Importance of hormones for women’s health in Hindi महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हार्मोन की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। माना जाता है कि हार्मोन व्यक्ति के जीवन का आधार होता है। वैसे तो स्त्री और पुरुष दोनों के शरीर में सही स्तर में हार्मोन्स होना बेहद जरूरी होता है लेकिन महिलाओं के शरीर में कुछ हार्मोन्स ऐसे होते हैं जो पुरुषों से काफी अलग होते हैं। महिलाओं में माासिक धर्म, स्तन के विकास, बच्चे को जन्म देने, मेनोपॉज और यहां तक कि गर्भाशय को भ्रूण संभालने के लायक बनाने में भी हार्मोन्स की भूमिका होती है। यही कारण है कि महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हार्मोन काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। लेकिन खास बात यह है कि ज्यादातर महिलाएं अपने शरीर में हार्मोन्स की भूमिका के बारे में बिल्कुल भी नहीं जानती हैं। इसलिए इस लेख में हम आपको महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हार्मोन के महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं।
विषय सूची
1. महिलाओं में हार्मोन के कार्य – functions of female hormones in Hindi
2. महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हार्मोन का महत्व – Health importance of female hormones in Hindi
- महिलाओं की प्रेगनेंसी में हार्मोन का महत्व – importance of hormones for Pregnancy in Hindi
- स्तनपान के लिए महिलाओं में हार्मोन का महत्व – importance of hormones for breastfeeding in Hindi
- महिलाओं के मेनोपॉज के लिए हार्मोन का महत्व – importance of female hormones for Menopause in Hindi
- बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हार्मोन का महत्व – importance of hormones for After childbirth in Hindi
- स्वास्थ्य के लिए फीमेल सेक्स हार्मोन का महत्व – Importance of Female sex hormones in Hindi
- शैशवाकाल में महिलाओं के लिए हार्मोन का महत्व – importance of female hormones for Infancy in Hindi
- महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए थॉयराइड हार्मोन का महत्व – importance of Thyroid Hormone for women’s health in Hindi
महिलाओं में हार्मोन के कार्य – functions of female hormones in Hindi
महिलाओं के शरीर में हार्मोन के अलग-अलग कार्य होते हैं। आइये जानते हैं हार्मोन के मुख्य कार्य क्या हैं।
- सेक्स की इच्छा और उत्तेजना बढ़ना एवं चरम सुख तक पहुंचाना हार्मोन का मुख्य कार्य है।
- शरीर में एनर्जी लेवल बनाए रखना, मूड बेहतर करना हार्मोन का कार्य है।
- लड़कियों के शरीर का विकास करना और परिपक्व बनाना हार्मोन का मुख्य कार्य है।
- गर्भाशय की दीवारों को विकसित करना हार्मोन का कार्य है।
- योनि के ऊत्तकों में चिकनाहट बनाए रखना हार्मोन का कार्य है।
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महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हार्मोन का महत्व – Health importance of female hormones in Hindi
हम सभी जानते हैं कि शरीर की संपूर्ण क्रियाओं को संचालित करने में हार्मोन अहम भूमिका निभाता है इसलिए इस आधार पर हम यह कह सकते हैं कि हमारे शरीर के लिए हार्मोन का महत्व असीमित है। तो आइये जानते हैं महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हार्मोन्स के महत्व के बारे में।
महिलाओं की प्रेगनेंसी में हार्मोन का महत्व – importance of hormones for Pregnancy in Hindi
जब अंडाशय से निकला अंडा निषेचित हो जाता है तब महिला प्रेगनेंट हो जाती है और उसके शरीर में हार्मोन तेजी से बदलने लगते हैं। गर्भधारण करने के बाद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल घट जाता है और एक नया हार्मोन ह्यूमन कोरियोनिक गोनैडोट्रॉफिन (HCG) बनता है जो गर्भाशय में भ्रूण का विकास होने पर बनता है। यह हार्मोन अंडाशय में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन को नियंत्रित करता है जिससे प्रेगनेंसी बनी रहती है। प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए महिला के यूरिन में एचसीजी की जांच की जाती है। इस हार्मोन के बिना गर्भाशय में भ्रूण का विकास असंभव है इसलिए महिला के स्वास्थ्य के लिए इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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स्तनपान के लिए महिलाओं में हार्मोन का महत्व – Importance of hormones for breastfeeding in Hindi
डिलीवरी के बाद महिलाओं के स्तन में दूध बढ़ाने के लिए उनके शरीर में एक हार्मोन स्रावित होता है जिसे प्रोलैक्टिन हार्मोन के नाम से जाना जाता है। इस हार्मोन के कारण ही ब्रेस्टफीडिंग कराना संभव हो पाता है। इसके अलावा प्रोलैक्टिन हार्मोन महिलाओं में अंडोत्सर्ग और मासिक धर्म चक्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) का अनुभव होता है तब प्रोलैक्टिन हार्मोन बहुत अधिक मात्रा में बनता है। इसलिए कभी कभी प्रोलैक्टिन को कम करने के लिए महिलाओं को स्त्री रोग विशेषज्ञ की भी सलाह लेनी पड़ती है।
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महिलाओं के मेनोपॉज के लिए हार्मोन का महत्व – Importance of female hormones for Menopause in Hindi
जब महिलाओं का अंडाशय बहुत ही कम मात्रा में एस्ट्रोजन का उत्पादन करता है तो गर्भाशय की दीवार पतली हो जाती है जिसके कारण मासिक धर्म बंद हो जाता है। इस अवस्था को मेनोपॉज कहा जाता है। महिलाओं को मेनोपॉज 42 से 52 वर्ष की उम्र में किसी भी समय हो सकता है। लेकिन किसी महिला को 40 साल की उम्र से पहले ही मेनोपॉज हो जाता है तो इसे समयपूर्व मेनोपॉज कहते हैं। वास्तव में मेनोपॉज में हार्मोन की ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है और मेनोपॉज हो जाने के बाद महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, तनाव सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हार्मोन का महत्व – Importance of hormones for After childbirth in Hindi
बच्चे को जन्म देने के बाद महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन सहित अन्य हार्मोन्स का स्तर तेजी से गिरता है जिसके कारण कई तरह के शारीरिक बदलाव दिखाई देते हैं। जैसे कि गर्भाशय या कोख सिकुड़कर पहले की तरह सामान्य आकार का हो जाता है, पेल्विक फ्लोर मसल्स में सुधार होता है और शरीर में रक्त का प्रवाह भी नॉर्मल हो जाता है जिसके कारण महिलाएं स्तन में नरमी, पेट में सूजन, चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग होना सहित कई लक्षणों का सामना करती हैं। डिलीवरी के बाद स्वास्थ्य को प्रभावित करने में हार्मोन विशेष भूमिका में होते हैं।
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स्वास्थ्य के लिए फीमेल सेक्स हार्मोन का महत्व – Importance of Female sex hormones in Hindi
महिलाओं के अंडाशय में दो महत्वपूर्ण हार्मोन बनते हैं जिसे फीमेल सेक्स हार्मोन के नाम से जाना जाता है। इनमें से पहले हार्मोन को एस्ट्रोजन और दूसरे को प्रोजेस्टेरोन कहते हैं। इसके अलावा अंडाशय मेल हार्मोन (male hormone) का भी उत्पादन करता है जिसे टेस्टोस्टेरोन के नाम से जाना जाता है। एस्ट्रोजन जवान लड़कियों के स्तन को विकसित करता है जिसके कारण योनि, गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब भी परिपक्व होता है। टेस्टोस्टीरोन हड्डियों और मांसपेशियों का विकास करता है जबकि एस्ट्रोजन हार्मोन लड़कियों के शरीर विशेषतौर पर कूल्हों और जांघों को मोटा बनाता है। जवान होने के बाद एलएच, एफएसएच, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन मासिक धर्म को भी रेगुलेट करने का काम करता है। इस तरह से लड़कियों को जवान या युवा बनाने में भी हार्मोन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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शैशवाकाल में महिलाओं के लिए हार्मोन का महत्व – importance of female hormones for Infancy in Hindi
गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन प्लेसेंटा के माध्यम से मां से बच्चे के शरीर में आ जाता है जिसके कारण छोटे बच्चों विशेषरूप से छोटी लड़कियों के स्तन बढ़ते हैं। इसके अलावा मां से बच्चे में होने वाले ब्लड सर्कुलेशन के कारण मां के शरीर में एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है और इस प्रक्रिया के दौरान बच्चे के मस्तिष्क में प्रोटैक्टिन हार्मोन बनता है जो कुछ समय तक स्तन में वृद्धि करता है लेकिन कुछ समय बाद खत्म हो जाता है। इसलिए यह माना जाता है कि फीमेल हार्मोन यानि एस्ट्रोजन जन्म से बच्चों के स्तन के विकास में सहायक होता है।
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महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए थॉयराइड हार्मोन का महत्व – importance of Thyroid Hormone for women’s health in Hindi
थॉयराइड ग्रंथि तितली के आकार की एक ग्रंथि है जो गले में पायी जाती है और मस्तिष्क को T4 हार्मोन उत्पन्न करने के लिए उत्तेजित करती है। इसके बाद T4 थायराइड हार्मोन सक्रिय रूप से T3 थॉयराइड हार्मोन में बदल जाता है और शरीर के तापमान, मेटाबोलिज्म, मस्तिष्क की क्रियाओं और ऊर्जा को बेहतर बनाता है। लेकिन शरीर में जब थॉयराइड हार्मोन्स की कमी हो जाती है तो कमजोरी, मोटापा, थकान, मोटिवेशन की कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।
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