International Women’s Day in Hindi: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस दुनियाभर के कई देशों में एक साथ मनाया जाता है। महिला दिवस के दिन सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सहित विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के साहसिक कार्यों और उनकी उपलब्धियों को याद किया जाता है। इस विशेष दिन महिलाओं के विभिन्न मुद्दों को लेकर जगह-जगह सम्मेलन आयोजित होते है, रैलियां निकाली जाती हैं और सेमिनार आयोजित करके महिलाओं के अधिकारों से जुड़े विषयों पर बात की जाती है और लोगों को उनका हक दिलाने के लिए जागरूक किया जाता है। महिला दिवस के दिन महिलाओं को लैंगिक समानता और समाज में पुरुषों के बराबर हक दिलाने का भी मुद्दा बड़े स्तर पर कई बड़ी संस्थाएं उठाती हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस दुनियाभर में 8 मार्च को मनाया जाता है। आइये जानते है महिला दिवस की थीम, इतिहास, प्रतीक, मनाने का कारण और दिन की जानकारी।
महिला दिवस 19वीं सदी के शुरूआत से ही मनाया जाता है और अब इसे 8 मार्च को मनाने की मान्यता प्राप्त हो चुकी है। यह किसी भी समूह से संबद्ध नहीं है, लेकिन सरकारों, महिला संगठनों, एवं कई ऑर्गनाइजेशन एक साथ मिलकर महिला दिवस का आयोजन करते हैं।
हाल के वर्षों में महिलाओं के अधिकारों (women’s rights) की रक्षा और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के मामले में लोगों का नजरिया बदला है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया का कोई भी देश यह दावा नहीं कर सकता है कि उसके देश में महिलाओं को पुरुषों के ही समान सभी अधिकार मिले हुए हैं। दुनिया की करीब 1.3 अरब महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक गरीब हैं। समान कार्य के लिए महिलाओं को पुरुषों की तुलना में औसतन तीस से चालीस प्रतिशत कम वेतन दिया जाता है। महिलाएं हिंसा की शिकार होती हैं, बलात्कार और घरेलू हिंसा के साथ विकलांगता जैसी कई गंभीर स्थितियों से उन्हें गुजरना पड़ता है। इसकी वजह से दुनिया भर में ज्यादातर महिलाओं की मौत भी हो जाती है। इसलिए महिलाओं को हिंसा (domestic voilence) से बचाने और समाज में उनका हक दिलाने के लिए भी इस दिन का आयोजन होता है।
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यह कहना मुश्किल है कि महिला दिवस मनाने की शुरूआत कब से हुई है। लेकिन इसकी जड़ें 1908 के महिलाओं के एक आंदोलन से जुड़ी हुई हैं। 1908 में पंद्रह हजार महिलाओं ने एक साथ मिलकर मतदान करने का अधिकार, काम के बदले बेहतर वेतन और काम के घंटों को कम करने जैसे अधिकारों को लेकर मार्च निकाला। एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका के एक घोषणा के अनुसार 28 फरवरी को अमेरिका में पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।
1910 में जर्मनी में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की महिला कार्यालय की एक नेता क्लारा जेटकिन ने महिला दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का विचार पेश किया। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक देश को हर साल एक दिन महिलाओं के मांगों को आगे बढ़ाने के लिए निर्धारित किया जाना चाहिए। 17 देशों की 100 से अधिक महिलाओं के एक सम्मेलन ने उनके सुझाव पर सहमति व्यक्त की और आईडब्ल्यूडी अर्थात् अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का गठन किया गया।
1911 में महिला दिवस पहली बार ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में 1 9 मार्च को मनाया गया। 1913 में आईडब्ल्यूडी अर्थात् अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को 8 मार्च को मनाने का निर्णय लिया गया तब से यह 8 मार्च को मनाया जाता है। महिला दिवस को 1975 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्रदान की गई और प्रत्येक वर्ष महिला दिवस के लिए के लिए एक विषय (theme) जारी करने का निर्णय लिया गया। तब से महिला दिवस पूरे विश्व में 8 मार्च के दिन मनाया जाता है।
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मार्च के दिन मनाया जाता है। वर्ष 2011 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मार्च महीने को ‘महिला के इतिहास का महीना’ के रूप में घोषित किया था।
वर्ष 1975 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने के बाद इसके लिए हर साल विषय रखने का भी नियम बनाया गया। तभी से हर साल महिला दिवस के लिए कोई न कोई थीम रखा जाता है।
वर्ष 2021 में महिला दिवस की थीम “ChooseToChallenge” (Women in leadership: an equal future in a COVID-19 world) है।
वर्ष 2020 में महिला दिवस की थीम “I am Generation Equality: Realizing Women’s Rights”थी।
वर्ष 2019 में महिला दिवस की थीम “Think Equal, Build Smart, Innovate for Change” थी।
साल 2018 के लिए महिला दिवस की थीम है “Time is Now: Rural and urban activists transforming women’s lives” थी।
वर्ष 2017 में महिला दिवस की थीम “Be Bold For Change” थी।
वर्ष 2016 में महिला दिवस की थीम “Make it Happen” थी।
अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस का लोगो बैंगनी और सफेद रंग में है जो शुक्र (Venus) का प्रतीक है और महिला होने का भी प्रतीक है। महिला दिवस के दिन सभी पृष्ठभूमि, उम्र और राष्ट्रों की महिलाएं अपने चेहरे पर इन रंगों में लोगो बनवाकर और पोस्टर एवं पोस्टकार्ड और बुकलेट के माध्यम से इस दिवस का संदेश देती हैं। इसके अलावा विभिन्न नारे और संदेश भी प्रसारित किए जाते हैं।
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