Increase white blood cell count in Hindi सफेद रक्त कोशिका जिसे हम और आप संक्षिप्त में डब्लूबीसी (WBCs) भी कहते हैं। यह हमारे शरीर के खून का प्रमुख घटक है जो हमें विभिन्न संक्रमणों से बचाता है। क्या आपने कभी यह समझने की कोशिश की है कि सामान्य सर्दी या जुखाम होने के बाद आपको बुखार क्यों आता है। जब आपके शरीर में बाहरी संक्रमण फैलता है तो उसके प्रभाव को दूर करने के लिए सफेद रक्त कोशिकाओं की आवश्यकता होती है। जरा सोचे यदि हमारे शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाये तो क्या होगा। सामान्य सी बुखार (Normal fever) ही हमारे लिए खतरनाक बन जाएगी। सफेद रक्त कोशिका हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता होती है जो हमें विभिन्न संक्रमणों से हमारे शरीर का बचाव करती है। आज इस लेख में हम जानेगें कि सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को कैसे बढ़ाएं, और ये हमारे लिए क्यों आवश्यक हैं।
विषय सूची
1. सफेद रक्त कोशिका क्या है – What is White Blood Cells in Hindi
2. सफेद रक्त कोशिकाओं के प्रकार – Types of White Blood Cells in Hindi
3. सफेद रक्त कोशिकाएं हमारी मदद कैसे करती हैं – How Do White Blood Cells Help in Hindi
4. सफेद रक्त कोशिका के कम होने का कारण – What causes low white blood cells count in Hindi
5. सफेद रक्त कोशिकाओं के कमी के लक्षण – Symptoms of Low White Blood Cell Count in Hindi
6. सफेद रक्त कोशिकाओं की सीमा क्या है – What are the White blood cell counts in Hindi
7. सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के तरीके – Increase White Blood Cells Count Naturally in hindi
8. सफेद रक्त कोशिकाओं के कम होने की जटिलताएं – Complications Of Insufficient WBCs in Hindi
प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) के प्रमुख घटक के रूप में सफेद रक्त कोशिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये खून में वायरस, बैक्टीरिया, और कवक आदि की खोज करके उन्हें नष्ट कर हमारे शरीर को सुरक्षा प्रदान करती हैं। सफेद रक्त कोशिकाओं को ल्यूकोसाइट (Leukocytes) भी कहा जाता है, ये अलग अलग प्रकार के होते हैं। इन सभी का अपना अलग काम होता है, कुछ सीधे ही वायरस को नष्ट करते हैं, तो कुछ संक्रमित कोशिकाओं पर हमला करते हैं। कुछ सफेद रक्त कोशिकाएं एलर्जी प्रतिक्रियाओं में भी अपनी भूमिका निभाते हैं। आइए जाने सफेद रक्त कोशिकाएं कितने प्रकार की होती है।
हमारे खून का प्रमुख घटक के रूप में सफेद रक्त कोशिकाएं (White blood cells) मौजूद रहती हैं जो शरीर की बीमारियों और संक्रमणों से हमारी रक्षा करती है। सफेद रक्त कोशिकाएं कई प्रकार की होती हैं जिनमे सभी का अलग-अलग काम होता है।
सामान्य रूप से सभी लोग प्रतिदिन लगभग 100 अरब सफेद रक्त कोशिकओं का उत्पादन करते हैं। खून के प्रति माइक्रो लीटर में आमतौर पर 4000 से 11000 सफेद रक्त कोशिका मौजूद होती हैं जो कि सामान्य स्थिति पर होती हैं। हांलाकि व्यक्ति यदि दौड़ता (Race) है तो इनकी संख्या में अंतर हो सकता है। सफेद रक्त कोशिकाओं के अलग-अलग प्रकार होते हैं जो इस प्रकार हैं :
जब आवश्यक हो, मोनोसाइट्स अन्य अंगों जैसे प्लीहा, यकृत, फेफड़े और अस्थि मज्जा में जाकर मैक्रोफेज (Macrophage) नामक सेल में बदल जाते हैं।
मृत या क्षतिग्रस्त ऊतकों को हटाने, कैंसर की कोशिकाओं (Cancer cells) को नष्ट करने और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को विनियमित करने सहित कई कार्यों के लिए मैक्रोफेज जिम्मेदार होते हैं।
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हमारे शरीर में बैक्टीरिया और वायरस के प्रवेश को रोक कर सफेद रक्त कोशिकाएं हमारे शरीर को संक्रमण से बचाती हैं। ये कोशिकाएं एंटीबॉडी के उत्पादन को भी सुविधाजनक बनाती हैं और संक्रामक घटकों के साथ-साथ कैंसर की कोशिकाओं (Cancer Cell) को नष्ट करने में मदद करती हैं।
कई कारणों की वजह से सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या में उतार चढ़ाव होता है। जब आपका शरीर क्रियाशील रहता है जैसे कि आप दौड़ रहे हैं या व्यायाम कर रहे हैं तब आपके शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं (WBCs) की संख्या में वृद्धि होती है। यदि आप सो रहे हैं या आराम करते हैं तो इस समय इनकी संख्या कम हो सकती है। हालांकि कुछ मामलों में इनकी संख्या में बहुत अधिक कमी हो सकती हैं आइये जाने वे कौन से कारण जिनके कारण सफेद रक्त कोशिकाओं में कमी आ सकती है।
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आपकी हड्डीयों के अंदर स्पंजयुक्त ऊतकों जिन्हें अस्थिमज्जा कहते हैं उनसे सफेद रक्त कोशिकाओं का उत्पादन होता है। सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या के कम होने के निम्न कारण हो सकते हैं।
शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी संक्रमण से लड़ने में प्रभावी नहीं हो सकती है, और ल्यूकोपेनिया (leukopenia) नामक स्थिति में बदल जाती है। आइए जाने डब्लूबीसी के कम होने के लक्षण क्या है।
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जिन लोगों में सफेद रक्त कोशिका की कमी होती है उनमें निम्न प्रकार के लक्षण हो सकते है जो शरीर में डब्लूबीसी की संभावित कमी को दर्शाते हैं :
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डब्लूबीसी की औसत सामान्य सीमा – खून के प्रति माइक्रोलिटर में 3500 से 10500 सफेद रक्त कोशिकाएं होती हैं।
कम डब्लूबीसी गणना – खून के प्रति माइक्रो लीटर में 4500 से कम सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या।
उच्च डब्लूबीसी गणना – खून के प्रति माइक्रो लीटर में 11,000 से अधिक सफेद रक्त कोशिकाओं की उपलब्धता ।
जब आपके शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या कम होने लगती हैं तब आपका शरीर संक्रमण का प्रतिरोध नहीं कर पाता है और आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है। ऐसी स्थिति में चाहिए कि आप कुछ ऐसे प्रयास करें जिनसे आप सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ा सकें। आइए जाने सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के आसान उपाय के बारे में।
संक्रमण (Infection) से बचने और सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि के लिए लहसुन का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है। यह हमारी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी मदद करता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि यदि लहुसन (Garlic) का सेवन किया जाता है तो यह हमारे शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की गिनती में वृद्धि करता है। लहसुन में सल्फाइड और एलिसिन (Sulphides and Allicin) जैसे सल्फर यौगिक मौजूद रहते हैं।
लहसुन एक एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) की तरह भी काम करता है जो खून में हानिकारक कणों के निर्माण को कम करता है। जो लोग लहसुन का पर्याप्त मात्रा में सेवन करते हैं उनमें आंतों के कैंसर (Intestinal Cancers) की संभावना कम होती है।
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विटामिन ए, सी और ई की अच्छी मात्रा पालक (Spinach) में मौजूद रहती है जो कि सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करते हैं। आप पालक को पका कर इसका सेवन कर सकते हैं। आप अपनी प्रतिरक्षा शक्ति (Immune power) को बढ़ाने के लिए पालक को अपने नियमित आहार में जोड़ें। आप पालक को कच्चे भी खा सकते हैं, या इसे सलाद में भी शामिल कर सकते हैं। त्वरित पुनर्प्राति के लिए आपको दैनिक आधार पर पालक का सेवन करना चाहिए।
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सनफ्लावर के बीज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, इनमें फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और विटामिन बी-6 शामिल होते हैं। इनमें विटामिन ई भी अच्छी मात्रा में होते हैं जो कि चौथाई कप की मात्रा में सेवन करने पर दैनिक जरूरत का 82 प्रतिशत आपूर्ति करता है। विटामिन ई एक एंटीऑक्सीडेंट भी होता है। यह सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने और प्रतिरक्षा को मजबूत करने में मदद करता है। आप अपने शरीर को स्वस्थ्य व सुरक्षित बनाए रखने के लिए नियमित रूप से सूरजमुखी के बीजों का सेवन कर सकते हैं।
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पपीता की तरह किवी फल भी पोषक तत्वों से भरपूर होता है, किवी फलों में फोलेट (Folate), पोटेशियम, विटामिन K और विटामिन सी अच्छी मात्रा में पाये जाते हैं। विटामिन सी संक्रमण से लड़ने के लिए सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ावा देता है, जबकि किवी के अन्य पोषक तत्व आपके शरीर को अन्य स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने में मदद करते हैं।
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काली और हरी दोनों प्रकार की चाय में फ्लैवोनोइड्स (flavonoids) होते हैं जो एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट होता है। हरी चाय प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में बहुत ही लाभकारी होती है। इसमें ईजीसीजी, एक और शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह आपकी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। आप ग्रीन टी (Green Tea) का सेवन कर अपने शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं के स्तर को बढ़ा सकते हैं।
हरी चाय में एमिनों एसिड एल-थीनाइन का एक अच्छा स्रोत है। एल-थीनाइन (L-theanine) आपके टी-कोशिकाओं में रोगाणु-विरोधी (germ-fighting) यौगिकों के उत्पादन में सहायता करता है।
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कई प्रकार के व्यंजनों में हल्दी को एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में जाना जाता है। लेकिन इस पीले कड़वे मसाले का उपयोग ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटोइड गठिया दोनों के इलाज में एंटी-इंफ्लामैट्री (Anti-inflammatory) के रूप में भी उपयोग किया जाता है। इसके अलावा कई शोधों से जानकारी मिलती है कि हल्दी में कर्क्यूमिन की उच्च मात्रा होती है जो हल्दी को पीला रंग प्रदान करती है। यह व्यायाम के दौरान होने वाली मांसपेशीय क्षति (Muscular damage) को कम करने में मदद कर सकती है। हल्दी का पर्याप्त मात्रा में सेवन कर आप सफेद रक्त कोशिकाओं को भी बढ़ा सकते हैं।
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जब सामान्य संक्रमण जैसे सर्दी और खांसी (cold and cough) को रोकने और लड़ने की बात आती है तो विटामिन ई विटामिन सी को पीछे छोड़ देता है। विटामिन ई एक स्वस्थ्य प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है। यह एक वसा-घुलनशील विटामिन (fat-soluble vitamin) है जिसका अर्थ यह है कि वसा की उपस्थिति को ठीक से अवशोषित करने की आवश्यकता होती है। बादाम जैसे फल में विटामिन (vitamins) अच्छी मात्रा में होते हैं साथ ही इसमें स्वस्थ वसा भी होते हैं। विटामिन ई की पूर्ति करने के लिए नियमित रूप से बादाम का सेवन करना चाहिए जो कि सफेद रक्त कोशिकाओं की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
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प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने के लिए दही का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व और विटामिन संक्रमण से लड़ने में आपकी मदद करते हैं। आप दही का सेवन चीनी के साथ करने के वजाय सादे दही (Sugar-free yogurt) का उपयोग करें या इसे फलों के साथ उपयोग करें। यह आपके शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद कर सकता है। दही विटामिन डी का एक अच्छा स्रोत होता है, इसलिए विटामिन डी की पूर्ति करने के लिए दही का उपयोग किया जाता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और बीमारियों के खिलाफ हमारे शरीर को प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है।
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विटामिन और खनिजों की अच्छी मात्रा ब्रोकोली में होती है। ब्रोकोली में विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई होता है साथ ही इसमें बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर (Antioxidants and Fiber) भी होते हैं, जो इसे हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद सब्जी बनाते हैं।
आप अपने शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए इस सुपर फुड का उपयोग कर सकते हैं।
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यदि आप ऐसा मानते हैं कि विटामिन सी केवल खट्टे फलों (Citrus Fruits) में ही होता है तो ऐसा नहीं है। लाल शिमला मिर्च में विटामिन सी दोगुनी मात्रा में होता है। इनमें बीटा-कैरोटीन भी अच्छी मात्रा में होते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं। विटामिन सी आपके शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ आपकी त्वचा को भी स्वस्थ्य बनाने में मदद करता है। बीटा-कैरोटी (Beta carotene) आपकी आंखों और त्वचा को स्वस्थ्य रखने में सहायक होता है। यदि आप अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना चाहते हैं तो शिमला मिर्च (Red bell peppers) का सेवन कर सकते हैं।
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सैल्मन और मैकेरल जैसी फैटी मछलीयों में ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid) पाया जाता है, जो आपके शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ा कर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को बढ़ाने में सहायक होता है। सफदे रक्त कोशिकाएं बैक्टीरिया को सचमुच ही नष्ट करती है। आवश्यक फैटी एसिड शरीर की कोशिकाओं को क्षति ग्रस्त होने से बचाता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि यदि बच्चों को प्रतिदिन आधा चम्मच फ्लेक्स तेल (flax oil) दिया जाता है, तो उन्हें सर्दी और अन्य श्वसन संबंधि संक्रमणों से बचाया जा सकता है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
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संक्रमण से लड़ने वाले सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढाने के लिए जिंक बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। संक्रमण होने के दौरान यह शरीर में एंटी-बॉडी के निर्माण में सहायक होता है। अध्ययनों से पता चलता है कि जिंक का सेवन करने से कैंसर के विकास को धीमा किया जा सकता है और संक्रमण से लड़ने वाली टी कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि की जा सकती है। आप अपने नियमित आहार में जस्ता युक्त (Zinc) खाद्य पदार्थों को शामिल करें लेकिन ध्यान दें कि आपकी दैनिक खपत 75 मिलीग्राम से अधिक न हो।
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यदि आपको लगता है कि आपके शरीर में रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी आ रही है, या आपको बार-बार संक्रमण हो रहा है तो आप ऊपर बताए गए उपायो को अजमा सकते हैं। यदि फिर भी आपको फायदा न मिले तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें। यदि समय पर इसका निदान नहीं किया गया तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। जो इस प्रकार हैं :
सफेद रक्त कोशिकाओं (WBCs) की कमी के मामलों में समय का विशेष महत्व है, आप जितनी जल्दी इनकी कमी को दूर करेगें आपके लिए उतना ही बेहतर होता है। सफेद रक्त कोशिकाएं आपकी जीवन रेखा (Lifeline) होती है आशा है कि आप इस लेख को पढ़ने के बाद सतर्कता से इनका ध्यान रखेगें।
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