किसी व्यक्ति के रक्त में आयरन की सामान्य मात्रा में कमी को आयरन की कमी (Iron deficiency in Hindi) कहा जाता है। यह समस्या किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, लेकिन ज्यादातर गर्भवती महिलाओं में देखने को मिलती है। महिलाओं में आयरन की कमी के परिणामस्वरुप बच्चों का समयपूर्व जन्म, शिशुओं के वजन में कमी, बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में देरी और अन्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। आयरन डेफिशियेंसी के लक्षण हल्के से अधिक गंभीर हो सकते हैं। यदि आयरन की कमी का इलाज समय पर नहीं किया जाए, तो यह एनीमिया रोग का कारण बन सकती है। आयरन की कमी के बारे अधिक जानकारी के लिए इस लेख को अवश्य पढ़ें। इस आर्टिकल में आप आयरन की कमी क्या है, इसके कारण, लक्षण, आयरन की कमी से होने वाले रोग, जांच, इलाज, बचाव और खाद्य स्रोत के बारे में विस्तार से जानेगें।
आयरन एक खनिज (mineral) है, जो जीवों के शरीर में पाया जाता है और अनेक शारीरिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण होता है। मानव शरीर में आयरन की सर्वाधिक मात्रा हीमोग्लोबिन और मायोग्लोबिन में पाई जाती है। हीमोग्लोबिन और मायोग्लोबिन में उपस्थित आयरन शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त के माध्यम से ऑक्सीजन को लाने-ले जाने का कार्य करता है। आयरन कोशिकाओं के स्वथ्य विकास और कार्यों में योगदान देने के साथ-साथ कुछ हार्मोन और ऊतकों के उत्पादन के लिए भी आवश्यक होता है।
मुख्य रूप से आयरन दो प्रकार का होता है: पशु स्रोतों से प्राप्त हीम आयरन (heme iron) और पौधे रूपी स्रोतों से प्राप्त नॉन-हीम आयरन (non-heme iron)। मानव शरीर में रक्त द्वारा हीम आयरन को आसानी से अवशोषित किया जा सकता है। आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों में बीफ, लिवर, सीप, बीन्स, फोर्टिफाइड अनाज और पालक जैसे गहरे पत्ते वाले साग शामिल हैं।
मानव शरीर में आयरन निम्न कार्यों में अपना योगदान देता है जैसे:
(और पढ़ें: एनीमिया (खून की कमी) के कारण, लक्षण, जांच, इलाज और आहार)
लौह की कमी या आयरन की कमी (iron deficiency), पोषण संबंधी समस्याओं में से एक है, जो एनीमिया का प्रमुख कारण बनती है। एक स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में आयरन की एक निश्चित मात्रा पाई जाती है। अतः रक्त में आयरन के सामान्य स्तर में कमी की स्थिति आयरन डेफिशियेंसी कहलाती है। इसका मुख्य कारण शरीर द्वारा आयरन का अधिक मात्रा में उपयोग करना या आयरन का कम अवशोषण हो सकता है। आयरन की कमी के संकेतों में थकान, काम करने की क्षमता में कमी, शारीरिक विकास में देरी, प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने के साथ-साथ अन्य लक्षण शामिल हैं। ज्यादातर मामलों में, आयरन की कमी का आसानी से इलाज किया जा सकता है, जिसमें आहार में परिवर्तन करना या आयरन सप्लीमेंट (Iron supplement) का सेवन करना शामिल है। रक्त परीक्षण की मदद से आयरन की कमी का निदान आसानी से किया जा सकता है।
यदि किसी व्यक्ति के रक्त में आयरन के सामान्य स्तर में कमी आती है, तो अनेक शारीरिक कार्यों में रुकावट उत्पन्न हो सकती है, जिसके कारण आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया (iron-deficiency anemia) उत्पन्न हो सकता है। एनीमिया (आयरन की कमी) हल्के से लेकर अधिक गंभीर लक्षणों के उत्पन्न होने का कारण बनता है, तथा कुछ स्थितियों में व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
लोहे की कमी या आयरन की कमी मुख्य रूप से निम्न बीमारियों का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
लौह तत्व की कमी (iron deficiency) से पीड़ित व्यक्ति अनेक प्रकार के लक्षणों का अनुभव कर सकता है। यद्यपि लोहे की कमी से सम्बंधित लक्षण इसकी गंभीरता और सम्बंधित व्यक्ति के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकते है। शरीर में आयरन की एक छोटी मात्रा में कमी के कारण सम्बंधित व्यक्ति में ध्यान देने योग्य लक्षण प्रगट नहीं होते हैं।
जबकि अधिक मात्रा में आयरन की कमी से आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया (iron-deficiency anemia) उत्पन्न हो सकता है, जिससे रक्त में हीमोग्लोबिन या लाल रक्त कोशिकाओं की कमी आ जाती है। आयरन की कमी से सम्बंधित एनीमिया (iron-deficiency anemia) के तहत् निम्न लक्षणों को शामिल किया जा सकता है:
लौह या आयरन की कमी के फलस्वरूप अन्य शारीरिक लक्षण भी प्रगट हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
लौह तत्व की कमी (iron deficiency) के अनेक संभावित कारण हो सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:
आहार (Diet) – दैनिक आवश्यकतानुसार बहुत कम आयरन का सेवन शरीर में आयरन की कमी का कारण बनता है। मानव शरीर के लिए आयरन का मुख्य स्रोत आहार है। मांस, अंडे और कुछ हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे खाद्य पदार्थों में आयरन उच्च मात्रा में पाया जाता है। अतः आयरन से परिपूर्ण खाद्य पदार्थों के सेवन में कमी के कारण शरीर में आयरन की कमी हो सकती है।
आयरन का ख़राब अवशोषण (Iron malabsorption) – कुछ चिकित्सीय स्थितियां (बीमारियां) और दवाओं का सेवन, सम्बंधित व्यक्ति में आयरन के अवशोषण को कम कर सकती हैं, जिसके फलस्वरूप उस व्यक्ति द्वारा आयरन की भरपूर मात्रा का सेवन करने के दौरान भी आयरन की कमी उत्पन्न हो सकती है।
लौह या आयरन के अवशोषण में बाधा उत्पन्न करने वाली कुछ स्थितियों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
रक्त की हानि (Blood loss) – शरीर का अधिकांश आयरन रक्त में हीमोग्लोबिन के रूप में पाया जाता है। हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है, जो लाल रक्त कोशिकाओं में उपस्थित होता है। अतः रक्त की कमी के फलस्वरूप आयरन की कमी और एनीमिया उत्पन्न हो सकता है। रक्त की कमी का कारण बनने वाली स्थितियों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
आयरन की कमी के अन्य कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
शारीरिक और मानसिक विकास के दौरान आयरन की अधिक आवश्यकता होती है, जिस कारण से बच्चों और गर्भवती महिलाओं में लोहे की कमी (iron deficiency) और एनीमिया होने का खतरा सर्वाधिक होता है। अतः आयरन की कमी से सम्बंधित जोखिम कारकों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जिसे:
लौह की कमी (iron deficiency) आमतौर पर गंभीर जटिलताओं का कारण नहीं बनती है। लेकिन इस समस्या का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह आयरन की कमी गंभीर एनीमिया का कारण बन सकती है और निम्न स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है, जैसे कि:
एक डॉक्टर आयरन की कमी (iron deficiency) का प्रारंभिक निदान करने के लिए एक शारीरिक परीक्षण कर सकता है। लक्षणों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कुछ प्रश्न पूंछ सकता है। आयरन की कमी का संदेह होने पर डॉक्टर कुछ विशेष रक्त परीक्षण की सिफारिश कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:
हेमाटोक्रिट स्तर (hematocrit level) शरीर में रक्त की प्रतिशत मात्रा को प्रगट करता है। हेमाटोक्रिट की सामान्य रेंज वयस्क महिलाओं के लिए 34.9 से 44.5 प्रतिशत और वयस्क पुरुषों के लिए 38.8 से 50 प्रतिशत होती है।
रक्त परीक्षण के तहत् हीमोग्लोबिन की सामान्य रेंज एक वयस्क महिला के लिए 12.0 से 15.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर और वयस्क व्यक्ति के लिए 13.5 से 17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर होती है।
लौह तत्व की कमी (iron deficiency) से सम्बंधित व्यक्ति के रक्त में हेमाटोक्रिट और हीमोग्लोबिन के स्तर कम होते हैं। इसके अलावा, आरबीसी का आकार आमतौर पर छोटा होता है।
अन्य परीक्षण (Other tests) – यदि डॉक्टर को आंतरिक रक्तस्राव का संदेह होता है, तो आयरन डेफिशियेंसी का निदान करने के लिए कुछ अन्य परीक्षण की भी आवश्यकता पड़ सकती है, जिनमें शामिल हैं:
डॉक्टर आयरन की कमी का इलाज करने के लिए आयरन की गोलियों की सिफारिश कर सकता है। आवश्यकतानुसार डॉक्टर आयरन की कमी के अंतर्निहित कारणों का इलाज करने के लिए अन्य उपचार प्रक्रियाओं को भी अपना सकता है। आयरन की कमी का इलाज, इसके कारणों और गंभीरता पर निर्भर करता है।
यदि आंतरिक रक्तस्राव, आयरन की कमी का कारण बनता है, तो इसके इलाज के लिए डॉक्टर सर्जरी सहित अन्य तरीकों की सिफारिश कर सकता है। पीरियड्स के दौरान मासिक धर्म रक्तस्राव की मात्रा को कम करने के लिए डॉक्टर सम्बंधित महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियों की सिफारिश कर सकता है।
मरीज के शरीर में आयरन की आवश्यकतानुसार पूर्ति करने के लिए डॉक्टर आयरन की गोलियों की सिफारिश करता है। शिशुओं और बच्चों के लिए आयरन सप्लीमेंट तरल रूप में उपलब्ध होता है। यदि कोई व्यक्ति एंटासिड ले रहा है, तो उसे एंटासिड के साथ आयरन की गोलियां नहीं करना चाहिए। एंटासिड (Antacid) लेने के दो घंटे पहले या चार घंटे बाद आयरन का सेवन करने से, आयरन का अवशोषण अच्छी तरह से होता है।
विटामिन सी, आयरन के अवशोषण को बेहतर बनाने में शरीर की मदद करता है। अतः डॉक्टर विटामिन सी युक्त आयरन की गोलियां लेने की सिफारिश कर सकता है। आयरन की कमी कुछ ही दिनों में ठीक नहीं हो सकती है। आयरन की कमी को पूरा करने के लिए कई महीनों या अधिक समय तक आयरन सप्लीमेंट लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।
इसके अतिरिक्त आयरन की उच्च मात्रा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी आयरन की कमी का इलाज करने के अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
रक्त-आधान (Blood transfusion) गंभीर रूप से आयरन में कमी का इलाज करने का एक आसान तरीका है। इस प्रक्रिया में आयरन की मात्रा से परिपूर्ण रक्त को मरीज के शरीर में स्थानांतरित किया जाता है।
(और पढ़ें: विटामिन सी की कमी दूर करने के लिए ये खाद्य पदार्थ)
प्रत्येक व्यक्ति प्रतिदिन अपने आहार में आयरन की उचित मात्रा का सेवन करके आयरन की कमी (iron deficiency) और उससे उत्पन्न लक्षणों से बच सकता है। अतः विटामिन सी के साथ-साथ आयरन सप्लीमेंट का सेवन कर गर्भवती महिलाएं आयरन की कमी की जटिलताओं को कम कर सकती हैं।
आमतौर प्रत्येक मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन एक निश्चित आयरन की मात्रा की आवश्यकता होती है। स्वस्थ वयस्क पुरुषों के लिए प्रति दिन लगभग 8 मिलीग्राम आयरन का सेवन आवश्यक होता है, और स्वस्थ रजोनिवृत्त महिलाओं को प्रति दिन 18 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता होती है, जबकि गर्भवती महिलाओं को प्रति दिन 27 मिलीग्राम आयरन आवश्यक हो जाता है।
लौह या आयरन में उच्च खाद्य स्रोत के रूप में निम्न को शामिल किया जाता है, जैसे:
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