Intermittent fasting in Hindi: इंटरमिटेंट फास्टिंग इंटरमीटेंट उपवास या इंटरमिटेंट डाइट प्लान एक ऐसा असरदार तरीका है जिससे आप आसानी से अपने वजन को कम कर सकतें हैं। महिला हो या पुरूष हर कोई स्लिम और फिट दिखना चाहता है। अगर आप भी तेजी से वजन कम करना चाहते हैं, तो इसके लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग अच्छा तरीका है। पिछले कुछ सालों में वेट लॉस का यह तरीका काफी लोकप्रिय हुआ है। यह एक तरह का डाइट प्लान है, जिसमें लोगों को 12 घंटे में ही भोजन करना होता है और 12 घंटे तक भूखा रहना होता है। हालांकि, कुछ लोग 14 घंटे तक भूखा रहते हैं। यानि की दिनभर भूखा रहने के बजाए, आपको सिर्फ 12 घंटे भूखे रहना है, ऐसा करके आप जल्द से जल्द वजन कम कर सकते हैं।
अगर आप तेजी से अपना वजन घटाना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए आप भूखे नहीं रह सकते, तो ऐसे में इंटरमिटेंट फास्टिंग (अंतराल उपवास) आपके लिए बहुत अच्छा विकल्प है। इस उपवास में आपको सिर्फ 12 घंटे भूखा रहना होता है और बाकी के 12 घंटों के बीच आप कुछ भी अपनी पसंद का खाना खा सकते हैं। इसे करने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। इससे वजन तो कम होता ही है, साथ ही मेटाबॉलिज्म में सकारात्मक बदलाव भी देखने को मिलते हैं। अगर आप भी, बिना भूखे रहे तेजी से अपना बैली फैट बर्न करना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल में हम आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग से जुड़ी पूरी जानकारी दे रहे हैं। सबसे पहले जानिए आखिर क्या होती है इंटरमिटेंट फास्टिंग।
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इंटरमिटेंट फास्टिंग वेटलॉस का सबसे नया तरीका है। आजकल ये लोगों के बीच काफी पॉपुलर भी है। इंटरमिटेंट फास्टिंग व्रत या उपवास की तरह ही होता है, लेकिन इसमें आपको पूरे दिन नहीं, बल्कि कुछ घंटों का व्रत रखने की जरूरत होती है। इसकी मदद से आप कम समय में ही ज्यादा से ज्यादा वेट लॉस कर सकते हैं। यानि की बिना भूखे रहे, आप तेजी से खुद को स्लिम ट्रिम कर सकते हैं। इस फास्टिंग की सबसे अच्छी बात यह है, कि इसमें आपको दिनभर के लिए नहीं, बल्कि थोड़े समय के लिए ही उपवास करना होता है। इससे शरीर संतुलित रहता है और फैट भी कम हो जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं, कि इसमें आप शाम को कुछ खा सकते हैं, जिसके बाद रात का खाना और अगले दिन सुबह का ब्रेकफास्ट भी स्किप करना होता है। ऐसे करते हुए आप खुद को 14-16 घंटे भूखा रखते हैं। ऐसा करने से आपका वजन तेजी से कम होने लगता है।
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इंटरमिटेंट फास्टिंग कोई डाइट नहीं है, बल्कि उपवास करने का एक अच्छा तरीका है। आजकल वजन कम करने के लिए ज्यादातर लोगों ने इसे अपनाना शुरू कर दिया है। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि, इस फास्टिंग करते समय आपको दिनभर भूखा रहने की जरूरत नहीं है और न ही अपनी पसंद का कोई खाना छोड़ने की जरूरत है। बस, इसमें आपको 8 से 12 घंटे तक उपवास रखना होता है, इसके बाद आप अपनी पसंद का कोई भी आहार खाते हुए जल्द से जल्द वजन कम कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प है, जो ज्यादा देर तक भूखे नहीं रह सकते और वजन भी घटाना चाहते हैं।
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वेटलॉस के लिए अंतराल उपवास के कार्य को समझना बेहद जरूरी है। यह फास्टिंग कैसे काम करती है, इसके लिए पहले आपको खाने और उपवास की स्थिति को जानना होगा। जब आप खाना खाते हैं, तो आपके शरीर को इसे पचाने में 3 से 5 घंटे का समय लगता है। इस दौरान शरीर का इंसुलिन लेवल बहुत हाई होता है, इसलिए तेजी से फैट बर्न नहीं हो पाता और इसी वजह से वेटलॉस भी नहीं होता। जबकि आपकी आखिरी डाइट के 8 से 12 घंटे बाद शरीर उपवास की स्थिति में चला जाता है, जिससे इंसुलिन लेवल घट जाता है और वजन भी तेजी से कम होने लगता है। ऐसे में, जो लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं, उन्हें इस बात की चिंता नहीं करनी पड़ती, कि वे कितना खाते हैं और क्या खाते हैं, क्योंकि इंटरमिटेंट उपवास की स्थिति उनके शरीर के कंपोजीशन को बैलेंस कर देती है।
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अगर आप पहली बार इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करने जा रहे हैं, तो इसके लिए इसे करने का तरीका पता होना चाहिए। हम आपको नीचे बता रहे हैं, इंटरमिटेंट उपवास करने का सही तरीका।
सबसे पहले व्यक्तिगत लक्ष्यों को पहचानें- आमतौर पर, जो व्यक्ति इंटरमिटेंट उपवास शुरू करता है, उसके मन में एक लक्ष्य होना चाहिए। यह वजन कम करने, समग्र स्वास्थ्य में सुधार या चयापचय स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए हो सकता है। एक व्यक्ति का आखिरी लक्ष्य ही उसे सबसे अच्छी उपवास विधि को निर्धारित करने में मदद करेगा, साथ ही यह पता लगाने में भी मदद करेगा कि उन्हें कितनी कैलोरी और पोषक तत्वों का उपभोग करना है।
मैथड चुनें- इसके बाद आपको चार से पांच विधियों में से कौन सी फास्टिंग करनी है, ये तय करना होता है। वही फास्टिंग करें, जिसे करने में आप पूरी तरह से सहज हों। लगभग एक महीने तक इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से ही वजन कम किया जा सकता है। इसलिए, अगर किसी व्यक्ति को कोई बीमारी है, तो इसे शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
देखें कितनी कैलोरी की जरूरत है- इंटरमिटेंट उपवास करने के लिए किसी भी आहार पर प्रतिबंध नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है, कि आपके लिए कैलोरी महत्वपूर्ण नहीं। जो लोग अपना वजन कम करने के लिए यह फास्टिंग शुरू कर रहे हैं, उन्हें जरूर देखना चाहिए कि उन्हें कितनी कैलोरी की जरूरत है। किसी व्यक्ति को अपनी कैलोरी की जरूरतों को पूरा करने में मदद करने के लिए कई उपकरण मौजूद हैं। ये तय करते हैं, कि उन्हें अपना वजन कम करने के लिए हर दिन कितनी कैलोरी की आवश्यकता है। इसके लिए व्यक्ति चाहे, तो अपने आहार विशेषज्ञ से भी बात कर सकता है, कि इस फास्टिंग के दौरान उन्हें कितनी कैलोरी की जरूरत है।
मील प्लान बनाएं- इसके बाद वजन कम करने वाले लोगों को यह योजना बनाने में बहुत मदद मिलती है, कि वे दिन या सप्ताह में क्या खाएं। इस फास्टिंग को करने के लिए आहार में उचित कैलोरी और भरपूर पोषक तत्व मौजूद हों, इन बातों का ध्यान रखना है। यह मील प्लान आपके शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है।
कैलोरी काउंट करें- इंटरमिटेंट फास्टिंग इस बात पर रोक नहीं लगाती है, कि उपवास करते समय किस व्यक्ति को कितनी कैलोरी इंटेक करनी चाहिए, लेकिन आहार की न्यूट्रिश्नल वैल्यू पर विचार करना बहुत जरूरी है। इस फास्टिंग में व्यक्ति को ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए स्वस्थ आहार का विकल्प चुनना चाहिए।
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इंटरमिटेंट फास्टिंग वह होती है, जब आप एक विशेष अवधि के दौरान भोजन करते हैं और बाकी समय उपवास करते हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई अलग-अलग प्रकार हैं। कुछ लोग एक समय में एक या दो दिन उपवास करते हैं, जबकि कुछ एक दिन में 18 घंटे उपवास करते हैं। नीचे आप इंटरमिटेंट फास्टिंग के अलग-अलग लोकप्रिय प्रकारों के बारे में जान सकते हैं।
इस फास्टिंग में आपको हर दूसरे दिन उपवास रखना होता है। इस दौरान आप कुछ नहीं खा सकते या फिर लो कैलोरी डाइट ले सकते हैं। आप चाहें तो, इसमें एक दिन कैलोरी लेकर दूसरे दिन व्रत रख सकते हैं। वेट लॉस के साथ यह आपको स्वस्थ रखने का भी अच्छा तरीका है। ऐसी फास्टिंग टाइप 2 डायबिटीज और हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करने में सहायक है।
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इस फास्टिंग में आपको दिनभर में कम से कम 16 घंटों का उपवास रखना पड़ता है। हाल के कुछ सालों में 16:8 इंटरमिटेंट फास्टिंग काफी फेमस हुई है, खासकर उन लोगों के बीच जो जल्द से जल्द अपना वजन कम करने के साथ फैट बर्न करना चाहते हैं। वजन घटाने के अलावा 16:8 इंटरमिटेंट फास्टिंग रक्त शर्करा को कंट्रोल करने के साथ मास्तिष्क के कार्य को बढ़ावा देने और आपकी उम्र बढ़ाने के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है।
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इस फास्टिंग के दौरान आप पूरे एक दिन में थोड़ी सी भी कैलोरी नहीं लेंगे। हर सप्ताह में एक से दो बार आपको ऐसा करना होगा। इस विधि को फिटनेस एक्सपर्ट ब्रैड पिलोन द्वारा लोकप्रिय बनाया गया है। एक दिन रात के खाने से उपवास करके आप अगले दिन रात में खाना खा सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप सोमवार को शाम 7 बजे खाना खाते हैं, तो आप अगले दिन शाम 7 बजे ही खाना खाएंगे। उपवास के दौरान चाय, कॉफी, पानी पीने की अनुमति होती है, लेकिन कोई ठोस आहार नहीं लेना होता। हालांकि 24 घंटे का उपवास कई लोगों के लिए बहुत मुश्किल होता है। लेकिन इसे करने से आप वेटलॉस तो करेंगे ही साथ ही इम्यून सिस्टम और ब्रेन भी हेल्दी बना रहेगा।
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इस फास्टिंग में आपको समय-समय पर मील स्किप करनी पड़ती हैं। खासतौर से तब जब आपको कम भूख लगे या खाना पकाने में आलस आए। यदि आप वास्तव में एक दिन भूखा नहीं रह सकते, तो आप सुबह ब्रेकफास्ट स्किप कर सकते हैं। इसके बाद दोपहर और रात का खाना खाएं। यह शरीर के वजन को नियंत्रित रखने का सबसे अच्छा तरीका है।
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इसमें लोगों कों 12 से 21 घंटों के लिए उपवास रखना होता है और केवल इसी समय के बीच भोजन करना होता है। इस दौरान कम कैलोरी लेने की वजह से आपको बहुत से स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। टाइम रेस्ट्रिक्टिव फास्टिंग करके आप वजन कम करने के साथ हार्ट को भी हेल्दी रख सकते हैं।
नोट- आपको बता दें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के ये सभी प्रकार प्रभावी हैं, लेकिन ये आप पर निर्भर करता है, कि आप किस फास्टिंग में कंफर्टेबल महसूस करते हैं।
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जब आप इंटरमिटेंट फास्टिंग प्लान शुरू करते हैं, तो आपको अपने शरीर में कई फायदे देखने को मिलते हैं। नीचे हम आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग से होने वाले अनेकों लाभ के बारे में बता रहे हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग आपका वजन तेजी से कम करने में बहुत फायदेमंद है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसमें दो मील के बीच में काफी घंटों का गैप रहता है। उदाहरण के तौर पर अगर आपने रात में सात बजे खाना खाया है, तो आप सुबह 9 से 10 बजे तक ही ब्रेकफास्ट करेंगे। ऐेसे में आपकी दो मील के बीच 12-14 घंटे की फास्टिंग हो जाती है, जिससे आपका वजन तेजी से कम होने लगता है।
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इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान आपकी स्किन को काफी फायदा पहुंचता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कई घंटों की फास्टिंग के बाद जाहिर है आपका पाचन ठीक हो जाता है, जिसके चलते शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं, जिससे स्किन हेल्दी हो जाती है। वहीं इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान अगर आप लिक्विड डाइट ज्यादा लेते हैं, तो आपकी स्किन पर ग्लो नजर आना तो स्वभाविक है।
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हमेशा स्वस्थ रहने के लिए आपके दिल का हेल्दी होना बेहद जरूरी है। इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद से आप अपने दिल को लंबे समय तक हेल्दी रख सकते हैं। दरअसल, इस फास्टिंग को करने से ब्लड शुगर लेवल, कोलेस्ट्रॉल, फैट कंट्रोल में रहते हैं, जो दिल की सेहत बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं। जब ये चीजें कंट्रोल होंगी, तो दिल की सेहत तो अच्छी रहेगी ही।
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खराब पाचन क्रिया आपका वजन बढ़ाने के लिए काफी है। लेकिन अंतराल उपवास से आपको खाना पचाने का पूरा समय मिलता है। दो मीलों के बीच मिलने वाले गैप में आपका खाना आसानी से पच जाता है, जिससे शरीर में फैट बढ़ने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
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उम्र बढ़ने के साथ ही मास्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम होता, न्यूरोन्स सिकुड़ते हैं और याददाश्त में कमी आने लगती है। अंतराल उपवास उम्र बढऩे की प्रक्रिया पर ब्रेक लगा सकता है, जिससे आपको मानसिक रूप से तेज और स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी। यह ब्रेन हेल्थ को बूस्ट करने के साथ एल्जाइमर और पार्किंसन जैसी बीमारियों के जोखिम को भी कम करता है। 2013 में हुई एक स्टडी के अनुसार पाया गया, कि इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले लोगों में मूड डिसऑर्डर, मेंटल अलर्टनेस और डिप्रेशन जैसी समस्याओं में कमी आई है।
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कैंसर से पीडि़त मरीजों को इंटरमिटेंट फास्टिंग करने की सलाह दी जाती है। यह लिंफोसाइट्स के स्तर को बढ़ाकर स्तन कैंसर और त्वचा कैंसर की प्रगति को धीमा कर, आपकी उम्र को बढ़ाता है।
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कई रिसर्च से पता चला है, कि इंटरमिटेंट फास्टिंग एंटी एजिंग के लिए बहुत अच्छी है। यह उपवास सेलुलर तनाव की प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करता है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक तनाव और कई बीमारियों से निपटने की क्षमता प्राप्त होती है। लो कैलोरी डाइट से माइटोकॉन्ड्रियल स्ट्रेस बढ़ता है, जो एंटी एजिंग के लिए बहत लाभदायक है। जितना बेहतर आपका माइटोकॉन्ड्रिया काम करेगा, उतना ही बेहतर आपका शरीर काम करेगा और आप युवा बने रहेंगे।
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जिस तरह इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे होते हैं, वहीं एक तरफ इसे करने के काफी नुकसान भी हैं, जिससे आपको अवगत होना बेहद जरूरी है। नीचे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग से होने वाले नुकसानों के बारे में।
गर्भावस्था में वजन घटाने के लिए की जाने वाले इंटरमिटेंट फास्टिंग आपको नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए इसे शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर्स से सलाह जरूर लें।
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अगर आप पहली बार इस उपवास को करने जा रहे हैं, तो शारीरिक और मानसिक रूप से आप सुस्ती का अनुभव कर सकते हैं। इसलिए अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो इसके लिए पहले से तैयार रहें। खासतौर से अगर आप किसी बीमारी से पीडि़त हैं, तो इसे शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
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जो महिलाएं गर्भवती हैं या प्रसव के बाद शिशु को स्तनपान कराती हैं, उनके लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई साइड इफेक्ट होते हैं।
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कई बार ज्यादा देर भूखे रहने पर मूड काफी खराब हो जाता है। यही हाल इंटरमिटेंट फास्टिंग में भी होता है। इस उपवास के दौरान आपको कुछ घंटों तक कुछ भी नहीं खाना होता। ऐसे में जब आपको भूख लगती है और आप नहीं खा सकते, तो आपका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है साथ ही आपके मूड पर भी बुरा असर पड़ता है।
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कई बार भूखे पेट नींद नहीं आती। ऐसे में जब आप इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं, तो शाम को खाने के बाद रात में भूख लग आती है, लेकिन इस दौरान आप कुछ खा नहीं पाते। ऐसे में आपका पेट खाली रहता है, जिससे सोने में दिक्कत आती है।
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इंटरमिटेंट उपवास से डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। यानि शरीर में पानी की कमी। दरअसल, उपवास में जब हम कम खाना खाते हैं या कुछ नहीं खाते तो प्यास भी कम लगती है। ऐसे में बॉडी में पानी की कमी होने का खतरा बढ़ जाता है, जो सबके लिए नुकसानदायक है।
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अगर आपको बहुत ज्यादा खाना खाने की आदत है, तो इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। क्योंकि इस उपवास में कम से कम 14 घंटे भूखा रहना पड़ता है, अगर आपको भूखा रहने की आदत नहीं है, तो आप कमजोरी महसूस कर सकते हैं। बता दें, कि सुबह से शाम तक शरीर को एनर्जी देने के लिए जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, ऐसे में वीकनेस होना तो तय है।
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इंटरमिटेंट फास्टिंग करना इतना भी आसान नहीं है। क्योंकि यह ओवरइटिंग की समस्या को बढ़ा सकती है। दरअसल, जब आप लगातार 14 घंटों तक भूखे रहेंगे, तो इसके बाद आपको ज्यादा भूख लगेगी, जिससे आप कभी-कभी भूख से ज्यादा भी खा लेंगे। तेज भूख लगने से ओवर ईटिंग की समस्या बढ़ सकती है।
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इंटरमिटेंट उपवास का व्यक्ति के शरीर पर कई तरह से प्रभाव पड़ता है। इनके बारे में आप नीचे जान सकते हैं।
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इंटरमिटेंट फास्टिंग का ट्रेंड थोड़ा नया है, इसलिए बहुत कम लोगों को इस बारे में जानकारी है। अगर आप भी पहली बार इंटरमिटेंट उपवास शुरू करने जा रहे हैं, तो नीचे हमारे द्वारा दिए गए डाइट टिप्स जरूर पढ़ लें। उपवास के दौरान ये टिप्स आपका वजन कम करने में बहुत मदद करेंगे।
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वजन कम करने के अन्य तरीकों के मुकाबले इंटरमिटेंट फास्टिंग ज्यादा असरदार होती है, जिसको फॉलो कर कम समय में ज्यादा वजन कम किया जा सकता है। इसके लिए जरुरी है कि आप लगातार एक सप्ताह तक इंटरमिटेंट फास्टिंग पूरी करें इससे आपके शरीर से 1 से 2 किलो तक वजन घट सकता है।
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