्सिन्स निकल जाते हैं और पाचन तंत्र मजबूत बनता है।
पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। कॉफी, एल्कोहल का सेवन कम करें, स्मोकिंग ना करें और रोजाना एक्सरसाइज करें। जीवन में तनाव को कम करें जिससे आप और आपका पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
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