Indrayan in Hindi आयुर्वेद में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए इंद्रायन का उपयोग किया जाता है। यह एक बारहमासी वेल होती है। इंद्रायन में मौजूद पोषक तत्व विभिन्न प्रकार से हमारी मदद करते हैं। इससे प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभों में कब्ज का इलाज, घावों को ठीक करना, मुंहासों का उपचार, बवासीर, जोड़ों का दर्द आदि शामिल है। इस लेख में आप इंद्रायन के फायदे और नुकसान जानेंगे। जो भविष्य में आपकी स्वास्थ्य समस्याओं का प्रभावी उपचार हो सकता है। इंद्रायन के और भी कई आम नाम है जैसे – कड़वा सेब, कड़वा ककड़ी, लौकी रेगिस्तान, कड़वा तुम्बा या जंगली लौकी अंग्रेजी में कॉलोसिंथ या ‘बिटर ऐपल’ के नाम से भी जानते हैं। आइए जाने इंद्रायन के फायदे को विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
1. इन्द्रायण प्लांट – Indrayan Plant in Hindi
2. इन्द्रायन के स्वास्थ्य लाभ – Indrayan Health Benefits in Hindi
- इंद्रायन फल के फायदे कब्ज के लिए – Indrayan Fruit Benefits For Constipation in Hindi
- इंद्रायण के लाभ मधुमेह में – Indrayan Herb Benefits For Diabetes in Hindi
- इन्द्रायण का उपयोग करे बवासीर का इलाज – Indrayan Root Treat Piles in Hindi
- इन्द्रायण बेनिफिट्स फॉर एक्ने – Pimple Treatment For Indrayan Root in Hindi
- इन्द्रायण के औषधीय गुण सूजन कम करे – Indrayan Herb Benefits For Swelling in Hindi
- इन्द्रायण की जड़ का उपयोग आंत के कीड़ों को मारने में – Indrayan Root For Treat Intestinal Worm in Hindi
- बिटर एप्पल बेनिफिट्स फॉर हेयर – Bitter Apple Benefits For Hair in Hindi
3. इन्द्रायण के नुकसान – Indrayan Ke Nuksan in Hindi
इन्द्रायण प्लांट – Indrayan Plant in Hindi
कोलोसिंथ (Colocynth) या कड़वा सेब जिसे हम इन्द्रायण के नाम से भी जानते हैं। इसमें बहुत से औषधीय गुण भरे होते हैं। इस पौधे को साइट्रुलस कोलोसिंथिस (Citrullus colocynthis) भी कहा जाता है। यह तरबूज के परिवार से संबंधित होता है। इसका उपयोग जड़ी बूटीयों के रूप में किया जाता है। इस पौधे की जड़ें मोटी और फैली हुई होती हैं। इसके पत्ते मोटे होते हैं जो कि 5-10 सेमी लंबे होते हैं। इसकी पत्तियों में 3 से 7 सिरे होते हैं। इसकी पत्तियों का ऊपरी भाग का रंग गहरा हरा होता है लेकिन निचली सतह का रंग हलका पीला होता है। इसके फूल पीले होते हैं। इसके फल गोलाकार होते है जिनका व्यास 4-10 सेमी होता है। यह पकने पर छोटे नारंगी फल की तरह दिखाई देता है।
इन्द्रायन के स्वास्थ्य लाभ – Indrayan Health Benefits in Hindi
आप इन्द्रायन का औषधीय उपयोग कर विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस उद्देश्य के लिए इन्द्रयान की जड़ों, पत्तों और फलों का उपयोग किया जा सकता है। आइए विस्तार से जाने इन्द्रायन पौधे से प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
इंद्रायन फल के फायदे कब्ज के लिए – Indrayan Fruit Benefits For Constipation in Hindi
जिन लोगों को कब्ज की समस्या है उनके लिए यह इन्द्रायण बहुत ही फायदेमंद मानी जाती है। इस पौधे से प्राप्त फल का उपयोग कब्ज और पेट की अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है। इन्द्रायण के फल का 150 मिलीलीटर रस निकालें। इस रस में हींग, अजवाइन, इलायची, खड़ा नमक (rock salt) आदि सभी की ¼ चम्मच की मात्रा में मिलाएं। इस मिश्रण को अच्छी तरह से मिलाने के बाद आप इस मिश्रण के ¼ चम्मच भाग को 1 गिलास गर्म पानी में मिलाएं। इस पेय का नियमित सेवन करने से यह कब्ज छुटकारा दिला सकता है। यदि आप भी कब्ज रोगी हैं तो इन्द्रायण के लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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इंद्रायण के लाभ मधुमेह में – Indrayan Herb Benefits For Diabetes in Hindi
जो लोग मधुमेह से ग्रसित हैं उनके लिए इंद्रायण किसी औषधी से कम नहीं है। अध्ययनों से पता चलता है कि इंद्रायण का उपभोग करने पर यह मधुमेह के प्रभाव को कम कर सकता है। इस औषधी में एंटी-डाइबेटिक गुण होते हैं। इस कारण से यह मधुमेह प्रकार 2 के रोगीयों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसका एक लाभ यह भी है कि यह मधुमेह रोगी के लिए इसके कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होते हैं। इस तरह से मधुमेह रोगी इंद्रायण जड़ी बूटी का सेवन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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इन्द्रायण का उपयोग करे बवासीर का इलाज – Indrayan Root Treat Piles in Hindi
औषधीय गुणों से भरपूर इंद्रायण के फायदे बवासीर से छुटकारा दिलाने मे मदद कर सकते हैं। इसके लिए पिप्पली और इन्द्रायण की जड़ों को पीसकर गोलियां तैयार कर लें। इन गोलियों को सूरज की रोशनी में सुखा लें। इन गोलियों को नियमित रूप से प्रतिदिन पानी के साथ सेवन करें। यह बवासीर के प्रभावी और प्राकृतिक इलाजों में से एक है।
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इन्द्रायण बेनिफिट्स फॉर एक्ने – Pimple Treatment For Indrayan Root in Hindi
स्वास्थ्य लाभ दिलाने के साथ ही इन्द्रायण का उपयोग त्वचा समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। मुंहासे सभी के लिए एक सामान्य त्वचा समस्या है जो आपकी सुंदरता को कम कर सकती है। मुंहासों का उपचार करने के लिए आप इंद्रायण की जड़ों का उपयोग कर सकते हैं। सावधानी से इंद्रायण पौधे की जड़ को निकालें और इसे अच्छी तरह से साफ कर लें। इन जड़ों को पीसकर इसका रस निकाल लें। इस रस को मुंहासों के ऊपर लगाएं। यह मुंहासों में मौजूद बैक्टीरिया को मारने और मुंहासों को ठीक करने में मदद कर सकता है। आप भी इन्द्रायण की जड़ों के फायदे मुंहासे के लिए प्राप्त कर सकते हैं।
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इन्द्रायण के औषधीय गुण सूजन कम करे – Indrayan Herb Benefits For Swelling in Hindi
कड़वा सेब ऑस्टियोआर्थराइटिस से जुड़े दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस गठिया का एक आम रूप है जो दर्द, कठोरता, सूजन आदि लक्षणों को बढ़ाता है। अध्ययन बताते हैं इंद्रायण की जड़ से निकाले गए रस में इथेनॉल (ethanol) होता है। इस रस का सेवन करने से सूजन कोशिकाओं में प्रो-इंफ्लामेटरी साइटोकिन्स (pro-inflammatory cytokines) के स्तर कम हो जाते हैं। इस तरह से इन्द्रायण की जड़ों से निकले रस का सेवन कर आप ऑस्टियोआर्थराइटिस और गठिया जैसी समस्याओं को दूर कर सकते हैं।
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इन्द्रायण की जड़ का उपयोग आंत के कीड़ों को मारने में – Indrayan Root For Treat Intestinal Worm in Hindi
पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए इन्द्रायण जड़ी बूटी का उपयोग किया जाता है। लेकिन इसका एक और फायदे आंतों में मौजूद कीड़ों को दूर करना भी है। आंत में कीडों का होना आपके पेट में ऐंठन, दर्द जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। ऐसी स्थिति में आप इंद्रायण की जड़ों को धोएं और सुखा लें। इन सूखी हुई जड़ों को पीसकर पाउडर तैयार कर लें। आप सुबह के समय 1 गिलास गर्म पानी में 1 चुटकी पाउडर को मिलाएं और सेवन करें। यह आपके पेट की आंतों में मौजूद कीड़ों को नष्ट कर आपको आराम दिलाने में मदद करता है।
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बिटर एप्पल बेनिफिट्स फॉर हेयर – Bitter Apple Benefits For Hair in Hindi
त्वचा समस्याओं के लिए इंद्रायण के लाभ जाने जाते हैं। ठीक इसी तरह से यह आपके बालों के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होते हैं। यह बाल विकास के लिए एक टॉनिक के रूप में प्राचीन समय से इस्तेमाल किया जा रहा है। नियमित रूप से इन्द्रायण तेल का उपयोग करने पर यह बालों के विकास को बढ़ावा देने के साथ ही बालों के झड़ने को कम कर सकता है। इस तरह से यदि आपको बालों की समस्या है तो आप इंद्रायण के तेल का उपयोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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इन्द्रायण के नुकसान – Indrayan Ke Nuksan in Hindi
जड़ी बूटीयों के रूप में इन्द्रायण का उपयोग किया जाता है। लेकिन यदि इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है तो इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
- अधिक मात्रा मे इसका सेवन आंतों के नुकसान और रक्तस्राव से जुड़े घावों का कारण बन सकता है।
- इंद्रायण का सेवन करने से कुछ लोगों को गंभीर दस्त की समस्या हो सकती है।
- गर्भावस्था और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इंद्रायण जड़ी बूटी का उपभोग डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
- यदि आप किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या के लिए दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो इंद्रायण का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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