Indian Diet After Miscarriage In Hindi गर्भपात होने के बाद क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए यह जानना उन महिलाओं के लिए आवश्यक है जो मिसकैरेज यानी गर्भपात का सामना कर रहीं है या कर चुकी हैं। गर्भपात होना किसी भी महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान कर सकता है। लेकिन गर्भापात के बाद आहार जो महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं उनका सेवन बहुत आवश्यक है। हालांकि अपने होने वाले बच्चे के नुकसान को पूरा करने का कोई तरीका नहीं है। लेकिन गर्भपात के बाद उचित आहार का उपयोग कर महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखा जा सकता है। आज इस आर्टिकल में आप जानेगें महिलाओं को गर्भपात होने के बाद क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
विषय सूची
1. गर्भपात के बाद खाने के लिए सर्वश्रेष्ठ खाद्य पदार्थ – Best Foods To Eat After Miscarriage in Hindi
2. गर्भपात होने के बाद न खाएं ऐसे आहार – foods to avoid after miscarriage in Hindi
जैसा कि हम जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में आंतरिक और बाहृ रूप से कई परिवर्तन होते हैं। लेकिन गर्भपात के बाद ये स्थितियां महिला स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव छोड़ सकती हैं। साथ ही गर्भपात से रक्तस्राव और चक्कर आना जैसी समस्याएं भी होती हैं। जिनका प्रमुख कारण महिलाओं का शारीरिक रूप से कमजोर होना होता है। इसलिए गर्भपात के बाद आहार आपके स्वास्थ्य पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रकार के प्रभाव डालते हैं। इसलिए आपको पता होना चाहिए कि गर्भपात के बाद खाने के लिए सर्वश्रेष्ठ खाद्य पदार्थ कौन से हैं। या आपको गर्भपात के बाद किस प्रकार के खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। आइए जाने गर्भपात के बाद आहार जो महिला को जल्दी रिकवर होने में सहायक होते हैं।
सभी लोग जानते हैं कि गर्भपात के दौरान भारी मात्रा में रक्तस्राव होता है। जिससे महिलाओं के शरीर में रक्त की कमी हो सकती है। इस तरह से अधिक रक्तस्राव आपके शरीर में आयरन की कमी का कारण भी बन सकता है। जिससे गर्भपात के बाद महिलाओं को एनीमिया और इससे संबंधित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है। अक्सर महिलाओं को गर्भपात के बाद थकान और कमजोरी का अनुभव भी होता है। ये लक्षण शरीर में आयरन की कमी के कारण होते हैं। इसलिए महिलाओं को गर्भपात के बाद आहार में लौह आधारित खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। गर्भपात के बाद आहार के रूप में महिलाएं निम्न खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकती हैं।
महिलाएं इन आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का भी सेवन करने का प्रयास करें जो विटामिन सी युक्त होते हैं। ये खाद्य पदार्थ आपके शरीर में आयरन के बेहतर अवशोषण में मदद करते हैं। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों में पपीता, स्ट्रॉबेरी, अंगूर आदि शामिल हैं। इस तरह के खाद्य पदार्थों को गर्भपात के बाद आहार के रूप में सेवन किया जा सकता है।
(और पढ़े – गुड़ खाने के फायदे और नुकसान…)
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कैल्शियम की मात्रा में कमी आ सकती है। इसलिए महिलाओं को गर्भपात के बाद आहार में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। क्योंकि कैल्शियम शरीर की हड्डियों में प्रमुख घटक होता है। जिसकी कमी के कारण महिलाओं की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। साथ ही कैल्शियम अन्य प्रकार से शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक घटक होता है। कैल्शियम के कुछ सबसे अच्छे स्रोत इस प्रकार हैं :
(और पढ़े – कैल्शियम युक्त भोजन महिलाओं के लिए…)
अधिकांश महिलाएं गर्भपात के बाद फिर से गर्भधारण करने का प्रयास करती हैं। ऐसी स्थिति में फोलेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना फायदेमंद होता है। यह महिलाओं के शरीर को फिर से गर्भधारण करने के लिए तैयार करता है और फिर से गर्भपात होने की संभावना को कम करने में सहायक होता है। फोलेट विशेष रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक और काले आदि में पाया जाता है। इसके अलावा आप फोलेट की प्राप्ति के लिए शतावरी, ब्रोकोली, खट्टे फल, दाल, मटर, एवोकैडो, भिंडी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स बीज नट्स आदि का सेवन कर सकते हैं।
(और पढ़े – फोलिक एसिड क्या है, उपयोग (लाभ), साइड इफेक्ट्स, खाद्य पदार्थ और दैनिक मात्रा…)
मिसकैरेज के बाद शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना फायदेमंद होता है। लेकिन जब कोई महिला गर्भपात जैसी समस्या से गुजरती हैं तब उन्हें प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों की बेहद आवश्यकता होती है। मिसकैरेज के बाद आहार के रूप में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ इसलिए भी आवश्यक हैं क्योंकि इनमें अमीनो एसिड की अच्छी मात्रा होती है। अमीनो एसिड क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करने में सहायक होते हैं। गर्भपात के बाद आहार के रूप में महिलाओं को अंडे, लीन मीट, समुद्री भोजन, दूध, पनीर, दही, दाल और चिकन जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। हालांकि प्रोटीन की उचित मात्रा को प्राप्त करने के लिए महिलाओं को शाकाहार और मांसाहार दोनों ही प्रकार के खाद्य पदार्थों का संतुलित उपयोग करना फायदेमंद होता है।
(और पढ़े – प्रोटीन क्या है, कार्य, कमी के कारण, लक्षण, जाँच, इलाज और आहार…)
गर्भपात के बाद किसी भी महिला को उदासी, तनाव, अनिद्रा आदि की समस्या होना आम है। क्योंकि यह उन्हें भावनात्मक क्षति पहुंचाता है। लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि गर्भपात के बाद उचित आहार का सेवन किया जाए तो महिलाओं को इस स्थिति से बाहर निकाला जा सकता है। शोध के अनुसार मैग्नीशियम की कमी के कारण अवसाद जैसी समस्याएं होती हैं। इसलिए मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से चिंता और तनाव आदि को कम करने में मदद मिलती है। मैग्नीशियम की कमी को दूर करने के लिए आप नट्स, बीज, हरी पत्तेदार सब्जियां, डार्क चॉकलेट, एवोकैडो, फलियां, साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, गेहूं, मटर, दाल आदि का नियमित सेवन कर सकते हैं। ये सभी खाद्य पदार्थ मूड़ को बढ़ाने में सहायक होते हैं। जिनसे महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
(और पढ़े – मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ और मैग्नीशियम के फायदे…)
सूखे फलों या नट्स में बहुत से पोषक तत्व होते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। लेकिन ये सूखे फल मिसकैरेज के बाद महिलाओं के स्वास्थ्य में होने वाले परिवर्तन के लिए और भी अधिक प्रभावी होते हैं। इन नट्स में विटामिन ई, आयरन, मैग्नीशियम, फोलेट, ओमेगा-6 और ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है। इसके अलावा इनमें फाइबर भी उचित मात्रा में होता है जो महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है। हालांकि यह भी सलाह दी जाती है कि महिलाओं को ऐसे खाद्य पदार्थ कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। क्योंकि इन खाद्य पदार्थों में वसा और कैलोरी बहुत अधिक होती है। जिसके कारण यह महिलाओं के वजन बढ़ने का कारण बन सकता है।
(और पढ़े – ड्राई फ्रूट्स के फायदे और नुकसान…)
बहुत से वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि ताजे फल और सब्जियां महिलाओं सहित पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होते हैं। लेकिन महिलाएं गर्भपात के बाद आहार के रूप में इनका विशेष रूप से उपभोग कर सकती हैं। क्योंकि स्वस्थ शरीर के लिए सबसे ज्यादा पोषक तत्व और खनिज पदार्थ फलों और सब्जियों से ही प्राप्त होते हैं। इसके अलावा नियमित रूप से सेवन करने पर महिलाओं को अगले गर्भाधारण में गर्भपात की संभावना 50 प्रतिशत तक कम हो सकती है। इसलिए महिलाओं को अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए एबॉर्शन के बाद आहर में फल और सब्जियों का अधिक सेवन करना चाहिए।
(और पढ़े – जानें फल खाने का सही समय क्या है…)
विटामिन सी बहुत ही आवश्यक घटक है जो महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है। गर्भपात के बाद आहार के रूप में विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। क्योंकि विटामिन सी मानव शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है। विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों में पपीता, स्ट्रॉबेरी, अंगूर, संतरे और अन्य सभी खट्टे फल आते हैं। विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन करने का प्रमुख लाभ यह है कि विटामिन सी शरीर में आरयन को अवशोषित करने में सहायक होता है। इस तरह से आप अपने शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए भी विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं।
(और पढ़े – विटामिन सी की कमी दूर करने के लिए ये खाद्य पदार्थ…)
गर्भपात के महिलाओं का शरीर सामान्य से अधिक कमजोर हो जाता है। इसलिए उन्हें उचित पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। साथ ही उन्हें ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो उन्हें भविष्य में गर्भपात संभावनाओं से बचा सकें। लेकिन कभी कभी महिलाएं आहार के रूप में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करती हैं जो गर्भपात के लक्षणों और समस्याओं को और अधिक बढ़ा देते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि महिलाओं को यह पता नहीं होता है गर्भपात होने के बाद क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। आइए जाने गर्भपात होने के बाद महिलाओं को किस प्रकार के आहार से बचना चाहिए।
महिलाओं को मिसकैरेज के बाद कम फाइबर वाले आहार का सेवन करने से बचना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट आपके शरीर को जरूरत के अनुसार ऊर्जा उपलब्ध कराता है। इसके अलावा यह आपके शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित करता है। लेकिन परिष्कृत अनाज या कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थ महिलाओं के शरीर में प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। इसके अलावा इन खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह शरीर में रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से उतार-चढ़ाव का कारण भी बन सकते हैं। इसलिए महिलाओं को गर्भपात के बाद कम फाइबर वाले आहार का सेवन करने से बचना चाहिए। यह उनके लिए बहुत सी स्वास्यि समस्याओं का कारण बन सकता है।
(और पढ़े – फाइबर क्या है, स्रोत, फाइबर के फायदे और फाइबर के नुकसान…)
गर्भपात के बाद महिलाओं को ज्यादा मीठा खाने से बचना चाहिए। क्योंकि एक उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा इन खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने से महिलाओं में वजन बढ़ने की संभावन भी बढ़ जाती है। इसलिए महिलाओं को मीठे खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।
(और पढ़े – स्वस्थ आहार के प्रकार और फायदे…)
मिसकैरेज के बाद अक्सर महिलाओं को पेट की सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह महिलाओं में पेट दर्द और असुविधा का कारण बन सकता है। ऐसी स्थितियों से बचने के लिए महिलाओं को गर्भपात के बाद मांस और दूध आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। गर्भपात के बाद न खाए जाने वाले अन्य खाद्य पदार्थों में शामिल हैं :
(और पढ़े – पनीर खाने के फायदे पोषक तत्व और नुकसान…)
जब आप मिसकैरेज से लड़ रही हो तब आपको जंक फूड से दूर रहना चाहिये, जंक फूड सभी को आकर्षित करते हैं। लेकिन गर्भपात के बाद महिलाओं को जंक फूड का सेवन मुख्य आहार के रूप में नहीं करना चाहिए। क्योंकि जंक फूड आपको केवल अधिक मात्रा में कैलोरी उपलब्ध करा सकता है। लेकिन इसमें आवश्यक पोषक तत्वों और खनिज पदार्थ की कमी होती है। साथ ही इसका सेवन करने आप अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करने से वंचित रह सकते हैं। इसलिए जंक फूड के स्थान पर आप उन पौष्टिक आहारों का सेवन करें जो आपको सभी प्रकार के पोषक तत्व और खनिज पदार्थ उपलब्ध कराते हैं।
(और पढ़े – जानिए जंक फूड (फास्ट फूड) के नुकसान और हानिकारक प्रभावों को…)
सोयाबीन और अन्य सोया उत्पाद आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प है। लेकिन गर्भपात के बाद सोया उत्पादों का सेवन करना महिलाओं के स्वास्थ्य में प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। क्योंकि यह फाइटेट (phytate) से भरा होता है। यह घटक आपके शरीर को आयरन का अवशोषण करने से रोकता है। इसलिए गर्भ के नुकसान के बाद महिलाओं को कुछ समय तक सोया उत्पादों का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि जिस महिला का मिसकैरेज हुआ हो उसे आयरन की बहुत आवश्यकता होती है।
(और पढ़े – टोफू (सोया पनीर) के फायदे और नुकसान…)
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…