Hydrocele in hindi हाइड्रोसील पुरुषों को होने वाली बीमारी है। आज लगभग 10 प्रतिशत पुरुष हाइड्रोसील की समस्या से ग्रसित हैं। इस रोग की वजह से अंडकोष में पानी भर जाने के कारण उनका आकार बढ़ जाता है। कुछ लोगों में यह समस्या जन्म के साथ ही आती है लेकिन यह उम्र के किसी भी समय में हो सकती है। आमतौर पर हाइड्रोसील टेस्टिकल्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। ये आमतौर पर दर्द रहित होते हैं और उपचार के बिना ही कुछ समय के बाद चले जाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में दर्द हो सकता है हालांकि यदि आपको जननांग में अधिक सूजन दिखे तो डॉक्टर से तुरंत ही संपर्क किया जाना चाहिए। इस लेख में आप हाइड्रोसील के लक्षण कारण उपचार और बचाव की जानकारी प्राप्त करेगें। आइए जाने हाइड्रोसील की समस्या क्या है।
1. हाइड्रोसील क्या है – What Is Hydrocele in Hindi
2. बच्चों में हाइड्रोसील – Hydrocele in children in Hindi
3. वयस्कों में हाइड्रोसील – Adult Hydrocele in Hindi
4. हाइड्रोसील के कारण – Causes Of Hydrocele in Hindi
5. हाइड्रोसील के प्रकार – Types of Hydrocele in Hindi
6. हाइड्रोसील के लक्षण – Symptoms Of A Hydrocele in Hindi
7. हाइड्रोसील का निदान – Diagnosis Of Hydrocele in Hindi
8. हाइड्रोसील का इलाज – Hydrocele Treatment in Hindi
9. हाइड्रोसील से बचाव – Hydrocele Prevention in Hindi
10. डॉक्टर को कब दिखाएं – When To See A Doctor in Hindi
अंडकोश की थैली (scrotum) की सूजन को हाइड्रोसील कहा जाता है। यह तब होता है जब तरल पदार्थ अंडकोश की थैली में जमा हो जाता है। यह समस्या नवजात शिशुओं के लिए आम होती है जो सामान्य रूप से 1 वर्ष की आयु के भीतर ही बिना उपचार के खत्म हो जाती है। लेकिन यह समस्या युवा और वयस्क पुरुषों में भी हो सकती है जो कि अंडकोश के भीतर सूजन या चोट के कारण हो सकती है। सामान्य रूप से इस समस्या में रोगी को किसी प्रकार का दर्द नहीं होता है और न ही उसे किसी उपचार की आवश्यकता होती है। लेकिन यदि आप अंडकोश में सूजन हो तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि यह किसी संक्रमण का कारण भी हो सकता है। आइए जाने हाइड्रोसील के कारण क्या हैं।
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कुछ बच्चों में जन्म के साथ ही हाइड्रोसील की समस्या हो सकती है। छोटे बच्चों में यह बहुत ही आम समस्या है। जब शिशु गर्भाशय में विकास करते हैं तो अंउकोष (testicles) पेट से अंडकोष की थैली (scrotum) तक जाते हैं। जब कभी यह मार्ग पूरी तरह से बंद नहीं हो पाता है तब इस प्रकार की समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में शिशुओं में हाइड्रोसील की समस्या उत्पन्न होती है। हाइड्रोक्सेल्स कभी-कभी हर्निया से जुड़ा हो सकता है। बच्चों में हाइड्रोसील विकसित करने के अन्य कारणों में चोट, टेस्टिस या नेफ्रोटिक सिंड्रोम आदि भी हो सकते हैं।
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वयस्क पुरुषों में भी हाइड्रोसील की समस्या होती है। यह आमतौर पर ग्रोन से संबंधित शल्य चिकित्सा या शारीरिक चोट के कारण हो सकती है। यह समस्या कभी-कभी अंडकोश की सूजन या एपीडीडीमिटिस (epididymitis) संक्रमण के कारण भी हो सकती है। वृद्ध पुरुषों में इस समस्या के होने की अधिक प्रवल संभावना होती है।
गर्भ में बढ़ने वाले बच्चे के पेट में ट्यूनिका योनिनालिस (आंतरिक पुरुष यौन अंगों की अस्तर) बनता है और फिर वृषण के साथ अंडकोष की थैली में चला जाता है। थैली में वृषण (testes) पहुंचने के बाद पेट से जुड़ा हुआ मार्ग बंद हो जाता है। लेकिन कुछ मामलों में यह सामान्य रूप से नहीं होता है और मार्ग पूरी तरह से बंद नहीं हो पाता है। जिसके कारण अंडकोष की थैली में तरल पदार्थ जमा होने लगता है जिससे अंडकोष में सूजन आ जाती है। विकास के दौरान प्रत्येक नर बच्चे में अंडकोष स्वाभाविक रूप से होने वाली थैली होती है जिसमें द्रव होता है। आमतौर पर यह थैली खुद ही बंद हो जाती है और 1 वर्ष के दौरान शरीर तरल पदार्थ को अवशोषित करता है। समय से पहले पैदा हुए बच्चों में हाइड्रोसील की अधिक संभावना होती है।
हाइड्रोक्सेल्स जीवन में बाद में भी हो सकता हैं, ज्यादातर 40 बर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में।
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सामान्य रूप से हाइड्रोसील दो प्रकार के होते हैं।
इस प्रकार का हाइड्रोसील तब होता है जब अंडकोष की थैली पूरी तरह से बंद नहीं होता है। इसके कारण अंडकोष की थैली में पेट में मौजूद तरल पदार्थ धीरे-धीरे बहने लगता है। लगातार तरल पदार्थ पहुंचने के कारण अंडकोष की थैली का आकार भी बढ़ने लगता है जिससे हाइड्रोसील की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
जन्म के समय होने वाली हाड्रोसील की समस्या गैर संचार हाइड्रोसील हो सकती है। यह आमतौर पर 1 वर्ष के भीतर ही बिना किसी उपचार के ठीक हो सकता है। लेकिन यदि अधिक उम्र के बच्चे को इस प्रकार की समस्या होती है तो यह अन्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। इस उम्र में हाइड्रोसील होने से संक्रमण या ट्यूमर आदि शामिल हो सकती हैं।
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सभी बच्चों में हाइड्रोसील के लक्षण कुछ अलग हो सकते हैं। आमतौर पर हाइड्रोसील होने पर किसी प्रकार का दर्द नहीं होता है। इसका एक मात्रा लक्षण अंडकोष की सूजन ही होता है। वयस्क पुरुषों में स्क्रोटम में भारीपन की संभावना हो सकती है। कुछ मामलों में अंडकोष की सूजन शाम की अपेक्षा सुबह के समय अधिक हो सकती है। यदि आपके बच्चे को हाइड्रोसील के दौरान गंभीर दर्द होता है तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए। क्योंकि यह टेस्टिकुलर टोरसन नामक एक अन्य समस्या का कारण हो सकता है। टेस्टिकुलर टोरसन तब होता है जब टेस्टिकल्स में मोड़ आ जाते हैं जो कि आमतौर पर चोट या दुर्घटना के कारण हो सकता है।
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यदि आप इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आपका डॉक्टर हाइड्रोसील के निदान के लिए आपका शारीरिक परीक्षण कर सकता है। यदि आपको हाइड्रोसील की समस्या है तो आपके अंडकोष में दर्द रहित सूजन होती है। आपका डॉक्टर अंडकोष थैली की कोमलता से जांच कर सकता है। इसके लिए अंडकोष की थैली तेज प्रकाश परीक्षण किया जा सकता है जिसे ट्रांसिलुमिनेशन (transillumination) कहा जाता है। इस परीक्षण से आपके डॉक्टर को यह निर्धारित करने में मदद मिल सकती है कि आपके अंडकोष थैली में तरल पदार्थ है या नहीं है। यदि तरल पदार्थ मौजूद है तो प्रकाश एक तरफ से दूसरी तरफ संचारित हो जात है। लेकिन यदि सूजन किसी ठोस द्रव्यमान (कैंसर) के कारण होती है तो प्रकाश संचारित नहीं होता है। यह परीक्षण हाइड्रोसील परीक्षण को निश्चित्ता प्रदान करता है।
इसके अलावा आपका डॉक्टर रक्त और मूत्र परीक्षण के लिए भी कह सकता है। जिससे यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि वयस्क या शिशु (पुरुष) में संक्रमण है जैसे कि एपिडिडाइटिस (epididymitis)
अल्ट्रासाउंड हर्निया, टेस्टिकुलर ट्यूमर या स्क्रोटल सूजन के अन्य कारणों के स्पष्टिकरण में मदद करने के लिए किया जा सकता है।
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इस प्रकार की समस्या का इलाज आपके बच्चे के लक्षण, आयु और सामान्य स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि स्थिति कितनी गंभीर है। जब बच्चा लगभग 1 वर्ष की आयु का हो जाता है तो हाइड्रोसील सामान्य रूप से खुद ही ठीक हो जाता है। क्योंकि थैली में मौजूद तरल पदार्थ को शरीर के द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है।
12 से 18 महीने तक चलने वाला हाइड्रोसील आमतौर पर संचार हाइड्रोसील होता है। इंजिनिनल हर्निया को रोकने के लिए आमतौर पर सर्जरी की आवश्यकता होती है। इस प्रकार की शल्य चिकित्सा दौरान पेट और जांघ के बीच के भाग (groin) में एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है। जिससे अंडकोष की थैली में मौजूद तरल पदार्थ को बाहर निकाला जाता है। डॉक्टर थैली के तरल पदार्थ को बाहर निकालकर ट्यूनिका योनिनालिस के खुले हुए भाग को बंद कर देता है। उपचार के पहले आप उपचार के सभी संभावित जोखिमों, फायदे और संभावित दुष्प्रभाव के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
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चूंकि हाइड्रोसील की समस्या जन्म से पहले ही गर्भ में ही विकसित हो जाती है। इसलिए इस समस्या की रोकथाम नहीं की जा सकती है। हालांकि उचित प्रसव पूर्व देखभाल करने पर समय से जन्म को रोकने में मदद मिल सकती है। हाइड्रोसील की समस्या समस से पहले जन्म लेने वाले बच्चों में मुख्य रूप से देखी जाती है।
वयस्क पुरुषों में जननांग क्षेत्र में चोट लगने के कारण इस प्रकार की समस्या हो सकती है। इसलिए इस क्षेत्र से संबंधित चोटों से बचना चाहिए। उदाहरण के लिए किसी एथलीट को सुरक्षात्मक एथलेटिक कैप पहनना चाहिए। इसके अलावा खेल के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए।
इसके अलावा एक स्वस्थ्य जीवनशैली भी एक विकल्प हो सकता है। स्वस्थ्य जीवनशैली में व्यायाम और सही खानपान शामिल है। आप अपनी जीवनशैली में कुछ विशेष परिवर्तन कर हाइड्रोसील की समस्या से बच सकते हैं। इसके अलावा हाइड्रोसील को रोकने के लिए यौन संक्रमित संक्रमण से दूर रहने की सलाह भी दी जाती है।
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अगर आप या आपके बच्चे को अंडकोष की सूजन है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि बिना परीक्षण के यह निर्धारित नहीं किया जा सकता है कि यह समसया हाइड्रोसील है या अन्य किसी प्रकार का संक्रमण है। इसके अलावा निम्न लक्षण होने पर भी डॉक्टर से तुरंत ही सलाह ली जानी चाहिए।
यदि इस प्रकार के लक्षण हों तो डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए। जिससे इस समस्या का सही इलाज किया जा सके।
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