आज के समय में इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) रखने का चलन बहुत ही लोकप्रिय रहा है। रूक-रूक कर उपवास करने के फायदे वजन घटाने, चयापचय को बेहतर बनाने और जीवनकाल को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन क्या आपको इन फायदों को पाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के सही तरीके पता हैं। यदि नहीं तो आज के इस लेख में हम रुक-रुक कर उपवास (इंटरमिटेंट फास्टिंग) करने का आसान तरीके बताने जा रहें हैं।
रूक-रूक कर व्रत रखने का तरीका जानकर आप कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ब्रेक लेकर उपवास रखने का मुख्य उद्देश्य अपने मन को और शरीर को शांत रखना है। इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के अलग-अलग तरीके होते हैं। कुछ समय अंतराल के बाद खाना या रुक-रुक कर उपवास रखना तभी प्रभावी होता है जब आप उसे सही ढ़ंग से करते हैं। आइए जाने इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के आसान तरीके क्या हैं।
रुक-रुक कर उपवास करने का यह सबसे अच्छा तरीका है। फास्टिंग करने की इस विधि में 14 से 16 घंटे तक अपने खान-पान में नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। इस दौरान आप अपने दैनिक दिनचर्या में भोजन करने के लिए 8 से 10 घंटों का उपयोग कर सकते हैं। इसका सीधा मतलब यह है इंटरमिटेंट फास्टिंग में आपको केवल 8-10 घंटों के दौरान ही खाना, खाना चाहिए। बाकी बचे 14-16 घंटों के बीच आपको किसी भी प्रकार का भोजन नहीं करना चाहिए। आप इन 8 घंटों के दौरान थोड़ा-थोड़ा करके 2 से 3 बार भोजन कर सकते हैं। उपवास रखने की इस विधि को लीनगेंस प्रोटोकॉल (Leangains protocol) के रूप में भी जाना जाता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग की यह विधि उतनी ही सरल है जितना कि हम रात के खाने के बाद कुछ भी नहीं खाते या पीते हैं। रुक-रुक कर उपवास करने का सबसे अच्छा उदाहरण है कि यदि आप रात 8 बजे भोजन करते हैं तो अगले दिन दोपहर के 12 बजे तक आपको कुछ भी नहीं खाना चाहिए। इस तरह से आप प्रतिदन 16 घंटे भोजन न करके इंटरमिटेंट फास्टिंग को प्रभावी तरीके से पूर्ण कर सकते हैं।
टिप – 16/8 विधि में पुरुषों के लिए 16 घंटे का दैनिक उपवास और महिलाओं के लिए 14-15 घंटे की इंटरमिटेंट फास्टिंग शामिल हैं। प्रत्येक दिन आप अपने खाने को 8-10 घंटे के बीच “खाने का समय” तक सीमित कर देंगे, जहाँ आप 2, 3 या अधिक बार भोजन कर सकते हैं।
(और पढ़ें – वजन घटाने की 16:8 इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है)
इंटरमिटेंट फास्टिंग करने का एक और आसान तरीका है सप्ताह के 2 दिन उपवास करना। इसका मतलब यह है कि आप सप्ताह के 7 दिनों में 5 दिन अपना नियमित आहार लें, लेकिन 2 ऐसे दिन चुनें जिनमें आपको बहुत ही कम (लगभग 500-600 कैलोरी) खाना है।
व्रत रहने की इस विधि को फास्ट डाइट भी कहा जाता है। महिलाओं को विशेष रूप से उपवास के दिनों में 500 कैलोरी और पुरुषों को 600 कैलोरी का सेवन करना चाहिए। उदाहरण के लिए सोमवार और गुरुवार को छोड़कर आप सभी दिनों में सामान्य रूप से दिन में दो बार भोजन कर सकते हैं। हालांकि इंटरमिटेंट फास्टिंग की इस विधि पर कोई अध्ययन नहीं किया गया है। लेकिन फिर भी जानकारों का मानना है कि रुक-रुक कर उपवास करने की यह विधि बहुत ही प्रभावी है।
टिप – 5: 2 आहार या फास्ट डाइट में सप्ताह में दो दिन 500-600 कैलोरी खाने और अन्य 5 दिनों में सामान्य रूप से खाना शामिल होता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग की इस विधि को इंट-स्टॉप-ईट कहा जाता है। उपवास करने की इस विधि में प्रति सप्ताह एक या दो बार 24 घंटे का उपवास शामिल होता है। इसके लिए आप 1 दिन और रात के भोजन को उपवास में शामिल कर सकते हैं। इसके बाद अगले 24 घंटे के बाद आप फिर से सामान्य भोजन कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए यदि आप सोमवार को शाम 7 बजे भोजन करते हैं तो आपको अगले दिन यानि मंगलवार को 7 बजे तक कुछ भी नहीं खाना है। इस तरह से आप अपने 24 घंटे के उपवास को कर सकते हैं। ऐसा आप नाश्ते से लेकर नाश्ते तक, दोपहर के भोजन से लेकर दोपहर के भोजन तक भी कर सकते हैं। उपवास के दौरान चाय, कॉफी और अन्य कम या बिना कैलोरी वाले पेय पदार्थ लिया जा सकता है। लेकिन इस दौरान कोई ठोस खाद्य पदार्थ नहीं लेना चाहिए।
यदि आप वजन कम करने के लिए रुक-रुक कर उपवास कर रहे हैं तो आपको इस बात का ध्यान देना चाहिए कि भोजन करने की अवधि के दौरान सामान्य रूप से भोजन करें जरुरत से ज्यादा नहीं। आप उतनी मात्रा में ही भोजन करें जितनी आपको आवश्यकता है।
टिप – ईट-स्टॉप-ईट एक रुक-रुक कर उपवास कार्यक्रम है जिसमें प्रति सप्ताह एक या दो दिन में 24 घंटे के उपवास रखे जाते हैं।
इसका मतलब यह है कि आपको हर दूसरे दिन उपवास करना चाहिए। इंटरमिटेंट फास्टिंग का यह सबसे अच्छा और प्रभावी तरीका है। रुक-रुक कर उपवास करने की इस विधि को भी लोग कई प्रकार से उपयोग करते हैं। कुछ लोग उपवास के दिनों में लगभग 500 कैलोरी के आसपास सेवन करते हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के स्वास्थ्य लाभ जांचने के लिए कई अध्ययनों में इस विधि का प्रयोग किया गया है। हर दूसरे दिन उपवास रखना थोड़ी मुश्किल हो सकता है। इसलिए शुरुआती लोगों के लिए यह विधि अच्छी नहीं है। रुक-रुक कर उपवास करने की इस विधि में आप प्रति सप्ताह कुछ दिन भूखे सोते हैं जो आपके लिए शायद सुखद अनुभव न हो। लेकिन स्वास्थ्य लाभ के लिए इस इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे होते हैं।
टिप – वैकल्पिक दिन उपवास का मतलब है कि हर दूसरे दिन उपवास करना, या तो कुछ भी नहीं खाना या केवल कुछ सौ कैलोरी खाने से प्राप्त करना।
(और पढ़े – एक महीने में वजन घटाने का इंडियन डाइट प्लान…)
रुक-रुक कर उपवास करने की इस विधि में आपको दिन में उपवास करना चाहिए। इस दौरान आप रात के समय में भरपेट भोजन कर सकते हैं। आज द वारियर डाइट लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हो रही है। इसमें दिन के दौरान कम मात्रा में कच्चे फल और सब्जियों का सेवन किया जा सकता है। फिर रात में आप अपनी भूख के अनुसार भरपेट भोजन (huge meal) ले सकते हैं।
रुक-रुक कर उपवास करने की इस विधि में आप पूरे दिन भूखे रहते हैं और रात में केवल 4 घंटे होते हैं जिनमें आप अपनी भूख को शांत कर सकते हैं। हालांकि इस दौरान भी आपको पौष्टिक, संतुलित और असंसाधित खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए।
टिप – वॉरियर डाइट दिन के दौरान केवल कम मात्रा में सब्जियां और फल खाने और रात में भरपेट भोजन खाने के बारे में है।
(और पढ़े – वजन घटाने के लिए रोज कितनी कैलोरी की जरूरत होती है…)
वास्तव में आपको विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए हमेशा इंटरमिटेंट फास्टिंग करना जरूरी नहीं है। इसका एक और आसान विकल्प है समय समय पर अपने भोजन को छोड़ना।
इसका मतलब यह है कि जब आपको अधिक भूख न लगी हो और आपको भोजन करने की अवश्यकता महसूस न हो तब ऐसी स्थिति में भोजन करने के अवसर को छोड़ा जा सकता है।
लोगों के बीच यह मिथक व्याप्त है कि व्यक्ति को हर घंटे कुछ न कुछ खाने की आवश्यकता होती है। जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि मानव शरीर लंबे समय तक भूख को सहने की क्षमता होती है। इसलिए समय समय पर आप एक या दो बार भोजन को छोड़ सकते हैं।
टिप – रुक-रुक कर उपवास करने का एक और “प्राकृतिक” तरीका है कि जब आपको भूख नहीं लगती है या खाने का समय नहीं होता है तब उस समय भोजन करना छोड़ दें।
(और पढ़े – एक महीने में 10 किलो वजन कम करने का सबसे आसान तरीका…)
सामान्य रूप से रुक-रुक कर उपवास करने की ये विधियां बहुत से लोगों के लिए बहुत ही प्रभावी होती हैं। लेकिन फिर भी कुछ विशेष सावधानियों और टिप्स की आवश्यकता होती है। जो इस प्रकार हैं।
नोट – इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान और उसके बाद भरपूर मात्रा में पानी पीते रहें।
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